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पाकिस्तान में मुफ्ती कैसर फारूख की दिनदहाड़े हत्या, कौन खत्म कर रहा है विदेशी धरती पर भारत के दुश्मन का खात्मा

26/11 मुंबई टेरर अटैक के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद के सबसे करीबी माने जाने वाले मुफ्ती कैसर फारूक को कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। कैसर फारूक लश्कर के संस्थापक सदस्यों में से एक था और हाफिज सईद का बेहद करीबी सहयोगी था।

पाकिस्तान के डॉन अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि 30 वर्षीय कैसर फारूक को शनिवार को समानाबाद इलाके में एक धार्मिक संस्थान के पास गोली मार दी गई। इस शूटआउट का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि यह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मोस्ट वांटेड आतंकवादी कैसर फारूक की हत्या का सीसीटीवी फुटेज है।

हालांकि, स्ट्रीट बज इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही गोली चलाई जाती है। अन्य लोग छिपने के लिए भागते हैं। जबकि जिस व्यक्ति को गोली लगती है, वह नीचे गिर जाता है। जिस शख्स को गोली लगी, उसे लेकर दावा है कि वह कैसर फारूक नाम का मोस्ट वांटेड आतंकवादी है।

महाराष्ट्र में अब असली शिवसेना के मुद्दे पर फिर लड़ाई शुरू ? दशहरा रैली को लेकर आमने-सामने उद्धव और शिंदे गुट

पिछले साल के राजनीतिक टकराव की पुनरावृत्ति में, शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों ने एक बार फिर 24 अक्टूबर को मुंबई के शिवाजी पार्क में पार्टी की दशहरा रैली निकालने की अनुमति के लिए आवेदन किया है। दादर में कार्यक्रम स्थल पर दशहरा रैली एक परंपरा रही है 1966 में अपनी स्थापना के बाद से शिव सेना इसका अनुसरण करती रही। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दो गुटों द्वारा आवेदन बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) जी नॉर्थ वार्ड कार्यालय में दायर किए गए थे और इसके कानूनी विभाग को भेज दिए गए हैं।

शिंदे गुट के लिए आवेदन माहिम से पार्टी विधायक सदा सर्वंकर द्वारा दायर किया गया था, जबकि उद्धव गुट के लिए आवेदन इसके स्थानीय जोनल प्रमुख महेश सावंत द्वारा किया गया था। पिछले साल, दोनों गुट आमने-सामने थे क्योंकि पार्टी के दो हिस्सों में टूटने के बाद पहली बार दशहरा रैली होनी थी। उद्धव खेमे ने शिवाजी पार्क में सेना की वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए आवेदन किया था। कुछ दिनों बाद शिंदे गुट ने भी उसी स्थल की अनुमति के लिए आवेदन किया। BMC ने दोनों गुटों की अनुमति खारिज कर दी थी। आखिरकार, बॉम्बे हाई कोर्ट ने नगर निकाय के आदेश को रद्द कर दिया और उद्धव गुट को 5 अक्टूबर, 2022 को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दी थी। शिंदे-सेना ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के MMRDA मैदान में दशहरा रैली आयोजित की।

उद्धव-सेना के महेश सावंत ने कहा कि, "यह आयोजन हमारी परंपरा है। पिछले साल BMC का उत्पीड़न काम नहीं आया और हमें उच्च न्यायालय जाना पड़ा और पिछले साल दशहरा रैली अच्छी तरह से आयोजित की गई। हमने पहले ही आवेदन कर दिया था। हमने पिछले वर्ष की अनुमति भी संलग्न कर दी है। हमने अपने आवेदन की स्थिति के बारे में पूछने के लिए सहायक नगर आयुक्त प्रशांत सकपाले से मुलाकात की और उन्होंने मुझे बताया कि फ़ाइल कानूनी विभाग को भेज दी गई है।''

