*हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका की पहल पर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत किया गया जागरूक*
गोरखपुर। कैंसर शब्द ऐसे रोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिसमें असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं। मैलिग्नेन्ट ट्यूमर मुंह, नाक, गले, लैरिंक्स या साइनस के किसी भी हिस्से में हो सकता है। कार्सिनोमा सिर और गर्दन के कैंसर का सबसे आम प्रकार है, जो अक्सर नाक, मुंह और गले की भीतरी सतह से शुरू होता है।
कैंसर की कोशिकाओं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं। इसमें शरीर की कोशिकाओं का असमान विकास होता है वह शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल जाता है जिससे कई प्रकार के कैंसर हो जाते हैं। उक्त बातें हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर के कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने सेंट्रल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, तारामंडल रोड गोरखपुर के कैम्पस मे कैंसर जागरूकता अभियान के तहत की। अजय श्रीवास्तव ने भारत में लोगों में कैंसर तेजी से बढ़ रहे कैंसर के प्रबंधन और उपचार के लिए शुरुआती पहचान को जरूरी बताया। उन्होने कहा कि अज्ञानता, भय और सामाजिक कलंक के कारण कई लोगों को स्टेज III या IV कैंसर हो जाता है जिसके लिए सर्जरी और व्यापक उपचार की आवश्यकता होती है। अगर सही समय पर कैंसर की पहचान कर समय पर उसका उपचार शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर ठीक हो जाता है।
इसमें उन्होंने उपस्थित छात्राओं एवं शिक्षकों को समाज के दुर्दांत रोग कैंसर विशेष रूप से स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर के विषय में जागरूक करते हुए कैंसर के लक्षण, जांच, कैंसर मरीज की देखभाल एवं समय से तुरंत इलाज के बारे में जानकारी दी। अगर उचित टीकाकरण हो (जैसे एच० पी० वी० टीका आदि) तब भविष्य में कैंसर रोगियों की संख्या में काफी गिरावट आ जाएगी। इसलिए ऐसे टीकाकरण के लिए लड़कियों को आगे आना चाहिए। कैंसर का इतिहास बताते हुए कहा कि मनुष्यों में कैंसर की सबसे प्रारंभिक वृद्धि लगभग 1500 ईसा पूर्व की मिस्र और पेरू की ममियों में पाई गई। प्रसारित कैंसर का सबसे पुराना वैज्ञानिक रूप से प्रलेखित मामला 40 से 50 वर्षीय सीथियन राजा का था जो लगभग 2,700 साल पहले दक्षिणी साइबेरिया के मैदानों में रहता था। देबादृता दास विशेष रूप से सर्वाइकल कैंसर एवं स्तन कैंसर के जांच की स्वयं तकनीक बताई जिसे उपस्थित लोगों ने विशेष रुचि दिखाई तथा कैंसर के कारण, प्रकार एवं उससे बचने के उपाय के बारे में जानने के प्रति विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं ने अपने कई प्रश्नों के समुचित उत्तर पाकर खुश हुए।
संस्थान के प्रधानाचार्य उमेश कुमार मिश्रा ने परिचय तथा शिक्षिका किरण दुबे ने हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर को विद्यार्थियों एवं शिक्षकों मे कैंसर के प्रति जागरुकता लाने वाले ऐसे आयोजन करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अभियान के आयोजन में स्कूल कै निदेशक सृंजय कुमार मिश्रा श्रीभगवान यादव, अंकित पांडेय , अस्पताल के शिक्षकों एवं कर्मचारियों आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा।
Oct 18 2023, 16:31