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औरंगाबाद पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, अवैध हथियारों के एक बड़े सौदागर को किया गिरफ्तार

औरंगाबाद – जिले की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने अवैध हथियारों के एक बड़े सौदागर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अवैध हथियार कारोबारी से 700 जिंदा कारतूस और हथियार बरामद किए है। साथ ही एक निशान कार भी जब्त किया गया है। गिरफ्तार हथियार कारोबारी धनंजय कुमार ओबरा थाना के मखरा गांव का निवासी है। 

खुफिया इनपुट पर कार्रवाई में मिली सफलता- 

पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम ने सोमवार को दोपहर प्रेसवार्ता में बताया कि खुफिया इनपुट मिला कि एक अवैध हथियारों का सौदागर अरवल से असलहों की खेप लेकर कार से झारखंड की राजधानी रांची जा रहा है। इनपुट मिलते ही उन्होने औरंगाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी(एसडीपीओ) अमानुल्लाह खां को क्विक एक्शन का निर्देश दिया। निशान कार से कारतूस व असलहा बरामद-निर्देश मिलते ही सदर एसडीपीओ ने औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष पंकज सैनी के साथ त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर में बाइपास ओवरब्रीज के पास चेक नाका लगाकर सघन वाहन चेकिंग शुरू किया। 

वाहन जांच अभियान के दौरान ही जसोईया मोड़ के तरफ से आ रहे एक निशान ब्रांड की कार की जांच में वाहन बैठे चालक के कमर से 7.65 एमएम का मैगजीन लोडेड विदेशी पिस्टल तथा वाहन से 700 जिंदा कारतूस बरामद किया गया।   

ये सामान हुए बरामद- 

बरामद सामानों में मैगजीन लोडेड एक विदेशी पिस्टल, 7.65 एमएम का 600 और 7.62 एमएम का 100 जिंदा कारतूस, 7.65 एमएम का एक मैगजीन, 24 हजार नगदी, दो मोबाईल एवं एक निशान कार शामिल है। 

गिरफ्तार हथियार कारोबारी पहले भी जा चुका है जेल-

एसपी ने बताया कि मामले में अवैध आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में औरंगाबाद नगर थाना में भादंवि. की धारा-25(1-बी) ए, 26/35 आर्म्स एक्ट के तहत कांड सं.-722/23 दर्ज किया गया है। मामले में कार चालक ओबरा थाना के मखरा निवासी धनंजय कुमार को अवैध हथियार कारोबारी मानते हुए नामजद आरोपी बनाया गया है और उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद अवैध हथियार कारोबारी ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि वर्ष 2009 में वह पटना जिले में अवैध हथियार रखने के मामले में जेल जा चुका है। 

पुलिस की छापेमार टीम में ये रहे शामिल-

पुलिस के छापेमार दल में औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी, पुलिस जिला आसूचना इकाई के प्रभारी रामइकबाल यादव, स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) की एमएलजी-1 टीम के पुलिस अवर निरीक्षक संतोष कुमार सिंह, बैजनाथ कुमार, जेसी. अभ्यानंद कुमार, चंदन कुमार, हुलास कुमार, जिला आसूचना इकाई के सिपाही भवेश कुमार चौधरी, आनंद राज एवं राहुल कुमार शामिल रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

जिलाधिकारी ने देव प्रखण्ड के रामपुर बरण्डा में उद्यान विभाग के योजनाओं का किया निरीक्षण

औरंगाबाद : आज दिनांक 08.10.2023 को देव प्रखण्ड, दुलारे पंचायत, ग्राम-तेन्दुई सरौरा एवं बारा में जिला पदाधिकारी श्री श्रीकांत शास्त्री (भा॰प्र॰से॰) के द्वारा देव प्रखण्ड के रामपुर बरण्डा में उद्यान विभाग के योजनाओं का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होने अमरूद की नवीनतम् प्रभेद (रेड ताईवान, भी.एन.आर.-वीही पपीता-रेड लेडी, इत्यादी) उद्यानिक फसल को देखकर प्रसन्नता जाहिर की। 

