महिला आरक्षण बिलः कांग्रेस ने समझाई विधेयक की क्रोनोलॉजी, आप ने कहा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक
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महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया।सरकार ने इसे 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' बिल के रूप में पेश किया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल को सदन में पेश किया।बिल के लोकसभा में पारित होने की संभावना है, क्योंकि सदन में सरकार के पास बहुमत है और कई विपक्षी दलों ने भी विधेयक का समर्थन किया है।
विधेयक पर वैसे तो विपक्ष सरकार के साथ है, लेकिन बिल में कामियां निकालकर वो हमलावर भी है।दरअसल, विपक्ष नारी शक्ति वंदन विधेयक के मसौदे में दो-तीन शर्तों को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बिल को जुमला बताते हुए कहा कि ये देश की करोड़ों महिलाओं की उम्मीदें के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।दिल्ली के सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी ने तो सीधा-सीधा आरोप ही मढ़ दिया कि मोदी सरकार दरअसल महिलाओं को आरक्षण नहीं उन्हें धोखा देने के लिए यह बिल लाई है।
कांग्रेस ने समझाई महिला आरक्षण विधेयक की क्रोनोलॉजी
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझाई है। एक्स पर एक पोस्ट के जरिए पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी ने चुनाव से पहले एक जुमला फेंका है और कुछ नहीं।जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सबसे बड़ा जुमला है। यह देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। उन्होंने लिखा कि हमने पहले भी बताया है कि मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है। भारत जी 20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल रहा है। अब कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जो पहली दशकीय जनगणना होगी, उसके उपरांत ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। यह जनगणना कब होगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा। यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है।यह कुछ और नहीं बल्कि EVM- EVent Management है।
सोनिया गांधी और राबड़ी देवी ने क्या कहा
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा, ''यह अपना (विधेयक) है।'' बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हों। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।
आप ने कहा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि महिला आरक्षण विधेयक साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को महिलाओं की भलाई और कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, 'विधेयक के प्रावधानों को गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि यह 'महिला बेवकूफ बनाओ' विधेयक है।' विधेयक के अनुसार, परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला-बदली होगी।
यह एक बेहतरीन कदम है- पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, ''पुरुष राजनीतिक परिदृश्य के कठिन क्षेत्र को खुद पार करने के बाद मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आखिरकार महिला आरक्षण बिल हकीकत बन जाएगा। आधी आबादी होने के बावजूद हमारा प्रतिनिधित्व बेहद कम है। यह एक बेहतरीन कदम है।'' इसके अलावा पीडीपी प्रमुख ने मीडिया से कहा, ''एनडीए की सरकार को 10 साल होने वाले हैं। अगर उन्होंने यह पहले ही किया होता तो 2024 के चुनाव में महिलाओं को बड़ी तादाद में भाग लेने का मौका मिलता, लेकिन देर आए दुरुस्त आए, अच्छी बात है... देश की तरक्की में यह एक अहम कदम होगा।''
मायावती ने किया महिला आरक्षण बिल का समर्थन
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। उन्होंने एक्स पर एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें कहा गया, ''...वैसे देश की महिलाओं को लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत देने की बजाय अगर उनकी आबाधी को भी ध्यान में रखकर 50 प्रतिशत दिया जाता तो इसका हमारी पार्टी पूरे तहे दिल से स्वागत करेगी, जिसके बारे में सरकार को जरूर सोच-विचार करना चाहिए।'' उन्होंने और भी कई मांगे करते हुए आगे लिखा, ''किंतु बीएसपी की इन मांगों पर सरकार की ओर से अमल नहीं किया जाता है तब भी हमारी पार्टी संसद में इस महिला आरक्षण बिल को समर्थन देगी और इसे पास कराने में पूरी मदद करेगी...''
Sep 20 2023, 14:17