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*कांग्रेसियों ने बैठक कर पंजाब में किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की गिरफ्तारी का किया पुरजोर विरोध*

गोरखपुर। जिला कांग्रेस कमेटी की एक आवश्यक बैठक जिला अध्यक्ष श्रीमती निर्मला पासवान की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय घोष कंपनी पर आयोजित हुई।

बैठक में पंजाब सरकार द्वारा किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी की पुरजोर जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान के साथ साथ इस बैठक में उपस्थित सभी नेताओं ने निन्दा किया.और कहा कि यह बीजेपी राज नहीं यह जंगल राज हो चुका है.आगे बैठक में वक्ताओं ने कहा कि श्री खैरा किसान नेता है जो समय समय पर किसानों मजदूरों की लड़ाई लड़ाई लड़ते रहते हैं. ऐसे में सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है ।

कांग्रेस का हर कार्यकर्ता उनके लड़ाई मे उनके साथ है. आज की इस बैठक में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रशासन प्रभारी तौकीर आलम. किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप पांडे. भानु प्रताप सिंह. राजेश तिवारी किसान कांग्रेस के नेता अनिल त्रिपाठी. आलोक शुक्ला प्रवीण पासवान, डा प्रमोद, पाल. संजय चौधरी, पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष जीत बंधन, गोपाल पांडेय, मुहम्मद इरफ़ान,कलंज्य त्रिपाठी, सच्चिदानंद तिवारी. सूरज यादव. प्रमुख रूप से उपस्थित.

*दूसरे दिन "पर्यावरण रक्षा _भविष्य की सुरक्षा" विषयक संगोष्ठी पर वक्ताओं ने डाला प्रकाश*

गोरखपुर। युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 54वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 9वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी के क्रम में दूसरे दिन "पर्यावरण रक्षा _भविष्य की सुरक्षा" विषयक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डी पी सिंह ने कहा कि पर्यावरण और आध्यात्मिकता का परस्पर घनिष्ठ संबंध है। अध्यात्म हमारे जीवन के उत्थान के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए भी हमें प्रेरित करता है ।

हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज जी जितना अध्यात्म से जुड़े हैं उतना ही पर्यावरण को लेकर भी चिंतित रहते हैं। हमारा देश आध्यात्मिक चेतना का देश रहा है और यही कारण है कि पर्यावरण को लेकर हमारे देश के प्रधानमंत्री जी विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। पर्यावरण को लेकर हमारे शास्त्रों में निर्देशित किया गया है कि प्रकृति का प्रत्येक तत्व देवत्व से युक्त है, ऐसा बताकर सभी के प्रति समाज में सम्मान व सुरक्षा को भाव लाया गया है। हमारी संस्कृति में प्रारंभ से ही व्यक्ति को प्रकृति से जोड़ने का प्रयास किया जाता रहा है। जीव जंतुओं से लेकर वृक्ष वनस्पतियों तक सभी में देव दृष्टि रखना हमारी संस्कृति की पहचान है । हमारे सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयोगात्मक केंद्र बने और वहां से समाज में पर्यावरण को लेकर क्या करना चाहिए उसका संदेश दिया जाए तो एक बड़ा प्रयास होगा।

पर्यावरण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर से प्रयास करना होगा । हमें ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, वायु संरक्षण के लिए संकल्प लेने की आवश्यकता है। हमें विकास के साथ-साथ पर्यावरण को संतुलित बनाने का प्रयास करना है। भारत की दृष्टि समग्र विकास की है जिसमें आर्थिक ,सामाजिक, शैक्षणिक आदि सभी के विकास के साथ ही पर्यावरण के सभी तत्वों की सुरक्षा की बात की जाती है । ये जो दृष्टि है ये अध्यात्म से आई हुई दृष्टि है। इसका हम सभी को अपने जीवन में पालन करना चाहिए।

सवाई आगरा से पधारे ब्रह्मचारी दासलाल जी महाराज ने कहा कि पर्यावरण हमारे चारों तरफ विद्यमान पांच तत्वों का आवरण है। हम इनको अपने स्वार्थ के लिए प्रदूषित करते हैं , जिसका परिणाम अनेक रूपों में हमें दुखद रूप में प्राप्त हो रहा है। हमारे शरीर में वात , पित्त और कफ इसी पर्यावरण के प्रभाव से संतुलित और असंतुलित होते है। प्रकृति का संतुलन हमारे शरीर के संतुलन के लिए आवश्यक है।