बता दें कि, शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करना दोनों गुटों के लिए प्रतिष्ठा का विषय होगा, क्योंकि वे पार्टी की विरासत पर लड़ते हैं। शिंदे के लिए, चुनाव आयोग द्वारा उनके गुट को शिवसेना नाम और धनुष और तीर का पार्टी चिह्न आवंटित करने के बाद यह उनकी वैधता के दावे को मजबूत करेगा। उद्धव ठाकरे को मशाल मशाल चुनाव चिन्ह मिला और उनकी पार्टी के गुट का नाम 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' रखा गया।

'सभी भारतीय मुसलमानों के पूर्वज हिन्दू ही थे, भारत कभी मुस्लिम देश नहीं था..', बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह का बयान

बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह ने भारतीय मुसलमानों सहित भारत में रहने वाले सभी लोगों के सामान्य हिंदू वंश के ही होने का बयान दिया है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए इरशादुल्लाह ने कहा कि सभी भारतीय मुसलमान, हिंदू धर्म से ही धर्मांतरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं और कोई भी मुसलमान बाहर से भारत नहीं आया और न ही भारत कभी मुस्लिम देश था।

इरशादुल्लाह ने कहा कि, 'हिन्दुस्तान में सभी मुसलमान हिन्दू से ही धर्मान्तरित थे। हमारे पूर्वज हिंदू ही हैं। कोई भी भारतीय मुसलमान बाहर से नहीं आया।'' बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह ने "अल्पसंख्यकों" के लिए किए गए कार्यों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने आगे नीतीश कुमार को देश का तीसरा सबसे लोकप्रिय राजनीतिक नेता करार दिया। कथित तौर पर, इरशादुल्ला ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी हमला किया और उन्हें भाजपा की "बी टीम" बताया। उन्होंने औवेसी से देश के मुसलमानों को बख्शने को भी कहा और कहा कि AIMIM सुप्रीमो भाजपा की तर्ज पर काम कर रहे हैं।

इरशादुल्लाह ने ओवैसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और दरभंगा में आठ वक्फ संपदाओं की जमीन पर 114 करोड़ रुपये की लागत से बहुउद्देशीय वक्फ भवन का निर्माण कराया जाएगा। समस्तीपुर और नालन्दा में एक वक्फ इस्टेट की भूमि पर विवाद चल रहा है। इसके अलावा कई जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों का विकास चल रहा है। 

 

पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने भी दिया था ऐसा ही बयान

बता दें कि, इस साल अगस्त में, गुलाम नबी आज़ाद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे भारतीय मुसलमानों सहित भारत में रहने वाले सभी लोगों के सामान्य हिंदू वंश को स्वीकार करते हुए दिखाई दिए थे। उन्होंने कहा था कि, सभी भारतीय मुस्लिमों के पूवज हिन्दू ही थे। उन्होंने यह बयान जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के चिरल्ला शहर में एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित किया, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम मौजूद थे। वायरल वीडियो क्लिप 9 अगस्त 2023 को आयोजित एक कार्यक्रम में दिए गए उनके भाषण का है।

कांग्रेस ने कहा, मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार 18 साल में बेरोजगारों को नौकरी नहीं दे सकी, अब कर रही झूठा वादा

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का बेशक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन चुनावी माहौल बन चुका है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी कांग्रेस जनता से लोक लुभावन वादे कर रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया है कि अगर बीजेपी की राज्य में सत्ता बरकरार रहती है तो वह हर घर को नौकरी देगी। यह घोषणा कांग्रेस की लगातार आलोचना के बीच आई है कि चौहान के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार बेरोजगारी के मुद्दे को एड्रेस करने में विफल रही है। कांग्रेस ने सीएम के ऐलान पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने इसे युवाओं को धोखा देने वाला बताया है।

सीएम चौहान ने कहा, 'मैं (राज्य के लोगों के) आपके जीवन की कठिनाइयों को दूर कर दूंगा। अगर मैं दोबारा सत्ता में आया तो हर परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार दिया जाएगा ताकि उन्हें पलायन न करना पड़े। चाहे वह स्वयं सहायता समूहों के जरिए, उद्यम क्रांति योजना के जरिए या सरकारी नोतरी के माध्यम से हो। हर परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी।' यह बातें उन्होंने शुक्रवार को आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहीं। 

