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कैटालिन कारिको और ड्रयू वीसमैन को मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार, इस खोज के लिए मिला सम्मान

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साल 2023 से नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार से शुरू हो गई है। इसके तहत आज यानी 2 अक्टूबर 2023 को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र में इस साल कैटालिन कारिको और ड्रू वीलमैन को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया।नोबेल असेंबली के सचिव थॉमस पर्लमैन ने सोमवार को स्टाकहोम में पुरस्कारों का ऐलान किया। 

कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन का कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन बनाने में उनका अहम रोल है।न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया। इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी सीओवीआईडी-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली।

2022 में स्वीडन के स्वांते पैबो को मिला था पुरस्कार

पिछले साल स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो ने मानव विकास क्रम में खोज के लिए फिजियोलॉजी या चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीता था। उनकी खोज ने निएंडरथाल डीएनए के रहस्यों का खुलासा किया था, जिसने गंभीर कोविड -19 के प्रति हमारी संवेदनशीलता सहित हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के सिलसिले में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की थी। निएंडरथल वास्तव में प्राचीन मानव समूह के सदस्य थे जो कम से कम 200,000 साल पहले, प्लेइस्टोसिन युग के दौरान उभरा था।

किन क्षेत्रों में और क्यों दिए जाते हैं ये अवॉर्ड

मानवता की भलाई में सबसे अच्छा काम करने वालों ये पुरस्कार दिए जाते हैं। ये पुरस्कार कई क्षेत्रों जैसे कि फिजिक्स, केमेस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए दिए जाते हैं। पुरस्कार स्वीडन के कारोबारी और डाइनामाइट का अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इस अवॉर्ड के फंड के लिए छोड़ गए थे। पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 1968 में स्वीडन की सेंट्रल बैंक ने इसमें एक और कैटेगरी इकॉनमिक साइंसेस जोड़ी थी।

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को एक डिप्लोमा, एक मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना ( आज के करीब 75764727 रुपये) की नकद राशि प्रदान की जाती है। एक श्रेणी में विजेता अगर एक से ज्यादा हों तो पुरस्कार की राशि उनमें बंट जाती है। ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि यानी 10 दिसंबर को विजेताओं को सौंपे जाते हैं।

क्या गुलाम नबी आजाद बनेंगे जम्मू-कश्मीर के अगले उपराज्यपाल? जानें पूर्व कांग्रेस नेता का जवाब

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कांग्रेस के पूर्व नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को लेकर पिछले कई दिनों से कहा जा रहा है कि वो 'जम्मू-कश्मीर के अगले उपराज्यपाल' बन सकते हैं। अब गुलाम नबी आजाद ने खुद के जम्मू-कश्मीर के अगले उपराज्यपाल बनने की अफवाहों को खारिज किया है। आजाद ने कहा है कि वह इसके लिए इच्छुक नहीं हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि उन्हें किसी रोजगार की तलाश नहीं है, बल्कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते हैं।

पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) की स्थापना दिवस पर एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें। मैं (जम्मू कश्मीर) रोजगार की तलाश में नहीं आया हूं, मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं। यहां अब नई अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद अगले उपराज्यपाल बनने जा रहे हैं।आजाद ने कहा कि कुछ लोग यह अफवाहें फैला रहे कि वह पुनर्वास की तलाश में हैं। 

आजाद ने बीते साल कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई पार्टी प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाई थी। इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य दलों ने यह कहकर उनकी आलोचना की थी वह बीजेपी के कहने पर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में वापस आए हैं। अपने ऊपर लगे आरोप पर आजाद का कहना है कि जब मैं 2005 में मुख्यमंत्री बना था, तो लोगों की सेवा करने के लिए दो केंद्रीय मंत्रालय-आवास और शहरी विकास और संसदीय कार्य छोड़ दिए थे। ऐसा नहीं था कि मेरे पास कोई काम नहीं था।

