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जी 20 डिनर के लिए मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाने पर राहुल गांधी ने जताई नाराजगी, कहा-देश की 60 फीसदी जनता के नेता को तवज्जो नहीं

#rahul_gandhi_on_mallikarjun_kharge_not_being_invited_to_g20_dinner

दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गईं है। इस मेगा इवेंट में शामिल होने के लिए पूरी दुनिया से नेता भारत आना शुरू हो गए हैं। जी 20 के मौके पर भारत आ रहे मेहमानों के मेहमान नवाजी के लिए एक डिनर पार्टी का आयोजन किया गया है, जिसमें वैश्विक नेताओं समेत देश 2 पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी न्योता दिया गया है।इस डिनर पार्टी में शामिल होने के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच डी देवगौड़ा को न्योता दिया गया है। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को न्योता नहीं भेजा गया है। साथ ही किसी अन्य राजनीतिक दल के नेता को भी निमंत्रण नहीं दिया गया है। इस पर राहुल गांदी ने नाराजगी जताई है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेल्जियम के ब्रसेल्स प्रेस क्लब में अंतरराष्ट्रीय मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जी20 बातचीत के लिहाज से बेहद अहम है। भारत इसकी मेजबानी कर रहा है ये गर्व की बात है। इस दौरान उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे को जी20 की मीटिंग में नहीं बुलाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को डिनर की दावत नहीं मिलने पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर उन्होंने विपक्ष के नेता को नहीं बुलाया है तो इससे दिखता है कि उन्हें एलओपी की कितनी परवाह है। आखिर वे ऐसा क्यों करते हैं? उन्हें ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ती है? ऐसा करने से पहले वे क्या सोचते होंगे? इसका मतलब है कि वे (सरकार) भारत की 60 फीसदी आबादी के नेताओं को वैल्यू नहीं देते।

अल्पसंख्यकों- दलितों और आदिवासियों पर हो रहे हमले- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर कहा कि शांति होनी चाहिए। उन्होंने कथित रूप से देश में बढ़ रही हिंसा पर बात की।कहा कि सिर्फ अल्पसंख्यक ही नहीं दलित, आदिवासियों पर भी हमले हो रहे हैं। राहुल गांधी ने एक बार संस्थाओं और लोकतंत्र पर कथित हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इन संस्थानों का इस्तेमाल किया जा रहा है वह बहुत ही गंभीर है। विपक्षी नेताओं की फोन टेपिंग मामले पर भी उन्होंने बात की और कहा कि इसपर ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन ‘हां मुझे ट्रैक किया गया था।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गोल्फ खेलते नज़र आए कैप्टन कूल, धोनी के फोटो-वीडियो हुए वायरल

 भारत के पूर्व कप्तान और दुनिया के बेस्ट फिनिशर्स में से एक महेंद्र सिंह धोनी फिलहाल क्रिकेट से दूर अमेरिका में अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। उनके नेतृत्व में, चेन्नई स्थित फ्रेंचाइजी ने IPL का पिछला संस्करण जीता था। धोनी ने यह भी पुष्टि की है कि वह कैश-रिच लीग के अगले सीज़न में वापसी की कोशिश करेंगे। हाल ही में धोनी को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गोल्फ खेलते हुए देखा गया था। सोशल मीडिया पर सामने आई इसकी तस्वीर जमकर वायरल हो रही है।

बता दें कि, धोनी इतिहास के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने भारत को तीनों आईसीसी ट्रॉफियां जिताईं हैं। उन्होंने एक रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया और वह भारत के सबसे बड़े ट्रॉफी कलेक्टर बन गए। इससे पहले, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के कप्तान को US ओपन के कार्लोस अलकराज और अलेक्जेंडर ज्वेरेव के बीच क्वार्टर फाइनल मुकाबले का आनंद लेते देखा गया था। टेनिस खेल का आनंद लेते हुए धोनी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। अपने आखिरी क्रिकेट प्रोजेक्ट के दौरान, फाइनल में अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस (जीटी) को हराने के बाद उन्होंने CSK को रिकॉर्ड पांचवें IPL खिताब के लिए लीड किया था। धोनी ने IPL 2023 फाइनल की पोस्ट-मैच प्रस्तुति में कहा था कि, "यदि आप परिस्थितिजन्य रूप से देखें तो मेरे लिए संन्यास की घोषणा करने का यह सबसे अच्छा समय है।"