चौहान ने कहा कि वह मध्य प्रदेश की धरती की पूजा करने और जनता की सेवा करने के लिए मुख्यमंत्री बने हैं, और उन्होंने कहा कि उन्होंने लोगों के जीवन को बदलने के लिए दिन-रात काम किया। सीएम द्वारा की गई घोषणा के बारे में पूछे जाने पर, राज्य कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि ऐसे बयान केवल युवाओं को गुमराह करने के लिए दिए जा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, 'शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पिछले 18 सालों में बेरोजगारों को नौकरी देने में विफल रही है। वह भविष्य में नौकरियां कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं? वह फिर से बेरोजगार युवाओं को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं।' बता दें कि मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में बड़ा हादसा, मालगाड़ी के 4 डिब्बे पटरी से उतरे, पनवेल-वसई मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में शनिवार को एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई, जिसके कारण पनवेल-वसई मार्ग पर परिचालन प्रभावित हो गया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने मध्य रेलवे के हवाले से यह जानकारी दी है। मध्य रेलवे के मुताबिक, इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।

मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतरे

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क कार्यालय (CPRO) शिवराज मानसपुरे ने बताया कि मालगाड़ी रायगढ़ जिले के पनवेल से पालघर जिले के बसई की ओर जा रही थी। उन्होंने बताया कि शनिवार दोपहर तीन बजकर पांच मिनट पर मालगाड़ी के ब्रेक वैन सहित चार डिब्बे पनवेल-कालंबोली खंड पर पटरी से उतर गए।

दुर्घटना राहत ट्रेनों को घटनास्थल पर भेजा गया

उन्होंने बताया कि कल्याण और कुर्ला स्टेशनों से दुर्घटना राहत ट्रेनों (एआरटी) को दुर्घटनास्थल पर रवाना किया जा राह है। हालांकि, पनवेल से एक रोड एआरटी को दुर्घटनास्थल पर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इस हादसे के बाद पनवेल-वसई मार्ग पर परिचालन को फिर से शुरू करने का काम जल्द शुरू किया जाएगा।

पांच यात्री ट्रेनों को रोका गया

शिवराज मानसपुरे ने बताया कि इस घटना के बाद कोंकण-मुंबई मार्ग पर कई जगहों पर करीब पांच यात्री टेनों को रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे अधिकारियों ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत दो नई लाइनें बिछाने के लिए हार्बर और ट्रांस-हार्बर कॉरिडोर के पनवेल और बेलापुर स्टेशनों के बीच शनिवार रात से 38 घंटे के मेगा ब्लॉक की योजना बनाई है।

देश में फेस्टिव सीजन से पहले महंगाई का बड़ा झटका, 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतें एक अक्टूबर से 209 रुपये बढ़ी

देश में फेस्टिव सीजन से पहले महंगाई का बड़ा झटका लगा है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल LPG गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए हैं। इसके चलते 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतें 1 अक्टूबर से 209 रुपये बढ़ गई हैं। अगर दिल्ली की बात करें तो यहां अब ऐसे सिलेंडर का खुदरा बिक्री दाम आज से 1731.50 रुपये हो गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। 

इससे पहले 30 अगस्त को सरकार ने आम लोगों को महंगाई से राहत दी थी। इसके तहत घरों में इस्तेमाल वाले एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपये घटा दिए गए थे। इस फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो का एलपीजी सिलेंडर की लागत 903 रुपये हो गई, जो इससे पहले 1,103 रुपये थी। साथ ही उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को कुल 400 रुपये की गैस सब्सिडी का ऐलान हुआ था। उन्हें पहले से 200 रुपये की सब्सिडी मिल रही थी। इससे उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर अब 703 रुपये में मिल रहा है।