आजाद ने इस दौरान बेरोजगारी और महंगाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई जम्मू-कश्मीर की दो मुख्य समस्याएं हैं, जिनका समाधान वह क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ाकर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, महंगाई बढ़ रही है। यह सच है कि महंगाई सिर्फ भारत में नहीं है। यूरोप में महंगाई सबसे अधिक है, लेकिन उनके पास इससे निपटने के अन्य साधन भी हैं, जबकि हम एक गरीब राज्य हैं। उन्होंने कहा, ‘एक ट्यूलिप गार्डन (जो 2007 में बनाया गया था) ने हजारों लोगों को रोजगार दिया। मुख्यमंत्री के रूप में मेरी योजना थी कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में 10 से 12 पर्यटन स्थल विकसित किए जाएं। उन्होंने कहा, मेरी यह भी योजना थी कि ‘होमस्टे’ सुविधाएं स्थापित करने के लिए लोगों को ऋण दिया जाए, ताकि उन्हें आमदनी के अवसर मिल सकें।

11 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ रही, मानसून के बाद बदरीनाथ व हेमकुंड की यात्रा ने रफ्त

श्री हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में दर्शनों को लेकर इन दिनों श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ रही है। मानसून के बाद बदरीनाथ व हेमकुंड की यात्रा ने रफ्तार पकड़ी है। आए दिन हजारों की संख्या में इन दिनों हेमकुंड साहिब में तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं। इसी के साथ श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 11 अक्टूबर को इस वर्ष की यात्रा की समाप्ति के साथ बंद कर दिए जाएंगे।

चमोली जनपद में मानसून के दौरान यात्रा पर भी असर देखने को मिला है। मानसून में आए दिन वर्षा व हाईवे अवरुद्ध होने के चलते यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई थी । लेकिन विगत कई दिनों से चमोली जनपद में लगातार मौसम साफ होने व हाईवे दिनभर सुचारू रहने से तीर्थयात्रियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है।

11 अक्टूबर को होंगे कपाट बंद

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस वर्ष 11 अक्टूबर को श्री हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने साथ ही यात्रा का समापन हो जाएगा। बताया कि अब तक श्री हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में 160800 तीर्थयात्री पवित्र सरोवर में डुबकी व दर्शन कर चुके हैं।

श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि पैदल यात्रा मार्ग में सुधार किया गया है तथा मूलभूत सुविधाओं जैसे कि शौचालय, शेड, बेंच, रेलिंग इत्यादि का और निर्माण किया गया है। ट्रस्ट द्वारा चिकित्सा सुविधा के लिए घांघरिया व हेमकुंड साहिब के मध्य चिकित्सा शिविर की भी व्यवस्था की गई है। गोविंद घाट से घांघरिया तक हवाई सेवा भी निरंतर चल रही हैं।

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने उठाई यूपी में अलग राज्य की मांग, मेरठ को राजधानी बनाने का सुझाव

#demandraisedtomakewesternupaseparatestate

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश में अलग राज्य की मांग उठने लगी है। केंद्रीय राज्यमंत्री और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के बड़े नेता संजीव बालियान ने अलग प्रदेश की मांग उठाई है।रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि पश्चिमी को एक अलग राज्य बनना चाहिए। इसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल को लेकर कई बार इसको हिस्सों में बांटने की मांग उठती रही है। अब मांग उठी है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य घोषित किया जाए। इस मांग का समर्थन करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाना चाहिए।रविवार को मेरठ में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद हुई। इसमें देश-विदेश से जाट समुदाय के लोग आए थे। इसमें पश्चिम को पृथक प्रदेश की मांग उठी। केंद्रीय मंत्री बालियान ने तर्क दिया कि पश्चिमी यूपी की आबादी 8 करोड़ है। और उच्‍च न्‍यायालय यहां से 750 किलोमीटर दूर हैं, ऐसे में यह मांग पूरी तरह जायज है। इसको अलग राज्य बनना ही चाहिए। 

अलग राज्य बना तो देश का सबसे अच्छा प्रदेश होगा

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा, लखनऊ से हमारे पास आते-आते सरकारी पत्र खो जाते हैं। इतना बड़ा प्रदेश है तो एडमिनिस्ट्रेटिव एफिशियंसी बनाए रखने के लिए छोटे प्रदेश का होना जरूरी है। हर क्षेत्र के विकास का तरीका और समस्याएं अलग हैं। बहुत से छोटे-छोटे प्रदेश हैं, जिस दिन पश्चिमी अलग राज्य बन जाएगा तो यह देश का सबसे अच्छा और समृद्ध प्रदेश होगा।