सतुआबाबा आश्रम काशी से पधारे संतोषदास जी महाराज ने कहा कि हम सभी को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए चिंता करनी चाहिए। सभी शिक्षण संस्थानों के छात्र व शिक्षको को अध्ययन-अध्यापन के साथ ही पर्यावरण के लिए अपना योगदान देना चाहिए। हमें देश के विकास के साथ ही अपने पर्यावरण को भी साथ लेकर चलना पड़ेगा, तभी हम सही रूप में विकास कर सकेंगे। हमें संकल्प लेना होगा कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगावें और प्रतिदिन उसकी देखभाल भी करें। श्री गोरखनाथ मंदिर में चारों तरफ हरियाली ही दिखाई देती है।जहां देखें वहां स्वच्छता है , गमलों में बड़े-बड़े पौधे लगाए गए हैं ,साथ ही जहां खाली स्थान है वहां अधिक मात्रा में वृक्ष भी लगाए गए हैं । हम सभी को इसका अनुकरण करना चाहिए ।

विशिष्ट वक्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं प्राणी विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो डी के सिंह ने कहा कि आज पर्यावरण नई पीढ़ी के लिए चुनौती बन रही है। पर्यावरण का प्रथम तत्व व्यक्ति ही है। हमारे शरीर के अंदर जो आत्मा है उसके लिए हमारा शरीर पहला पर्यावरण है। हमें स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर रूपी पर्यावरण को सही रखना पड़ेगा । उसके लिए हमें यम और नियम का नियमित पालन करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में शरीर का निर्माण पांच तत्वों से बताया जाता है, इन्हीं पांच तत्वों से यह सृष्टि भी बनती है, इसलिए हमें पिण्ड से ब्रह्मांड तक के पर्यावरण को सही रखने की आवश्यकता है । प्रकृति के संसाधनों का उपयोग आवश्यकता से अधिक होने से पर्यावरण असंतुलित हो रहा है।

इस समय जैव विविधता की कमी पर्यावरण के प्रमुख कारण है। हमें मांस उत्पादन की जगह पशुपालन और वनस्पतियों से खाद्य सामग्री का उत्पादन करना होगा। पर्यावरण में कार्बन डाइआॅक्साइड गैस अधिक होने से पृथ्वी अधिक गर्म हो रही है और ग्लेशियर भी अधिक मात्रा में पिघल रहे है जिस कारण से समुद्र में वाष्पन अधिक हो रहा है। और उसी का परिणाम है कि अतिवृष्टि हो रही है। इन सभी समस्याओं का समाधान है कि हम अधिक मात्रा में वृक्ष लगावें।

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो उदय प्रताप सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमारे यहां जब भी कोई धार्मिक अनुष्ठान होता है तो वहां एक शांति मंत्र का पाठ किया जाता है जिसे पर्यावरण मंत्र कहा जाता है ,इस मन्त्र में शांति शब्द, संतुलन के अर्थ में है। इस मंत्र में सृष्टि के सभी प्रमुख तत्वों के संतुलन की कामना की गई है। हम सभी का सौभाग्य है और एक दैवीय संयोग भी है कि जिस दिन 5 जून को हम पर्यावरण दिवस मनाते हैं वह दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पूज्य महाराज जी का भी जन्मदिन है । आज पूज्य महाराज जी ने न केवल प्रदेश को ही अपितु पूरे देश को अपने पर्यावरण के प्रति प्रयास से संदेश दिया है।

हमारे शास्त्रों में सभी जड़ व चेतन में उसी परम तत्व का दर्शन करने की बात कही गई है। प्रकृति की पूजा को हमारा धर्म व कर्तव्य बताया गया है। वैदिक सूक्तों में प्रकृति को जननी और देव रूप में वर्णन किया गया है।

संगोष्ठी में अयोध्या से महंत सुरेश दास जी महाराज , कटक से महंत शिवनाथ जी , अयोध्या से महंत राममिलन दास जी, प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ जी, देवीपाटन से महंत मिथलेश नाथ जी, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास जी, वाराणसी के योगी रामनाथ जी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का प्रारम्भ डॉ॰ रंगनाथ त्रिपाठी के वैदिक मङ्गलाचरण तथा गौरव तिवारी व आदित्य पाण्डेय के गोरक्षाष्टक पाठ से हुआ ।संचालन माधवेंद्र राज सिंह ने किया।

