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*सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल शिक्षक की मौत*

खजनी गोरखपुर।रविवार को अपरान्ह लगभग 3 बजे सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल रिटायर्ड शिक्षक की इलाज के दौरान मौत हो गई।

खजनी थानाक्षेत्र के रक्शानारा गांव के निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक भगेलू प्रसाद (78 वर्ष) आवश्यक कार्य से खजनी मार्केट की ओर जाने के लिए निकले थे।

खजनी गोरखपुर मार्ग से अपने गांव की ओर जाने वाले मोड़ पर पहुंच कर खजनी जाने के लिए आॅटो का इंतजार कर रहे थे। अचानक गोरखपुर की ओर से आ रही बाइक यूपी 53 ईएफ 2124 पर सवार युवक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी।

मौजूद लोगों के द्वारा हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस के द्वारा बाइक सवार और बाइक को कब्जे में ले लिया गया और घायल शिक्षक इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।

गंभीर रूप से घायल शिक्षक की आज इलाज के दौरान मौत हो गई। शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।

बता दें कि उक्त स्थान पर पहले भी गंभीर सड़क हादसे होते रहे हैं। स्थानीय लोगों में श्याम मोहन उपाध्याय, सतीश उपाध्याय और ग्रामप्रधान रमेश सिंह ने बताया इस स्थान पर हमेशा रोड ऐक्सिडेंट होता रहता है जिसमें लोगों की मौत हो जाती है।

*पी एन सेंट्रल एकेडमी डोहरिया कला में महिला उत्थान एवं नारी सशक्तिकरण पर चर्चा*

गोरखपुर। सहजनवां तहसील क्षेत्र के डोहरिया में पी एन सेंट्रल एकेडमी में महिला सशक्तिकरण के अवसर पर श्री एस पी नॉर्थ मनोज अवस्थी। सहजनवा प्रभारी ईत्यानंद पांडे घघसरा चौकी इंचार्ज अवधेश पांडे श्री शक्ति दीदी पूजा यादव ने बताया कि, समाज में महिलाओं को किसी भी प्रकार के शोषण एवं अत्याचार तथा सोशल मीडिया के माध्यम से जो शोषण किया जा रहा है।

उसे डरे नहीं इसके लिए वह 1090 नंबर जो कि हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिया गया है डायल करें जिससे उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा, तथा उन्होंने यह भी बताया कि थाने पर भी शक्ति दीदी उपलब्ध रहेगी जो महिलाओं की समस्याओं को व्यक्तिगत रूप से निदान करेंगी ।

इस मौके पर प्रिंसिपल दिव्या तिवारी ,प्रबंधक कृष्ण मुरारी तिवारी के साथ समस्त शिक्षक शिक्षिका तथा छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

*कलाकारों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को कराया अवगत*

गोरखपुर। संगीत नाटक एकेडमी के निवर्तमान सदस्य लोक गायक डॉ राकेश श्रीवास्तव ने आज माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर गोरखपुर प्रेक्षागृह से संबंधित समस्याओं पर ध्यान आकर्षित कराया , इन्होंने मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया की कलाकारों के पूर्वाभ्यास एवं प्रस्तुति हेतु मुक्ताकाशी मंच को गोरखपुर के कलाकारों को अति न्यूनतम दर अथवा निःशुल्क उपलब्ध कराया जाय, एवं इसके संचालन हेतु एक कमेटी गठित की जाय, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने शीघ्र कारवाई का आश्वासन दिया है ।

राकेश ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री जी ने प्रस्ताव माँगा, जिसे मैंने उपलब्ध करा दिया है।

*अंतराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा निम्नीकरण दिवस पर गोष्टी का आयोजन*
                     

गोरखपुर। अल्युमिनियम फैक्ट्री , बशारतपुर गोरखपुर में अंतराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा निम्नीकरण दिवस पर गोष्टी आयोजित की गई ,जिसमें मुख्य वक्ता इंजीनियर ओम शंकर मौर्य ने कहा कि 90% आपदाओं का मूल कारण ग्लोबल वार्मिंग है जिसमें बाढ़,जंगल की आग, भूस्खलन, तूफान , सूखा इत्यादि है ,10% भूकंप ,ज्वालामुखी, एवं सुनामी आदि है।

