कृषि रोड मैप पर शुरु हुई सियासत : पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सीएम से श्वेत पत्र जारी करने को कहा, नेता प्रतिपक्ष ने बताया 12 विभागों द्वारा लूट का जरिया
डेस्क : बिहार सरकार द्वारा आज चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई। आज बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा इसका शुभारंभ किया गया। इधर इसके शुभारंभ के साथ ही इसपर सियासत शुरु हो गई है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी द्वारा इसपर सवाल खड़ा किया जाने लगा है।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि तीन कृषि रोडमैप लागू होने के बाद भी बिहार के किसान आय के मामले में 28 वें स्थान पर क्यों हैं?
उन्होंने कहा कि तीसरे कृषि रोडमैप पर पांच साल में 1.54 लाख करोड़ खर्च करने का लक्ष्य था और जब सरकार एक लाख करोड़ भी खर्च नहीं कर पायी, तब चौथे कृषि रोडमैप पर 1.62 लाख करोड़ खर्च करने के लक्ष्य का कोई औचित्य नहीं था। तीसरे कृषि रोडमैप में जैविक कोरीडोर का निर्माण, हर खेत तक बिजली पहुँचाने, बंद नलकूप चालू कराने और अलग कृषि फीडर लगा कर 8 लाख नये सिंचाई कनेक्शन देने जैसे लक्ष्य क्यों नहीं पूरे हुए?
सुशील मोदी ने कहा है कि महागठबंधन सरकार निहित स्वार्थों के इतने दबाव में है कि वह किसी योजना या रोडमैप को ईमानदारी से लागू करने की क्षमता खो चुकी है।
वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने चतुर्थ कृषि रोड मैप के आरंभ पर कहा है कि पूर्व के तीनों कृषि रोड मैप योजना विफल साबित हुई है। सरकार को उसे पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि कृषि रोड मैप सरकार के 12 विभागों द्वारा धन उगाही का जरिया बन गया है।
उन्होंने कहा की कृषि रोड मैप 2008 से शुरू हुआ। लेकिन अभी भी बिहार के किसान आमदनी में देश के सबसे निचले राज्यों में है। पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने खुलेआम कहा था कि विभाग में सभी चोर हैं। कृषि रोड मैप से किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सिन्हा ने कहा कि कृषि रोड मैप के तहत कृषि कैबिनेट भी बनाई गई थी। लेकिन पिछले कई वर्षों में उसकी बैठक नहीं हुई है। सिन्हा ने मुख्यमंत्री के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि चौथ कृषि रोड मैप को उन्होंने अंतिम बताया है।
सिन्हा ने कहा की जब योजनाएं कागज पर ही बनती है और कागज पर ही क्रियान्वयन होता है तो बाकी कृषि रोड मैप की तरह ही अंतिम कृषि रोड मैप का भी हश्र होगा। सिन्हा ने कहा कि सरकार चुनावी छलावा के रूप में कृषि रोड मैप का उपयोग कर रही है।
Oct 19 2023, 11:46