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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव, आयोग के निर्देश पर लागू हुई आचार संहिता, यहां जानिए, नामांकन से लेकर हर जरुरी सवाल के जवाब


मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए दिनांक का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिनांकों का ऐलान किया है। आयोग की ओर से चुनाव को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। पूरे मध्य प्रदेश में 5 करोड़ 61 लाख 36, 239 वोटर हैं। वोट ईवीएम से डाले जाएंगे। इसके साथ ही संवेदनशीलों स्थानों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी। मध्यप्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है। राज्य में कुल 230 विधानसभा की सीटें हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि एक चरण में चुनाव होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मध्यप्रदेश में 148 सामान्य, 35 एससी और 47 सीटें एसटी के लिए हैं। इसके साथ ही राज्य में 5.6 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय के सहरिया, बैगा जनजाति के मतदाता बढ़े हैं। साथ ही प्रदेश में 60 लाख नए मतदाता इस बार सम्मिलित हो रहे हैं। ये सभी 18 प्लस के हैं। पांचों प्रदेशों में 2900 यंग कर्मचारी चुनाव को मैनेज करेंगे। मध्यप्रदेश में जेंडर रेसियो बढ़ा है। हम नए मतदाताओं को पोलिंग स्टेशन तक लाने के सारे प्रयास कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में 84, 523 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। शहरी श्रेत्र में 16763 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 47760 हैं। इसके साथ ही 15000 मॉडल बूथ बनाए गए हैं। 35000 पोलिंग स्टेशन पर वेब कास्टिंग की सुविधा है। वहीं, मध्यप्रदेश में 5000 पोलिंग बूथों को महिलाएं मैनेज करेंगी। बुजुर्ग मतदाता अपने घर से वोट दे सकते हैं। उन्हें इसके लिए 12 डी फॉर्म भरना होगा। इसके साथ ही इस बार बफर जोन में भी पोलिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में पिपरिया और मंडला में ऐसे केंद्र बनाए गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यदि हमने इतनी मेहनत की है तो आप भी वोट देने अवश्य आएं। इसके साथ ही चुनाव से संबधित कोई शिकायत है तो सी विजिल के जरिए आप अपनी बात रख सकते हैं। 100 मिनट में आपको सहायता मिलेगी। इसके साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को तीन बार अपने क्षेत्र में पेपर के जरिए अपने अपराधों की जानकारी देनी होगी।

राजनीतिक दलों को भी बताना होगा कि उन्हें इनके सिवा कोई उम्मीदवार नहीं मिला है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को अपने चंदे के बारे में जानकारी देने के लिए एक वक़्त तय की गई है। मध्य प्रदेश में 5 प्रदेशों के बॉर्डर पर कुल 315 चेक पोस्ट बनाए गए हैं। ये सभी चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक काम करेंगे। साथ ही सभी एजेंसियां समन्वय के साथ काम करेंगी। इसके साथ ही कार्गो मूवमेंट की भी चेकिंग होगी। रेलवे एवं पोस्टल डिपार्टमेंट के माध्यम से भी जांच होगी। ऑबजर्वर प्राइवेट गाड़ियों में नहीं बैठेंगे। मध्य प्रदेश में एक चरण में चुनाव होंगे। चुनाव की अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी होगी। 30 अक्टूबर नामांकन की अंतिम दिनांक है। 31 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 2 नवंबर तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं। 17 नवंबर को मतदान होंगे। 2 दिसंबर को रिजल्ट आएंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि 5 दिसंबर तक चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।

चुनाव में कब क्या तारीख

चुनाव की अधिसूचना 21 अक्टूबर को

230 सीटों पर

नामांकन की आखिरी तारीख

30 अक्टूबर

नामों की जांच 31 अक्टूबर

नामांकन वापस लेने की तारीख दो नवंबर

वोटिंग की तारीख 17 नवंबर

रिजल्ट 3 दिसंबर

चुनाव की प्रक्रिया समाप्त 5 दिसंबर

उत्तराखंड के सभी जिलों में मदरसों का होगा भौतिक सत्यापन, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए कार्यवाही के निर्देश

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के वीरभट्टी क्षेत्र में एक अवैध मदरसे में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी मदरसों का भौतिक सत्यापन करने और कहीं भी अनैतिक कार्य पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं।

बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे

प्रदेश में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 532 मदरसे संचालित हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे हैं। इन्हें अवैध माना गया है। नैनीताल में भी इसी तरह अवैध रूप से संचालित एक मदरसे के खिलाफ मिली शिकायत पर स्थानीय प्रशासन ने उसका निरीक्षण किया था।

इस दौरान टीम ने यहां कई अनियमितताएं पाईं। यहां 24 बच्चों को छोटे-छोटे गंदगी से भरे कमरों में रखा गया था। इनमें अधिकांश बच्चे बीमारी से ग्रस्त मिले। यहां पढऩे वाले बच्चों ने मदरसा संचालक व उनके पुत्र पर शारीरिक शोषण के आरोप भी लगाए। प्रशासन ने मदरसे को सील करने के साथ ही संचालक पर प्राथमिकी भी दर्ज की है।

मदरसों की जांच कराने के निर्देश 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लेते हुए सभी मदरसों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सभी मदरसों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

कहीं अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव ने सत्यापन व कार्यवाही के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने को कहा है।

उत्तराखंड के सभी जिलों में मदरसों का होगा भौतिक सत्यापन, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिए कार्यवाही के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के वीरभट्टी क्षेत्र में एक अवैध मदरसे में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी मदरसों का भौतिक सत्यापन करने और कहीं भी अनैतिक कार्य पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं।

बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे

प्रदेश में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 532 मदरसे संचालित हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बिना अनुमति के निजी मदरसे भी संचालित हो रहे हैं। इन्हें अवैध माना गया है। नैनीताल में भी इसी तरह अवैध रूप से संचालित एक मदरसे के खिलाफ मिली शिकायत पर स्थानीय प्रशासन ने उसका निरीक्षण किया था।

इस दौरान टीम ने यहां कई अनियमितताएं पाईं। यहां 24 बच्चों को छोटे-छोटे गंदगी से भरे कमरों में रखा गया था। इनमें अधिकांश बच्चे बीमारी से ग्रस्त मिले। यहां पढऩे वाले बच्चों ने मदरसा संचालक व उनके पुत्र पर शारीरिक शोषण के आरोप भी लगाए। प्रशासन ने मदरसे को सील करने के साथ ही संचालक पर प्राथमिकी भी दर्ज की है।

मदरसों की जांच कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के अमानवीय व्यवहार का संज्ञान लेते हुए सभी मदरसों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सभी मदरसों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

कहीं अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव ने सत्यापन व कार्यवाही के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने को कहा है।

MP विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने जारी की चौथी सूची, CM शिवराज बुधनी से तो नरोत्तम मिश्रा दतिया से लड़ेंगे चुनाव, 57 को मिला टिकट


मध्य प्रदेश में भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी है। जिसमें कुल 57 लोगों को टिकट दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से चुनाव लड़ेंगे। वही गृहमंत्री डाक्‍टर नरोत्‍तम मिश्रा को दतिया से टिकट दिया गया है। इंदौर 2 सीट से रमेश मेंदोला और इंदौर 4 सीट से मालिनी गौड़ को टिकट दिया गया है। वही पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को रहली सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। चारों सूचियों में भारतीय जनता पार्टी ने अब तक 136 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है।

मध्य प्रदेश भाजपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर नामों का ऐलान किया गया है, ट्वीट कर BJP ने लिखा- भारतीय जनता पार्टी केन्द्रीय चुनाव समिति ने मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए निम्नलिखित नामों पर अपनी स्वीकृति दी है।

बता दें फिलहाल भाजपा अपने उम्मीदवारों की नाम को लेकर 4 लिस्ट जारी कर चुकी है। जबकि कांग्रेस ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। कांग्रेस की तरफ से मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़ में एक भी लिस्ट जारी नहीं की गई है। हालांकि सोमवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक आज दिल्ली में हुई। वही आज चुनाव तारीखों की घोषणा हो गई है। इसी के साथ सभी चुनाव वाले प्रदेशों में आचार संहिता लागू हो गई है। इसी के साथ अब विभिन्न पार्टियों द्वारा किसी भी तरह की न तो योजनाओं का ऐलान किया जाएगा तथा न ही किसी भी प्रकार का कोई विज्ञापन कर पाएंगे।