चुनावी मुद्दा बनीं LPG गैस सिलेंडर की कीमतें

गौरतलब है कि सरकार ने जून, 2020 में एलपीजी पर सब्सिडी देना बंद कर दिया था। देशभर में रसोई गैस की कीमत का निर्धारण बाजार आधारित था। पिछले एक-दो साल में रसोई गैस की कीमतें बढ़ी हैं और यह एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया है। कांग्रेस पार्टी ने एलपीजी की ऊंची कीमतों के कारण लोगों की जेब पर पड़ रहे असर को भांपते हुए इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। कर्नाटक में संपन्न विधानसभा चुनावों में इसे प्रमुखता से उठाया गया। पार्टी ने मध्य प्रदेश में सत्ता में आने पर 500 रुपये की कीमत में एलपीजी देने का वादा किया है। कांग्रेस राजस्थान में भी इसी कीमत पर एलपीजी उपलब्ध करा रही है। दोनों राज्यों में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं।

भरतपुर के कुम्हेर में हुए नरसंहार में 31 वर्ष के बाद 9 आरोपियों न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 41 को बरी किया, कांड ने देश में मचा दिया

राजस्थान के भरतपुर की जिला एससी/एसटी कोर्ट ने शनिवार को कुम्हेर नरसंहार में फैसला दिया। अदालत ने 9 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि 41 को बरी कर दिया। भरतपुर के नवगठित जिले डीग के पुलिस थाना कुम्हेर के अंतर्गत 6 जून 1992 को हुए इस हत्याकांड में अनुसूचित जाति के 16 लोगों की हत्या कर दी गई थी जबकि 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। जाट और जाटव समुदाय के कुछ लोगों के बीच के विवाद ने नरसंहार का रूप ले लिया था। हमले में मारे गए और घायल सभी लोग जाटव समुदाय से थे। 

इस नरसंहार की वारदात ने देश की सियासत में तहलका मचा दिया था। सीबीआई को इस हत्याकांड की जांच के आदेश दिए गए थे। सीबीआई ने इस केस में जाट समुदाय के 83 लोगों के खिलाफ चाजशीट दाखिल की थी। ट्रायल के दौरान 33 आरोपियों की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने 50 लोगों पर फैसला सुनाया है। इस हत्याकांड में 9 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है जबकि 41 बरी कर दिए गए हैं।

वकील राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने 6 जून 1992 को कुम्हेर थाने में अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या के मामले में जाट समुदाय के लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। 

इसमें जाट समुदाय के 83 लोगों के खिलाफ धारा 302, एससी/एसटी एक्ट, 354,380 के तहत सीबीआई द्वारा कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। अदालत ने 283 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए थे। नरसंहार के 31 साल बाद अब फैसला सुनाया है जिसमें 9 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है जबकि 40 लोगों को बरी कर दिया गया है। प्रेम सिंह, लक्खो सिंह, मान सिंह, राजवीर सिंह, प्रीतम सिंह, पारस जैन, चेतन सिंह, चेतन, शिव सिंह, गोपाल सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 

न्यायालय से बरी किए गए एक शख्स ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया है कि घटना की शुरुआत एक मामूली झगड़े से हुई थी। कुम्हेर कस्बे के बड़ा मोहल्ले के मूल निवासी जाटव समाज के कुछ असामाजिक तत्वों ने जाट समाज के कुछ लोगों के साथ मारपीट की थी। इसके बाद दलित समाज के लोगों द्वारा जाट समाज के लोगों पर हमला करने के विरोध में थाना कुम्हेर के पेंगौर गांव में चामड़ माता मंदिर पर जाट समाज ने महापंचायत बुलाई थी। इसमें करीब 50 हजार लोग जमा हुए थे। 