युवाओं को उचित मार्गदर्शन एवं रोजगारपरक शिक्षा और शानदान बना देगी भारत के विकास की कहानी: कुलपति

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान तथा एनजीओ मेधा के संयुक्त तत्वाधान में इंटर्नशिप एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि कुलपति प्रो पूनम टंडन ने प्रमाण पत्र प्रदान किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने छात्र-छात्राओं को जीवन में सतत आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। 

कुलपति ने कहा कि युवाओं को यदि सही मार्गदर्शन और रोजगारपरक शिक्षा मिले तो भारत के विकास की कहानी और शानदार होगी। उन्होंने कृषि संस्थान को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया। संस्थान को संभावित सहयोग का आश्वाशन भी दिया।

करियर डेवलपमेंट कोर्स पूर्ण कर चुके कृषि विज्ञान के छात्रों को कुलपति ने दिया प्रमाण पत्र    

                                     कृषि संस्थान के वर्चुअल क्लासरूम में ‘अंकुरण’ कार्यक्रम में युवाओं को करियर डेवलपमेंट का प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संस्थान के 63 छात्र छात्राओं को करियर डेवलपमेंट का प्रशिक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप पूर्ण करने का प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। 

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मेधा के को-फाउंडर क्रिस्टोफर टुरिलो एवं कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संसथान के पूर्व निदेशक डा० जी० पी० राव तथा संयुक्त निदेशक कृषि विभाग श्री अरविन्द सिंह उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति द्वारा पौधों को सिंचित कर किया गया। स्वागत भाषण कृषि विज्ञान विभाग के अधिष्ठाता प्रो. सुधीर श्रीवास्तव ने किया। पूर्व निदेशक डॉ गोविंद प्रताप राव ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। 

मेधा के को-फाउंडर क्रिस्टोफर टुरिलो ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम विश्वविद्यालय के साथ 2015 से जुड़े हुए हैं और भविष्य में भी विश्विद्यालय के साथ विद्यार्थियों के हित में कार्य करते रहेंगे।

नॉन प्रॉफिट संस्था ‘मेधा’ द्वारा विश्वविद्यालय के कृषि और प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के छात्र-छात्राओं को व्यक्तित्व विकास, रेज्यूमे बनाना, सार्वजनिक मंच पर बोलना, ग्रुप डिस्कशन करना, मॉक इंटरव्यू देना, नौकरी ढूढना आदि विभिन्न हुनर का प्रशिक्षण दिया गया।

 प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद उन्हें प्रैक्टिकल ज्ञान के लिए 15 दिवसीय इंटर्नशिप करने का मौका भी दिया गया। प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले 63 छात्र छात्राओं को कार्यक्रम के दौरान प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। आभार ज्ञापन कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संसथान के सलाहकार डा० सत्येंद्र कुमार सिंह ने किया। 

कार्यक्रम का आयोजन संसथान के सहायक आचार्य डा० अलीमुल इस्लाम एवं मेधा संस्था के प्रोग्राम मैनेजर श्री शमीम हुसैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन कृषि विभाग के विद्यार्थी राहुल और रुपाली ने किया l

 कार्यक्रम में कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संसथान के सभी सहायक आचार्य, मेधा संस्था के सभी अधिकारी गण और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

निजी अस्पताल के टीबी मरीज को भी मिल सकता है सरकारी योजनाओं का लाभ-डॉ गणेश

गोरखपुर। निजी चिकित्सक से इलाज करवा रहा टीबी मरीज भी निजी क्षेत्र में ही इलाज जारी रखते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकता है । 