'BJP मुस्लिमों की नहीं, कट्टरवादी मानसिकता के खिलाफ है', मध्यप्रदेश में बोले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी


बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल के दौरे पर रहे। बुरहानपुर में पार्टी के प्रबुद्धजन सम्मेलन में उन्होंने कहा कि कुछ लोग बोलते हैं कि हम मुस्लिमों के खिलाफ बोलते हैं। मैं कहना चाहूंगा कि बीजेपी मुस्लिमों के नहीं,कट्टरवादी मानसिकता के खिलाफ है। राष्ट्र भक्त मुस्लिमों का बीजेपी हमेशा सम्मान करती है।

वही अगर ऐसा नहीं होता तो डॅा. एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति नहीं बनाती। उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि इस प्रकार के आरोप लगाने वाले अफजल गुरु, छोटा शकील जैसे लोगों को पसंद करते हैं। खरगोन में उन्होंने कहा कि 19वीं सदी अंग्रेजों की, 20वीं सदी कांग्रेस की थी तथा 21वीं बीजेपी की है। बशर्तें आप मतदान के लिए अपनी अंगुली का सही इस्तेमाल करें। हम विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर हैं।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सुधांशु ने कहा कि पहले शांति के कबूतर उड़ाए जाते थे। चीन से पहले हमारे पास लड़ाकू विमान थे, मगर 1962 के युद्ध में कांग्रेस ने इसका उपयोग नहीं किया। अंग्रेज स्वतंत्रता के एक-दो वर्ष तक भारत में रहे। ऐसा क्यों हुआ कि दो वर्षों तक भारत का सेनापति अंग्रेज रहा। इन सवालों के जवाब नहीं दिए जाते हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने आइएनडीआइए पर भी तंज कसते हए कहा कि कुछ लोगों के काम बुरे होते हैं तो वह नाम बदल लेते हैं। साल 2004 में UPA बना था। अब नाम आइएनडीआइए कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके गठबंधन के लोगों को ही इसका पूरा नाम नहीं पता है

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, चौथी सूची आते ही भाजपा को झटका! इस महिला नेत्री ने कई कार्यकर्ताओं के साथ दिया इस्तीफा

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की चार सूची जारी कर दी है। भाजपा की दूसरी सूची में केंद्रीय मंत्रियों और कई बड़े नेताओं को मैदान में उतारा गया था और इसी तरह चौथी सूची में भी भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेताओं को टिकट दिया है।

पिछले कई दिनों से भाजपा में बगावत देखने को मिल रही थी। इसी बीच भाजपा की चौथी सूची सामने आने के बाद बड़े नेता पार्टी का दामन छोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। कटनी जिले की भाजपा महापौर प्रत्याशी ज्योति विनय दीक्षित ने देर शाम मुड़वारा विधानसभा में विधायक संदीप जायसवाल को दोबारा टिकट दिए जाने के कारण अपने समर्थकों सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

बताया जा रहा है कि ज्योति विनय दीक्षित ने अकेले पार्टी नहीं छोड़ी है। उनके साथ कई कार्यकर्ता भाजपा से बगावत कर गए हैं। बताया जा रहा है कि, विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की आस कर रहीं थी लेकिन, चौथी लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। कटनी में कभी पार्टी की ओर से मेयर कैंडिडेट रह चुकी ज्योति विनय दीक्षित ने मुड़वारा विधानसभा से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने पार्टी के सभी पदों से अपना त्यागपत्र पार्टी पधाधिकारी को सौप दिया है। बता दें बीजेपी ने कटनी से संदीप जयसवाल को टिकट दिया है। ज्योति दीक्षित वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा में जिला महामंत्री और भाजपा में कार्यकारिणी सदस्य के पद पर काम कर रहीं थी। महापौर चुनाव में उनको पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था, जिसमें वे निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति संजीव सूरी से हार गई थीं।

साल 2023 का शरद पूर्णिमा और आखिरी चंद्र ग्रहण एक ही दिन 28 को, देर रात 1.05 बजे से चंद्र ग्रहण होगा शुरू, भारत में भी दिखेगा


