राज्यसभा में खरगे-सीतारमण के बीच तीखी बहस, जानें किस वजह से आए आमने-सामने
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राज्यसभा में मंगलवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच तीखी बहस हो गई। दरअसल, निचले सदन में प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बिल पर अपने विचारों को रखा। हालांकि उनके बयान पर सदन में हंगामा हो गया। राज्यसभा की पहली बैठक के दौरान ही नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई। ऐसा दो बार हुआ। पहली बार जब खरगे ने जीएसटी का जिक्र किया और दूसरी बार तब जब उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है। खरगे ने कहा कि राजनीतिक दल की आदत कमजोर महिलाओं को चुनने की है। उनके इस बयान पर सत्तापक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई और हंगामा किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बहुत से राज्यों को कमजोर किया जा रहा है। उन्हें जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) का पेमेंट जल्दी नहीं होता है। न ही उन्हें मनरेगा की राशि समय से पहुंचती है। राज्यों के अलग-अलग विभागों को ग्रांट भी समय से नहीं मिलता है। उन्होंने सवाल किया कि इसके पीछे आखिर सरकार की नीयत क्या है। क्या वह कुछ राज्यों को कमजोर तो नहीं करना चाहती है। खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ लोकतंत्र की बात करती है। जहां-जहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गईं सरकारें थीं, उन्हें गिराने का काम भी उसी ने किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे को टोककर विषय से भटकने की बात कही।
इसके बाद सभापति ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बोलने का मौका दिया। वित्त मंत्री सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है। केंद्र सरकार ने उधार लेकर राज्यों को जीएसटी का भुगतान किया है। राज्यों को हर बार एक दो महीने एडवांस में भी जीएसटी का भुगतान किया गया। किसी भी राज्य का कोई भी जीएसटी पैसा केंद्र पर बकाया नहीं है।
कांग्रेस सांसद खरगे ने आगे कहा, अनुसूचित जाति (एससी) की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनेंगे जो शिक्षित हैं और लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, मेरा कहना ये है कि कमजोर वर्ग के लोगों को हमें टिकट देते हैं। मैं सब पार्टी के लिए बोल रहा हूं। हिंदुस्तान की हर पार्टी में ऐसा है। इसी वजह से महिलाएं पीछे हैं। आप उनको बात करने नहीं देते, आप उनको कभी भी आगे बढ़ने नहीं देते।
खरगे के इस बयान पर सत्तापक्ष ने पलटवार किया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से मोर्चा संभाला और खरगे की बातों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहना कि पार्टी महिलाओं को तवज्जो नहीं देती है। यह गलत है। पार्टी ने हम सभी को मौका दिया। मैं आपत्ति दर्ज करवाती हूं। आप जनरलाइजेश (सामान्यीकरण) नहीं कर सकते।
इसपर निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति मूर्मु कौन हैं? ऐसे आप नहीं कह सकते हैं। आप कैसे दो महिलाओं में अंतर कर सकते हैं। हम सभी महिलाओं के आरक्षण की बात कर रहे हैं। इसपर सभापति जगदीप धनखड़ ने सुलह की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हम ऐतिहासिक विषय पर चर्चा कर रहे हैं।
Sep 19 2023, 18:46