चीनी सेना की हर हरकत पर होगी भारत की पैनी नजर, लद्दाख से अरुणाचल तक एलएसी पर बनेंगी नई चौकियां
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भारत-चीन सीमा पूरी तरह से निर्धारित नहीं है। ऐसे में अक्सर सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अतिक्रमण की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में भारत सरकार लगातार अपनी सीमाओं को मजबूत करने में जुटी हुई है। एक तरफ सीमाओं पर वायुसेना और थल सेना को मजबूत करने के लिए 150 से ज्यादा और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर 'प्रचंड' खरीदने की तैयारी चल रही है। इसी कड़ी में अब मोदी सरकार लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की चौकियों पर निगरानी और जानकारी जुटाने के लिए खुफिया अधिकारियों की एक अडिशनल टीम तैनात करने की तैयारी में है।
एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने चौकियों की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसे बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट (बीआईपी) के नाम से जाना जाएगा। सीमा पर बढ़ती चीनी गतिविधियों और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सीमा उल्लंघन को देखते हुए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि प्रत्येक बीआईपी की सुरक्षा खुफिया ब्यूरो के चार-पांच अधिकारी करेंगे और उनकी सुरक्षा आईटीबीपी के जवान करेंगे। बीआईपी में तैनात किए जाने वाले कर्मी सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उच्च अधिकारियों और सरकार के साथ अपडेट साझा करेंगे।
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत मागो से होगी। यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के चुना सेक्टर में चीन की सीमा के करीब पहला गांव है। इस गांव में 2020 में ही एक ऑल-टेरेन मोटर रोड बनाई गई थी। यानी यह सड़क हर मौसम में खुली रहती है।
भारत-चीन सीमा पर फिलहाल 180 चौकियां हैं
भारत और चीन करीब 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करते हैं। इसे एलएसी कहते हैं। ये सीमा 3 सेक्टरों में बंटी हुई है। पश्चिमी सेक्टर यानी लद्दाख जो 1,597 किलोमीटर लंबी है। मध्य सेक्टर यानी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जो 545 किलोमीटर लंबी है। पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जो 1,346 किलोमीटर लंबी है। भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी की लगभग 180 सीमा चौकियां हैं। 45 और नई चौकियां बनाए जाने की मंजूरी कुछ समय पहले ही दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में 7 नई बटालियन और बॉर्डर बेस बनाने की मंजूरी दी थी, जिससे आईटीबीपी फोर्स में 9400 कर्मियों की बढ़ोतरी हुई है। इन 7 में से 4 तैनाती के लिए तैयार हैं। बाकी 3 बटालियन को 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा।
दोनों देशों के बीच लगातार विवाद जारी
भारत-चीन सीमा पूरी तरह से निर्धारित नहीं है, इसलिए दोनों पक्षों की वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अलग-अलग धारणाएं हैं। चीनी सैनिक अक्सर विवादित क्षेत्रों में घुसपैठ करते रहते हैं। भारतीय सेना और पीएलए के बीच जून 2020 से लद्दाख में गतिरोध जारी है। जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में पीएलए के साथ झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। पिछले साल नौ दिसंबर को पीएलए सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के यांगस्टे में सीमा का उल्लंघन किया था, जिसके कारण दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई और दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए।
Oct 03 2023, 11:05