उमा भारती बढ़ी रहीं बीजेपी का टेंशन, अब पीएम मोदी के एमपी दौरे से पहले फिर उठाया ओबीसी आरक्षण का मुद्दा
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मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती पिछले कई दिनों से अपनी ही पार्टी पर हमलावर हैं।महिला आरक्षण बिल में पिछड़े वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण को लेकर वह मुखर होती जा रही है। उमा भारती ने मंगलवार को महिला आरक्षण विधेयक पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में मांग की है कि विधायी निकायों में महिलाओं के लिए सुनिश्चित 33 प्रतिशत आरक्षण में से 50 प्रतिशत एसटी, एससी और ओबीसी समुदाय के लिए अलग रखा जाना चाहिए।इस बीच एक बार फिर उमा भारती ने आज प्रधानमंत्री के मध्य प्रदेश दौरे से पहले महिला आरक्षण का मुद्दा उछाल दिया है।
महिल आरक्षण विधेयक पास होने के बाद पीएम का यह पहला राजनीतिक दौरा है। इस बीच उमा भारत ने पीएम मोदी से बड़ी आस लगाई है। उन्होंने पीएम को गरीबों और पिछड़ों का मसीहा बताने के साथ ही ओबीसी के लिए अपनी मांगें रख दी हैं। सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपने एक पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को टैग भी किया और लिखा, “प्रधानमंत्री जी का भोपाल की धरती पर स्वागत। यकीन है कि महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण पर सकारात्मक संकेत देंगे।
महिला आरक्षण में ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण की मांग
पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- आज दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर ही प्रधानमंत्री जी का भोपाल आगमन हो रहा है। दीनदयाल जी ने अंत्योदय का विचार दिया था। उन्होंने लिखा- विश्वव्यापी समाजवाद,साम्यवाद, पूंजीवाद के अपूर्ण सिद्धांत थे,दीनदयाल जी ने समग्र विश्व को एक करने वाला सिद्धांत दिया था अंत्योदय। बीजेपी नेता ने कहा कि इसी कारण से मैं दीनदयाल जी की विचारधारा का अनुसरण करते हुए ही महिला आरक्षण में ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण की बात करती हूं।
पिछड़े वर्गों को स्थान देने के लिए एक और संशोधन की जरूरत
इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पूर्ण बहुमत से पारित हो गया। अब पिछड़े वर्गों को स्थान देने के लिए एक और संशोधन का मार्ग निकालना है, इसलिए भोपाल शहर के एवं उसके आसपास के पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेताओं के साथ विचार विमर्श हुआ।
पीएम को दिए पत्र में क्या लिखा था भारती ने?
इससे पहले उमा भारती ने मंगलवार को महिला आरक्षण विधेयक पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। अपने पत्र में भारती ने लिखा, संसद में महिला आरक्षण विधेयक का आना देश की महिलाओं के लिए खुशी की बात है। जब 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने सदन में यह विशेष आरक्षण प्रस्तुत किया था, तब मैं संसद सदस्य थी। मैं तुरंत खड़ी हुई और इस विधेयक पर एक संशोधन पेश किया और आधे से अधिक सदन ने मेरा समर्थन किया। देवेगौड़ा ने संशोधन को सहर्ष स्वीकार कर लिया। उन्होंने विधेयक को स्थायी समिति को सौंपने की घोषणा की। उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा, मैं आपके (पीएम मोदी) सामने भी एक संशोधन का प्रस्ताव रख रही हूं। मुझे विश्वास है कि आप इस विधेयक को प्रस्तावित संशोधनों के साथ पारित करा लेंगे। विधायी निकायों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण एक विशेष प्रावधान है। हालाँकि, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन 33 प्रतिशत आरक्षित सीटों में से 50 प्रतिशत एसटी, एससी और ओबीसी महिलाओं के लिए अलग रखी जाएं।उन्होंने अपने पत्र में कहा कि पंचायती राज और स्थानीय निकायों में पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण का प्रावधान है, उन्होंने कहा कि मंडल आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त मुस्लिम समुदाय की पिछड़ी महिलाओं को भी विधायी निकायों में आरक्षण के लिए विचार किया जाना चाहिए। यदि इस विशेष प्रावधान के बिना यह विधेयक पारित हो गया तो पिछड़े वर्ग की महिलाएं इस विशेष अवसर से वंचित हो जायेंगी।
Sep 25 2023, 13:31