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जी20 की बैठक पर कोराना का साया, फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के बाद स्पेन के राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित, सम्मेलन में नहीं हो सकेंगे शामिल

#spain_president_tests_positive_for_covid19_skips_g20_summit_in_new_delhi

इस वक्त दुनिया की सारी नजरे भारत पर टिकी हुई है। वजह है 9 से 10 सितंबर के बीच आयोजित होने वाला जी 20 शिखर सम्मेलन।इसके पहले इस समिट पर कोरोना का साया मंडराता हुआ नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब स्पेन के प्रेसिडेंट पेड्रो सांचेज भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इस बात की जानकारी खुद स्पेन के राष्ट्रपति ने दी है। जिसके कारण वे जी 20 समिट में शामिल नहीं हो सकेंगे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सांचेज ने लिखा, "मैं कोरोना से संक्रमित हूं इसलिए भारत की यात्रा नहीं कर सकता। हालांकि, मैं ठीक महसूस कर रहा हूं। जी20 की बैठक में स्पेन की ओर से कार्यवाहक उपराष्ट्रपति नादिया कैल्विनो और विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस भाग लेंगे।"

अमेरिका की फर्स्ट लेडी भी कोराना संक्रमित

बता दें कि देश में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन में पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अकेले आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी पत्नी जिल बाइडेन के साथ 8 सितंबर को भारत दौरे पर आने वाले थे। इसके ठीक पहले जिल कोरोना की चपेट में आ गईं। 5 सितंबर को बाइडेन और जिल की कोरोना जांच कराई गई थी। जिसमें जिल बाइडेन पॉजिटिव पाई गई थीं लेकिन बाइडेन की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जिसके बाद राष्ट्रपति के कार्यालय से एक बयान जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि जो बाइडेन में किसी तरह का कोई लक्षण नहीं है। साथ ही यह भी कहा था कि, भारत में हो रहे जी20 सम्मेलन में प्रेसिडेंट जो बाइडेन पूरे प्रिकॉशन का ख्याल रखेंगे।

बैठक में शामिल ना होने वाले तीसरे नेता

स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज, नई दिल्ली में होने जा रही बैठक में शामिल ना होने वाले जी20 के तीसरे नेता हैं। इनसे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। जहां तक बात है पुतिन और शी जिनपिंग वो अपने निजी कारणों की वजह से जी 20 शिखर सम्मेलन में नहीं आ रहे हैं। चीन की तरफ से प्रधानमंत्री ली क़ियांग आ रहे हैं, वहीं रूस की तरफ से पुतिन की जगह पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का नेतृत्व करेंगे।

जी-20 से इतर 15 द्विपक्षीय बैठक करेंगे पीएम मोदी, आज तीन दिन देशों के राष्ट्र अध्यक्ष के साथ वार्ता

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9-10 सितंबर, 2023 को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में अब कुछ ही समय शेष रह गय है। ऐसे में सभी प्रमुख देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत पहुंचने लगे हैं। भारत इस सम्मेलन के जरिए अपनी विदेश नीति को भी धार देने की तैयारी कर रहा है।यही वजह है कि प्रधानमंत्री शनिवार को जी-20 कार्यक्रमों में भाग लेने के अलावा ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और इटली के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। जी हां, -20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का शेड्यूल बेहद व्यस्त रहने वाला है।वह तीन दिन के भीतर 15 देशों के विभिन्न नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।बैठकों का यह दौर आज से शुरू होकर 10 सितंबर तक चलेगा।आज पीएम मोदी कुल तीन दिन देशों के राष्ट्र अध्यक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें अमेरिका, बांग्लादेश और मॉरीशस के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री शामिल हैं।

बाइडन के साथ इन मुद्दों पर चर्चा संभव

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी अपने एयरफोर्स वन से बारत के लिए रवाना हो चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन की ये भारत की पहली यात्रा है। उनकी शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय बैठक होगी। बैठक में दोनों नेता प्रधानमंत्री मोदी की जून में वाशिंगटन की आधिकारिक यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों पर प्रगति की समीक्षा कर सकते हैं। बैठक के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हो सकती है उसमें यूक्रेन, अहम एवं उभरती प्रौद्योगिकियां और कुछ रक्षा सौदे शामिल हैं। अगले दिन राष्ट्रपति बाइडन प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक आधिकारिक कार्यक्रम में भाग लेंगे. इसके बाद वह जी20 नेताओं के साथ कई बैठकों में हिस्सा लेंगे।