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इसका प्रावधान किया गया है ताकि देश को टीबी मुक्त बनाने में निजी क्षेत्र की भी हिस्सेदारी हो सके । यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दी । वह शहर के फातिमा हॉस्पिटल में चिकित्सकों, पैरामेडिकल और नर्सिंग छात्रों के संवेदीकरण कार्यक्रम को सोमवार को सम्बोधित कर रहे थे । इस मौके पर टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की टीम ने कार्यक्रम के तहत उपलब्ध सभी सुविधाओं के बारे में जानकारी दिया ।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि निजी चिकित्सक चाहें तो अपनी फीस लेकर नियमित इलाज करने के साथ अन्य सभी सुविधाएं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मरीज को दिलवा सकते हैं । ऐसे मरीजों को सीबीनॉट जांच, एचआईवी व मधुमेह की जांच, दवाएं, निक्षय पोषण योजना का लाभ और एडॉप्शन की सुविधा भी दी जा सकती है । ऐसे में अगर कोई भी ऐसा मरीज है जो टीबी के महंगे इलाज का खर्च वहन करने में सक्षम न हो तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला क्षय रोग केंद्र भेज कर मदद करें ।

डॉ यादव ने बताया कि नये टीबी मरीज की सूचना देने वाले निजी चिकित्सक को भी 500 रुपये देने का प्रावधान है । अपनी देखरेख में मरीज का इलाज पूरा करवाने पर 500 रुपये और दिये जाते हैं । यही नहीं नये टीबी मरीज के गैर सरकारी सूचनादाता को भी 500 रुपये देने का प्रावधान है । 

अगर कोई निजी चिकित्सक अपनी फीस लेकर मरीज का अपनी देखरेख में इलाज करता है और दवा व अन्य सुविधाएं सरकारी अस्पताल से दिलवाता है तब भी चिकित्सक को ही इलाज सफल होने पर लाभ मिलेगा, लेकिन अगर मरीज निजी क्षेत्र से सरकारी में ट्रांसफर हो जाता है तो आऊटकम का लाभ नहीं मिलता है । निजी क्षेत्र के टीबी मरीज को दवा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए सरकारी क्षेत्र में मरीज को ट्रांसफर करने की भी आवश्यकता नहीं होती है ।

कार्यक्रम के जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह ने बताया कि टीबी मरीज की सरकारी अस्पतालों में ड्रग सेंस्टिविटी जांच की जाती है । 

ड्रग सेंस्टिव मिलने पर छह महीने इलाज चलता है और मरीज ठीक हो जाता है। ड्रग रेसिस्टेंट टीबी का मरीज होने पर इलाज की अवधि डेढ़ से दो साल तक की हो सकती है । प्रत्येक टीबी मरीज की एचआईवी व मधुमेह की जांच कराई जाती है । चेस्ट फिजिशियन डॉ एएन त्रिगुण ने एक्स रे तकनीकी के बारे में जानकारी दिया ।

 कार्यक्रम का संचालन पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र ने किया । इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक फादर साबू, फादर विल्सन, चिकित्सक डॉ संदीप, डॉ नवीन, डॉ विनय सिन्हा, डॉ दिव्या, डॉ सौरभ पांडेय, डॉ कीर्ति, डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ दीपक चतुर्वेदी, पीपीएम समन्वयक मिर्जा आफताब बेग, प्रो बीना, रोहित, वंदना, रिचा, अल्का, वंदना मार्टिन, विजाय, अलीसा और एनटीईपी टीम के सहयोगी राजकुमार प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

पोषण की महत्ता को जाना

अस्पताल की नर्स मुन्नी ने बताया कि कार्यक्रम में टीबी संबंधी सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी मिली । यह भी पता चला कि निजी अस्पताल के टीबी मरीज को भी 500 रुपये प्रति माह पोषण के लिए मिलते हैं ताकि वह पौष्टिक खानपान दूध, अंडा, मांस आदि का सेवन कर जल्दी ठीक हो सके। टीबी मरीज के ठीक होने में पोषण की अहम भूमिका है।

सुब्हानिया जामा मस्जिद में सामूहिक रूप से पढ़ा गया दरूदो सलाम

गोरखपुर। ईद मिलादुन्नबी के मद्देनजर मंगलवार को सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में दरूदो सलाम की महफिल हुई। सामूहिक रूप से दरूदो सलाम पढ़ा गया। रो-रो कर अमन, शांति व तरक्की की दुआ मांगी गई। शुरुआत क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई। नात-ए-पाक पेश की गई।।

मस्जिद के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक में अल्लाह फरमाता है कि "बेशक अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते दरूद भेजते हैं उस गैब बताने वाले नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर ऐ ईमान वालों! उन पर दरूद और सलाम भेजो"। दरूदो सलाम एक ऐसी इबादत है जो रज़ा-ए-इलाही और हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से करीब होने का जरिया है।

