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पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के रिश्ते मे भतीजा लगने वाले युवक की हत्या, गया जिले मे मिली लाश

औरंगाबाद : बिहार में लगातार बढ़ते अपराध के जद में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सत्येंद्र नारायण सिंहा और नागालैंड-केरल के पूर्व राज्यपाल व कांग्रेस के वरीय नेता निखिल कुमार का पैतृक गांव औरंगाबाद का पोईंवां भी आ गया है। 

गोतियां परिवार में रिश्तें में पूर्व मुख्यमंत्री के पौत्र और पूर्व राज्यपाल के भतीजा लगने वाले युवक की हत्या हो गयी है। 

आज शुक्रवार को युवक की लाश पोईंवां गांव से 45 किमी. दूर गया जिले के आमस थाना क्षेत्र में एनएच-16 जीटी रोड से उतर सड़क किनारे से बरामद की गई है। मृतक गौतम कुमार सिंह(42) औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना के पोइवा गांव निवासी उपेंद्र सिंह का पुत्र था।  

बताया जाता है कि गौतम बुधवार को औरंगाबाद शहर से अपने गांव पोईंवां जाने के लिए बाइक से निकला था। शाम तक गांव नहीं पहुंचने और मोबाइल बंद रहने पर परिजनों ने अनहोनी की आशंका होने पर खोजबीन शुरू की। 

परिवार और रिश्तेदारों में में पता करने के बावजूद कुछ भी पता नहीं चल पाया। इसके बाद परिजनों ने गुरुवार को औरंगाबाद मुफ्फस्सिल थाना में गौतम के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। 

गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के अगले दिन आज शुक्रवार को परिजनों को पता चला कि गया जिले में आमस प्रखंड मुख्यालय के पास एनएच-16 के किनारे उत्तर में सड़क के चाट में एक युवक की लाश पड़ी है। शव देखने वालों ने आशंका जताई कि युवक की हत्या गला दबाकर और सिर पर घातक प्रहार कर की गई है। 

सूचना मिलने पर परिवार के सदस्यों ने मौके पर पहुंच कर डेडबॉडी की पहचान की। परिजनों द्वारा पहचान किए जाने के बाद गया जिले की आमस पुलिस ने डेडबॉडी को कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। 

मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आमस थाना की पुलिस हत्यारों का पता लगाने और उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने में लगी है। हत्या के कारणों का अभी पता नही चल सका है। 

इधर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। परिजनों का रो रोकर कहना हैं कि इतने सीधे सादे युवक की किसी से क्या दुश्मनी थी। किसने और क्यो उसकी हत्या कर दी। 

गौतम अपने माता-पिता का इकलौता संतान था। वह अपने बच्चें को पढ़ाने के लिए औरंगाबाद शहर के बिजौली रोड में किराये पर अपनी पत्नी सोनाली सिंह और दो बच्चों (बेटी 7 वर्ष, बेटा 4 वर्ष) के साथ रहता था जबकि माता-पिता गांव पर ही रहते थे। हादसे के पहले गौतम के माता पिता किसी काम से झारखंड के फुसरो गये हुए थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद जिले मे आज मर्डर से हुई सुबह की शुरुआत, अपराधियों ने 33 वर्षीय युवक की गोली मारकर की हत्या

औरंगाबाद : जिले में आज सुबह की शुरुआत हत्या के साथ शुरु हुई। जिले के दाउदनगर-बारुण रोड पर पासवान चौक के पास बाइक सावर अपराधियों ने एक 33 वर्षीय किसान की अहले सुबह अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूर्यनाथ पासवान दाउदनगर शहर के वार्ड संख्या एक अमृत बिगहा के निवासी हैं। 