इससे बचाव के लिए उन्होंने कहा कि गर्मी के प्रभाव से बचने के लिए  अत्याधुनिक साधनों का प्रयोग कम किया जाए। कोयला, डीजल ,पेट्रोल से चलने वाले उपकरणों का प्रयोग कम से कम करें। सोलर ,वायु, जल विद्युत  अर्थात अक्षय ऊर्जा का प्रयोग अधिक से अधिक करें ।बिल्डिंग, पुल ,रोड आदि को भूकंपरोधी बनाएं एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव कम हो सके ऐसा टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए 2030 तक कुछ लक्ष्य रखे गए हैं जिसमें टोटल विद्युत उत्पादन का 50% अक्षय  ऊर्जा का उत्पादन करेंगे ,कार्बन का उत्सर्जन 2005 के स्तर से 45% कम करेंगे ,एक बिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वनीकरण की कार्रवाई  आदि लक्ष्य सरकार द्वारा रखे गए हैं जो हम सबको मिल करके पूरा करना है।

अत्यधिक गर्मी से यू के में रेल ट्रैक, सिगनल, रोड की कार्पेंटिंग भी पिघल गई इन घटनाओं से हमें सीख लेने की आवश्यकता है। यह यहां पर भी घटित हो सकता है ग्लोबल वार्मिंग जिस तेजी से बढ़ रही है इस पर सेक्रेटरी जनरल यूनाइटेड नेशन ने बोला है कि हम ग्लोबल वार्मिंग से ग्लोबल ब्वायलिग की तरफ बढ़ रहे हैं। इसको हमें हर हालत में कम करना पड़ेगा ।उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ ना करें बहुत आवश्यक हो तभी पेड़ पौधों को काटा जाए एवं काटने से पहले एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाया जाए।


इसके लिए हमें जगह-जगह स्कूल ,कॉलेज, कॉलोनी, चौराहों पर कार्यक्रम के माध्यम से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करना होगा ,सचेत करना होगा ,तभी परिवर्तन संभव है ।यह कार्य स्वयं से करें । यह खुशी की बात है किआज हम पेड़ लगाने का  रिकॉर्ड बना रहे हैं।

लेकिन लगाने के बाद कितना पेड़ बचा इस पर ध्यान नहीं देते हैं।इसको हमें सचेत होकर के देखना पड़ेगा। व्यक्तिगत कार्य से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ना करें जहां तक हो सके प्रकृति के साथ समझौता करके रहें। अधिक से अधिक मोटे अनाज का पैदावार करें एवं लोगों को इसको करने के लिए जागरूक करें जिससे हमारा स्वास्थ्य भी सही रहेगा एवं पानी की भी बचत होगी।
कार्यक्रम में समाज के प्रबुद्ध  लोगों ने भी अपने-अपने विचार रखें।

जिसमें मुख्य रूप से प्रोफेसर जे बी राय, प्रोफेसर आलोक राय, एम पी शुक्ला, एम एस पांडे, ए के राय, इंजीनियर ए के सिंह ,जवाहरलाल, पी के मिश्रा ,इंजीनियर अभिषेक सिंह, शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव ,विवेक गुप्ता इंजीनियर एस एन मौर्य,डॉक्टर कृष्णानंद मौर्यआदि लोग उपस्थित रहे।
गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में निकाली गई परंपरागत कलश यात्रा

गोरखपुर। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन रविवार की शाम गोरखनाथ मंदिर में स्थापित शक्तिपीठ पर कलश स्थापना के लिए मंदिर परिसर स्थित भीम सरोवर से वेद पाठी ब्राह्मणों के मंत्रोच्चारके बीच जल भर गया और मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा पर परंपरागत कलश यात्रा निकाली गई।

गुरु गोरखनाथ मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में पूरे नवरात्र अनवरत पूजन पाठ व साधना आदि का कार्य जारी रहेगा। इस मौके पर साधु संत, पुजारी, योगी, वेद पाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।

विद्या मंदिर के नये संस्थान का हुआ शिलान्यास,ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए एसबीएम संस्थान

गोरखपुर। ग्रामीण क्षेत्र के दूर दराज के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एसबीएम संस्थान कटिबंध ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए एसवीएम ने आठवां संस्थान का कराया एमएलसी धर्मेंद्र सिंह से भूमि पूजन 15 अक्टूबर गोरखपुर सरस्वती विद्या मंदिर आर्यनगर उत्तरी के नये संस्थान का शिलान्यास एकला नं० 2. हतवा टोला, गुल्हरिया गोरखपुर में आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 15 अक्टूबर रविवार को सम्पन्न हुआ । यह विद्या मंदिर का आठवां संस्थान है । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में धर्मेन्द्र सिंह विधान परिषद सदस्य उत्तरप्रदेश विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री महेन्द्र पाल सिंह विधायक पिपराइच तथा कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में विद्या मंदिर के मंत्री ई सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य तथा विशिष्ट अतिथि द्वारा भूमि पूजन से प्रारम्भ हुआ ।