इन नेताओं संग बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिख सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं के साथ 15 से अधिक द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। 8 सितंबर को पीएम मोदी मॉरीशस, बांग्लादेश और अमेरिका के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। 9 सितंबर को जी20 बैठकों के अलावा पीएम मोदी यूके, जापान, जर्मनी और इटली के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। वहीं, 10 सितंबर को पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ वर्किंग लंच मीटिंग करेंगे। इसके अलावा प्रधानंमत्री मोदी कनाडा के पीएम के साथ अलग बैठक करेंगे। इनके अलावा प्रधानमंत्री मोदी कोमोरोस, तुर्किए, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय यूनियन, यूरोपीय कमीशन, ब्राजील और नाइजीरिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।

जी-20 समिटः मनमोहन सिंह और देवेगौड़ा को डिनर का न्योता, सोनिया-खड़गे को निमंत्रण नहीं, अंबानी-अडानी समेत दिग्गज बिजनसमैन भी होंगे कार्यक्रम का ह

#g20-summit-2023_dinner_host_by_president_draupdi_murmu

जी-20 सम्मेलन के लिए दिल्ली में मेहमानों का आना शुरू हो गया है। आज बाइडेन समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आ रहे हैं।बाइडेन के अलावा आज आने वालों में ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अलबनीज़, जापान के पीएम किशिदा फूमियो, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज़ इनैसियो लुला जा सिल्वा और चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग शामिल हैं। जी-20 सम्मेलन में 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।जी-20 के लिए दिल्ली अभेद्य किले में तब्दील हो गई है।

मनमोहन सिंह और दवेगौड़ा को न्योता

G20 सम्मेलन विश्व का सबसे बड़ा और ताकतवर कूटनीतिक इवेंट माना जाता रहा है।इस दो दिवसीय सम्मेलन का सबसे अहम हिस्सा होता है ग्रैंड डिनर पार्टी। यह डिनर मेजबान देश की ओर से सभी विदेशी मेहमानों के सम्मान में दिया जाता है। लेकिन यह एक आम डिनर पार्टी नहीं होती है। इस पार्टी के आयोजन के जरिए मेजबान देश विश्व को अपनी संस्कृति, विविधता के अलावा देश के अंदर सबसे ताकतवर लोगों से रूबरू कराता है।पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा को जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।

सोनिया और मल्लिकार्जुन को निमंत्रण नहीं

शनिवार को राष्ट्रपति की ओर से डिनर का आयोजन किया गया है। दिल्ली के प्रगति मैदान में जी20 सम्मेलन के लिए तैयार किए गए भारत मंडपम में डिनर का आयोजन होगा।यह एक छोटा सा सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। इसके लिए सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है। डिनर के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया गया है। मेहमानों की लिस्ट में सभी सचिव और अन्य विशिष्ट अतिथि जिनमें बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौडा को भी रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को न्योता नहीं भेजा गया है। साथ ही किसी अन्य राजनीतिक दल के नेता को भी निमंत्रण नहीं दिया गया है।

लगभग 600 लोगों को न्योता

9 सितंबर को पूरे दिन चलने वाली मीटिंग के बाद होने वाली डिनर पार्टी में शामिल होने के लिए मेहमानों के अलावा लगभग 600 लोगों को निमंत्रण दिया गया है। डिनर में केंद्रीय मंत्रियों को मेहमानों की खातिरदारी के लिए खास ड्यूटी लगाई गई है। सभी का उनकी पसंद के मुताबिक इंतजाम करने के साथ उन्हें देसी खाने के बारे में विस्तार से बताना भी है। इस डिनर में देश के तमाम हिस्सों के देसी व्यंजनों को शामिल किया गया है। इस डिनर में पूरी तरह शाकाहारी खाने का ही इंतजाम है।

6 राज्यों की 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी, NDA और INDIA गठबंधन के बीच पहली चुनावी परीक्षा

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पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड और त्रिपुरा समेत 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना शुरू हो गई है। इन उपचुनावों को NDA और विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की पहली चुनावी परीक्षा कहा जा रहा है। जिन सात सीटों पर आज मतों की गिनती हो रही है उनमें उत्तर प्रदेश की घोसी, झारखंड की डुमरी, त्रिपुरा की धनपुर और बोक्सानगर, उत्तराखंड की बागेश्वर, पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी और केरल की पुथुप्पल्ली शामिल हैं।