कृषकों के द्वारा सामूहिक रूप से परती एवं बेकार पड़े भुमि पर लगभग 150 एकड़ भूमि लिज/पट्टा पर लेकर कृषक समूह बनाकर उद्यानिक फसलों की खेती कर रहें है। सर्वप्रथम जिला उद्यान पदाधिकारी, डा॰ श्रीकांत उद्यान विभाग की योजनाओं से जिला पदाधिकारी को अवगत कराया गया। कृषको को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत् सामूहिक नल-कूप के साथ ड्रिप सिंचाई पद्धति का लगभग 250 एकड़ में अधिष्ठापन 90 प्रतिषत अनुदान पर किया गया है। तत्पष्चात् ही यह अमरूद, पपीता, मौसमी एवं अन्य उद्यानिक फसलों को करना संभव हुआ। 

कृषकों के द्वारा लगभग 55 एकड़ में ताईवानी रेड पिंक अमरूद की खेती, 10 एकड़ में मौसमी की खेती, रेड लेडी पपीता एवं अन्य उद्यानिक फसल जैसे कटहल, जामुन, चिकू, की खेती कर रहें है। साथ ही 50 एकड़ में सब्जी की ख्ेाती आधुनिक तरिके से टपक सिंचाई विधि (ड्रिप) के द्वारा हो रहा है। उद्यानिक फसलों को जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा देख कर एवं किसानों से वार्तालाप कर बहुत उत्साहित हुए एवं प्रसंषा किये। 

कृषकों से वार्तालाप करने पर पपीता की खेती करने के पश्चात् बिक्री की समस्या होने पर उसे प्रसंस्कृत कर मुल्य संवर्धन करने का सलाह दिया गया साथ ही प्रसंस्करण यूनिट लगाकर उसे मूल्य सवंर्धित किया जाय जिससे किसानों के उत्पादों को उचित मूल्य स्थानिय बाजार/अन्य बाजारों में विपणन कर अच्छा मुनाफा हो सकें। 

कृषकों के द्वारा बताया गया कि इस पहाड़ी इलाके में बेकार जमीन को ड्रिप सिंचाई पद्धति के माध्यम से ही उद्यानिक फसलों की खेती संम्भव हो सका, जिसमें जिला उद्यान कार्यालय का अहम भुमिका रहा। इस पहाड़ी इलाके में कृषकों के द्वारा इस तरह की व्यवसायिक खेती कर अधिक से अधिक मुनाफा अर्जित कर रहे है। 

जिला पदाधिकारी के द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को कहा गया कि आत्मा के द्वारा इन कृषकों को जैम, जेली, मुरब्बा बनाने की प्रषिक्षण की व्यवस्था की जाय, कृषि टास्क फोर्स की बैठक में उद्योग विभाग के पदाधिकारी एवं कार्यापालक अभियंता विधुत को भी बुलाया जाय जिससे किसानों को सिंचाई हेतु विधुत कनेक्सन एवं उद्योग विभाग से प्रसंस्करण उद्योग लगाने हेतु वित्तीय सहायता किसानों को मिल सकें। जिला पदाधिकारी के क्षेत्र भ्रमण से किसानों में उद्यानिक फसलों के प्रति काफी उत्साह हैं। किसानों के द्वारा आगे भी उद्यानिक फसलों को बढ़ावा देने को अभिरूची जाहिर की गई। 

इस अवसर पर उद्यान विभाग के सहायक निदेषक उद्यान डाॅ॰ श्रीकांत, जिला कृषि पदाधिकारी, श्री रामेष्वर प्रसाद, प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी, देव, कृषि समन्वयक , श्री मोहन कुमार, कृषक सत्येन्द्र मेहता, अविनाष कुमार, धंजनय कुमार, एवं अन्य कृषक उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्य तिथि पर उनके पैतृक लोजपा के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार सिंह, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अर्पित किए श्रद्धा सुमन