दरूद शरीफ दुआ की कुबूलियत का जरिया है। दरूद शरीफ़ के जरिए अल्लाह बंदों के ग़मों को दूर करता है। दरूद शरीफ तंगदस्त के लिए वुसअत का जरिया है। दरूद शरीफ पढ़ने वाले को इस अमल की वजह से उसकी ज़ात, अमल, उम्र और बेहतरी के असबाब में बरकत हासिल होती है। दरूद शरीफ पढ़ने वाले से आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मुहब्बत फ़रमाते हैं। दरूद शरीफ़ पढ़ने वाले को किसी की मोहताजी नहीं होती।

महफ़िल में सैयद मारूफ अहमद, सैयद नदीम अहमद, मो. यासीन, अमान अत्तारी, मो. अयान, शहजादे, मो. इस्लाम, मो. आजाद सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

पैगंबरे इस्लाम पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाए : निजामुद्दीन

गोरखपुर। मोहम्मदपुर जमुनहिया बाग गोरखनाथ में मंगलवार को जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। नात-ए-पाक पेश की गई।

मुख्य वक्ता मौलाना निजामुद्दीन नूरी ने आखिरी पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ज़िंदगी व सीरत पर रौशनी डालते हुए कहा कि दीन-ए-इस्लाम का असली मिशन तौहीद, अमन, मोहब्बत व शांति है। दीन-ए-इस्लाम हमें अपने वतन से मोहब्बत का पैग़ाम देता है। किसी भी मुल्क का विकास अमन, भाईचारे व आपसी प्रेम के माहौल में ही हो सकता है।

पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बताई राह पर चलकर ही मुल्क, कौम और समाज को खुशहाल बनाया जा सकता है। पैग़ंबरे इस्लाम ने हमेशा अपने किरदार व व्यवहार से इंसान को शिक्षा दी कि सभी इंसान अल्लाह के बंदे हैं। पैगंबरे इस्लाम पूरी दुनिया के लिए रहमत व रहनुमा बनकर तशरीफ लाए। ईद मिलादुन्नबी की खुशियों में सबको शामिल करें। पैग़ंबरे इस्लाम की तालीमात आम करें।

विशिष्ट वक्ता कारी मो. जुलकरनैन ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी पर अर्श से लेकर फर्श तक खुशियां मनाई जाती है। जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी को भी जर्रा बराबर तकलीफ हो। जुलूस को अमन, अदब व एहतराम से निकालेें।हलाल रिज्क कमाएं। हराम से सख्ती के साथ बचें। पैग़ंबरे इस्लाम की तालीम को खुद अपनाएं दूसरों तक पहुचाएं। बुराई से बचने की कोशिश करें। पैग़ंबरे इस्लाम के साहाबा, अहले बैत, ताबईन, तबे ताबईन, औलिया, उलमा ने पैगंबरे इस्लाम के नक्शेकदम पर चलकर इंसानों को तौहीद व हक़ की राह दिखाई।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो सलामती की दुआ मांगी गई। जलसे में मो. हसन रजा, शमीमुल कादरी, मुनाजिर हसन, नज़ीर अहमद, हाफिज मो. आरिफ रजा, मो. हसनैन नूरी, शकील कादरी, नसीमुल कादरी, आसिफ कादरी, अकील अहमद, मो. हुसैन, मो. इब्राहीम, सैफ अली, फहीम अहमद, शमी अहमद आदि मौजूद रहे।

कुलपति ने किया चार छात्रावासों का निरीक्षण, दिया शीघ्र आवंटन तथा सुविधाओं को बेहतर करने का निर्देश

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने आज विश्वविद्यालय के चार छात्रावासों का निरीक्षण किया।

निरीक्षण की शुरुआत अलकनंदा छात्रावास से हुई। कुलपति ने अलकनंदा छात्रावास के नवनिर्मित ब्लॉक का भी निरीक्षण किया।

कुलपति ने नए ब्लॉक को जल्द से जल्द सभी सुविधाओं के साथ छात्राओं को आवंटित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया। तथा पुराने ब्लॉक में दूरसे तल पर पानी की आपूर्ति को ठीक करने का आदेश दिया। अधीक्षक डॉ प्रीति गुप्ता तथा डॉ दीपा श्रीवास्तव ने कुलपति को छात्रावास के विभिन्न मुद्दों की जानकारी दी।