सबसे खास लड़ाई घोसी सीट पर

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये उपचुनाव एनडीए और इंडिया के लिए बड़ी परीक्षा था। इन उपचुनाव में सबसे खास लड़ाई घोसी को लेकर है, जो यूपी में इंडिया गठबंधन का लिटमेस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है। यहां बीजेपी की ओर से दारा सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे हैं, जो सपा को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। जबकि उनका मुकाबला सपा के सुधाकर सिंह कर रहे हैं। घोसी में पहले दारा सिंह चौहान ही विधायक थे, जिनके सपा से इस्तीफा देने के बाद ही यहां पर उपचुनाव की स्थिति पैदा हुई थी।

कहीं एनडीए से तो कहीं आपस में ही है मुकाबला

NDA और INDIA के बीच पहली चुनावी भिड़ंत के लिए यूपी के घोसी विधानसभा सीट पर बीजेपी की तरफ से दारा सिंह चौहान मैदान में हैं। वह हाल ही में सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। सपा ने सुधाकर सिंह को टिकट दिया है। सुधाकर को कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई(एमएल) का भी समर्थन मिला हुआ है। विपक्षी गठबंधन झारखंड की डुमरी, त्रिपुरा की धनपुर और बॉक्सनगर और उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर भी संयुक्त रूप से मुकाबला कर रहा है।जबकि, उत्तराखंड की बागेश्वर विधानसभा सीट पर बीजेपी से पार्वती देवी उतरी हैं तो कांग्रेस से बसंत कुमार मैदान में हैं। सपा से भागवती प्रसाद किस्मत आजमा रहे हैं। सपा के चुनावी मैदान में उतरने से बागेश्वर सीट पर NDA बनाम INDIA के बीच मुकाबला होने के बजाय त्रिकोणीय लड़ाई बन गई। पश्चिम बंगाल के धूपगुड़ी और केरल के पुथुपल्ली में गठबंधन के घटक ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। केरल की पुथुपल्ली विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ गठबंधन से पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के बेटे चांडी ओमन मैदान में हैं तो लेफ्ट दलों के अगुआई वाले एलडीएफ गठबंधन से जैक सी थॉमस किस्मत आजमा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी विधानसभा सीट पर बीजेपी से तापसी रॉय मैदान में हैं। टीएमसी से राजवंशी समुदाय से आने वाले प्रोफेसर निर्मल चंद्र रॉय को उतार रखा है तो सीपीआई से ईश्वर चंद्र रॉय किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है।

सुभाष चंद्र बोस के पोते ने भाजपा से क्यों दिया इस्तीफा?*

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। 2016 में बीजेपी में शामिल हुए सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपने रास्ते अलग कर लिए। पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार बीजेपी की नीतियों की आलोचना करते देखा जा रहा था। बुधवार को पार्टी छोड़ने के दौरान उन्होंने कहा कि मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ है, लेकिन उन्हें सभी समुदायों को एकजुट करना चाहिए।

चंद्र कुमार बोस ने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी और अपने फैसले की जानकारी दी। जेपी नड्डा को लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने पार्टी छोड़ने को लेकर वजहें भी बताई है। उन्होंने लिखा कि नेताजी की विचारधारा को बढ़ावा देने में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और पश्चिम बंगाल नेतृत्व से समर्थन की कमी है।चंद्र बोस ने कहा कि जब मैं बीजेपी में शामिल हुआ था, उस वक्त मुझसे वादा किया गया था कि मुझे सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा को प्रचारित करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं रहा है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस से पोते ने लिखा कि मेरे आदर्श और प्रस्ताव का कोई पालन नहीं किया गया। ऐसे में भाजपा के साथ रहना कोई काम की बात नहीं है।चंद्र कुमार बोस ने इस्तीफे पर कहा, 2016 में बीजेपी में योगदान किया था। पीएम मोदी के नेतृत्व में मुझे अच्छा लगा। बीजेपी में शामिल होने के बाद लगा कि ये जो राजनीति करते हैं वो मेरे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श सब धर्म को एकसाथ करने के मुताबिक नहीं है। उन्होंने (नेताजी सुभाष चंद्र बोस) सांप्रदायिक और विभाजन की राजनीति के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी।

उन्होंने कहा कि भाजपा के ढांचे के भीतर एक आजाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसका प्राथमिक उद्देश्य धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा को बढ़ावा देना था।

