खालिस्तानी निज्जर हत्याकांड में कनाडा ने “5 आइज” से मांगा साथ, अमेरिका समेत कई देशों से की थी भारत की निंदा करने की मांग
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह जी-20 सम्मेलन में द्विपक्षीय बातचीत के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो के सामने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि उनके देश में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर नकेल नहीं कसी जा रही है। इसके बाद कनाडा लौटते ही जस्टिन ट्रूडो ने संसद में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता की आशंका ज़ाहिर की।इसके बाद विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने शीर्ष भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निकालने का एलान कर दिया। जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक शीर्ष राजयनिक को निकाल दिया।इस बीच, एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। बताया गया है कि पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए आरोपों से कुछ सप्ताह पहले कनाडा के अधिकारियों ने अमेरिका सहित कई सहयोगियों से निज्जर की हत्या की सार्वजनिक निंदा करने की मांग की थी। हालांकि, सभी देशों ने इससे इनकार कर दिया था।
1980 के दशक से लेकर जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के आखिरी आठ वर्षों तक, खालिस्तान मुद्दे ने हमेशा भारत-कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया है। लेकिन इस बार, ओटावा ने कार्रवाई तेज कर दी है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के बारे में सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने से कुछ हफ्ते पहले, ओटावा ने अपने निकटतम सहयोगियों से समर्थन मांगा था। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से भारत की शिकायत की। साथ ही, कनाडा ने पांच देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियों के संघ फाइव आइज के सामने भी भारत पर आरोप लगाया। कनाडा का आरोप है कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है। हरदीप निज्जर कनाडाई नागरिक था। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा की ग्रुपिंग, फाइव आइज इंटेलिजेंस एलायंस ने इस आरोप को गंभीर बताया है। हालांकि, एलायंस ने कनाडा के इस अनुरोध को खारिज कर दिया है कि वह हत्या की संयुक्त रूप से निंदा करे।
वॉशिंगटन पोस्ट ने एक पश्चिमी सूत्र के हवाले से कहा है कि अमेरिका के नेतृत्व में फाइव आइज ने संयुक्त बयान में निज्जर की हत्या की सार्वजनिक रूप से निंदा करने से इनकार कर दिया है। इससे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने आरोपों की घोषणा अकेले ही करनी पड़ी।
भारत के अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के साथ घनिष्ठ सुरक्षा और खुफिया सहयोग हैं। भारतीय अधिकारियों ने इन देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठकों में भारत के खिलाफ अलगाववादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने में निज्जर और अन्य खालिस्तानी आतंकियों की भूमिका को बार-बार उजागर किया है।यही नहीं, इन देशों ने भी अपनी धरती से खालिस्तान समर्थक समूहों को भी सक्रिय होते देखा है और इन देशों में भी भारतीय दूतावासों के साथ साथ हिन्दू समुदाय और हिन्दू मंदिरों के खिलाफ बर्बर हिंसक गतिविधियां की गई हैं। इन देशों में भी खालिस्तान एक्टिव है, जो भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काते हैं। लिहाजा, अभी तक इन देशों की तरफ से सधी हुई प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं। ब्रिटेन ने भारत के साथ व्यापार वार्ता पर होने वाली बातचीत को रोकने से इनकार कर दिया है।
Sep 20 2023, 16:18