इस मांग को पार्टी हाईकमान तक पहुंचाएंगे

संजीव बालियान ने कहा, अलग-अलग पार्टियों और नेताओं के अलग-अलग विचार हो सकते हैं। यह मेरा अपना विचार है कि पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य बनाया जाए। मैं इस सपने को सच होने का इंतजार कर रहा हूं। छोटे राज्यों का विकास तेजी से होता है। अपनी इस मांग को पार्टी हाईकमान तक पहुंचाएंगे।

बता दें कि मेरठ में रविवार को अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का आयोजन हुआ था. इस आयोजन में सात समंदर पार से भी जाट शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और फ्रांस से भी जाट समाज के लोग पहुंचे थे. मंच पर महिलाओं को भी आमंत्रित किया गया था. महिलाओं ने भी जाट समाज को लेकर अपने विचार रखे।

गोवा और केरल में भारी बारिश का अलर्ट, IMD ने मछुआरों के लिए जारी की सलाह, लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त

केरल के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रही, जिससे सोमवार (2 अक्टूबर) को दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने तीन जिलों पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा और एर्नाकुलम में येलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि, येलो अलर्ट 6 सेमी से 11 सेमी तक पर्याप्त वर्षा की उम्मीद को दर्शाता है। मौसम विज्ञान एजेंसी के पूर्वानुमान के अनुसार, लगातार बारिश 5 अक्टूबर तक जारी रहने का अनुमान है।

पिछले तीन से चार दिनों में, राज्य में बड़े पैमाने पर बारिश हुई है, जिससे कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए, इलाकों में पानी भर गया और परिसर की दीवारें ढह गईं। हालाँकि, राज्य भर में अब तक किसी बड़ी क्षति की सूचना नहीं है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने खुलासा किया कि, पिछले 24 घंटों के भीतर, बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम और कोझिकोड शामिल हैं। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, जवाब में, केएसडीएमए ने अलाप्पुझा और कोट्टायम दोनों जिलों में दो राहत शिविर सक्रिय किए।

SDMA की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिन बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं से कुल 26 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं। पहले भारी बारिश के कारण अलाप्पुझा जिले के कुट्टनाड क्षेत्र में स्थित एक छोटी सी बस्ती, एडथुआ में धान के विशाल खेत जलमग्न हो गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार बारिश से खतरा पैदा होने के कारण, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले निवासियों के लिए एक चेतावनी जारी की है, जिसमें उनसे लगातार बारिश के दौरान कड़ी सतर्कता बनाए रखने का आग्रह किया गया है।

गोवा में बारिश का 'रेड' अलर्ट

IMD ने गोवा के लिए 'रेड' अलर्ट जारी किया है, जिसमें तटीय राज्य में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। IMD ने वर्तमान मौसम की चेतावनी जारी करते हुए भविष्यवाणी की है कि, "40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश होगी।" IMD के मुताबिक, राज्य के पेरनेम, तिस्वाडी, बर्देज़, बिचोलिम और सत्तारी तालुका में सुबह बादल छाए रहे। मौसम विभाग के अनुसार, "अरब सागर के ऊपर अधिक बादल इकट्ठा हो रहे हैं। बादलों के उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ने से अधिक तालुका प्रभावित होने की संभावना है।"

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने उत्तर और दक्षिण गोवा के जिलों में नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए हैं। SDMA ने कहा कि, "अगले 24 घंटों में गोवा में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। जनता को सलाह दी जाती है कि वे जलभराव या बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों में न जाएं।" रिपोर्ट के अनुसार, उच्च जल स्तर और खराब मौसम की स्थिति के कारण, राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जीवनरक्षक एजेंसी दृष्टि मरीन ने लोगों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है।

पीएम मोदी ने राजस्थान सरकार से किया वादा, बोले-मैं गारंटी देता हूं कोई योजना बंद नहीं होगी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में है। उन्होंने सांवलिया सेठ के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद 7 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके बाद सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।चितौड़गढ़ में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान की साख बर्बाद की। राजस्थान अपराध में टॉप पर आता है।पिछड़ों पर अत्याचार होता है तो राजस्थान का नाम आता है। क्या कांग्रेस को इसलिए वोट दिया? भाजपा आएगी दंगे रुकवाएगी, भाजपा आएगी पत्थरबाजी रुकवाएगी, भाजपा आएगी, रोजगार लाएगी।