 

उन्होंने कहा कि, 'लेकिन इस साल मैं जहां भी गया, मुझे जितना प्यार और दयालुता मिली, मेरे लिए यह कहना आसान होगा, 'बहुत-बहुत धन्यवाद।' हालाँकि, मेरे लिए चुनौतीपूर्ण हिस्सा अगले नौ महीनों तक बहुत प्रयास करना और आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के कम से कम एक और सीज़न में खेलना है। लेकिन यह ज्यादातर इस पर निर्भर करता है कि मेरा शरीर कैसा महसूस करता है। मेरे पास छह महीने हैं, यह निर्णय लेने में सात महीने लगेंगे और यह मेरी ओर से प्रशंसकों के लिए एक विशेष उपहार की तरह होगा। यह मेरे लिए आसान नहीं है, लेकिन यह देखते हुए कि उन्होंने कितना प्यार और देखभाल दिखाई है, यह कुछ ऐसा है जो मैं उनके लिए करना चाहता हूं।'

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गोल्फ खेलते नज़र आए कैप्टन कूल, धोनी के फोटो-वीडियो हुए वायरल

 भारत के पूर्व कप्तान और दुनिया के बेस्ट फिनिशर्स में से एक महेंद्र सिंह धोनी फिलहाल क्रिकेट से दूर अमेरिका में अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। उनके नेतृत्व में, चेन्नई स्थित फ्रेंचाइजी ने IPL का पिछला संस्करण जीता था। धोनी ने यह भी पुष्टि की है कि वह कैश-रिच लीग के अगले सीज़न में वापसी की कोशिश करेंगे। हाल ही में धोनी को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गोल्फ खेलते हुए देखा गया था। सोशल मीडिया पर सामने आई इसकी तस्वीर जमकर वायरल हो रही है।

बता दें कि, धोनी इतिहास के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने भारत को तीनों आईसीसी ट्रॉफियां जिताईं हैं। उन्होंने एक रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया और वह भारत के सबसे बड़े ट्रॉफी कलेक्टर बन गए। इससे पहले, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के कप्तान को US ओपन के कार्लोस अलकराज और अलेक्जेंडर ज्वेरेव के बीच क्वार्टर फाइनल मुकाबले का आनंद लेते देखा गया था। टेनिस खेल का आनंद लेते हुए धोनी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। अपने आखिरी क्रिकेट प्रोजेक्ट के दौरान, फाइनल में अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस (जीटी) को हराने के बाद उन्होंने CSK को रिकॉर्ड पांचवें IPL खिताब के लिए लीड किया था। धोनी ने IPL 2023 फाइनल की पोस्ट-मैच प्रस्तुति में कहा था कि, "यदि आप परिस्थितिजन्य रूप से देखें तो मेरे लिए संन्यास की घोषणा करने का यह सबसे अच्छा समय है।"

 

उन्होंने कहा कि, 'लेकिन इस साल मैं जहां भी गया, मुझे जितना प्यार और दयालुता मिली, मेरे लिए यह कहना आसान होगा, 'बहुत-बहुत धन्यवाद।' हालाँकि, मेरे लिए चुनौतीपूर्ण हिस्सा अगले नौ महीनों तक बहुत प्रयास करना और आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के कम से कम एक और सीज़न में खेलना है। लेकिन यह ज्यादातर इस पर निर्भर करता है कि मेरा शरीर कैसा महसूस करता है। मेरे पास छह महीने हैं, यह निर्णय लेने में सात महीने लगेंगे और यह मेरी ओर से प्रशंसकों के लिए एक विशेष उपहार की तरह होगा। यह मेरे लिए आसान नहीं है, लेकिन यह देखते हुए कि उन्होंने कितना प्यार और देखभाल दिखाई है, यह कुछ ऐसा है जो मैं उनके लिए करना चाहता हूं।'