औरंगाबाद : आज खगड़िया जिला के शहरब्बनी में लोजपा के संस्थापक व पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए लोजपा के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार सिंह ने उनके चलचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।  

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय रामविलास पासवान आज भी अमर हैं। उन्होंने गरीब वर्ग के लिए लड़ाई शोषित वंचित समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए भी संसद में आवाज़ उठाएं जो आज भी याद रहेगा और गरीब स्वर्ण के आरक्षण के लिए भी संसद में आवाज़ उठाएं वह भी आज याद रहेगा।  

समाज में हर एक व्यक्ति के लिए लड़ाई लड़ने का काम हमारे राजनीतिक गुरु स्वर्गीय रामविलास पासवान ने संसद में किया। उनकी मूर्ति औरंगाबाद में मैं लगाऊंगा और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के हाथों से उद्घाटन कराऊंगा। 

इस मौके पर उनके साथ प्रदेश सचिव अनूप ठाकुर प्रदेश प्रदेश सचिव सरवन पासवान पूर्व जिला परिषद अजय पासवान विपिन सिंह आदि लोग औरंगाबाद से गए और स्वर्गीय़ रामविलास पासवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

हाइटेंशन तार के संपर्क में आने से दो व्यक्ति की मौत, परिवार मे मचा कोहराम

औरंगाबाद – जिले के गोह प्रखंड के नियामतपुर गांव एवं भिमलीचक गांव में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर दो अधेड़ की मौत हो गई। हादसा बिजली विभाग की लापरवाही से हुआ। 

घटना के बारे में बताया जाता है मृतक नियामतपुर गांव निवासी देवलाल यादव उम्र 55 वर्ष, शनिवार की संध्या अपने रिश्तेदार के घर से अपने गांव आ रहे थे जैसे ही गांव के समीप पहुंचे तो पहले से ही जर्जर होकर गिरे हाइवोल्टेज बिजली तार के संपर्क में आने से मौत हो गई। 

सूचना पर पहुंचे गोह थाने के एसआई लाल साहब तिवारी ने कागज़ी प्रक्रिया पुरी कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज परिजनों को सौंप दिया है। 

वहीं दूसरी घटना प्रखंड के देवकुंड थाना के भिमलीचक गांव की है जहां रविवार की सुबह शौच के लिए निकले किसान उमाशंकर सिंह उम्र 45 वर्ष की मौत पूर्व से जर्जर होकर गिरे हाइटेंशन तार के संपर्क में आने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोह लाया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। 

देवकुंड थानाध्यक्ष शिशुपाल कुमार ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज परिजनों को सौंप दिया है। मृतक के परिजनों का रो-रो कर हाल बेहाल है।

गोह से गौतम कुमार

मातम में बदली जितिया व्रत की खुशियां : सोन नदी में नहाने और सेल्फी लेने के दौरान पांच लड़कियां डूबी, किसी की नहीं मिली है अबतक बॉडी

भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां जितिया व्रत की खुशियां दो अलग -अलग परिवारों में मातम में बदल गई। 

दरअसल भोजपुर जिले के चांदी थाना क्षेत्र के बहियारा घाट पर सोन नदी के किनारे जितिया व्रत के दौरान नहाने और सेल्फी लेने के क्रम में पांच लड़कियां या महिलाएं पानी में डूब गई। इस घटना के बाद घाट के पास सैकड़ों लोग घटना स्थल पर पहुंच गए। काफी देर तक गांव के लोगों के द्वारा घाट के आस पास खोजबीन किया गया। लेकिन लड़कियों का कोई पता नहीं चल पाया है। जिसके बाद इसकी सूचना चांदी थाना पुलिस को दी गई। 

घटना की सूचना मिलने के बाद चांदी थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। उसके बाद स्थानीय पुलिस ने घटना की सूचना जिला प्रशासन को दिया। वहीं रात होने की वजह से एसडीआरएफ की टीम के द्वारा खोजबीन नहीं की जा रही है। लेकिन सुबह होते ही एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर सभी लड़कियों को ढूंढने की कोशिश करेगी। 

