देश में स्मॉलकैप फंड में निवेश 61% बढ़ा, 45% ग्रोथ के साथ मल्टीकैप फंड दूसरे स्थान पर, पढ़िए, क्यों इसमें बढ़ रही निवेशकों की दिलचस्पी
छोटी कंपनियों के शेयर इस महीने भले ही बिकवाली के दबाव में हैं, लेकिन अगस्त में सबसे ज्यादा निवेश स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड में ही हुआ। मल्टीकैप फंड दूसरे और सेक्टोरल या थीमैटिक फंड तीसरे नंबर पर रहे। पिछले साल अगस्त के मुकाबले बीते महीने स्मॉल-कैप फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) सबसे ज्यादा 61% बढ़ा।
आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 47 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसमें से 24 लाख करोड़ इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्यूशन-ओरिएंटेड स्कीम्स में आए।
2 साल से ज्यादा नहीं टिकते 49% निवेशक
48.7% इक्विटी निवेशक म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो 2 साल के भीतर भुना लेते हैं। ऐसे ज्यादातर निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश की अहमियत पता होती है। एक्सिस म्यूचुअल फंड की सर्वे रिपोर्ट कहती है कि अधिकांश निवेशक ब्याज की रकम पर ब्याज यानी कंपाउंडिंग की ताकत भी समझते हैं।
पुराने फंड्स में तीन गुना से ज्यादा निवेश
पुराने फंड यानी न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) से इतर निवेश अगस्त में 15,200 करोड़ रुपए का रहा। इसके मुकाबले जुलाई में पुराने फंड्स में 4,600 करोड़ लगाए गए थे। दरअसल पहले से चल रहे फंड्स के रिटर्न का ट्रैक रिकॉर्ड होता है, जबकि एनएफओ के प्रदर्शन को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है।
स्मॉल-कैप फंड क्या है
स्मॉल-कैप म्यूचुअल वैसे फंड होते हैं, जो छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं। यानी ऐसी कंपनियां जिनके शेयरों की वैल्यू काफी कम है। इन्हें हम स्मॉलकैप कंपनियां कहते हैं। मार्केट कैप के लिहाज से शेयर बाजार की शीर्ष 250 कंपनियों को छोड़कर बाकी में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड निवेश करते हैं। स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड अपने निवेश की रकम का 65% तक छोटी कंपनियों में लगाते हैं। इसके बाद बची 35% रकम को फंड मैनेजर मिड या लार्ज कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।
Sep 28 2023, 15:15