त्रिपुरा में हुए विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने मारी बाजी, दोनों सीटें झोली में

#tripuraboxanagardhanpurassemblybypollsbjpwon_both

देश के छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर 5 सितंबर को हुए उपचुनाव के लिए आज वोटों की गिनती जारी है। बीजेपी ने त्रिपुरा की दोनों सीटों पर कब्जा जमा लिया है। वहीं उत्तराखंड की बागेश्वर सीट एक बार फिर से बीजेपी की झोली में आ गई है।

त्रिपुरा की धनपुर-बोक्सानगर सीटों पर बीजेपी का कब्जा

चुनाव आयोग के मुताबिक, बीजेपी ने त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले की धनपुर और बोक्सानगर विधानसभा सीटें जीत ली हैं। करीब 66 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाताओं वाली बोक्सानगर सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया है। धनपुर में बिंदु देबनाथ को जीत मिली है।वहीं बोक्सानगर में बीजेपी के तफज्जल हुसैन ने 30,237 वोटों से जीत हासिल की। उनका मुकाबला सीपीएम के मिजान हुसैन से था जिन्हें सिर्फ 3,909 वोट मिले।त्रिपुरा की धनपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी जीत गई है। यहां से बीजेपी के बिंदु देबनाथ ने 18,871 वोटों से सीपीएम के कौशिक देबनाथ को हराया। केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के धानपुर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे

त्रिपुरा में जीत के बाद संबित पात्रा का विपक्षी इंडिया गठबंधन पर हमला

त्रिपुरा में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की जीत पर पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्षी इंडिया गठबंधन पर हमला बोला है। पात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, त्रिपुरा उप-चुनाव में ‘घमंडिया गठबंधन’ का न सिर्फ ‘घमंड टूटा’ है बल्कि यह उनकी ‘करारी हार’ है। जनता ने इनके गठबंधन को ठगबंधन साबित कर दिया है। बीजेपी नेता ने आगे लिखा, "बोक्सानगर और धानपुर, दोनों सीटें अल्पसंख्यक बाहुल्य और घमंडिया गठबंधन का संयुक्त प्रत्याशी लड़ने के बाद भी बीजेपी की ये जीत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सशक्त और सर्वमान्य नेतृत्व तथा उनके ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र को चरितार्थ करता है।

जी 20 समिट में भारत, अमेरिका और सऊदी अरब के बीच इस मुद्दे पर फाइनल हो सकती है डील, चीन को काउंटर करने का है प्लान

#us_saudi_india_uae_hope_to_ink_railway_deal_at_g20

सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात समेत कई खाड़ी देशों में जल्द भी भारत की बनाई ट्रेन दौड़ सकती है। इस परियोजना को लेकर भारत-अमेरिका और सऊदी अरब के साथ डील हो सकती है।जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में मंच तैयार है। अमेरिका से जो बाइडेन इस समिट में शामिल होने पहुंचने ही वाले हैं।सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी भारत आ रहे हैं।अमेरिका, भारत, यूएई और सऊदी अरब जी-20 शिखर सम्‍मेलन के दौरान रेलवे को लेकर जाइंट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर एक बड़ी डील का ऐलान कर सकते हैं। अमेरिकी न्‍यूज वेबसाइट Axios ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। 