जानकारी के मुताबिक डूबने वालों में कोइलवर थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी ऋषभ कुमार की 20 वर्षीय पत्नी अनिता कुमारी, उदवंतनगर थाना क्षेत्र के मिल्की गांव निवासी दशरथ यादव की 18 वर्षीय पुत्री निशा कुमारी, चांदी थाना क्षेत्र अंतर्गत चांदी गांव निवासी चितरंजन वर्मा की 15 वर्षीय पुत्री सुमन कुमारी और चंद्रावती कुमारी इसके साथ चांदी थाना क्षेत्र के चांदी गांव के निवासी देवेंद्र वर्मा की 20 वर्षीय पुत्री अंजली कुमार है। 

अंजली कुमारी, सुमन कुमारी और चंद्रावती कुमारी आपस में चचेरी बहन है और निशा कुमारी और अनिता कुमारी आपस में ममेरी बहन है। जानकारी के मुताबिक सुमन कुमारी नौवीं, चंद्रावती कुमारी मैट्रिक पास और अंजली स्नातक की छात्रा है।

धीरेन्द्र पांडेय की रिपोर्ट

औरंगाबाद के दाउदनगर का जिउतिया पर्व प्रसिद्धि के मामले में किसी से कमतर नहीं

औरंगाबाद जैसे दिल्ली की दीवाली, कोलकाता की दशहरा, मुंबई का गणेशोत्सव, पुरी की रथयात्रा एवं केरल का ओनम विश्व प्रसिद्ध है, वैसे ही बिहार के औरंगाबाद के दाउदनगर का जिउतिया पर्व भी प्रसिद्धि के मामले में कमतर नहीं है। यह बात अलग है कि दाउदनगर के जिउतिया को प्रसिद्धि की उंच्चाइयों तक पहुंचाने का कभी भी किसी भी स्तर से पूरे मनोयोग से प्रयास नहीं किया गया।

 अन्यथा यहां की जिउतियां भी जगत प्रसिद्ध होती और देश विदेश के लोग जिउतिया के मौके पर दिखाए जाने वाले साहसिक, रोमांचक और हैरतअंगेज करतबों को देखने जरूर आया करते। दाउदनगर का जिउतियां देशभर में संतानो के दीर्घायु होने की कामना को लेकर महिलाओं द्वारा किये जाने वाले कामना व्रत जीवित्पुत्रिका व्रत का ही अंग है लेकिन यहां जिउतियां व्रत के पहले पिछले 9 दिनों में जो खास साहसिक, रोमांचक और हैरतअंगेज करतब प्रस्तुत किये जाते हैं, वे ही इस पर्व को अनूठापन प्रदान करते है और खास बनाते है।  

औरंगाबाद जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर की दूरी पर मुगल शासक औरंगजेब के सिपहसालार दाउद खां द्वारा बसाए गए दाउदनगर शहर में जिउतिया पर्व के आरंभ के बारे में कोई लिखित प्रमाण तो उपलब्ध नहीं है लेकिन जनश्रुतियों एवं लोक कथाओं के अनुसार यहां की जिउतियां अत्यंत प्राचीन है। जनश्रुतियों के अनुसार डेढ़ सौ साल से अधिक समय पहले दाउदनगर शहर को प्लेग जैसी भयंकर बीमारी ने अपने आगोश में ले रखा था। 

बड़ी संख्या में लोगों के मौत के मुंह में समा जाने से पूरा शहर मृतकों से पट गया था। इस विकट परिस्थिति से छुटकारा पाने के अनेको तरह के प्रयास किए गए लेकिन सुधार के कोई लक्षण नहीं दिखे। तब तत्कालीन समाज के प्रबुद्धों ने इसे देवी का प्रकोप माना और प्रकोप से शांति के लिए दक्षिण भारत के पुजारियों एवं गुणियों से संपर्क साधा। वहां से आए पुजारियों एवं गुणियों ने इसे बम्मा देवी का प्रकोप बताया। देवी के गुस्से से शहर को निजात दिलाने के लिए जगह-जगह प्रतिमाएं स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। यह पूजा करीब एक माह तक चली। देवी का प्रकोप शांत हुआ। लोगों ने चैन की सांस ली। तब से आजतक शहरवासियों द्वारा इसे पूरे विधि विधान के साथ मनाने की परंपरा चली आ रही है।

