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क्या मणिपुर हिंसा का है कनाडा कनेक्शन? कूकी नेता के पुराने भाषण ने बढ़ा दी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता

# manipur_violence_kuki_tribal_leader_speech_in_canada_khalistan_links 

कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों में बसे खालिस्तानी समर्थकों ने भारत सरकार का सिर दर्द बढ़ा दिया है। इस बीच भारत-कनाडा के बीच विवाद भी बढ़ गया है। इसी क्रम में अब मणिपुर हिंसा के खालिस्तानी कनेक्शन की खबर मिल रही है। दरअसल कनाडा में मणिपुर के कुकी-जो जनजाति के लोगों के एक समूह और खालिस्तानियों के बीच गठजोड़ की खबरें सामने आई हैं। दरअसल, कनाडा में मौजूद मणिपुर के कुकी-जो जनजाति समूह के एक नेता ने पूर्वोत्तर के राज्य में हो रही हिंसा पर एक भाषण दिया। अगस्त की शुरुआत में यह कार्यक्रम कनाडा के सरे के उसी गुरुद्वारे में आयोजित किया गया था, जिसके प्रमुख और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी

कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों और नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (एनएएमटीए) के एक सदस्य के बीच बैठक हुई है। एनएएमटीए के कनाडा चैप्टर के अध्यक्ष लियन गैंगटे को खालिस्तानियों के कंट्रोल वाले गुरुद्वारे में बोलने की अनुमति दी गई थी। लियन गैंगटे ने अपने भाषण में भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले की निंदा की और कनाडा से हर संभव मदद मांगी। लियन गैंगटे ने दावा किया कि 'चार मई को एक भीड़ ने मणिपुर स्थित उनके घर पर हमला किया और मेरे पिता को मारने की कोशिश की। वह 80 साल के हैं....भीड़ ने मेरे घर को लूट लिया और उसमें आग लगा दी। मेरे बड़े भाई और उनके परिवार ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। 

गैंगटे ने आरोप लगाया कि 'मणिपुर में तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 120 से ज्यादा हमारे लोग मारे गए हैं और 7000 घरों को लूटने के बाद आग लगा दी गई। सैंकड़ों चर्चों को जला दिया गया है और घाटी में 200 गांवों को तबाह कर दिया गया है।

इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था। हालांकि भारत और कनाडा के बीच विवाद बढ़ने के बाद उस वीडियो को डिलीट कर दिया गया है। गैंगटे ने ये भी आरोप लगाया कि प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है और मणिपुर पुलिस दंगाईयों को प्रोत्साहित कर रही है। घाटी से हमें (कुकी) भगा दिया गया है। गैंगते ने आरोप लगाया कि भारत में कोई भी अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है फिर चाहे वो मुस्लिम, सिख, ईसाई या कोई भी हो। गैंगते ने कनाडा सरकार से भी इस मामले में मदद की गुहार लगाई।

कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों और एनएएमटीए की इस मीटिंग के बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। एजेंसियां इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मणिपुर सरकार ने भी एनएएमटीए के सोशल मीडिया पोस्ट पर नजर रखना शुरू कर दिया है। मणिपुर के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने एनएएमटीए के वीडियो को देखा है। ये काफी चिंताजनक है, लेकिन हमें इस बात पर विश्वास है कि मणिपुर के हालातों को ध्यान में रखते हुए हमारी खुफिया एजेंसियां इस पर नजर रख रही हैं। हम फिलहाल सामान्य स्थिति और शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस वीडियो पर शुरू में ज्यादा ध्यान नहीं गया, मगर निज्जर के मामले से बढ़े विवाद की वजह से हिंसा और खालिस्तान कनेक्शन पर बात शुरू हो गई है।

अश्विन की जगह वाशिंगटन सुंदर होते तो..', पढ़िए, वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के सिलेक्शन पर क्या बोले दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह


टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज़ और मुश्किल समय में विकेट चटकाने वाले गेंदबाज़ रहे युवराज सिंह को लगता है कि भारत विश्व कप टीम में आर अश्विन की जगह अक्षर पटेल के रिप्लेसमेंट के तौर पर वाशिंगटन सुंदर को चुन सकता था। बता दें कि, अश्विन को 2023 में भारत की विश्व कप टीम के लिए चुना गया है। यह 50 ओवर के विश्व कप में उनकी तीसरी उपस्थिति है, इससे पहले वह 2011 के विजयी अभियान और 2015 टूर्नामेंट का हिस्सा रहे थे, जहां उन्होंने आठ मैचों में 13 विकेट लिए थे। उनका चयन घायल अक्षर पटेल के अंतिम समय में प्रतिस्थापन के रूप में हुआ, जिनकी क्वाड्रिसेप्स में चोट थी और टूर्नामेंट के लिए समय पर ठीक होने की उम्मीद नहीं थी। 

