चाँद पर हुई सुबह, क्या फिर से एक्टिव हो पायेगा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ?
News Desk: भारत की मून मिशन चंद्रयान 3 ने चाँद के दक्षिणी धुर्व पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया. चाँद पर पहुँचते ही विक्रम लैंडर से बहार निकले प्रज्ञान रोवर ने 14 दिन तक कई नई-नई जानकारियां दी. 14 दिन के बाद जैसे ही चाँद पर रात हुई विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में डाल दिया गया. अब 14 दिन के बाद दोनों का जागने का वक़्त हो गया है. जी हां ...चांद के दक्षिणी धुर्व के पास सूर्योदय की शुरुआत हो गई है. अब साउथ पोल रीजन के शिव शक्ति पॉइंट जहां चंद्रयान-3 का लेंडर और रोवर स्लीप मोड में है वहां रोशनी पहुंचने लगी है. लेकिन सवाल ये है कि क्या विक्रम और प्रज्ञान जाग पाएंगे.
बता दे कि इनके सोलर पैनल पर माइंस 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान पड़ते ही अगर बैटरी खराब नहीं हुई है तो चार्ज होने लगेगी. तब इनसे दोबारा कम्युनिकेशन स्थापित हो सकेगा. चंद्रयान-3 की टेक्निकल स्टेटस की मॉनिटरिंग शुरू हो चुकी है. इसरो ने लैंडर और रोवर को स्लीप मोड में डालने से पहले बैटरी को फुल चार्ज रखा था. रोवर को ऐसी दिशा में रखा गया था कि सूर्योदय होने पर सूर्य का प्रकाश सीधे सौर पैनलों पर पड़े. उम्मीद की जा रही है कि 23 सितंबर को ये फिर से काम करना शुरू करेगा.
टेक्निकल कैसे करेगा काम
इसरो की ओर से लैंडर के ऑनबोर्ड कंप्यूटर में सबसे पहले कम्युनिकेशन कमान भेजे जाएंगे. अगर लैंडर और रोवर की बैटरी फिर से चार्ज हो रही होगी तो इसरो के कमान का तत्काल रिस्पांस इन यंत्रों से तुरंत धरती के कमांड सेंटर पर मिलेगा. इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान की तकनीकी स्थिति का आंकलन किया जाएगा.
अगर सब कुछ ठीक रहा तो दोबारा चांद की धरती पर वन लूनर डे यानी धरती के 14 दिनों तक प्रज्ञान के पेलोड्स के जरिए चांद की मिट्टी और भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन शुरू होगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि विक्रम और प्रज्ञान दोबारा काम करना शुरू कर सकते हैं.
Sep 24 2023, 13:24