एक्सियोस की एक रिपोर्ट के अनुसार , इस परियोजना से लेवांत और खाड़ी में अरब देशों को रेलवे के एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने की उम्मीद है, जो खाड़ी में बंदरगाहों के माध्यम से भारत से भी जुड़ेगा।इसके अलावा एक्सियोस ने दो स्रोतों का हवाला देते हुए कहा है कि इस नई पहल का विचार पिछले 18 महीनों में I2U2 नामक एक अन्य फोरम में हुई बातचीत के दौरान आया, जिसमें अमेरिका, इज़राइल, यूएई और भारत शामिल हैं। इस फोरम की स्थापना 2021 के अंत में मिडिल ईस्ट में रणनीतिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चर्चा करने और क्षेत्र में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए हुई थी।

खाड़ी देशों में बढ़ते चीन के प्रभाव को कम करना है उद्देश्य

दरअसल, इस डील का प्राथमिक उद्देश्य खाड़ी देशों में बढ़ते चीन के प्रभाव को कम करना है। चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए मध्य पूर्व के देशों में तेजी से निवेश कर रहा है। बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव के जरिए चीन ने दुनियाभर के देशों तक सड़क मार्ग से पहुंच बना ली। इस इनीशियेटिव के तहत रेल मार्ग भी शामिल है। इसी के जवाब में चीन विरोधी देशों का प्लान है कि एक रेल डील साइन किया जाए। इ़स प्रोजेक्ट के तहत अरब देशों को एशियाई क्षेत्र लेवांत से जोड़ा जाएगा जो इजराइल होते हुए अरब सागर के रास्ते भारत तक पहुंचेगा।

भारत को भी होगा फायदा

बताया जा रहा है कि अगर इन चारों देशों के वार्ताकार अगले दो दिनों में सहमत हो जाते हैं तो चारों देशों के नेता एक समझौते पर हस्‍ताक्षर कर सकते हैं। इस रेलवे परियोजना के तहत अरब देशों को रेलवे के जरिए जोड़ा जाएगा। इसके बाद समुद्री बंदरगाहों के जरिए भारत भी इस नेटवर्क से पूरी तरह से जुड़ जाएगा। अगर सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंध सामान्‍य होते हैं तो भविष्‍य में इजरायल को भी इस रेलवे प्रॉजेक्‍ट का हिस्‍सा बनाया जा सकता है। यही नहीं इजरायल के बंदरगाहों के जरिए इसे यूरोप से भी आसानी से जोड़ा सकेगा।

अमेरिका में 3 सितंबर को हर साल मनेगा 'सनातन धर्म दिवस' ! और विडंबना यह कि भारत में विपक्षी नेता कर रहे 'धर्म' को मिटाने की बात

तमिलनाडु की सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता उदयनिधि स्टालिन और कांग्रेस के प्रियांक खड़गे की सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों पर भारत में विवाद के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका के एक शहर ने 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में केंटुकी के लुइसविले के मेयर ने शहर में 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया है।

लुइसविले में केंटुकी के हिंदू मंदिर में महाकुंभ अभिषेकम उत्सव के दौरान मेयर क्रेग ग्रीनबर्ग की ओर से डिप्टी मेयर बारबरा सेक्स्टन स्मिथ द्वारा इस संबंध में आधिकारिक उद्घोषणा पढ़ी गई। इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक नेता चिदानंद सरस्वती, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष श्री श्री रविशंकर और भगवती सरस्वती के साथ-साथ उपराज्यपाल जैकलीन कोलमैन, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ कीशा डोर्सी और कई अन्य आध्यात्मिक नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

भारत में सनातन धर्म विरोधी बयान

बता दें कि, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे और पिता के ही कैबिनेट में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को तमिलनाडु में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से करते हुए इसे पूरी तरह खत्म करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि, 'जैसे हम डेंगू, मलेरिया का विरोध नहीं करते, उसे ख़त्म करते हैं, उसी तरह हमें सनातन धर्म का भी विरोध करने की बजाए उसे पूरी तरह ख़त्म करना होगा।' कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और लक्ष्मी रामचंद्रन ने उदयनिधि के इस बयान का समर्थन किया था। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी उदयनिधि के बयान का समर्थन किया था। वहीं, DMK नेता ए राजा ने कहा था कि सनातन धर्म की तुलना एड्स से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि, 'उदयनिधि स्टालिन ने डेंगू और मलेरिया से तुलना करके विनम्रता दिखाई है।'

 विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में 26 दलों में से किसी ने भी उदयनिधि के बयान का सार्वजनिक तौर पर विरोध नहीं किया है और न ही उनसे अपना बयान वापस लेने की मांग की है, मोहब्बत की दूकान खोलने का दावा करने वाले राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर मौन हैं। केवल भाजपा ही उदयनिधि का विरोध कर रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। यहाँ तक कि, हिंदुत्व की राजनीति करने वाली शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी उदयनिधि के बयान पर मौन साधे रखना ही उचित समझा, शायद उद्धव ठाकरे अपने I.N.D.I.A. गठबंधन के साथियों को नाराज़ नहीं करना चाहते। 

जब विवाद बढ़ा तो उदयनिधि ने सफाई दी कि, वे सामाजिक समानता की बात कर रहे थे, यानी जातिवाद की। लेकिन, गौर करने वाली बात ये है कि, जातिवाद मिटाने की बात प्रधानमंत्री मोदी, RSS चीफ मोहन भागवत से लेकर कई दलों के कई नेता करते रहे हैं, इसे समाज सुधार की कोशिश के रूप में देखा जाता है और कोई विवाद नहीं होता, लेकिन जब पूरे धर्म का ही नाश करने की बात की जाए और नेतागण (कुछ कांग्रेस नेताओं का उदयनिधि को समर्थन) उसका समर्थन भी करें, तो ये निश्चित ही नफरत फ़ैलाने वाली बात है। यही कारण है कि, कई पूर्व जजों, आईएएस अधिकारीयों (262 गणमान्य नागरिकों) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर उदयनिधि के बयान पर स्वतः संज्ञान लेने और कार्रवाई करने का आग्रह किया है। 

 गौर करने वाली बात है कि, यदि किसी दूसरे धर्म को इस तरह खत्म करने की बात कही गई होती, तो क्या यही होता, जो उदयनिधि वाले मामले में हो रहा है ? क्योंकि, जातिवाद तो हर धर्म में है, इस्लाम में भी शिया-सुन्नी के साथ 72 फिरके (कुछ जगह 73) हैं, जिनमे से कई एक-दूसरे के विरोधी हैं, तो वहीं ईसाईयों में प्रोटेस्टेंट- रोमन केथलिक, पेंटिकोस्टल, यहोवा साक्षी में आपसी विरोध है। तो क्या समाज सुधारने के लिए उदयनिधि, इन धर्मों को पूरी तरह ख़त्म करने की बात कह सकते हैं ? या फिर दुनिया में एकमात्र धर्म जो वसुधैव कुटुंबकम (पूरा विश्व एक परिवार है), सर्वे भवन्तु सुखिनः (सभी सुखी रहें) जैसे सिद्धांतों पर चलता है, जो यह मानता है कि, ईश्वर एक है और सभी लोग उसे भिन्न-भिन्न रूप में पूजते हैं, उस सनातन को ही निशाना बनाएँगे ?