पीएम मोदी ने राजस्थान के युवाओं से किया वादा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चितौड़गढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “राजस्थान के नौजवानों के साथ जो धोखा किया गया है भाजपा उसकी तह तक जाएगी। यहां के पेपर लीक माफिया का पाताल में भी जाकर हिसाब किया जाएगा। मैं आपको भरोसा देता हूं नौजवानों के भविष्य के साथ जिसने खिलवाड़ किया है ऐसे पेपर लीक माफिया को छोड़ा नहीं जाएगा, कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी।

हर गरीब, दलित और आदिवासियों को पक्के घर का वादा

चितौड़गढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज मैं राजस्थान के हर गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों को गारंटी दे रहा हूं कि हर गरीब को पक्की छत, पक्का घर दिया जाएगा। हमने राजस्थान के लाखों लोगों को पाइप से पानी पहुंचाने की गारंटी दी है। आज एक राज्य दूसरे राज्य को पानी देने से मना करता है, दोनों राज्यों में लड़ाई होती है लेकिन ये मेरी गारंटी थी कि अगर नर्मदा का पानी गुजरात को मिलता है और राजस्थान को जरूरत है तो राजस्थान को भी मिलेगा। आज बिना किसी विवाद के राजस्थान के कई गांव, जिलों में नर्मदा का पानी पहुंच रहा है।

कांग्रेस की विदाई का काउंटडाउन शुरू-पीएम मोदी

लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जनता का संदेश कांग्रेस के नेताओं तक पहुंच चुका है। यहां मुख्यमंत्री गहलोत जी को भी पता है कि कांग्रेस सरकार की विदाई का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि इन दिनों गहलोत जी ने एक प्रकार से बीजेपी को बधाई दे दी है। वह आग्रह कर रहे हैं कि बीजेपी सरकार बनने के बाद उनकी योजनाएं बंद नहीं की जाएं। मैं बीजेपी सरकार बनने की बात स्वीकार करने के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।

गहलोत सरकार की कोई योजना नहीं रुकेगी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान में सीएम गहलोत ने मान लिया है कि भाजपा की सरकार बनने वाली है। गहलोत कह रह हैं कि भाजपा सरकार बने तो हमारी योजनाएं बंद ना की जाएं। पीएम ने कहा कि हम उनकी योजनाओं को बंद नहीं करेंगे, उनमें और सुधार करेंगे। लेकिन, मैं एक बाद की गारंटी देता हूं कि जिन लोगों ने प्रदेश में भ्रष्टाचार किया है, उन पर कार्रवाई तो होगी। ये मोदी की गारंटी है। गरीबों को लूटने वालों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा। और आप सबको पता है, मोदी की गांरटी... मतलब पूरा होने की गारंटी।

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में पीट पीट कर छह लोगों की हत्या, मचा कोहराम, पुलिस प्रसाशन की टीम कर रही छानबीन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां रुद्रपुर के पास फतेहपुर गांव में पुरानी रंजिश के चलते छह लोगों की बेरहमी से हत्या करने का मामला सामने आया है। सूचना मिलते ही मौके पर भारी पुलिस पहुंची है।

पुलिस छानबीन में जुटी हुई है। घटना को लेकर पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। घटनास्थल पर चीख-पुकार मची है। गांव में तनाव का माहौल है। घटना की सूचना पर मौके पर पीएसी पहुंच रही है। छह लोगों की हत्या से पुलिस विभाग में भी हड़कंप मचा है।

जानकारी के अनुसार, देवरिया के रुद्रपुर कोतवाली इलाके के फतेहपुर के लेहड़ा टोला पर सोमवार की सुबह पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना के प्रतिशोध में उमड़ी भीड़ ने आरोपी पक्ष के सत्यप्रकाश दुबे के दरवाजे पर पहुंच कर सत्यप्रकाश दुबे को मार डाला।

 

इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने दो मासूम, महिला और एक अन्य की हत्या कर दी। घटना के बाद गांव में अफरा तफरी मच गई। मौके पर पुलिस पहुंच गई। अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।

'जो कांग्रेस सरकार जानमाल की सुरक्षा नहीं कर सकती, उसको हटाना बहुत जरुरी है', राजस्थान में कन्हैया हत्याकांड का जिक्र कर बोले PM मोदी

 पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। यहा मौजूद भीड़ को देख गदगद दिखाई दे रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरा राजस्थान, पूरा मेवाड़ क्या सोच रहा हैं यह साफ चित्तौड़गढ़ में नजर आ रहा हैं। मैं पार्टी का आभारी हूं की मुझे आप लोगों के बीच जाने का मौका दिया।

उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'जो कांग्रेस सरकार जानमाल की सुरक्षा नहीं कर सकती, उसको हटाना बहुत आवश्यक है। जो उदयपुर में हुआ, क्या उसकी आपने कल्पना भी की थी! जिस राजस्थान ने दुश्मन पर भी धोखे से वार न करने की परंपरा को जीया है, उस राजस्थान की धरती पर कपड़े सिलाने के बहाने लोग आते हैं तथा बिना डर एवं खौफ के टेलर का गला काट देते हैं।' उन्होंने कहा कि जब मेवाड़ से खबरें आती हैं तो मन दुखी हो जाता हैं। अपराध के मामले में राजस्थान टॉप पर आता हैं। दंगों में कोनसा प्रदेश टॉप पर आता हैं, हमारा राजस्थान। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं बड़े दुख के साथ पूछना चाहता हूं क्या इसलिए कांग्रेस को वोट दिया था। 

पेपर लीक के मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'राजस्थान के नौजवानों को वादा करता हूं की पेपर लीक माफिया का पाताल में जाकर भी हिसाब किया जाएगा। उन्हें सख्त सजा दिलाई जाएगी। कांग्रेस वोट पाने के लिए भाती भाती के छल करती रहती हैं। मैं राजस्थान के नौजवानों को वादा करता हूं की पेपर लीक माफिया का पाताल में जाकर भी हिसाब किया जायेगा।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'कांग्रेस के घमंडिया गठबंधन के नेता महिलाओं को लेकर कैसी-कैसी अपमानजनक बातें कर रहे हैं, ये आए दिन हम देख रहे हैं। ये चाहते ही नहीं कि महिलाओं को उनका अधिकार मिले, इसलिए बहाने बना रहे हैं, जाति-धर्म के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं। गहलोत जी ने एक तरह से बीजेपी को बधाई दे दी है।आजकल वो आग्रह कर रहे हैं कि बीजेपी सरकार बनने के बाद उनकी योजनाओं को बंद न किया जाए। पहले तो बीजेपी सरकार बनने की बात स्वीकार करने के लिए मैं उनका आभार जताता हूं।'

मणिपुर में किसने फैलाया था 'नफरत' का केरोसिन, कैसे रचा गया पूरा प्रोपेगेंडा ? महीनों बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों के हाथ लगा बड़ा सबूत, डिटेल में जानिए

मणिपुर में लगभग 3 महीनों तक चले हिंसा और उस पर मची राजनीती को लेकर अब परत-दर-परत खुलासे हो रहे हैं। मणिपुर में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का भी जो नैरेटिव राजनेताओं द्वारा बनाया गया, उसके पीछे अंतर्राष्ट्रीय साजिशें सामने आ रहीं हैं।

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकवादियों का भी बड़ा हाथ है। खुफिया एजेंसियों को बाकायदा इसके प्रमाण भी मिले हैं, एजेंसियों का दावा है कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद 'अल्पसंख्यक' कुकी समुदाय के एक वरिष्ठ नेता ने आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ बैठक की थी। 3 घंटे चली इस मीटिंग के बाद खालिस्तानी नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों रुपए मणिपुर में कुकियों के लिए भेजे गए। इन पैसों का इस्तेमाल कुकियों द्वारा मैतई समुदाय के खिलाफ हिंसा में ही किया जाना था या फिर किया भी जा रहा हो। 

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों के हाथ कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित सरे के एक गुरुद्वारे में खालिस्तानी समर्थकों की सभा का एक वीडियो भी लगा है। इसमें मणिपुर के अल्पसंख्यक कुकी अलगाववादी नेता लीन गंग्ते नज़र आ रहा है। गंग्ते नार्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (NAMTA) यानी नामटा का प्रमुख है। 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में गंग्ते वहां मौजूद लोगों के सामने भाषण दे रहा है।