 चूंकि बम्मा देवी की पूजा-अर्चना का समय जिउतियां के ईर्द-गिर्द ही पड़ा था। इसी वजह से इसका प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता गया गया और कालांतर में इसने एक पर्व का रूप धारण कर लिया। पर्व की शुरूआत के बारे में दाउदनगर के जिउतियां कलाकारों द्वारा गाये जाने वाले गीत के बोल-‘‘आश्विन अंधेरिया दूज रहे, संवत 1917 के साल रे जिउतियां, अरे धनभाग रे जिउतियां जे रोपे ले हरिचरण, तुलसी, दमड़ी जुगुल, रंगलाल रे जिउतियां, अरे धनभाग रे जिउतिया’’ में भी इसकी प्राचीनता की झलक मिलती है। पर्व का आरंभ भी कलाकारों द्वारा इसी गीत को गाकर किया जाता है। 

गीत के मुखड़ों से यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र के हरिचरण, तुलसी, दमड़ी, जुगुल और नंदलाल नाम के चार प्रबुद्धों द्वारा आश्विन कृष्णपक्ष की द्वितीया तिथि के दिन विक्रम संवत 1917 को इसकी आधारशिला रखी गयी और तब से यह पर्व दाउदनगर में अनूठे रूप मे मनाया जाने लगा। इस अवसर पर लोक कलाकारो द्वारा लोकनृत्य की हर विधा का प्रदर्शन पर्व के दौरान किया जाता है। यहां कलाकारों के कला प्रदर्शन के लिए कोई रंगमंच नहीं होता बल्कि शहर के नुक्कड़, गली और पूरे शहर की सड़कें ही रंगमंच बन जाती है। इस बार के जिउतियां पर भी यह सब देखते ही बन रही है। 

दाउदनगर की जिउतियां की यह प्रमुख विशेषता है कि इसके माध्यम से विलुप्त होती सांस्कृतिक परंपरा को स्वांग के रूप में जीवित रखा जा रहा है। इस विधा के तहत कलाकार दम-दमाड़ एवं मुड़ीकटवा का स्वांग रचते हैं जिसे देखना अपने आप में एक अनोखा अनुभव है।

 जिउतियां पर दाउदनगर शहर की सड़कों, गलियों एवं नुक्कड़ों पर कलाकारों द्वारा राजा-रानी, चुड़ैल, भूतनी, डाकिनी, राम-लक्ष्मण, राधा-कृष्ण एवं अनेक प्रकार के वेशधारी बहुरूपिए नजर दिखते है। ये आज भी दिख रहे है। विरासत में मिली इस संस्कृति के अलावा इस मौके पर तलवारबाजी, खेल-तमाशा, झाकियां, नौटकी, लोकनृत्य का सफल मंचन भी पर्व को विशिष्टता प्रदान करती है।

 

इस दौरान दम-दमाड़ के कलाकारों के हैरत अंगेज कारनामों से दर्शक दंग रह जाते हैं। इन कलाकारों के द्वारा गर्म तप्त लोहे की लपलपाती जंजीर को नंगे हाथों से दुहना, दांतों से गर्म तप्त लोहे के पिंड को उठाना एवं शरीर के विभिन्न हिस्सों में सुई, त्रिशूल को आर-पार करना दर्शकों को रोमांचित कर देता है। ऐसी तस्वीरें आज दाउदनगर की सड़कों पर दिख रही है।

 जिउतियां की रात में जब डाकिनी सड़क पर उतरेगी तो, उसके रूप को देखकर और मुंह से आती हिंसक आवाज को सुनकर रूह कांप उठती है। रोंगटे खड़े हो जाते है। सांसे थमती सी महसूस होती है और कमजोर दिल वाले बेहोश हो जाते है। ऐसा नजारा आज रात भी दाउदनगर में दिखेगा।