अश्विन को विश्व कप टीम में शामिल करने का संकेत तब दिया गया था, जब श्रृंखला के शुरूआती मैच में भारत की पांच विकेट से जीत के बाद उन्हें देर रात बल्लेबाजी का अभ्यास करते देखा गया था। पिछले साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से पहले अपना आखिरी वनडे खेलने के बावजूद, अश्विन के विशाल अनुभव और 115 वनडे मैचों में 155 विकेट के प्रभावशाली रिकॉर्ड को टीम के लिए अमूल्य माना गया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो वनडे मैचों में उनके प्रदर्शन ने, जहां उन्होंने चार विकेट लिए, टीम में उनकी स्थिति और मजबूत हो गई। अश्विन के साथ-साथ सुंदर भी ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए चुने जाने की दौड़ में थे। हालाँकि, अंत में अश्विन को ही मंजूरी मिली।

इस बारे में मीडिया से बात करते हुए युवराज को लगा कि अक्षर के रिप्लेसमेंट के तौर पर अश्विन की जगह सुंदर को चुना जा सकता था। पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी का मानना है कि यह युवा खिलाड़ी (सूंदर) सातवें नंबर पर आकर भारत को लाइनअप में एक और बाएं हाथ का बल्लेबाज दे सकता था। युवराज ने कहा कि, 'अक्षर के नहीं होने से हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि नंबर 7 पर कौन बल्लेबाजी करेगा। मैं सोच रहा था कि अगर वाशिंगटन सुंदर अक्षर की जगह खेलते तो भारत के पास एक और बाएं हाथ का बल्लेबाज होता। लेकिन दुर्भाग्यवश, उन्हें नहीं चुना गया और युजवेंद्र चहल को भी नहीं चुना गया। लेकिन अन्यथा, मुझे लगता है कि संयोजन ठीक है।'

उज्जैन की रेप पीड़ित बच्ची को गोद लेंगे महाकाल थाने के इंस्पेक्टर, बोले- 'उसकी चीखों ने मुझे झकझोर कर रख दिया'

मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुए बलात्कार कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 12 वर्षीय बच्ची से बलात्कार के आरोप में ऑटो चालक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। अपराधी अभी पुलिस की गिरफ्त में है। इस बीच मामले से जुड़ी एक संवेदनशील खबर सामने आई है। शहर के महाकाल थाने के TI अजय वर्मा ने पीड़ित बच्ची को गोद लेकर उसकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन करने की बात कही है।  

इंस्पेक्टर अजय वर्मा ने अपनी दरियादिली दिखाती हुए दुष्कर्म पीड़िता को गोद लेने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बच्ची के घरवालों की इच्छा होगी तब ही वह बच्ची को गोद लेंगे। TI ने कहा, पीड़ित बच्ची के कराहने की आवाज से मेरा मन द्रवित हो गया। मैंने उसी वक़्त संकल्प लिया कि इस बच्ची को संरक्षण प्रदान करूंगा। उस बच्ची को मैंने पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लिया है। गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया मुझे पता नहीं है। मगर उसके विवाह, स्वास्थ्य, शिक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। उसको पूरा करेंगे। उज्जैन SP सचिन शर्मा ने कहा कि महाकाल थाने में पदस्थ TI अजय वर्मा ने इच्छा जताई है कि यदि मासूम का परिवार और उसके दादाजी चाहेंगे तो वह खुद उसका लालन पालन करेंगे। बच्ची को अच्छी शिक्षा भी दिलाएंगे। हालांकि, इसके लिए बच्ची के परिवार तथा दादाजी की रजामंदी आवश्यक है।