बताया जाता है कि किसान सूर्यनाथ पासवान शुक्रवार की अहले सुबह अपने घर से मॉर्निंग वॉक करते हुए खेत पर फसल देखने जाने के लिए निकले थे। अहले सुबह लगभग पांच बजे पासवान चौक के पास एक बाइक पर सवार तीन की संख्या में अपराधियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी करना शुरू कर दिया। वह बचने के लिए अमृत बिगहा की ओर भागने लगे। लेकिन अपराधियों ने खदेड़कर सर में गोली मार दिया और घटना स्थल पर उनकी मौत हो गई। उनके पेट ,सर और उंगली में गहरा जख्म है। घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार अपराधी बाइक को वापस घुमाकर की बारुण रोड ओर भाग निकले।  

घटना की सूचना मिलने के बाद दाउदनगर थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार ने घटनास्थल पर पहुंच कर पूरी घटना के छानबीन में जुट गए। अपर थानाध्यक्ष सुनील कुमार, सब इंस्पेक्टर ललन प्रसाद यादव दल-बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए।घटनास्थल से गोली का एक खोखा और एक पिस्टल को जब्त किया गया है।

संवाद भेजे जाने तक मृतक के शव को घटनास्थल पर ही रखा गया था।मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय नागरिकों द्वारा सड़क को जाम कर दिया गया।।

एसडीपीओ कुमार ऋषि राज ने बताया कि अपराधी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने एवं परिजनों का फर्द बयान की प्रतीक्षा की जा रही है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

कलयुगी मां ने अपने नवजात बच्चे को कूड़े के ढेर में फेंका,नवजात की हुई मौत

पूत कपूत सुने हैं लेकिन माता नही कुमाता गाई जाने वाली पंक्ति को आज एक मां ने गलत साबित कर दिया है और मानवता को शर्मसार कर एक कलयुगी मां ने अपने नवजात बच्चे को कूड़े के ढेर में फेंक कर मरने के लिए छोड़ कर चली गई। हो सकता है उस मां को कुछ मजबूरी भी रही हो। सुनने में अक्सर यह आता है कि इस कलयुग में कई बच्चे माता-पिता को बोझ समझकर वृद्धाश्रम में छोड़कर चले आते हैं।

 लेकिन माता-पिता के दिल में बच्चों के प्रति प्रेम कभी नहीं मिटता। ऐसा ही एक मामला औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड की है जहां एक निर्दयी मां ने अपने नवजात बच्चे को मध्य विद्यालय के पीछे कूड़े के ढेर में फेंक दिया। जिससे नवजात की मौत हो गई।

 

जानकारी के अनुसार आते जाते लोगो की नजर उस नवजात के शव पर पड़ी और देखा कि उस शव को कुत्तों का झुंड नोच रहा है। 

जिसके बाद राहगीरो ने सारे कुत्तों को वहां से भगाया। तबतक नवजात के शव को कुत्तों ने बुरी तरह नोच लिया था। जिससे यह पहचान पाना मुश्किल हो गया कि यह लड़का का शव है या लड़की की।

 

ग्रामीणों ने यह भी आशंका जताई कि गांव समाज के लोकलाज की डर से किसी कलयुगी मां ने गर्भपात करा कर नवजात बच्चे को कूड़े के ढेर में फेक चली गई और कुत्तों ने नोचने से उस नवजात की मौत हों गई।

 

 

 ग्रामीणों ने कूड़े में फेंके नवजात का शव होने की सूचना गोह थाने की पुलिस को दी। सूचना पाकर गोह थानाध्यक्ष कमलेश पासवान अपने पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, औरंगाबाद भेज दिया। 

जबकि बच्चें की पहचान अब तक नही हुई है।साथ ही पुलिस कलयुगी मां की तलाश में जुटी हुई है।

स्कूल में बच्चो के सामने ही शिक्षक ने प्रभारी प्रधानाध्यापक की कर दी पिटाई, सोशल मीडिया पर विडियो हुआ वायरल