इसके बाद कुलपति नवनिर्मित अंतर्राष्ट्रीय नेपाली छात्रावास गयी। छात्रावास सभी सुविधाओं के साथ आवंटन के लिए तैयार है। प्रो टंडन ने शीघ्र अभिरक्षक नियुक्त करने तथा आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया।

कुलपति ने आरपी शुक्ला छात्रावास का निरीक्षण किया और छात्रों से उनकी समस्याओं को सुना।

पानी की व्यवस्था को ठीक करने तथा फर्नीचर उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

आखिर में कुलपति नए बने स्पोर्ट्स होस्टल गयी और इसको भी जल्द से जल्द आवंटन करने का आदेश दिया।

निरीक्षण के दौरान कुलसचिव प्रो शांतनु रस्तोगी, नियंता प्रो एससी पांडेय, अभियंता शशांक श्रीनेत आदि मौजूद रहे।

टेलीकंसल्टेशन करने वाले चिकित्सकों को मिला सम्मान, ली गयी स्वच्छता की शपथ

गोरखपुर। जिले में टेलीकंसल्टेशन के जरिये बेहतर योगदान देने वाले दस चिकित्सकों को जिला स्वास्थ्य समिति ने विकास भवन सभागार में सोमवार को देर रात तक चली बैठक के दौरान सम्मानित किया ।

इस मौके पर समिति के सभी सदस्यों ने स्वच्छता का व्यवहार अपना कर बीमारियों को दूर भगाने की शपथ भी लिया । जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करने पर जोर दिया गया । साथ ही मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण व गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग का भी दिशा निर्देश दिया गया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला विकास अधिकारी ने कहा कि ऐसे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े क्षेत्रों को चिन्हित करें जहां बेहतर परिणाम नहीं आ रहे हैं और इसके लिए संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाए ।

परिणाम न आने के कारणों को पता लगाना चाहिए और अगर उदासीनता पाई जाती है तो कठोर कार्रवाई की जाए । समुदाय स्तर से मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग अवश्य हो और इसके कारणों को भी जाना जाए । निष्क्रिय आशाओं को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए । जन्म पंजीकरण और मंत्रा एप पर पंजीकरण को प्राथमिकता दी जाए।

प्रत्येक गर्भवती को चिकित्सक के सुझाव के अनुसार ई रुपये बाउचर की मदद से सरकारी प्रावधानों के तहत अल्ट्रासाउंड की सुविधा दिलाई जाए। उन्होंने 15 अगस्त तक जिले में सर्वाधिक 1256 टेलीकंसल्टेशन करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे की सराहना की और कहा कि उनके नेतृत्व का अनुकरण सभी को करना चाहिए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि चिकित्सक डॉ आयुष कुमार पांडेय, डॉ प्रियंका गुप्ता, डॉ सतीश सिंह, डॉ हरिओम पांडेय, डॉ अनिता मिश्रा, डॉ अखलाक अहमद, डॉ राजश्री पासवान, डॉ शिवानंद मिश्रा, डॉ अमित गुप्ता और डॉ निकिता राव को सम्मानित किया गया ।

बैठक के दौरान संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक पखवाड़े के बारे में विस्तार से चर्चा हुई और जन जन तक यह संदेश पहुंचाने पर जोर दिया गया कि स्वच्छता का व्यवहार अपना कर संचारी रोगों को दूर भगाना है। किसी भी प्रकार का बुखार होने पर सरकारी अस्पताल में 108 एंबुलेंस की मदद से ही इलाज के लिए जाना है।

यूनिसेफ के प्रतिनिधि संदीप श्रीवास्तव, डॉ हसन फहीम, बिजेंद्र चौबे, यूपीटीएसयू के प्रतिनिधि अरविंद और डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि डॉ ज्योत्सना ने प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे में फीडबैक दिया । जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक पखवाड़े के दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी दी ।

इस मौके पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर, अधीक्षक डॉ अम्बुज, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ गणेश यादव, डीएमओ अंगद सिंह, डीसीएमओ डॉ अश्वनी, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन, डैम पवन कुमार, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, विजय श्रीवास्तव और आदिल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारीगण व उनके सहयोगी मौजूद रहे।