कनाडा से पनाह मांग रहे कुकी नेता

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गंग्ते ने कनाडा के गुरुद्वारे में खालिस्तानियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला, उसने कहा कि, ''जिस प्रकार आप लोग खालिस्तान की मांग कर रहे है, वैसे ही हम भी अलग मणिपुर के लिए लड़ रहे हैं। सरकार, मणिपुर में हमारे समुदाय के नेताओं को मिटा देना चाहती है, इसलिए उन्हें कनाडा में राजनीतिक शरण दी जाए।'' खालिस्तानियों के सामने भारत विरोधी भाषण में गंग्ते ने आगे कहा कि, ''हमारे समुदाय (कूकी) को भी कनाडा में राजनितिक रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिले।’ इसके बाद गुरुनानक गुरुद्वारा समिति सरे के कार्यक्रम में मौजूद कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने गंग्ते को आगे की रणनीति साथ मिलकर बनाने का आश्वासन दिया।

बता दें कि, कूकी (30 फीसद आबादी) मणिपुर में रहने वाली एक जनजाति है, जिसका राज्य के 90 फीसद पहाड़ी इलाकों पर कब्जा है, वहां मैतई समुदाय जमीन नहीं खरीद सकता और काम धंधा नहीं कर सकता। अधिकतर कूकी मिशनरियों के प्रभाव में आकर ईसाई बन चुके हैं, वहीं मैतई समुदाय (53 फीसद) बहुसंख्यक है, जो वैष्णव धर्म का पालन करता है और राज्य के 10 फीसद मैदान वाले हिस्से में सिमटा हुआ है, उसने मांग की थी कि, उसे भी जनजाति (ST) का दर्जा दिया जाए, ताकि वो भी पहाड़ी इलाकों में जाकर खेती बाड़ी कर सके, क्योंकि 10 फीसद जमीन काफी कम है। इसी बात से कूकी आक्रोशित हैं, हाई कोर्ट ने जब मैतई समुदाय को ST का दर्जा दे दिया, तो कुकियों ने विरोध किया और परिणामस्वरूप हिंसा शुरू हो गई, अब कुकियों को भारत विरोधी तमाम ताकतों से मदद मिल रही है।  

कूकी नेता ने कहा- भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित 

वीडियो में कूकी के अलगाववादी नेता ने मणिपुर (Truth of Manipur Violence) मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बयान न देने पर भी हमला बोला है। उसने कहा कि, मोदी अमेरिका गए, फ्रांस गए, मिस्र गए, लेकिन उन्होंने मणिपुर मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। लीन गंग्ते ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले किए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक भारत में सुरक्षित नहीं हैं। बता दें कि, ''अल्पसंख्यक भारत में सुरक्षित नहीं हैं'' या ''भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचर हो रहा है'', ये वही जुमले हैं, जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर विदेश दौरों पर बोलते रहते हैं। यही आरोप पाकिस्तान पूरी दुनिया में घूम-घूमकर भारत पर लगाता रहता है कि, भारत मुस्लिमों (अल्पसंख्यक) पर अत्याचार कर रहा है। खालिस्तानी भी यही कहकर लोगों को भड़काते हैं कि ''भारत में सिखों के साथ भेदभाव हो रहा है।'' आतंकियों के इस नैरेटिव को अनजाने में ही या फिर जानबूझकर सियासी लाभ के लिए, राहुल गांधी आगे बढ़ाते हैं, जब वे ब्रिटेन में जाकर कहते हैं कि, 'भारत में सिखों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझा जाता है।' इसके कुछ ही दिनों बाद ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हमला हो जाता है और खालिस्तानी तिरंगे को अपमानित करते हैं। क्या इससे यह समझ में नहीं आता कि, आतंकी, भारतीय नेताओं द्वारा दिए गए राजनितिक बयानों को हथियार बनाकर लोगों को भड़का रहे हैं ? अब ये पूरा रैकेट धीरे-धीरे उजागर हो रहा है कि, मणिपुर में किस तरह आग लगाई गई ? 