तदोपरान्त अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पाजलि अर्पित की गयी। विद्यालय के बहनों द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। विद्यालय के मंत्री सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल तथा संस्थान प्रमुख शिवजी सिंह ने मुख्य अतिथि को तथा महिला महाविद्यालय के अध्यक्ष डा महेन्द्र अग्रवाल तथा विद्या मंदिर के अध्यक्ष रामदेव तुलस्यान ने क्रमश: मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया।

मुख्यअतिथि डा धर्मेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्या मंदिर शैक्षणिक क्षेत्र में देश की सेवा कर रहा है। तथा संस्कारवान युवकों का निर्माण कर रहा है जो आगे चलकर देश की प्रगति में सहायक होगें । विशिष्ट अतिथि महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि विद्या मंदिर निरन्तर प्रगति कर रहा है और यह शिक्षा के क्षेत्र में समाज की सेवा कर रहा है। उन्होने विद्या मंदिर परिवार को बधाई दी। इससे पूर्व महिला महाविद्यालय के अध्यक्ष डा महेन्द्र कुमार अग्रवाल ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया । अन्त में विद्या मंदिर के मंत्री सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल ने सभी आगन्तुको के प्रति आभार ज्ञापित किया।

इस अवसर पर महिला महाविद्यालय की प्राचार्या रीना त्रिपाठी महिला महाविद्यालय के प्रशासक हरेकृष्ण सिंह बालिका इण्टर कालेज की प्रधानाचार्य रजनी मिश्रा बालक इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य विष्णु प्रताप सिंह जू०हा० स्कूल के प्रधानाचार्य जैनेन्द्र कुमार विश्वकर्मा दुर्गा राय जितेन्द्र राय डा ए०पी०त्रिपाठी विनय राय प्रदीप पाण्डेय रमाशंकर जायसवाल, आचार्य/आचार्या कर्मचारीगण सहित शहर के अन्य अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम से हुआ । कार्यक्रम का संचालन बृजेश मणि मिश्र ने किया।

गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में सीएम योगी ने की कलश स्थापना

गोरखपुर। शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा, रविवार को शिवावतार एवं नाथपंथ के प्रणेता गुरु गोरक्षनाथ की साधनास्थली गोरक्षपीठ में लोक कल्याण की मंगलकामना के साथ आदिशक्ति की विशेष उपासना पीठ की परंपरा के अनुसार वैदिक विधि विधान से प्रारंभ हो गई। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मठ के पहले तल पर स्थित शक्तिपीठ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर प्रथम दिन मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की। दो घंटे तक चला पहले दिन का अनुष्ठान जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ।

कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में परंपरागत भव्य कलश शोभायात्रा श्रद्धाभाव से निकाली गई। शाम करीब पांच बजे मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में साधु-संतों की शोभायात्रा मां दुर्गा के जयघोष के बीच पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची। जहां कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ पहुंची।

मठ के भूतल पर जल भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वरुण देवता का आवाहन कर कलश स्थापित किया। गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की। इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमद् देवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया। पाठ के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।

*मंडलीय कार्यालय द्वारा स्कॉलरशिप क्विज प्रतियोगिता हुई आयोजित*

सहजनवां। गोरखपुर मंडलीय कार्यालय द्वारा 15अक्टूबर दिन रविवार को दीनदयाल स्पर्श योजना के तहत स्कॉलरशिप क्विज प्रतियोगिता मंडलीय कार्यालय गोरखपुर में करवाई गई। जिसमें कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। जिसमें मुख्य रूप से सरस्वती शिशु मंदिर, सेंट जेवियर्स एवं महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के विद्यार्थी सम्मिलित थे।

आयोजन कर्ता के रूप में सहायक निदेशक संजय त्रिपाठी, डिप्टी एस पी पूजा प्रीतम,ओ यस जय चंद मौर्य,जनसंपर्क अधिकारी संजय कुमार त्रिपाठी, रोहित,अजय वर्मा एवं फिलेटलिस रमन मंडल आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे।