न्यायालय से बरी किए गए शख्स ने बताया कि दलित समुदाय के लोगों ने कुम्हेर के महाराज सिंह, सुरेंद्र सिंह पर हमला किया था। जब पुलिस ने दलित समाज के लोगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की तो जाट पंचायत ने बड़ा मोहल्ले पर हमला करने और बदला लेने का फैसला लिया। जाट इतिहासकार रामवीर वर्मा ने कहा कि मैंने कुम्हेर हत्याकांड पर एक किताब लिखी थी, जिसे सीबीआई को सौंप दिया गया था। कुछ जाटव गुंडों ने कई बार जाट लोगों पर हमला किया था और तब जाटों ने एक पंचायत करके पुलिस को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया था। पुलिस ने जब कार्रवाई नहीं की तब जाटों और जाटवों के बीच बवाल हुआ। पुलिस ने छापेमारी के दौरान बड़ा मोहल्ले से अवैध हथियार बरामद किये थे।

पढ़िए, देश के तीन राज्यों में चुनावों को लेकर चित्रकूट स्थित तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने की ये बड़ी भविष्यवाणी

 एक बार फिर से चित्रकूट स्थित तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण जगतगुरु रामभद्राचार्य ने भविष्यवाणी की है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य की भविष्यवाणी इस बार 3 प्रदेशों के लिए हुई है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के लिए उन्होंने कहा है कि इस बार बीजेपी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि जो हिन्दू धर्म के साथ है, उनके लिए मेरा आशीर्वाद है।

कहा कि जब तमिलनाडु के मंत्री उदय निधि सनातन धर्म के खिलाफ अनर्गल बातें कही थी, तब किसी पार्टी के नेता ने विरोध नहीं किया था। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा विरोध किया गया था। इसके अतिरिक्त रामभद्राचार्य महाराज ने विरोध जताया था। उन्होंने कहा जो हिन्दू धर्म के सिलसिले में अनर्गल बातें करते हैं, उनका अंत निश्चित है। आपको बता दें कि होने वाले आगामी विधानसभा चावन के लिए भविष्यवाणी जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कर दी है। इसके साथ उन्होंने चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ पर भी कहा कि बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र गहीरवार की जीत होगी। बता दें कि यह कोई जगतगुरु रामभद्राचार्य की पहली भविष्यवाणी नहीं है। 

उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भविष्यवाणी की थी। तत्पश्चात, वह राष्ट्रपति बने थे। जगद्गुरु ने 2020 विधानसभा चुनाव यूपी में योगी आदित्यनाथ के लिए भी भविष्यवाणी की थी कि दोबारा सीएम योगी आदित्यनाथ बनेंगे। हाल में चंद्रयान 3 के लिए भी भविष्यवाणी के साथ उन्होंने आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भी मोदी को तीसरी बार पीएम होने की भविष्यवाणी कर चुके हैं। गुरु रामभद्राचार्य ने चित्रकूट में तुलसी पीठ की स्‍थापना की थी। वह 2 महीने की आयु से ही दृष्टिहीन हैं। वह रामकथा वाचक के रूप में बहुत लोकप्रिय हैं। छोटी उम्र से ही दृष्टिहीन होने के पश्चात् भी रामभद्राचार्य 22 भाषाओं के जानकार हैं तथा अब तक 80 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं।

दो हजार के नोट बदलने की बढ़ी तारीख, अबतक 96% नोट जमा हो चुके, यहां जानिए, कब तक का बढ़ाया गया समय और क्या है पूरी प्रक्रिया

दो हजार रुपये के नोट बदलने की तारीख बढ़ा दी गई है। जारी सूचना के अनुसार, अब जितने भी लोग अभी तक 2 हजार के नोट जमा नहीं कर पाए है या बैंक से नहीं बदलवा पाए है इसे आगे भी बदल सकेंगे। बताया जा रहा है कि अब 7 अक्टूबर तक 2 हजार के नोट बदले जा सकेंगे या बैंक में जमा किए जा सकते है। बताया गया कि अबतक 96% नोट जमा हो चुके है। जानिए, कि इन नोटों को आप कैसे बदल सकते है।