एनसीसी कैडेटों ने सीखे टेंट लगाने के गुर,किया अभ्यास

खजनी/गोरखपुर। कस्बे स्थित श्रीमती द्रौपदी देवी त्रिपाठी पीजी कालेज रूद्रपुर में 45 यूपी बटालियन एनसीसी के तत्वावधान में चल रहे 10 दिवसीय वार्षिक प्रशिक्षण शिविर 167 में 5वें दिन सोमवार को कैडेटों ने टेंट लगाने का तरीका सीखा और टेंट लगाने का अभ्यास किया।

इसी दौरान उन्हें खुले मैदान या जंगल के बीच टेंट लगाने,जंगली जानवरों से बचाव करने और सामान्य जीवनयापन करने की जानकारी दी गई।

सेना के जवान जब सुदूर क्षेत्रों में कैंप लगाकर महीनों अपनी ड्यूटी देते हैं तो उन्हें किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें टेंट में बेड लगाने,पानी रखने,टेंट के आसपास स्नेक गड्ढा खोदने, सफाई रखने,जंगली जानवरों से रक्षा के लिए आग जलाने आदि की जानकारी दी गई। जिससे वे कठिन परिस्थितियों में भी जीवन की रक्षा और कायदे से निर्वाह कर सकें।

प्रशिक्षण का नेतृत्व कर रहे कैंप कमांडेंट कर्नल ए.के.दीक्षित ने बताया कि प्रतिकूल परिस्थितियों पर नियंत्रण कर उन्हें अनुकूल बनाना सैनिक का प्रथम कर्तव्य है। यह उसके मनोबल,साहस,धैर्य, अनुशासन,टीम भावना और क्षमता को प्रदर्शित करता है। उन्हें हर परिस्थितियों से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। अक्सर प्राकृतिक आपदाएं भी सैनिक के सामने समस्या बनकर खड़ी हो जाती हैं। जिन पर सतर्कता पूर्वक नियंत्रण करना अवश्य आना चाहिए।

इससे पूर्व छात्रों को पीटी, योगाभ्यास,दौड़,नेतृत्व के गुणों का विकास,सफाई,प्राथमिक चिकित्सा, आपदा प्रबंधन आदि की भी जानकारी दी गई।

कैंप एड्रजूटेंट कैप्टन मोहित कुमार,कैप्टन शशिमौलि त्रिपाठी, कैप्टन प्रभात कुमार चतुर्वेदी, लेफ्टिनेंट सूरज कुमार,चीफ आॅफिसर अजय कुमार शुक्ल, केयरटेकर ममता तिवारी,शिरीन आजमी,एसएम मानबहादुर खामचा,टीओ रूद्रबहादुर,शिवेंद्र त्रिपाठी,संजय प्रजापति,दयानंद, मनोरंजन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

समस्याओं के समाधान हेतु एसडीएम को पत्र सौंपा

खजनी/गोरखपुर। क्षेत्र के सामाजिक और जागरूक लोगों के प्रतिनिधि मंडल ने आज एसडीएम खजनी राजू कुमार से मिलकर कस्बे की समस्याओं से अवगत कराया और प्रदेश शासन को जन समस्याओं से अवगत कराने और उनके शीघ्र समाधान कराने की मांग की।

एसडीएम ने उन्हें प्रदेश शासन को पत्र लिखकर समाधान कराने और स्थानीय प्रशासन द्वारा तात्कालिक समाधान के लिए पूर्ण प्रयास करने का आश्वासन दिया।

खजनी कस्बे में बीते दिनों तेज बारिश होने पर लोगों के घरों और दुकानों में जलभराव हो गया था। व्यापारियों के सामान भीगने से उन्हें आर्थिक क्षति हुई थी।

कस्बे में जलनिकासी के लिए नाली की व्यवस्था नहीं है। साथ ही कस्बे में सफाई,ढीले लटकते पुराने बिजली के टूट कर सड़क पर गिरने, सड़क की पटरियों पर अतिक्रमण,आॅटो और टैक्सी स्टैंड न होने,सरकारी बस स्टैंड,स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, सड़क की पटरियों पर जलभराव समेत विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया।

इस दौरान भाजपा युवा मोर्चा के आदर्श राम त्रिपाठी,कृष्ण प्रताप सिंह,तेज बहादुर सिंह,अजीत सिंह मौलाना औरंगजेब,विमलेश आदि लोग मौजूद रहे।