इस दिल दहला देने वाली घटना के पश्चात और इंस्पेक्टर अजय वर्मा की मानवीयता से प्रभावित होकर अन्य लोग भी सहायता के लिए आगे आए हैं। इंस्पेक्टर अजय वर्मा की यह पहल समाज को एक नई सीख प्रदान करेगी। लगभग 12 वर्षीय बच्ची सोमवार को उज्जैन के महाकाल थाना क्षेत्र स्थित एक सड़क पर खून से लथपथ पाई गई थी। पुलिस ने कहा कि पीड़िता को एक हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी प्रारंभिक चिकित्सा जांच में बलात्कार किए जाने की पुष्टि हुई। बुधवार को पीड़िता का इंदौर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम ने ऑपरेशन किया तथा अब उसकी हालत गंभीर पर स्थिर बताई जा रही है।

एशियन गेम्स 2023: टेनिस में भारत को मिला गोल्ड, रोहन बोपन्ना और रुतुजा भोसले की जोड़ी ने जीता स्वर्ण

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चीन के हांगझोउ में जारी 19वें एशियाई खेलों में शनिवार का दिन भारत के लिए शानदार रहा। टेनिस में साकेत मिनेनी और रामानाथन रामकुमार के सिल्वर मेडल के बाद टेनिस में भारत के खाते में एक और गोल्ड आ गया है।

रोहन बोपन्नी और रुतुजा भोसले की जोड़ी ने मिक्स्ड डबल्स में कमाल किया। बोपन्ना और रुतुजा की जोड़ी ने फाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे की जोड़ी को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया।भारत की इस जोड़ी ने फाइनल में एन शुओ लियांग और सुंग हाओ हुआंग की जोड़ो की मात ये पदक अपने नाम किया। भारतीय जोड़ी ने ये मैच 2-6, 6-3, (10 – 4) से जीता। चीनी ताइपे की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को जमकर टक्कर दी और लेकिन टाई ब्रेकर में भारत ने जीत हासिल की। 

टेबल टेनिस में भारतीय टीम हारी

इससे पहले टेबल टेनिस में भारतीय पुरुष जोड़ी मानव ठक्कर और मानुष शाह को हार का सामना करना पड़ा है। कोरियाई जोड़ी ने भारत को 3-2 के अंतर से हराया।

शूटिंग में सरबजोत-दिव्या ने जीता रजत पदक

वहीं, भारत को आज के दिन का पहला मेडल शूटिंग में मिला है। सरबजोत और दिव्या की जोड़ी ने मिश्रित वर्ग में रजत पदक जीता है। फाइनल में भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन अंत में चीनी निशानेबाजों को मात नहीं दे सकी। चीन ने 16-14 के अंतर से मैच अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में शूटिंग में यह भारत के लिए आठवां रजत पदक है।

मेडल टैली में भारत का स्थान

अगर मेडल टैली की बात करें तो भारत अभी चौथे स्थान पर है। भारत के नाम अभी तक कुल 9 गोल्ड, 13 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज हो चुके हैं। जबकि टॉप पर काबिज है मेजबान चीन जिसने 106 गोल्ड, 65 सिल्वर और 33 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। जबकि जापान 28 और साउथ कोरिया 27 गोल्ड के साथ क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर है।

खालिस्तानियों की दादागिरी! स्कॉटलैंड में भारतीय अधिकारी को गुरुद्वारा जाने से रोका

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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। यूनाइटेड किंगडम में खालिस्तानी समर्थकों के दुस्साहस का एक मामला सामने आया है।यहां स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को गुरुद्वारे जाने से रोका गया है। ये करतूत खालिस्तानी समर्थकों की है। 

विक्रम दोरईस्वामी गुरुद्वारा कमेटी के बुलावे पर लंगर के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए, लेकिन जैसे ही उनकी कार गुरुद्वारे के मेन गेट पर पहुंची, 3-4 कट्टरपंथी सिखों ने उन्हें गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया और नारेबाजी करने लगे। हैरानी की बात यह है कि किसी ने भी इन सिख कट्टरपंथियों को रोकने की कोशिश नहीं की। भारतीय उच्चायुक्त गुरुद्वारे के निमंत्रण पर वहां पहुंचे थे।

भारतीय उच्चायुक्त को कार से उतरने नहीं दिया

इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि खालिस्तानी समर्थकों ने उच्चायुक्त को गाड़ी से उतरने ही नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि वह जब गुरुद्वारे के बाहर पहुंचे तो उनके पास कुछ लोगों ने आकर कहा कि उनका यहां स्वागत नही है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि सिख कट्टरपंथियों ने भारतीय उच्चायुक्त की कार के दरवाजे को भी खींचा। थोड़ी ही देर में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुराईस्वामी ने अपने ड्राइवर को वहां से निकलने का आदेश दिया और वह कार्यक्रम में शामिल हुए बिना गुरुद्वारे के गेट से ही वापस चले गए। 