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया रियासतकालीन मंदिर में जन्माष्टमी पर 125 करोड़ रुपए के गहनों से भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार, सुरक्षा में तैन

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया रियासतकालीन मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर 125 करोड़ रुपए के गहनों से भगवान राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी प्रभु श्री कृष्ण के जन्मदिन पर SBI बैंक से ट्रिपल लेयर की सुरक्षा के बीच सोने-चांदी के गहनों को गोपाल मंदिर में लाया गया। ग्वालियर का मशहूर 102 साल पुराना ऐतिहासिक गोपाल मंदिर फूलबाग उद्यान के बीच स्थित है। इस मंदिर का सिंधिया राजघराने ने निर्माण कराया था। पोशाक से लेकर प्रभु के आभूषण सोने चांदी से बने हैं। इनमें हीरे-जवाहरात पन्ना, माणिक्य जड़े हुए हैं। यही नहीं, राधा-कृष्ण के मुकुट, बांसुरी समेत पूजा सामग्री के दीप, छत्र, थाल, भोग की कटोरियां भी कीमती धातुओं की हैं। यह गहनें वर्षभर में सिर्फ कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही मंदिर लाए जाते हैं।

वही गहनों की कीमत बहुत अधिक होने के कारण इनको नजदीक जयेंद्रगंज इलाके स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लॉकर्स में बंद कर रखा जाता है। फिर जन्माष्टमी के दिन भारी सुरक्षाबबलों के बीच ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी के बीच आभूषण मंदिर लाए जाते हैं। बैंक से लेकर मंदिर तक भारी फोर्स के बीच सायरन बजाता हुआ पुलिस वाहनों का काफिला गहनों को लेकर आता है तथा फिर अगले दिन सुरक्षा के बीच बैंक में जमा करा दिए जाते हैं। लगभग डेढ़ दशक पहले बीजेपी के महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने लॉकर्स से निकालकर गहनों को मंदिर लाने की इस परिपाटी को पुनः आरम्भ किया गया तथा इस शर्त के साथ कि यह प्रक्रिया सिर्फ वर्ष में एक दिन ही कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 24 घंटे के लिए की जाएगी तथा फिर सभी गहनों को सील पैक करके बैंक लॉकर में नगर निगम की तरफ से जमा करा दिया जाएगा। तब से यह आयोजन बखूबी चलता आ रहा है। 

जन्माष्टमी के दिन ग्वालियर में पुलिस के लिए बड़ी ही मुश्किल परीक्षा का दिन होता है। एक तरफ तो भक्तों की भारी भीड़ को संभालना तथा फिर दूसरी ओर गहनों की सुरक्षा करना। इसके लिए पुलिस अब कई सालों से CCTV कैमरों का सहारा भी लेती है। एक स्पेशल कंट्रोल रूम बनाकर पूरी व्यवस्था को हैंडल करती है। इस पूरी व्यवस्था में एक 200 से अधिक जवानों को लगाया जाता है। जिनके ऊपर पूरे 24 घंटे के लिए एक DSP स्तर का अफसर उपस्थित रहता है। बीच-बीच में SSP एवं ASP सहित तमाम पुलिस अफसर आते-जाते रहते हैं। मतलब मंदिर को एक रात के लिए Bigg Boss का घर बना दिया जाता है। ध्यान हो कि 'बिग बॉस' एक टीवी रियलिटी शो है। इसमें तमाम प्रतियोगी एक मकसद से तय समय सीमा के लिए एक घर में रहते हैं। साथ ही बिग बॉस के घर में कंटेस्टेंट की हर एक गतिविधि पर कैमरों तथा वॉइस रिकॉर्डर से नजर रखी जाती है।

शिखर सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली पहुंचे ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक, इस आलिशान होटल ठहरेंगे

#g20_summit_british_pm_rishi_sunak_in_delhi

राजधानी दिल्ली में G-20 समिट के लिए विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी 20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उनका स्वागत किया।बतौर पीएम यह भारत का उनका पहला दौरा है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक अलग द्विपक्षीय बैठक का भी कार्यक्रम है।9 सितंबर को पीएम मोदी ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ वार्ता करेंगे। इस बैठक में वह ब्रिटेन-भारत व्यापार वार्ता पर चर्चा करेंगे।