*मंदिर परिसर में गंदगी को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन*

यादवेन्द्र यादव

सहजनवां।पिपरौली ब्लॉक क्षेत्र नगवा गांव में स्थित प्राचीन काली मंदिर परिसर में महीनों से नालियों का गंदा पानी समेत कीचड़ का अंबार लगा है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कई बार जिम्मेदारों के साथ–साथ गांव में तैनात सफाईकर्मियों से की लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका।

 थक हारकर रविवार को ग्रामीणों ने मंदिर परिसर में लगे गंदगी को लेकर प्रदर्शन कर जिम्मेदारों के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भोलू चौहान ने बताया कि सफाई न होने के कारण महीनों से गांव की अधिकांश नालिया जाम हो गई है। जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान, सचिव तथा तैनात सफाई कर्मियों से कई बार किया गया लेकिन सफाई कराना तो दूर की बात है, जिम्मेदार समस्या ही सुनना नही चाहते हैं।

 उन्होंने कहा गांव में प्राचीन काली मंदिर पर हमेशा पूजा–पाठ होता रहता है। नवरात्रि के समय भारी संख्या में श्रद्धालु का जमावड़ा रहता है। इसी क्रम में रविवार को नवरात्रि के पहले दिन सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ जमा होने लगी।

 ग्रामीणों ने जिम्मेदारों को कोसते हुए कहा कि नवरात्रि के अवसर पर मंदिर परिसर में गंदगी कही न कही घोर लापरवाही दर्शाता हैं। लोगों ने ब्लॉक अधिकारी से मंदिर परिसर में तत्काल सफाई करवाने की मांग की हैं। जिससे समस्या का समाधान हो सके।

 प्रदर्शन के दौरान किसमती देवी, सुनीता देवी, चंदा, रंभा, लक्ष्मीना, रतन श्रीवास्तव, ठाकुर प्रसाद, संजय चौहान, बबलू, सोहन, सहदेई देवी सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहें।

इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी पिपरौली बृजेश यादव ने कहा मंदिर परिसर में गंदगी की जानकारी नहीं थी। अभी तत्काल सफाईकर्मियों की टीम लगाकर पूरे मंदिर परिसर की सफाई कराई जाएगी।

*जय कारों से गूंजा माता कोटही दरबार,शारदीय नवरात्र के पहले दिन उमड़ी भक्तों की भीड़*

खजनी गोरखपुर।माना जाता है कि नित नई आशाऐं संजोए विपदाओं और संघर्षों से भरे मानव जीवन में हमें जहां कहीं भी कुछ पल के लिए ही सही राहत और सुख,शांति मिल जाती है वही स्थान आस्था का केंद्र बन जाता है।कुछ ऐसा ही है खजनी रूद्रपुर की "कोटही माता मंदिर का दरबार" जो कि वर्षों से क्षेत्र के लाखों आस्थावान श्रद्धालुओं के विश्वास, भक्ति,आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। "माता कोटही का मंदिर" जहां भक्तों का विश्वास ही नित्य साकार और मूर्त रूप ले लेता है। क्षेत्र के श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं यहां आकर पूरी होती रही हैं।

मान्यता है कि "मां कोटही मंदिर" के दर्शन और पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाऐं पूरी होती हैं। यही कारण है कि यहां वर्ष भर मां के भक्तों का मजमा लगा रहता है। विशेष कर शारदीय और वासंतिक नवरात्र तथा सभी धार्मिक पर्वों पर यहां पर सबेरे दिन निकलने से पहले ही पूजापाठ करने वाले भक्तों की भीड़ लगी रहती है। फिर चाहे वह सत्यनारायण व्रत कथा हो, यज्ञ्योपवीत (जनेऊ),मुंडन संस्कार हो या वर-वधू के विवाह पूर्व छेका (मंगनी) दिखाई और फलदान की रश्म या अन्य कोई भी धार्मिक अनुष्ठान या आयोजन। श्रद्धालुओं का पूरा विश्वास है कि "कोटही माता मंदिर" में सभी प्रकार के शुभ आयोजन की शुरूआत करने से सभी प्रकार की विघ्न बाधाऐं दूर हो जाती हैं और आयोजन में सफलता मिलती है।