औरंगाबाद : बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने हेतु के के पाठक लाख प्रयास क्यों न कर लें लेकिन कुछ शिक्षकों ने न सुधरने की कसम ही खा ली है, जिनके कारनामो से आज शिक्षा विभाग शर्मशार हो रही है। 

इन दिनों जिले के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो बडी तेजी से वारयल हो रहा है। जिसमें शिक्षकों ने अपनी गरिमा को तार तार कर बच्चों के सामने ही गुत्थम गुत्थी करने लगे। शिक्षकों के भिडंत को देखकर बच्चे भी अपने अपने बेंच को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर खड़े हो गए ताकि वे उनके द्वारा किए जा रहे गुथम गुथी का शिकार न हो जाए। जब विडियो की तहकीकात की गई तो पता चला की यह गुत्थम गुत्थी का विडियो नबीनगर प्रखंड के बारा तेतरिया स्कूल का है।

वायरल विडियो में दो शिक्षक के साथ और शिक्षक दिखाई दे रहे हैं जिसमें एक की पहचान उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा तेतरिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक सतीश मिश्रा तथा दूसरे शिक्षक की पहचान उसी विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह के रूप में किया गया है। हालांकि इस संदर्भ में सतीश कुमार मिश्रा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर धर्मेंद्र कुमार सिंह पर अनुशासनहीनता बरतने से संबंधित शिकायत दर्ज कराते हुए कारवाई की मांग की है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखे गये आवेदन में प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह के द्वारा विद्यालय का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक माहौल बिगाड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा के संचालन के दौरान धर्मेन्द्र कुमार सिंह के द्वारा एक छात्रा का प्रश्न पत्र तथा मूल्यांकन पत्र छीन लिया गया। जिसकी शिकायत छात्र ने अपने प्रधानाध्यापक से किया। 

उन्होंने बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक होने के नाते हमने अपने शिक्षक को मूल्यांकन पत्र लौटने का आग्रह किया लेकिन वह नही लौटाये और उल्टे गाली गलौज करने लगा कॉलर पकड़ कर मारपीट और हाथापाई करने लगे। 

प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि श्री कुमार स्थानीय हैं, इसलिए अक्सर इस तरह का आचरण करते रहते हैं। उक्त घटना वर्ग कक्ष में ही बच्चों के सामने घटित हुई है । इसके अलावे प्रभारी प्रधानाध्यापक ने श्री कुमार पर विद्यालय में निर्धारित समय सारणी का अनुपालन नही करने तथा कई तरह के शर्मसार कर देने वाला आरोप लगाया है, 

उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह भी जानकारी दी है कि पूर्व में इनके द्वारा एक महिला शिक्षिका से नक्सली के नाम पर लेवी भी ली गई थी और शिक्षिका की शिकायत पर आरोप सही पाए जाने पर जेल की हवा भी खानी पड़ी थी।घटना के संबंध में जानकारी देने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे जिसके कारण वहां मौजूद डीपीओ दयाशंकर सिंह से इस बिंदु पर जब बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

डीपीओ ने कहा कि इसके अलावा कुछ भी पूछ लीजिए, लेकिन ऐसे मामलो में बोलने के दौरान कुछ और बातें बाहर निकल गई तो नौकरी जाने की नौबत आ जाएगी। लेकिन लगातार टेलीफिनिक प्रयास के बाद जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से जब बात किया गया तो उन्होंने इस मामले में जांचों उपरांत करवाई करने की बात कही है

जानकारी होते ही थानाध्यक्ष जयशंकर प्रसाद घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद अस्पताल पहुंचकर जख्मी युवक से पूछताछ की। उन्होने बताया कि घटना की विशेष जानकारी ली जा रही है। बदमाशों को बख्शा नही जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

विश्व पयर्टन दिवस के अवसर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जागरुकता शिविर का किया गया आयोजन

औरंगाबाद - आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के बैनर तले विश्व पयर्टन दिवस के अवसर पर अति प्राचीन तीर्थ स्थल देव सुर्य मंदिर के बाहर जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। 