ब्रिटेन में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

ब्रिटेन में यह कोई पहली घटना नहीं है जब खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारतीय समुदाय के लोगों के साथ अभद्रता की गई हो। ब्रिटेन में पहले भी खालिस्तानी समर्थक ऐसा बर्ताव कर चुके हैं। इसी साल मार्च को राजधानी लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग पर भी हमला किया गया था। यहां खालिस्तानियों ने भारत का झंडा उतार कर खालिस्तान का झंडा फहराने की कोशिश की थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ था जिसके बाद भारत सरकार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

निज्जर की हत्या के बाद से जारी है बवाल

बता दें कि कुछ महीने पहले कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कनाडा की सरकार ने इस मुद्दे को निज्जर की मौत के 3 महीने बाद उठाया और उसकी हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ होने की बात कही। भारत ने कनाडा के आरोपों को न सिर्फ कड़ाई से खारिज किया, बल्कि वीजा मंजूरी की सर्विस भी रोक दी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत पर लगाए गए इन गंभीर इल्जामों के लिए जबरदस्त आलोचना झेलनी पड़ रही है। वहीं, इस मुद्दे के उठने के बाद खालिस्तान समर्थकों की तरफ से भी तमाम तरह की घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है।

भारत ने शूटिंग में जीता सिल्वर मेडल, सरबजोत-दिव्या फाइनल में गोल्ड से चूके

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एशियन गेम्स 2023 में भारत को शूटिंग में एक और मेडल मिला. 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत के सरबजोत और दिव्या ने सिल्वर अपने नाम किया। भारतीय टीम से गोल्ड की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन फाइनल गंवाने के बाद उन्हें सिल्वर से ही संतोष होना पड़ा।

चीन ने मैच अपने नाम किया

10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में भारत के सरबजोत सिंह और दिव्या टीएस को हार का सामना करना पड़ा। शुरुआत में तो दिव्या ने शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय जोड़ी ने 14 प्वाइंट्स स्कोर किए , लेकिन बाद में चीन की जोड़ी आगे हो गई।चीन ने 16-14 के अंतर से मैच अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में शूटिंग में यह भारत के लिए आठवां रजत पदक है।

भारत की झोली में कुल 33 पदक

एशियाई खेलों का आज सातवां दिन है। छह दिन में भारत की झोली में कुल 33 पदक आ चुके हैं। प्रतियोगिता के पहले दिन भारत को पांच, दूसरे दिन छह, तीसरे दिन तीन, चौथे दिन आठ, पांचवें दिन तीन और छठे दिन आठ पदक मिले। सातवें दिन भारत को एथलेटिक्स और शूटिंग में पदक मिल सकते हैं। भारत ने शूटिंग में अब तक कुल 19 मेडल जीते हैं. इसमें 9 गोल्ड, 8 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

भारत के पास कितने पदक

स्वर्णः 8

रजतः 13

कांस्यः 13

कुलः 34

तीन फिदायीन हमलों से दहला पाकिस्‍तान, 50 से ज्यादा लोगों की मौत, धमाकों से ढही मस्जिद

#pakistan_56_killed_as_suicide_bomb_blast

पाकिस्तान शुक्रवार को दो जगहों पर हुए तीन फिदायीन हमलों से थर्रा उठा। पहला धमाका बलूचिस्तान में एक मस्जिद के बाहर किया गया, जिसमें डीएसपी समेत 52 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। धमाका उस वक्त किया गया जब मस्जिद के बाहर लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के लिए इकट्ठा हो रहे थे। पैगम्बर मोहम्मद का जन्मदिन ‘ईद ए मिलाद उन नबी' मनाने के लिए मस्जिद के बाहर एक रैली के वास्ते भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे और उसी दौरान यह विस्फोट हुआ।

बलूचिस्तान में अभी इस धमाके की गूंज शांत भी नहीं हुई थी कि खैबर पख्तूनख्वा के हंगू शहर में एक के बाद एक दो धमाके किए गए। पहला धमाका एक मस्जिद में किया गया जबकि दूसरा एक पुलिस स्टेशन में हुआ। इस हमले में अब तक 4 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। बताया जा रहा है कि धमाका इतना जोरदार था कि पूरी मस्जिद ही ढह गई। मस्जिद के मलबे में अभी भी 30 से 40 लोग दबे हुए हैं। अब तक 12 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