दाउदनगर शहर को अनचाहे प्रकोप से बचाने के लिए आरंभ किया गया यह पर्व आज यहां की लोक संस्कृति का एक अहम हिस्सा बन चुका है। यही कारण है कि देश-विदेश में दाउदनगर ही एक ऐसा इकलौता शहर है, जहां जिउतियां के पर्व को निराले और अनूठे अंदाज में मनाया जाता है।

श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में औरंगाबाद सदर ब्लॉक का निरीक्षण की, प्रखंड के विकास कार्यों एवं जनप्रतिनिधियों के समस्या को सुना

जनप्रतिनिधियों के समीक्षा निम्नवत है। (1) जिसमें वंशावली बनाने का पंचायत सचिव वंशावली बनाएंगे सरकार द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में निर्देश दिया गया। (2)स्थानीय लोगों को पंचायत सचिव एवं राजस्व कर्मचारी से संपर्क करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। जिसे लेकर पंचायत सचिव एवं राजस्व कर्मचारियों को सरकार भवन में बैठने कीअनुमति दी गई, 

जिसे लोगों का सम्पर्क आसानी से हो सके हेतू निर्देश दिया गया। (3) पंचायत कर्माभगवान में ग्राम–रामपुर में अतिक्रमण किए व्यक्तियों के आवास की समस्या हेतु उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में अतिक्रमित भूमि से विस्थापित होने का निर्देश, साथ ही साथ जनप्रतिनिधियों को इसके सहयोग करने की अपेक्षा की गई।

जिला पदाधिकारी द्वारा अधिकारियों के साथ बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा में निम्नवत निर्देश दिए गए।

 पंचायत में भ्रमण हेतु नियमित रूप से ग्राम सभा का निरीक्षण करने का बीपीआरओ का को निर्देश दिया गया सरकारी जमीन का डाटा उपलब्ध कराने का सीईओ और राजस्व अधिकारिय को निर्देश दिया गया। जो भी स्कूल बिना बाउंड्री का है बाउंड्री कराने हेतु मनरेगा पदाधिकारी को अपने फंड से कराने का निर्देश दिया गया। सभी वीडियो को जिला औरंगाबाद से जनगणना की समीक्षा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

 जिला पदाधिकारी द्वारा औरंगाबाद जिले में विवादित पंचायत सरकार भवन की समीक्षा हेतु विवादित भूमि को शीघ्र निष्पादित करने का अंचलाधिकारी औरंगाबाद को निर्देश दिया गया

गैर जमानती वारंट और कुर्की का आदेश जारी होने के बाद आरोपी पहुंचा कोर्ट, न्यायालय में अपनी गलती को किया स्वीकार

औरंगाबाद - व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश नारायण सिंह के कोर्ट में कोशिश श्रृंगार के संचालक जयाउल आलम पुरानी जीटी रोड औरंगाबाद ने बिना निबंधन के दुकान संचालन के अपराध स्वीकार किया तो न्यायाधीश ने 250 रू जुर्माना नजारत में जामा करने का आदेश दिया। जिसे अभियुक्त ने जमा कर दिया। 

सहायक अभियोजन पदाधिकारी नवीन कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि जी ओ संख्या-83/12 में अभियुक्त पर गैर जमानती वारंट और कुर्की का आदेश जारी हो चुका था। तब अभियुक्त न्यायालय में हाजिर हुआ और अपराध स्वीकार किया।

 

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 24/06/11 को जांच के क्रम में श्रम अधीक्षक सुधीर कुमार ने बिना निबंधन के कुछ दुकानदारों पर कार्रवाई की थी, छोटे छोटे मामले में जुर्माना का प्रवधान है, जुर्माना न देने के कारण मामला एगआरह साल लंम्बित रहा। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

सकुशल वापस लौटे ओबरा BDO युनुस सलीम, बीते बुधवार से थे लापता

औरंगाबाद : जिले के ओबरा प्रखंड के बीडीओ युनुस सलीम 4 अक्टूबर से लापता थे। जो गुरूवार की रात सकुशल अपने घर लौट आए हैं।