इस होटल में ठहरेंगे सुनक

अपनी यात्रा के दौरान सुनक शांगरी-ला होटल में रुकेंगे। नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में अशोक रोड पर स्थित यह होटल बेहद खास है। इसमें 320 कमरे और सुइट्स और पांच पुरस्कार विजेता रेस्टोरेंट्स और बार हैं। यह होटल होराइजन क्लब से पैनोरमिक व्यू देता है। होटल में कई खास तरह के रूम, सुइट और हॉरिजन क्लब हैं। यहां डीलक्स और प्रीमियर वेरायटी के रूम हैं जिनके एक रात के रुकने के किराया क्रमशः करीब 14 हजार और 16 हजार है। 

एग्जीक्यूटिव का एक रात का किराया 25 हजार

होटल में दो तरह के हॉरिजन क्लब हैं हॉरिजन डीलक्स और हॉरिजन प्रीमियर। इनमें एक रात का किराया क्रमशः 18 हजार और 19 हजार है। इसके साथ ही होटल में कई खास सुइट्स हैं जो आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इनमें एग्जीक्यूटिव, स्पेशलिटी और प्रेसिडेंसिअल कटेगरी नाम से तीन सुइट्स हैं। एग्जीक्यूटिव का एक रात का किराया करीब 25 हजार है। हालांकि, स्पेशलिटी और प्रेसिडेंसिअल सुइट के किराये का उल्लेख होटल की वेबसाइट पर दर्ज नहीं है।

पीएम मोदी संग जो बाइडेन के बीच बैठक में स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और उच्च प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा के साथ अधिक उदार वीजा

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा करने के साथ शुक्रवार शाम को द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं। उम्मीद है कि दोनों नेता स्वच्छ ऊर्जा, व्यापार, उच्च-प्रौद्योगिकी, रक्षा के क्षेत्रों में चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे और दोनों देश दुनिया के सामने आने वाली कुछ गंभीर चुनौतियों से निपटने में कैसे योगदान दे सकते हैं, इस पर मंथन करेंगे।वहीं, पीएम मोदी के आज शुक्रवार को बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना और मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद जुगनॉथ के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें करने की भी संभावना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुँच रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी भारत की पहली यात्रा होगी। फरवरी 2020 में भारत का दौरा करने वाले आखिरी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प थे। बाइडेन का शुक्रवार शाम को नई दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है और वह G20 शिखर सम्मेलन के अंत में रविवार दोपहर वियतनाम के लिए रवाना होंगे। एक सूत्र ने कहा कि, पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच बातचीत का फोकस स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और उच्च प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा पर होने की संभावना है। 

दोनों पक्ष अधिक उदार वीजा व्यवस्था पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने जून में वाशिंगटन में अपनी बातचीत में सहयोगात्मक मोड में अगली पीढ़ी के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में संभावित सहयोग पर चर्चा की थी और उम्मीद है कि यह मुद्दा शुक्रवार को बैठक में उठ सकता है। बाइडेन की यात्रा से पहले, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका G20 में मोदी के नेतृत्व की सराहना करता है।

उन्होंने आगे कहा कि, 'हम इस साल जी20 के नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हैं और हम यह सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भारत को एक सफल G20 मेजबान मिले क्योंकि वे इस साल (शिखर सम्मेलन) की मेजबानी कर रहे हैं।' उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि, 'तो, यह हमारी प्रतिबद्धता बनी रहेगी। जून में प्रधान मंत्री मोदी की यहां यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति (बाइडेन) और प्रधान मंत्री ने शिखर सम्मेलन में साझा प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए अपना दृढ़ संकल्प साझा किया।' जीन-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति 'इस सप्ताह के अंत में प्रधान मंत्री और अन्य नेताओं के साथ उस काम को जारी रखने के लिए बहुत उत्सुक हैं क्योंकि हम कल रवाना होंगे।' 

बता दें कि, G20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।

मनमोहन सिंह ने की मोदी सरकार की तारीफ, जानें किस क़दम को सही ठहराया?