इस जागरुकता शिवर का थीम " पर्यटन और हरित निवेश" था, जिसकी अध्यक्षता पैनल अधिवक्ता राघवेन्द्र तिवारी और संचालन पारा विधिक स्वयं सेवक विभांशु मिश्र रोशन ने किया। 

पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि उपस्थिति जनसमूह को पर्यटन आधारित निवेश और पर्यटन का वैश्विक महत्व से अवगत कराया गया है। देवधाम को पर्यटन के रूप मंक विश्व स्तर पर पहचान है, इसे और प्रचलित करने की बात कही गई। 

बताया गया है कि देव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निवेश की भरपूर सम्भावना है, पर्यटको को हर तरह से विधिक और धार्मिक मदद करनी चाहिए, इससे धाम और देश का मान सम्मान वृद्धि होती है और निवेशकों की कमी नहीं रहती। उपस्थित लोगों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद और विधिक जागरूकता के बारे में विस्तार से बताया गया। 

इस अवसर पर देव सुर्य मंदिर न्यास समिति के सचिव विश्वजीत राय ,सुधीर कुमार सिंह, विकास कुमार पाठक, शिवम् पांडे, आनंद मिश्रा,मनीष, रवि सहित अन्य उपस्थित थे। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

मिड डे मिल बंद रहने का ग्रामीणों ने किया भारी विरोध, देव के दधपा मिडिल स्कूल में ग्रामीणों ने की तालाबंदी

औरंगाबाद()। औरंगाबाद के देव प्रखंड के दधपा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहने के विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। इसके पूर्व ग्रामीणों ने पहले सभी शिक्षकों को स्कूल से बाहर रहने की सलाह दी।

इस दौरान ग्रामीणों का आक्रोश देखकर सभी शिक्षक विद्यालय से बाहर खड़े रहे।

तीन किमी. पैदल चलकर स्कूल आते है बच्चें लेकिन मिड डे मिल बंद-मौके पर मौजूद ग्रामीण पवन सिंह, शंभू तिवारी, बबलू सिंह, अंकित सिंह, विकास सिंह, मदन सिंह और अखिलेश भारती ने बताया कि स्कूल में आसपास के गांवों दधपा, बसडीहा, माले नगर, भुइया बिगहा, दधपा बिगहा समेत अन्य गांवों के बच्चे पढ़ते है, जो करीब दो से तीन किलोमीटर पैदल चलकर आते है लेकिन विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है।

खासकर वैसे बच्चें जो समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे है, उन्हे ज्यादा ही परेशानी होती है। उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नही मिल पाता है। प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक शिकायत के बावजूद एमडीएम चालू नही होने पर की तालाबंदी- ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय में महयाह्न भोजन बंद रहने की शिकायत उन्होने प्रखंड से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारियों तक से की।शिकायत पर कार्रवाई हुई तो मत्र दो दिन ही बच्चों को मिड डे मिल मिला। बाद में फिर से मध्याह्न भोजन बंद कर दिया गया। इसे लेकर अभिभावक आक्रोशित हो उठे और उन्होने स्कूल में तालाबंदी कर दी।

स्कूल के हेडमास्टर ने खड़े किए हाथ, कहा जब मेरा वेतन बंद तो कैसे चालू करूं एमडीए- इस बारे में पूछे जाने पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक नवनीत कुमार सिंह ने बताया कि उनके पूर्व की प्रभारी प्रधानाध्यापक अलका कुमारी के मातृत्व अवकाश पर चले जाने के कारण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश निकालकर दो दिनों के अंदर उन्हे संपूर्ण प्रभार लेकर स्कूल में पठन पाठन और मध्याह्न भोजन आदि सुचारू रूप में चलाने को कहा। इस आदेश के आलोक में 9 सितंबर तक मुझे कोई भी प्रभार नही दिया गया।जब इसकी सूचना मैने बीआरसी को दी। इसके बाद सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने विद्यालय की जांच की और 11 सितंबर को मुझे आरोपित करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया कि आपके द्वारा मध्याह्न भोजन बंद किया गया है।