उधर, नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में मणिपुर में पहली गिरफ्तारी कर ली है। NIA ने चूराचांदपुर से से कूकी नेता इमीन्लुन गंग्ते को पकड़ा है। गंग्ते पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का इल्जाम है। आरोप है कि आतंकी संगठन चिन-कुकी-मिजो लोगों के लिए अलग राज्य बनाने के लिए भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की साजिश रच रहे हैं। भारत के खिलाफ इसी युद्ध को कुछ राजनेता यह कहकर अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहे हैं कि, 'भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' हो रहा है। इससे उन अलगाववादियों को ताकत मिल रही है और वो भारत विरोधी अन्तर्राष्ट्रीय ताकतों से मदद लेकर भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं। 

विदेश मंत्री ने वाशिंगटन में बताया 'अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' का सच :-

'भारत में अल्पसंख्यकों पर जुल्म होता है', बार-बार कही जा रही इस बात पर दुनिया के कुछ देश भरोसा करने लगे हैं और मौका मिलते ही विदेश यात्रा पर पहुंचे भारत सरकार के किसी प्रतिनिधि पर अल्पसंख्यकों से जुड़ा सवाल दाग देते हैं। यही सवाल अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर के सामने भी रखा गया। कई बार भारत इन सवालों का जवाब देने में रक्षात्मक हो जाया करता था, लेकिन अब वो आँख में आँख मिलाकर जवाब देता है। विदेश मंत्री ने इसका बेबाकी से उत्तर दिया और दो टूक जवाब देकर अमेरिकी प्रतिनिधि को चुप करा दिया। उन्होंने कहा कि, 'चूंकि आपने भारत में अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया है, किन्तु यह बताइए कि निष्पक्ष और सुशासन या समाज के संतुलन की कसौटी क्या है? इसकी कसौटी यही होगी कि आप सुविधाओं के मामले में, लाभ के मामले में, पहुंच के मामले में, अधिकारों के मामले में, किसी से भेदभाव करते हैं या नहीं।'

 

विदेश मंत्री ने कहा कि आज, जब आप अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभों को देखते हैं, तो आप देखते हैं आवास के मामले में, आप स्वास्थ्य को देखते हैं, आप भोजन को देखते हैं, आप आर्थिक मदद को देखते हैं, आप शैक्षिक पहुंच को देखते हैं। उन्होंने कहा कि, "मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप मुझे भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव दिखाइए।'' इसके बाद जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी से दुनिया को वो सच्चाई बताई, जिसके कारण 'अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' का नैरेटिव फैलाया जाता है। उन्होंने कहा कि, "जैसा कि मैंने कहा यह एक वैश्वीकृत दुनिया है। ऐसे लोग होंगे, आपके मन में इसके बारे में फ़िक्र होगी और उनमें से अधिकांश शिकायत सियासी है। मैं आपसे बहुत स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं, क्योंकि हमारे यहां भी वोट बैंक की संस्कृति रही है और ऐसे वर्ग भी हैं, जिनका उनकी नजर में एक निश्चित विशेषाधिकार था।" 

बता दें कि, वोट बैंक को अपनी तरफ करने के लिए ही 'अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' का नैरेटिव फैलाया जाता है, जो जितनी अधिक ताकत से यह मुद्दा उठता है, अल्पसंख्यकों को लगता है कि, वो उनका शुभचिंतक है और फिर अल्पसंख्यकों का वोट भी वहीं जाता है। भारत के बहुसंख्यक वर्ग के अधिकतर त्योहारों पर निकाली जाने वाली शोभायात्राओं और जुलुस पर अल्पसंख्यकों द्वारा हमला किए जाने की कई ख़बरें आए दिन आप देखते ही होंगे, उसके बाद भी दुनियाभर में यह नैरेटिव फैलाया जाता है कि, भारत में अल्पसंख्यक पीड़ित हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में सबसे कम आबादी जैन समुदाय की है, महज 0.4 फीसद, जो कारोबार में काफी आगे हैं, क्या उन्होंने कभी अपने ऊपर अत्याचार होने का दावा किया है या किसी नेता ने उनका मुद्दा उठाया है ? नहीं, क्योंकि वे अल्पसंख्यक तो हैं, लेकिन उनकी आबादी इतनी नहीं कि, वो वोट बैंक बन सकें। जैनियों से भी कम आबादी वाले पारसी और यहूदी, जो अपने देश को छोड़कर कई सालों पहले भारत में शरण लेने आए थे, उन्होंने भी आज तक उत्पीड़न की शिकायत नहीं की, उल्टा वे देश की उन्नति में योगदान दे रहे हैं। एक सिख अल्पसंख्यक हैं, सबसे अधिक भारतीय सेना में उनका योगदान माना जाता है, देशभर में सबसे अधिक लंगर यही अल्पसंख्यक समुदाय चलाता है। फिर 'अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का नैरेटिव' क्यों ?

