विशेष सत्र में पीएम मोदी ने किया नेहरू, शास्त्री, इंदिरा से लेकर नरसिम्हा राव तक का जिक्र, बताया संसद ने 75 साल में क्या-क्या देखा
#pmmodipraisepanditnehru
![]()
आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन को संबोधित किया।पीएम मोदी ने नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ियों का स्मरण किया।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार को याद किया और उनकी जमकर तारीफ की।पुरानी संसद में अपने आखिरी भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बातों का जिक्र किया। पीएम मोदी पुराने संसद भवन को विदा देते हुए देश के भविष्य का जिक्र करते हुए कहा कि इस सदन ने देश को आगे बढ़ाने वाले फैसले किए।
पीएम मोदी ने कहा कि नई संसद में सबके विश्वास को लेकर जाने का समय है। उन्होंने कहा कि जो नया विश्वास पाया है उसको लेकर जाने का है। बहुत सी ऐसी बाते हैं जो सदन में हर किसी की ताली की हकदार है लेकिन शायद राजनीति उसमें भी आड़े आ गई। नेहरू के योगदान का गौरवगान इस सदन में होता है तो कौन सदस्य होगा जिसको ताली बजाने का मन नहीं करेगा। लेकिन उसके बावजूद भी देश के लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है कि हम सब अपने आंसुओं को देखें।पीएम मोदी ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की तारीफ में कहा कि इस सदन में पूर्व पीएम की 'स्ट्रोक ऑफ मिड नाईट की गूंज' सभी को प्रेरित करती रहेगी। पीएम ने कहा कि नेहरू जी ने बाबा साहब आंबेडकर को अपनी सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया था। वह देश में बेस्ट प्रैक्टिसेज लाने पर जोर दिया करते थे। फैक्ट्री कानून में अंतरराष्ट्रीय सुझावों को शामिल करने का फायदा आज तक देश को मिल रहा है। पीएम ने कहा कि नेहरू जी की सरकार में ही बाबा आंबेडकर वॉटर पॉलिसी भी लाए थे।
शास्त्री जी और इंदिरा गांधी का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सन 1965 की जंग में लाल बहादुर शास्त्री जी ने इसी संसद से देश और देश के वीर जवानों को प्रेरित किया था। पीएम ने कहा कि इसी संसद से शास्त्री जी ने देश में हरित क्रांति की नींव रखी थी।बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया गया। इसी सदन में देश के लोकतंत्र पर आपातकाल के रूप में हुआ हमला भी देखा था।
नरसिम्हा राव की सरकार के पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़ने का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि नरसिम्हा राव की सरकार ने हिम्मत के साथ पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नई राह पकड़ने का फैसला किया था, जिसका आज देश को परिणाम मिल रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसी सदन में देखा सर्व शिक्षा अभियान, आदिवासी कार्यलय मंत्रालय, नॉर्थ ईस्ट का मंत्रालय अटल जी ने बनाया। परमाणु परीक्षण भारत की ताकत का परिचायक बन गया।
तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं इस सदन ने-पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और ये सदन, लोकतंत्र की ताकत हैं और लोकतंत्र का साक्षी है। इसी सदन में चार सांसदों वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसदों वाली पार्टी विपक्ष में होती थी। इसी सदन में एक वोट से सरकार गिरी थी। जब नरसिम्हा राव घर जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन इसी सदन की ताकत से वह अगले पांच साल के लिए देश के प्रधानमंत्री बने। 2000 की अटल जी की सरकार में तीन राज्यों का गठन हुआ। जिसका हर किसी ने उत्सव मनाया, लेकिन एक राज्य तेलंगाना के गठन के समय खून-खराबा भी देखा।
Sep 18 2023, 15:04