इस कारण आपका वेतन बंद किया जाता है। कहा कि जब मुझे किसी तरह का प्रभार ही नही दिया गया तो मैं कैसे दोषी हूं। कहा कि 12 सितंबर को मैंने स्पष्टीकरण का जवाब दिया। इसके बाद भी विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहा। ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत पटना तक की, तब कार्रवाई की बात होने लगी। इसके बाद डीपीओ सह देव के प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने मध्याह्न भोजन के बीआरपी अरविंद कुमार चौबे तथा लेखापाल अमित कुमार को भेजकर 16 सितंबर को विद्यालय का प्रभार हस्तगत कराया। इसके बाद 17, 18 व 19 सितंबर को विद्यालय में अवकाश था।कहा कि प्रभार देते समय यह बात तय हुआ था कि आप विद्यालय में मध्याह्न भोजन का संचालन कीजिए और आपके बंद वेतन को चालू करने का आदेश निर्गत कर दिया जाएगा। हमने 20 सितंबर से मध्याह्न भोजन शुरू कर दिया। इसके बावजूद मेरे बंद वेतन को चालू कर देने का आदेश नही जारी किया।इसकी सूचना मैंने वरीय अधिकारियों को 23 सितंबर को दी। कहा कि जब मेरा वेतन बंद है तो मैं किस परिस्थिति में मध्याह्न भोजन चालू रखूं। इसी को लेकर दो दिन से मध्याह्न भोजन बंद है। इसे लेकर ही आज ग्रामीणों ने विद्यालय में ताला लगा दिया। इस कारण हम सभी शिक्षक विद्यालय के बाहर है।

डीपीओ सह प्रभारी बीईओ ने कहा, बीईओ की गलती से एमडीएम बंद-इस बारे में जब डीपीओ सह प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहकर फोन काट दिया कि इसमें प्रधानाध्यापक की गलती है।इसके बाद बार बार फोन किया गया मगर उन्होंने कॉल उठाना मुनासिब नहीं समझा। 

तीन घंटें बाधित रही बच्चों की परीक्षा -विद्यालय में वर्ग 1 से 5 तक के बच्चों की परीक्षा थी जो आज लगभग 3 घंटे तक बाधित रही जबकि विद्यालय में कुल 267 बच्चें नामांकित है।

मामले की जानकारी जब जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह को मिली तो उन्होने मामले को गंभीरता से लिया। प्रभारी प्रधानाध्यापक से पूरे मामले की जानकारी ली। कहा कि दो दिनों के अंदर वें खुद आकर पूरे मामले की जांच करेंगे।

डीईओ ने फोन पर की ग्रामीणों से बात, हेडमास्टर को भी दिया एमडीएम चालू करने पर वेतन चालू करने का भरोसा, तब गामीणों ने खोला ताला, फिर शुरु हुआ एमडीएम

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने फोन पर ही ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों से विद्यालय का ताला खोलकर पठन पाठन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया। डीईओ के आश्वासन के बाद ग्रामीण संतुष्ट हुए। उनके द्वारा विद्यालय का ताला खोल दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षक नवनीत कुमार को आदेश दिया कि मध्याह्न भोजन को सुचारू रूप से चलाए, वेतन बंद करने के आदेश को स्थगित करते हुए आपका वेतन भी चालू करने का आदेश जल्द ही कार्यालय से प्राप्त होगा।ग्रामीणों द्वारा ताला खोले जाने के बाद विद्यालय में शिक्षकों ने प्रवेश किया और विद्यालय को पढ़ाई शुरू कर बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन को चालू कराया।