ये शिकायतें 90 फीसद एक ही समुदाय की तरफ से आती है, जो अल्पसंख्यकों में सबसे बड़े बहुसंख्यक हैं, लगभग 25 करोड़ आबादी है, वो वोट बैंक भी हैं, एकमुश्त वोट देते हैं, और उनका समर्थन प्राप्त करने के लिए ही राजनेता 'अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' का नैरेटिव चलाते हैं। पाकिस्तान भी आतंकियों को भारत पर हमला करने के लिए यही बोलकर भड़काता है कि, भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है और बड़ी संख्या में युवा उसके कहने पर भारत में खून की नदियाँ बहाने के लिए तैयार हो जाते हैं, आतंकी बन जाते हैं। लेकिन, ये नैरेटिव फैला रहे राजनेताओं को भी सोचना चाहिए कि, क्या वे ऐसा करके देशहित का काम कर रहे हैं ? उन्हें कम से कम यह सवाल तो खुद से पूछना चाहिए कि, क्या दुनिया में कोई ऐसा देश है, जहाँ एक धर्म के बहुसंख्यक होने के बावजूद दूसरा धर्म पनप सके ? भारत में हिन्दू बहुसंख्यक होने के बावजूद, जब भगवान महावीर आए, तो एक तबका उनके पीछे चल पड़ा और जैन हो गया, कुछ वर्षों बाद भगवान बुद्ध आए, उनके साथ भी यही हुआ, कई लोग बौद्ध हो गए। फिर गुरु नानक आए, जिन्होंने सिख संप्रदाय की नींव रखी, भारत से निकले ये चारों धर्म आज आपसी प्रेम और सद्भाव से रहते हैं। अगर भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की संस्कृति होती, तो क्या ऐसा हो पाता ? आज भारत से अलग होकर बने पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक (हिन्दू,सिख, ईसाई, बौद्ध) गिनती के रह गए हैं, वहीं, भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों की तादाद बढ़ रही है और वे फल-फूल रहे हैं, यदि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता, तो क्या स्थिति ये होती ?

विद्या रामराज ने की पीटी उषा की बराबरी, 400 मीटर हर्डल रेस में जगाई गोल्ड की आस

#vithya_ramraj_equals_pt_usha_s_39_year_old_record 

भारत ने एशियन गेम्स के नौवें दिन यानी 2 अक्टूबर को अच्छी शुरुआत की। भारत ने इस दिन पहले स्पीड स्केटिंग 3000 मीटर रिले रेस के महिला और पुरुष दोनों कैटेगरी के ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए।वहीं, एथलेटिक्स में विद्या रामराज ने 400 मीटर हर्डल रेस में पीटी उषा के नेशनल रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। इसके साथ ही महिलाओं की 400 मीटर हर्डल रेस में भी भारत की विद्या रामराज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना ली।

विद्या ने 55.43 सेकेंड में 400 मीटर रेस पूरी की। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में पीटी उषा के 39 साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। 1984 में पीटी उषा ने 55.42 सेकेंड में यह दौड़ पूरी की थी। अब विद्या ने भी यह कर दिखाया है। इससे पहले विद्या का बेस्ट रिकॉर्ड 55.43 सेकेंड था। वह हीट 1 से बहरीन की अमीनत ओए जमाल के साथ सीधे फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं।

1984 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पीटी उषा ने 55.42 सेकंड में 400 मीटर हर्डल रेस पूरी की थी। वह फाइनल में चौथे नंबर पर रही थीं। पीटी उषा इस इवेंट में बेहद करीब से पदक चूंक गई थी। हालांकि उन्होंने इस जबरदस्त प्रदर्शन से 400 मीटर हर्डल रेस में ऐसा भारतीय रिकॉर्ड कायम किया जो पिछले 39 सालों से अन्य भारतीय धावकों से नहीं टूट सका। अब जाकर कोई एथलीट पीटी उषा के इस आंकड़े को छू सका है।