चाचा या भतीजे किसकी होगी एनसीपी? पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के दावों को लेकर चुनाव आयोग करेगा सुनवाई
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नाम और चुनाव चिह्न के दावों को लेकर शरद पवार और अजित पवार के गुट की ओर से डाली गई याचिका पर चुनाव आयोग आज सुनवाई करने वाला है।पार्टी में टूट की बात स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग आज दोनों पक्षों की बात सुनेगा। इसके लिए दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों को बुलाया गया है। एनसीपी के एक गुट का नेतृत्व शरद पवार और दूसरे का नेतृत्व अजित पवार कर रहे हैं। दोनों गुटों के बीच विवाद की शुरुआत जुलाई में हुई थी जब अजित ने पार्टी और उसके चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था।
इस पूरे विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब अजित पवार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे। इसी साल जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के लिए चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी। अजित पवार ने 30 जून को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था। उन्होंने पार्टी के नाम के साथ-साथ चुनाव चिह्न पर भी दावा किया था। उन्होंने 40 विधायकों के समर्थन के साथ खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था।
भतीजे की इस चाल के खिलाफ चाचा शरद पवार ने चुनाव आयोग का रुख किया। अब दोनों गुटों को चुनाव आयोग के सामने अपना-अपना पक्ष रखना है। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने शरद पवार गुट के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अजित पवार गुट की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए और चुनाव चिह्न आदेश, 1968 के प्रावधानों के तहत पार्टी का प्रतीक चिह्न भी आवंटित कर देना चाहिए।
चुनाव आयोग की सुनवाई से पहले शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान शरद पवार ने अपनी जीत का भरोसा जताया। 82 वर्षीय शरद पवार ने राकांपा की विस्तारित कार्य समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अपनाए गए प्रस्ताव में कहा गया कि पूरी पार्टी शरद पवार के साथ है। पार्टी उनके मार्गदर्शन और दृष्टिकोण के तहत देश में भविष्य के चुनावों की तैयारी कर रही है।
Oct 06 2023, 13:39