ग्रहण का मोक्ष 02 बजकर 24 मिनट निर्धारित, सूतक काल चंद्र ग्रहण लगने से 09 घंटे पूर्व यानी अपराह्न 04 बजकर पांच मिनट से होगा शुरू

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण माना जाता है। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को पड़ रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन आश्विन मास का पूर्णिमा भी पड़ रहा है जिसे शरद पूर्णिमा कहा जाता है। यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने वाला है। इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा।

हिंदू पंचांग के अनुसार 28 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 17 मिनट से पूर्णिमा आरंभ हो रहा है जो 29 अक्टूबर को सुबह देर रात्रि 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगा। इस स्थिति में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को माना जाएगा। इस साल शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 01 बजकर 05 मिनट से शुरू होगा। ग्रहण का मोक्ष रात्रि 02 बजकर 24 मिनट निर्धारित है। इस स्थिति में सूतक काल 09 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। सूतक काल अपराह्न 04 बजकर 05 मिनट से शुरू होगा जो मोक्ष तक जारी रहेगा।

सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करने के साथ चांदनी रात में खीर बनाकर रखी जाती है। मान्यता है कि इस रात आकाश से अमृत की बारिश होती है। ऐसे में पूजा पाठ करने के साथ खुले आसमान में खीर रखना शुभ होता है। इसके साथ ही इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

शरद पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक ही दिन पड़ रहा है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा की निकलने वाली किरणें हानिकारक होती है। शरद पूर्णिमा की रात निशीथ काल रात 12 बजे से रात 03 बजे तक होता है , जिसे मध्यरात्रि कहते हैं। इस अवधि में मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ खुले आसमान में खीर रखने का विधान है। लेकिन चंद्र ग्रहण होने के कारण काफी असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पहले आप खीर बनाकर रख सकते हैं। इसके बाद इसमें आप कुश या फिर तुलसी की पत्तियां डालकर रख दें। इससे ग्रहण का अशुभ प्रभाव इसमें नहीं पड़ेगा। इसके बाद रात को चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद भोर में खीर को खुले आसमान के नीचे रख सकते हैं।

इजराइल या फिलिस्तीन किसके साथ है सऊदी अरब? क्राउन प्रिंस सलमान ने दिया जवाब

#crown_prince_as_israel_gaza_war

इजरायल और हमास की लड़ाई में इजरायल-सऊदी के संबंध सामान्यीकरण समझौता वार्ता को बड़ा झटका लगा है। सऊदी ने एक बार फिर इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन का समर्थन किया है।सऊदी अरब ने कहा है कि वह शांति स्‍थापित करने के लिए फ़िलिस्तीनियों के साथ खड़ा है।सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से कहा कि वह इस्राइल पर हमास के हमले के बाद बढ़े संघर्ष को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।

मंगलवार तड़के सऊदी की सरकारी मीडिया ने जानकारी दी कि एमबीएस ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की है। अब्बास से बातचीत में सऊदी प्रिंस ने कहा कि इजरायल पर हमास के अचानक हमले के बाद शुरू हुई लड़ाई को वो रोकने की कोशिश कर रहे हैं।सऊदी की सरकारी न्यूज एजेंसी सऊदी प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अब्बास से यह भी कहा कि सऊदी अरब फिलिस्तीनी लोगों के अपने अधिकार हासिल करने, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने में उनके साथ खड़ा रहेगा।

इससे पहले प्रिंस मोहम्मद ने पिछले महीने फॉक्स न्यूज़ से कहा था कि फिलिस्तीनी मुद्दा सऊदी अरब के लिए 'बहुत महत्वपूर्ण' है। उन्होंने ने कहा, हमें इसे हल करने की जरूरत है। हमें फिलिस्तीनियों के जीवन को आसान बनाने की जरूरत है।

लंदन में आपस में भिड़े फिलिस्तीन और इजरायल समर्थक प्रदर्शनकारी, पीएम सुनक ने हमास समर्थकों को बताया आतंकवादी