युनुस सलीम खुद ही ओबरा स्थित अपने आवास पर लौटे है। लौटते ही परिजन उन्हें अपने साथ लेकर नासरीगंज चले गए हैं। 

इस मामले में SDPO ऋषिराज ने बताया कि फिलहाल लापता होने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। युनुस बुधवार सुबह 10 बजे से लापता थे।

इस बारे में जब ओबरा बीडीओ युनुस सलीम के भाई जफर इमाम जो नासरीगंज में बीडीओ के पद पर कार्यरत है से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल उनकी तबियत खराब है और वो मानसिक दवाब में है।इसलिए उनसे इस बारे में पूछताछ नही की गई है। 

उन्हें लेकर इलाज के लिए हमलोग बाहर निकल गए है। आने पर विशेष बातचीत होगी कहकर फोन काट दिया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

*सांसद सुशील कुमार सिंह का सीएम पर बड़ा हमला, कहा- तितिर लड़ाने का काम करते है नीतीश कुमार

औरंगाबाद: जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था।

जातीय जनगणना पर सांसद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को जमकर कोषा है। यहां तक कि उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार तितीर लड़ाने का काम करते है।

उन्होंने जातीय जनगणना को फाल्स बताया तथा सवाल उठाते हुए जनगणना को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि हम सांसद हैं तो मेरे घर जनगणना के लिए कर्मचारी आए थे। यह दिखाने और यह कहने के लिए की हम चलेंगे नहीं करें और शिकायत ना करें। मगर आप गांव में जाकर पूछेंगे तो 90% से भी ज्यादा गांव में जनगणना नहीं हुई है और ना ही कोई कर्मचारी गया है। 

सरकार ने अपने मुताबिक अपने हिसाब से अपनी इच्छा अनुसार आंकड़े बना लिए हैं और उसको जारी किया है। 

उन्होंने कहा कि किसी भी जाति का कोई व्यक्ति अगर अरबपति है या ख़रबपति है और किसी जाति का कोई व्यक्ति अगर बहुत गरीब है तो जाति के आधार पर उस व्यक्ति को अगर कोई सुविधा नहीं मिले और जाति के आधार पर अरबपति खरपट्टी व्यक्ति को उन सारी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले यह कहां तक उचित है।

सांसद ने कहा कि यह सरकार समाज को जाति के आधार पर बांटने का काम कर रही है। मैं कड़े शब्दों में इसकी निंदा करता हूं और इसका विरोध करता हूं। समाज को कमजोर करने के लिए जाति में भी उपजाति बनाकर उनकी संख्या कम और ज्यादा दिखाकर इन्होंने तीतर लड़ाने का काम किया है और करते आए हैं। 

साथ ही उन्होंने कहा कि गांव हो या शहर कही भी सरकार का कोई कर्मी गणना करने नही गया।यह जनगणना सरकार अपने मुताबिक और अपनी इच्छा के अनुसार कराई है।

सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना की असली हकीकत क्या है आप डोर टू डोर जाइयेगा तभी पता चलेगा।उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस गणना को सही मानते है तो तत्काल उन दोनो को अपने अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए और किसी अति पिछड़े को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। क्योंकि जनगणना के बाद यही मांग भी है कि जिसकी जितनी भागेदारी उतनी उसकी हिस्सेदारी।लेकिन दोनो नेताओं में नैतिकता का अभाव है। नीतीश कुमार की पराकाष्ठा है कि वे कुर्सी से चिपक गए हैं।

सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर राजद एवं जदयू के कई नेताओं ने भी इस जनगणना पर सवाल खड़ा किया है।अगर सही था तो विरोध क्यों।

उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ दो ही जातियां हैं।एक अमीर और एक गरीब,सरकार को इस पर काम करना चाहिए और उसी हिसाब से उन्हे सरकारी लाभ भी मिलना चाहिए।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र