बेलघाट क्षेत्र के भिसियां निवासी राम नजर गुप्ता बताते हैं कि रेलवे में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं वे चार बेटियों और दो बेटों के पिता हैं उन्होंने अपनी सबसे बड़ी बेटी के विवाह से पहले दिखाई की रश्म यहीं मंदिर पर ही की थी आज उनकी बेटी दो बच्चों की मां है बेटे की भी एक संतान है और उनका सफल सुखमय वैवाहिक जीवन है। इसीलिए राम नजर ने अपनी बाकी तीनों बेटियों और बेटे के विवाह से पहले वर-वधू के दिखाई की रश्म कोटही माता मंदिर में ही कराई।

राम नजर की तरह ही सभी की अपनी एक अलग कहानी है। किंतु इतना तो तय है कि "मां कोटही" के प्रति आस्था और विश्वास सभी श्रद्धालुओं का एक जैसा ही है।

कोटही माता मंदिर का कोई प्रामाणिक इतिहास तो नहीं मिलता किंतु मान्यता है कि सदियों पहले जब यह पूरा क्षेत्र घना जंगल हुआ करता था और इस क्षेत्र का पूरा इलाका आदिवासी थारूओं की बस्ती हुआ करता था। तब उनवल राजघराने के राजपुरोहित ब्राह्मणों ने यहां के घने जंगलों में अकोल्ह नामक जंगली पेडों के झुरमुट में एक पेड़ के खोखले कोट में देवी की प्रतिकात्मक स्थापना की थी।कारण यह बताया जाता है कि "माता कोटही" एक वन देवी हैं और जंगलों में ही इनका निवास माना जाता है। पेड़ के कोटर में निवास होने के कारण ही इनका नाम "कोटही मां" के नाम से प्रसिद्ध हुआ है।

कालांतर में इस पूरे क्षेत्र में वनों का अस्तित्व समाप्त हो गया किंतु आज भी परिसर में दो अकोल्ह के पेड़ बचे हुए हैं।"कोटही माता" का मूल स्वरूप आज भी माता महाकाली,महा सरस्वती,महालक्ष्मी की तीन पिंडियों के रूप में विद्यमान है। वर्ष भर यहां पर कथा कड़ाही हलवा पूरी,जेवनार चढाने के साथ ही नारियल,चुनरी,धूप,कपूर,धार चढा कर पूजा की जाती है। मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक एक बार दर्शन के बाद भक्तों की मनोकामनाऐं पूरी होती है। जिससे भक्तों का विश्वास बढता ही जाता है यही कारण है कि खजनी कस्बे और तहसील क्षेत्र ही नहीं बल्की अन्य जनपदों और महानगरों से भी लोग यहां पहुंचते हैं। अन्य देवी मंदिरों की तरह यहां पर पारंपरिक पंडे पुजारियों का कोई अतिक्रमण नहीं है।

यहां बलि प्रथा और जानवरों की बलि देने की परंपरा भी नहीं है। परिसर में कई छोटे-बड़े अन्य मंदिरों में हनुमान मंदिर,शीतला माता मंदिर,मां वैष्णवी मंदिर,दुर्गा मंदिर,शिवालय, धर्मशाला,यज्ञशाला आदि का निर्माण हो जाने से भीड़ बढते ही परिसर में स्थान की कमी से श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ता है।

परिसर में अभी तक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है।और नित्य सफाई का कोई स्थाई प्रबंध भी नहीं है। जिससे आसपास कूड़े कचरे और गंदगी का ढेर लगा रहता है। यहां पर भक्त श्रद्धालुओं द्वारा खुद ही सफाई की जाती है|

शारदीय नवरात्र के पहले दिन आज आस्थावान श्रद्धालुओं की भीड उमड़ पड़ी लोग सूर्योदय के पहले से ही पहुंचने लगे। मंदिर को मनमोहक ढंग से सजाया गया है और यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने नारियल चुनरी नेवेद्य धार चढाकर और कपूर धूपबत्ती आदि जलाकर पूजा अर्चना की।साथ ही खुटभार काली मंदिर,भैंसा बाजार कस्बे के काली मंदिर समेत गांवों के काली मंदिरों और क्षेत्र के अन्य देवी मंदिरों पर भी पहुंच कर शारदीय नवरात्र पर श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक पूजा अर्चना की। बड़ी संख्या में नवरात्र व्रत रहने वाले श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी कलश स्थापना की और दुर्गा शप्तशती का पाठ किया गया। वहीं पांडालों में कलश स्थापना तथा मूर्तियों की स्थापना के आयोजन में लोग व्यस्त रहे।