आकांक्षी प्रखंड कुटुंबा तथा नबीनागर में मनाया गया विश्व गर्भनिरोधक दिवस

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औरंगाबाद: पिरामल संस्था जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से औरंगाबाद के कुटुंबा तथा नबीनगर प्रखंड में विश्व गर्भनिरोधक दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें दोनों प्रखंडों की ए एन एम, आशा तथा सभी स्वास्थ कर्मी को परिवार नियोजन के विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी गई साथ ही समुदाय में रैली का भी आयोजन किया गया। 

इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड में परिवार नियोजन परामर्श केंद्र बनाया गया जिसमें परिवार नियोजन सलाहकार श्री देवमूर्त और सुधा कुमारी ने नई योग्य दंपतियों और उपस्थित महिलाओं पुरुषों को परिवार नियोजन के अस्थायी तथा स्थाई साधनों के प्रयोग तथा उससे होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया और लोंगो को जागरूक किया गया।

इस कार्यक्रम में प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबन्धक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड बाल विकास परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका तथ विश्व स्वास्थ्य संगठन फील्ड मॉनिटर के साथ अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम में लगभग 75 से ज्यादा ANM, 80 आशा कार्यकर्ता तथा 50 अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति रही।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद जिलाधिकारी सुहर्ष भगत का तबादला, विवादों से भरा रहा इनका कार्यकाल

औरंगाबाद: जिल के डीएम रहे सुहर्ष भगत का तबादला कर दिया गया है।श्री भगत को राज स्वास्थ्य समिति पटना का अपर कार्यपालक निदेशक बनाया गया है।

वहीं किशनगंज के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री को औरंगाबाद का डीएम बनाया गया है।

गौरतलब है कि श्री भगत अपने पदस्थापन कल से ही विवादों में रहे हैं और उनकी कार्यशैली को लेकर तनाव में आकर एक अधिकारी ने पेरासिटामोल की नौ गोलियां तक खा ली थी। इतना ही नहीं उनके व्यवहार से अन्य अधिकारी भी परेशान रहा करते थे। स्थिति यह हो गई थी की सहायक समाहर्ता रहे शुभम कुमार को भी इनसे मुलाकात करने के लिए बाहर प्रतीक्षा करना पड़ता था।

कमोबेश यही स्थिति अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी, समाहरणालयकर्मी से लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के भी साथ थी और इनके इस व्यवहार की शिकायत भी राज्य सरकार से जन प्रतिनिधियों द्वारा की गई थी।

पत्रकार से भी विवाद का नाता रहा है पूर्व जिला अधिकारी का

श्री भगत उस वक्त और अधिक चर्चा में आ गए जब जिले के पत्रकार के द्वारा उनका हॉट टॉक हुआ था और पत्रकार ने भी उनकी अफसरी झाड़ दी थी और उनकी एक न चलने दी। क्योंकि पदस्थापन काल से ही कुछ पत्रकारों को छोड़कर अधिकतर पत्रकारों के साथ उनका 36 का आंकड़ा चल रहा था।

गौरतलब है कि नव पदस्थापित जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री किशनगंज के जिलाधिकारी हैं और स्थानांतरण के बाद औरंगाबाद का कमान संभालेंगे।

श्री शास्त्री किशनगंज के जिलाधिकारी से पूर्व बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के परियोजना निदेशक थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

नीतीश सरकार ने औरंगाबाद सहित बिहार के 9 जिलों के DM बदले, देखें पूरी सूची.....

औरंगाबाद – प्रदेश की नीतीश सरकार ने नौ आईएएस अफसरों का ट्रांसफऱ किया है. कई जिलों में नए डीएम की पोस्टिंग की गई है. सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जमुई के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह को स्थानांतरित कर मुंगेर का डीएम बनाया गया है.