बलूचिस्‍तान के मस्तुंग जिले में मदीना मस्जिद के पास जोरदार ब्‍लास्‍ट हुआ। ब्‍लास्‍ट में हमलावरों ने मस्जिद के पास से गुजर रहे ईद मिलाद-उन-नबी जुलूस को निशाना बनाया है। पाकिस्‍तान के अखबार डॉन के मुताबिक ब्‍लास्‍ट में 52 लोगों की मौत हो गई है। लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ब्‍लास्‍ट काफी तगड़ा था और कहा जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। मस्तुंग के असिस्‍टेंट कमिश्‍नर अत्ताहुल मुनीम ने घायलों की संख्या की जानकारी दी। मुनीम ने पुष्टि की कि विस्फोट डीएसपी गिश्कोरी की कार में हुआ था, जो जुलूस के किनारे मौजूद थे। एसएचओ मोहम्‍मद जावेद लेहरी ने बताया है कि इस घटना में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई है। उन्‍होंने कहा कि यह एक आत्मघाती विस्फोट था। हमलावर ने डीएसपी गिश्कोरी की कार के बगल में खुद को उड़ा लिया।

वहीं, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शुक्रवार को एक साथ दो विस्फोट की खबर आई। पहला हमला पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार पर हुआ और दूसरा परिसर में मौजूद मस्जिद के अंदर हुआ है। आत्मघाती विस्फोट में लगभग चार लोग मारे गए और छह अन्य घायल हो गए। ट जुमा की नमाज के दौरान हुआ, विस्फोट के समय मस्जिद में 30 से 40 नमाजी मौजूद थे। विस्फोट के प्रभाव के कारण मस्जिद की छत ढह गई।

सेक्स के लिए सहमति की मौजूदा उम्र में नहीं होगा बदलाव, विधि आयोग ने बताया क्यों

#lawcommissionreportonreducingageof_consent

विधि आयोग ने सरकार को सलाह दी है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत यौन संबंधों के लिए सहमति की मौजूदा उम्र में बदलाव नहीं किया जाए।आयोग ने सुझाव दिया है कि यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। इससे बाल विवाह और बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई पर नेगेटिव (नकारात्मक) असर पड़ेगा।साथ ही विधि आयोग ने 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों की मौन स्वीकृति से संबंधित पॉक्सो मामलों में सजा के विषय में निर्देशित न्यायिक विवेक लागू करने का सुझाव दिया। बता दें कि देश में यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र अभी 18 वर्ष है।

सहमति की उम्र घटाने का होगा नकारात्मक असर

विधि आयोग ने पॉक्सो कानून के तहत यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र पर अपनी रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंपी है, जिसमें इसने सुझाव दिया है कि 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों की ओर से मौन स्वीकृति से जुड़े मामलों में स्थिति को सुधारने के लिए संशोधनों की आवश्यकता है।आयोग ने कहा कि सहमति की उम्र घटाने का सीधा और नकारात्मक असर बाल विवाह एवं बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई पर पड़ेगा। आयोग ने अदालतों को उन मामलों में सतर्कता बरतने की सलाह दी, जहां यह पाया जाए कि किशोरावस्था के प्रेम को नियंत्रित नहीं किया जा सकता और इसका आपराधिक इरादा नहीं रहा होगा।

चरणबद्ध तरीके से ई-एफआईआर की सिफारिश

विधि आयोग ने चरणबद्ध तरीके से ई-एफआईआर का पंजीकरण शुरू करने की सिफारिश की है। आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि इसकी शुरुआत तीन साल तक की जेल की सजा वाले अपराधों से की जा सकती है। इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार को सौंपी गई और शुक्रवार को सार्वजनिक की गई एक रिपोर्ट में, विधि आयोग ने ई-एफआईआर के पंजीकरण की सुविधा के लिए एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय पोर्टल बनाने का भी प्रस्ताव दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-एफआईआर से प्राथमिकी के पंजीकरण में देरी की लंबे समय से चली आ रही समस्या से निपटा जा सकेगा और नागरिक वास्तविक समय में अपराध की सूचना दे सकेंगे।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम बना कानून, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी

#womensreservationbillbecame_law

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ अब यह कानून बन गया है। हाल ही में खत्म हुए संसद के विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से इस बिल को संसद की पटल पर रखा गया था। बिल पर चर्चा के बाद दोनों सदनों की मंजूरी भी मिल गई थी जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया था। बिल में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है।

18 से 21 सितंबर तक चले संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। इस पर दोनों सदनों में लंबी चर्चा चली। राज्यसभा में करीब 10 घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया गया। विधेयक के पक्ष में 214 सदस्यों ने मतदान किया जबकि इसके विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा।इससे पहले महिला आरक्षण बिल को 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया था। सदन में दो दिन इस पर चर्चा चली। ज्यादातर दलों ने इस बिल का समर्थन किया। 20 सितंबर को लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 454 मत पड़े और और दो वोट विरोध में पड़े। विरोध में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वोट डाला और उनकी पार्टी के ही एक और सांसद ने विरोध में वोट दिया था। आखिर लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से विधेयक पारित हुआ।

15 साल के लिए महिलाओं को मिलेगा आरक्षण

इस कानून के तहत फिलहाल 15 साल के लिए महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा।कानून एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए पेश पेश करते हुए कहा था कि यह विधेयक महिला सशक्तिकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) से बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह विधेयक पारित होगा तो फिर परिसीमन का काम निर्वाचन आयोग करेगा।

कब तक लागू होगा महिला आरक्षण का कानून?

कई विपक्षी दलों ने बिल का समर्थन तो किया है लेकिन इसे लागू करने के लिए निर्धारित किए गए प्रावधानों को लेकर सरकार की आलोचना की है। दरअसल, बिल के प्रावधान कहते हैं कि है कि इसे जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया जाएगा। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जनगणना होगी और उसके बाद परिसीमन होगा। जानकारों की मानें तो यह 2029 के लोकसभा चुनाव के आसपास अमल में आ सकेगा, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है, साथ ही यह भी कहा है कि इसमें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल करना चाहिए।

गांधी जयंती से पहले पीएम मोदी की देशवासियों से अपील, कहा- ‘स्वच्छ भारत हम सबकी जिम्मेदारी, मिलकर करने होंगे प्रयास’

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दुनिया भर में शांति, अहिंसा और नैतिक चरित्र की शुद्धता का नजरिया देने वाले महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर करीब आ गई है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चर्चित स्वच्छ भारत मिशन की भागीदारी के लिए एक दिन पहले 1 अक्टूबर से ही देशव्यापी अभियान की अपील की है।पीएम मोदी ने शुक्रवार को लोगों से एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान में शामिल होने की अपील की है। साथ ही पीएम मोदी ने एक पोस्‍ट कर का है कि स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे, हमें एक महत्वपूर्ण स्वच्छता पहल के लिए एक साथ आना है। स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है। एक स्वच्छ भविष्य की शुरुआत करने के लिए इस महान प्रयास में शामिल हों।

मन की बात से भी अपील

इससे पहले भी पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' के 105वें एपिसोड में कहा था कि एक अक्टूबर यानी रविवार की सुबह स्वच्छता पर एक बड़े कार्यक्रम (एक तारीख, एक घंटा, एक साथ, स्वच्छता के लिए श्रमदान) का आयोजन किया जाएगा। सभी देशवासी इस कार्यक्रम से समय निकालकर जुड़ें और इस अभियान में मदद करें। आप अपनी गली, पड़ोस या किसी पार्क, नदी, झील या किसी भी सार्वजनिक स्थल पर स्वच्छता मिशन में शामिल हो सकते हैं। गांधी जयंती के उपलक्ष्य में यह विशाल स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।

2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था मिशन

बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश को खुले में शौच से मुक्त बनाना और सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्रदान करना था। इससे पहले 2021 की शुरुआत में, प्रधानमंत्री मोदी ने सभी भारतीय शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘जल सुरक्षित’ बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 लॉन्च किया। स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-यू) 2.0 को 1 अक्टूबर, 2021 को पांच साल के लिए 100 प्रतिशत स्रोत पृथक्करण, घर-घर संग्रह और वैज्ञानिक प्रबंधन के माध्यम से सभी शहरों के लिए कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने की दृष्टि से लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य सभी हिस्टोरिकल डंपसाइटों का निवारण करना और उन्हें ग्रीन बेल्ट में परिवर्तित करना भी है। देशभर के लोगों से स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।