29 सितंबर तक 3.42 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस

आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के आखिरी दिन जारी एक बयान में कहा कि जनता ने 19 मई से 29 सितंबर तक कुल 3.42 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस किए हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा कि अब तक बदले गए नोट इस मूल्य वर्ग में कुल प्रचलित मुद्रा का 96 प्रतिशत है। आरबीआई ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट सात अक्टूबर के बाद भी वैध मुद्रा बने रहेंगे, लेकिन इन्हें केवल आरबीआई कार्यालयों में ही बदला जा सकेगा।

दिल्ली में छिपे हुए हैं इस्लामिक स्टेट के आतंकी मोहम्मद शाहनवाज, रिज़वान अली और अब्दुल्ला फैयाज, सूचना देने वाले को 3 लाख इनाम !

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छिपे हुए संदिग्ध ISIS आतंकवादियों की तलाश में दिल्ली भर में छापेमारी की एक श्रृंखला शुरू की है। उनका पता लगाने के लिए NIA ने उन्हें पकड़ने में मदद करने वाली जानकारी देने वाले को तीन लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। वांछित आतंकवादियों में मोहम्मद शाहनवाज आलम, जिन्हें शफी उज्जमा या अब्दुल्ला के नाम से भी जाना जाता है, रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्ला फैयाज शेख का नाम शमिल हैं। ये ऑपरेशन NIA और पुणे पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे हैं और खालिस्तानी तत्वों पर नकेल कसने के एजेंसी के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में आते हैं।

NIA की कार्रवाई दिल्ली से आगे तक फैली हुई है, हाल ही में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-NCR, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में छापे मारे गए हैं। कुल 53 स्थानों को लक्षित किया गया है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न चरमपंथी समूहों से जुड़े व्यक्तियों के साथ-साथ गैंगस्टर नेटवर्क, हथियार आपूर्तिकर्ताओं, फाइनेंसरों और अवैध सामान व्यापार से जुड़े लोगों को निष्क्रिय करना है। 

खालिस्तान के खिलाफ NIA की ताबड़तोड़ कार्रवाई

NIA ने संदिग्ध खालिस्तानी तत्वों के ठिकानों से आग्नेयास्त्र, विस्फोटक, बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण और अवैध सामग्री सहित कई चीजें जब्त कीं। पांच केस दर्ज होने के बाद अगस्त 2022 में NIA के प्रयास शुरू हुए। तब से यह पता चला है कि भारत में इन समूहों का नेतृत्व करने वाले कई प्रमुख लोग विदेश भाग गए हैं और विदेशों से अपनी आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

खालिस्तानी आतंकवादी, पहले समर्थक विदेश भागे

NIA के मुताबिक, ये समूह पाकिस्तान, UAE, कनाडा, पुर्तगाल और अन्य देशों में ड्रग तस्करों और आतंकवादियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। इसके अलावा, ऐसे भी दावे हैं कि ये व्यक्ति हत्या और बदले की कार्रवाई सहित गंभीर अपराधों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के लिए भारतीय जेलों में कैद अपराधियों के साथ गठजोड़ कर रहे हैं।

NIA ने DMK वार्ड पार्षद के आवास पर मारा छापा

इसी तरह की एक घटना में, NIA ने कोयंबटूर में अक्टूबर 2022 के कार विस्फोट मामले के संबंध में तलाशी ली। DMK पार्षद मुबसेरा एम और DMK युवा विंग के सचिव तमीमुन अंसारी के आवास पर छापेमारी जारी है। दोनों से पूछताछ की गई और कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। संदिग्धों का संबंध कोयंबटूर अरबी कॉलेज से है, जहां पिछले अक्टूबर में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए थे। तलाशी के दौरान DMK पार्षद मुबासीरा एम के रिश्तेदारों की पुलिस से झड़प हो गई। कोट्टई संगमेश्वर मंदिर के सामने हुए कार विस्फोट में मुख्य संदिग्ध जेम्स मुबीन की मौत हो गई, जब सिलेंडर से भरे वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (VB-IED) में विस्फोट हो गया था।