प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार को शिवहर का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है. वर्तमान डीएम 30 सितंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं. उसके बाद पंकज कुमार वहां के डीएम बनेंगे. मुख्यमंत्री सचिवालय में संयुक्त सचिव राकेश कुमार को जमुई डीएम के तौर पर पदस्थापित किया गया है. मध्याहन भोजन निदेशक मिथिलेश मिश्रा को प्राथमिक शिक्षा निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

मुंगेर के डीएम नवीन कुमार को रोहतास जिलाधिकारी के पद पर पदस्थापित किया गया है. किशनगंज के डीएम श्रीकांत शास्त्री को स्थानांतरित कर औरंगाबाद का डीएम बनाया गया है. रोहतास के डीएम धर्मेंद्र कुमार को नगर विकास विभाग में अपर सचिव बनाया गया है.

औरंगाबाद के डीएम सुहर्ष भगत को अपर कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति के पद पर पदस्थापित किया गया है .वित्त विभाग में संयुक्त सचिव तुषार सिंगला को किशनगंज का डीएम बनाया गया है.

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

सवाल पूछने पर भड़का टीचर बन बैठा हैवान, छात्र को बेरहमी से पीटा

औरंगाबाद : जिले के सदर प्रखंड के बेला गांव में एक निजी कोचिंग में चैप्टर की समझ नही आने पर स्टूडेंट को टीचर से सवाल पूछ्ना महंगा पड़ गया। टीचर ने स्टूडेंट से उल्टा सवाल दाग दिया, जिसका जवाब नही देने टीचर हैवान बन बैठा। उसने स्टूडेंट की बेरहमी से पिटाई कर दी। स्टूडेंट के पीठ पर छड़ी से बेरहमी से पिटाई के लाल निशान साफ दिखाई दे रहा है। स्टूडेंट का औरंगाबाद सदर अस्पताल में इलाज कराया गया है।

पीड़ित छात्र पुरुषोत्तम कुमार(12) विशंभर बिगहा निवासी मनोज कुमार यादव का पुत्र हैं। पिता ने बताया कि वह ऑटो चालक हैं। ऑटो चलाकर अपने बाल बच्चों की परवरिश करते हैं। शाम में उन्हे सूचना मिली कि मेरे बेटे पुरुषोत्तम को उसके कोचिंग के शिक्षक अभिनंदन सर ने काफी पिटाई की है और वह बेहोश है। जानकारी मिलते ही वह दौड़ते भागते भागते जब घर पहुंचा। वहां देखा कि मेरा बेटा बेहोश है और उसके पूरे पीठ पर पिटाई के लाल लाल गहरे निशान है।किसी तरह उसे होश में लाकर वह औरंगाबाद मुफस्सिल थाना पहुंचा।

उन्होने पुलिस को टीचर द्वारा की गई हैवानियत की जानकारी दी। बच्चे की हालत देखकर थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने सबसे पहले बच्चे का इलाज कराने की सलाह दी। उनके सलाह पर बच्चें को औरंगाबाद सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में लाकर इलाज कराया। इलाज के बाद बच्चें को घर लाया लेकिन पिटाई से पीठ पर उभरे गहरे जख्म के कारण उनका पुत्र दर्द से कराह रहा है।

पिता ने बताया कि शिक्षक अभिनंदन बेला गांव के ही निवासी हैं। वह प्रतिदिन शाम 4 बजे से कोचिंग चलाते हैं।वही पीड़ित स्टूडेंट पुरुषोत्तम ने बताया कि सर जो पढ़ा रहे थे वह उसे समझ में नहीं आ रहा था। इसे लेकर ही उसने सर ने उससे कुछ प्रश्न पूछ दिया, जिसका वह जवाब नही दे पाया। इसी गुस्से में सर ने तांबे के तार से बेरहमी से पिटाई कर दी।उसके रोने की आवाज सुनकर मां ने आकर बचाया।

मामले में औरंगाबाद मुफ्फसिल थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि टीचर द्वारा बच्चे की पिटाई किये जाने की शिकायत संबंधी आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की जांच की जिम्मेवारी एसआई प्रणव कुमार को दी गई है। जांच के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र