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रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक व्यवस्था में मची उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने तमाम दबावों के बावजूद भारत के हितों को ऊपर रखते हुए बिल्कुल सटीक रणनीति पर कदम बढ़ाया। अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के रुख़ को सही ठहराया है।उन्होंने कहा कि भारत ने शांति की अपील करते हुए अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखकर सही काम किया है।मनमोहन सिंह ने जी-20 बैठक से पहले एक इंटरव्यू के दौरान यह बात कही। 

जी20 सम्मेलन से पहले द इंडियन एक्सप्रेस के साथ इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका और चीन के साथ सीमा विवाद पर बात की। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मनमोहन सिंह ने कहा कि जब दो या उससे ज्यादा देशों के बीच तनाव होता है तो दूसरे देशों पर कोई एक साइड चुनने का दबाव बन जाता है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि शांति की अपील कर भारत ने बेहतर तरीके से अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को प्रथम स्थान देकर सही काम किया है।' 

मनमोहन सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष और चीन एवं पश्चिमी देशों के बीच तनाव के कारण विश्व व्यवस्था में बहुत बदलाव आ चुका है। इस नई व्यवस्था के संचालन में भारत ने अहम रोल निभाया है और आज वैश्विक तौर पर भी भारत की साख बढ़ी है।

जी20 की अध्यक्षता मिलने पर जताई खुशी

मनमोहन सिंह ने भारत की अध्यक्षता में जी20 के शिखर सम्मेलन को लेकर दिल छू लेने वाली बात कही। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि भारत के जिम्मे जी20 की अध्यक्षता का मौका मेरे जीवनकाल में आया और मैं भारत को जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आ रहे विश्व नेताओं की मेजबानी करते हुए देख रहा हूं।' 

तारीफ के साथ इस बात के लिए चेताया

जी-20 सम्मेलन दिल्ली में शुरू होने से एक दिन पहले मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की तारीफ की, हालांकि कुछ बातों के लिए चेताया भी। उन्होंने कहा ''मैं भारत के भविष्य को लेकर चिंता से ज़्यादा आशावादी हूँ। मगर ये आशावाद भारत के सौहार्दपूर्ण समाज बनने पर निर्भर करता है।'' उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी नीति का घरेलू राजनीति पर असर होता है, लेकिन यह संतुलित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कूटनीति और विदेश नीति का उपयोग दलगत या व्यक्तिगत राजनीति के लिए नहीं किया जाए।

नई वैश्विक व्यवस्था में भारत के लिए क्या कहा

वैश्विक मंच और नई वैश्विक व्यवस्था में भारत कहां खड़ा है? इस सवाल के जवाब में मनमोहन सिंह द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ''अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अब काफ़ी अलग है। ख़ासकर रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के साथ चीन की जियो पॉलिटिकल टकराव के बाद। इस नई व्यवस्था को संचालित करने में भारत की अहम भूमिका है। आज़ादी के बाद से एक बड़े लोकतांत्रिक, संवैधानिक मूल्यों वाले शांतिपूर्ण देश बनने और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश होने के नाते दुनियाभर में भारत को सम्मान से देखा जाता है।''मनमोहन सिंह बोले, ''2005 से 2015 के दशक में जीडीपी के रूप में भारत का विदेशी व्यापार दोगुना हो गया था। इससे देश को फ़ायदा हुआ और करोड़ों लोग ग़रीबी से बाहर निकल पाए. इसका मतलब ये भी हुआ कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ी हुई है।

चीन सीमा विवाद पर जरूरी कदम उठाएंगे पीएम मोदी-मनमोहन सिंह

भारत-चीन मुद्दे पर भी मनमोहन सिंह ने बात की और कहा कि यह दुख की बात है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी20 सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'चीन के साथ रिश्तों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री मोदी को क्या करना चाहिए, इस पर मेरा बोलना ठीक नहीं है। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी इसके लिए जरूरी कदम अवश्य उठाएंगे।