इजरायल और हमास के बीच जारी जंग की आग दूसरे देशों में भी फैलती दिख रही है। दुनिया के बाकी देशों में लोग इजरायल और हमास का समर्थन करने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इसी बीच लंदन के हाई स्ट्रीट केंसिंग्टन ट्यूब स्टेशन पर फिलिस्तीन समर्थक और इजरायल समर्थक प्रदर्शनकारियों के समूह आपस में भिड़ गए।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लंदन में जगह-जगह फलस्तीन और इस्राइल के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं। कहीं-कहीं प्रदर्शन उग्र होते जा रहे हैं। लंदन के हाई स्ट्रीट केंसिंग्टन ट्यूब स्टेशन पर इजरायली-फलस्तीनी पक्षों के समर्थकों के बीच तनाव को नियंत्रित करने के लिए पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा गया था।

 

संघर्ष से जुड़ा वीडियो वायरल

लंदन के हाई स्ट्रीट केंसिंग्टन ट्यूब स्टेशन पर हुए संघर्ष से जुड़ा वीडियो अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल भी हुआ, जिसमें पुलिस की मदद से प्रदर्शनकारियों को अलग करने का प्रयास करते हुए दिखाया गया। 

पीएम ऋषि सुनक ने आतंकवादी करार दिया

इस बीच यूके के पीएम ऋषि सुनक ने हमास का समर्थन करने वाले लोगों को आतंकवादी करार दिया है। सुनक ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इस भयावह हमले के लिए पूरी तरह से हमास का समर्थन करने वाले लोग जिम्मेदार हैं। वे उग्रवादी नहीं हैं। वे स्वतंत्रता सेनानी नहीं हैं। वे आतंकवादी हैं।

इजराइल के पीएम नेतन्याहू की धमकी, बोले-जंग हमने शुरू नहीं की, मगर खत्म जरूर करेंगे

#israeli_pm_warns_did_not_start_the_war_but_will_finish_it

हमास की ओर से आतंकवादी हमले का सामना कर रहा इजराइल भी अब बेहद आक्रामक हो गया है।इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फलस्तीनी आंतकी संगठन हमास को सख्त चेतावनी दी है। नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि इस्राइल ने इस युद्ध की शुरुआत नहीं की है, लेकिन हम इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे।बता दें कि हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए इजरायल ने 3 लाख सैनिकों को जुटाया है। 1973 की योम किप्पर जंग के बाद यह सबसे बड़ी लामबंदी है, जब इजरायल ने 400,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाया था।

हम यह जंग नहीं चाहते थे- नेतन्याहू

नेतन्याहू ने कहा कि ‘इजरायल जंग में है। हम यह जंग नहीं चाहते थे। इसे सबसे क्रूर और बर्बर तरीके से हम पर थोपा गया। हालांकि इजरायल ने इस जंग को शुरू नहीं किया, लेकिन इजरायल इसे खत्म करेगा।नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने निर्दोष इजरायलियों के खिलाफ जो क्रूर हमले किए, वे चौंकाने वाले हैं। इनमें परिवारों को उनके घरों में मारना, एक आउटडोर उत्सव में सैकड़ों युवाओं की हत्या करना और कई महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का अपहरण करना शामिल है. यहां तक कि इनमें होलोकॉस्ट से बचे लोगों को भी निशाना बनाया गया। हमास के आतंकवादियों ने बच्चों को बांधा, जलाया और मार डाला। वे बर्बर हैं। 

हमास को आईएसआईएस जैसा करार दिया

हमास को आईएसआईएस जैसा करार देते हुए उन्होंने ‘सभ्यता की ताकतों’ से हमास के खिलाफ एकजुट होने और उसे हराने की अपील की है। नेतन्याहू ने कहा कि ‘हमास आईएसआईएस जैसा है। जिस तरह सभ्यता की ताकतें आईएसआईएस को हराने के लिए एकजुट हुईं, सभ्यता की ताकतों को हमास को हराने में इजरायल का समर्थन करना चाहिए।

ऐसी कीमत वसूलेंगे जो दशकों तक याद रखी जाएगी-नेतन्याहू

इस्राइली पीएम ने कहा कि हमास को बहुत जल्द समझ में जाएगा कि इस्राइल पर हमला करके उसने बहुत बड़ी गलती की है। हम इस हमले की ऐसी कीमत वसूलेंगे, जो हमास और इस्राइल के अन्य दुश्मनों को आने वाले दशकों तक याद रहेगी।