चंद्र बोस ने इंडिया नाम बदलने पर भी सवाल उठाया। चंद्र बोस ने कहा कि इसकी (नाम बदलने की) जरूरत नहीं थी।सरकार को दूसरे अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान में अभी भारत के राष्ट्रपति जैसा कोई संवैधानिक पद अस्तित्व में नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू भारत के राष्ट्रपति के रूप में G-20 के लिए निमंत्रण कैसे जारी कर सकती हैं? असल में यह कोई मुद्दा ही नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही कहते आए हैं कि इंडिया यानी भारत है।

जी 20 के विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू, जानें कौन कर रहा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से ऋषि सुनक तक की आगवानी

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भारत जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है। 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के नेता जुटेंगे। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया समेत 19 देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल होंगे। सम्मेलन में शामिल होने के लिए राष्ट्राध्यक्षों के भारत आने का सिलसिला शुरु हो गया है।मॉरीशस के पीएम प्रवीण कुमार जगन्नाथ समेत कई मेहमान गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कल यानी शुक्रवार 8 सितंबर को पहुंचेंगे। इस बीच केंद्र सरकार ने अलग-अलग देशों से आने वाले राष्ट्राध्यक्षों की अगवानी करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्रियों की ड्यूटी भी तय कर दी गई है। 

केंद्र सरकार की ओर से अलग-अलग केंद्रीय राज्य मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो एयरपोर्ट पर विदेशी राष्ट्राप्रमुखों को रिसीव करेंगे।इसमें सबसे अहम जिम्मेदारी केंद्रीय सड़क परिवहन और नागरिक विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह को दी गई है। वीके सिंह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के पीएम ली कियांग को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचेंगे।, जबकि ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का स्वागत अश्विनी चौबे करेंगे।किस मंत्री को किस राष्ट्राध्यक्ष को रिसीव करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है इनकी लिस्ट इस प्रकार हैः

कौन किस राष्ट्राध्यक्ष को करेगा रिसीव

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन- वीके सिंह

इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी- शोभा करांदलाजे

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना- दर्शना जरदोश

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक- अश्विनी चौबे

जापान के पीएम फुमियो किशिदा- अश्विनी चौबे

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल- राजीव चंद्रशेखर

ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज- राजीव चंद्रशेखर

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा- नित्यानंद राय

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों- अनुप्रिया पटेल

जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज- बीएल वर्मा

मॉरीशस के पीएम प्रवीण कुमार जगन्नाथ- श्रीपाद येशो नायक

सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग- एल मुरूगन

यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन- प्रह्लाद सिंह पटेल

स्पेन के राष्ट्रपति- शांतनु ठाकुर

चीन के पीएम ली कियांग- वीके सिंह 

जी-20 में कौन कौन से देश शामिल हैं?

जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके और यूएस और यूरोपीय यूनियन (27 सदस्य) शामिल है।

सदस्य देशों के अलावा और किन देशों का मिला न्योता

इसके अलावा इस बार जी-20 समिट के लिए नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और नाइजीरिया को मेहमानों के तौर पर बुलाया गया है। यूक्रेन को जी-20 समिट का न्योता नहीं भेजा गया है। 

पीएम मोदी करेंगे तैयारियों की समीक्षा

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के जकार्ता की अपनी यात्रा के समापन के बाद दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी जी-20 के मुद्दे पर काउंसिल ऑफ मिनिस्टर की बैठक करेंगे।ये मीटिंग आज रात 8 बजे सुषमा स्वराज भवन में होगी। पीएम इस बैठक में जी20 समिट की की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक प्रगति मैदान के नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष, यूरोपीय संघ और आमंत्रित अतिथि देशों के शीर्ष अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे, सीएम रुके, मुस्कुराए और आगे बढ़ गए, वीडियो हो रहा वायरल

 6 सितंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने भीलवाड़ा में युवाओं के एक समूह के पास अपना काफिला रोका, लेकिन वहां मौजूद युवाओं ने मोदी-मोदी के नारों के साथ सीएम गहलोत का स्वागत किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, मिशन 2030 के लिए नगर पालिका के महाराणा प्रताप सम्मेलन में भाग लेने के लिए गहलोत रात को भीलवाड़ा पहुंचे। इस कार्यक्रम में उनका व्यापार मालिकों से मिलने का कार्यक्रम था।

बैठक के बाद, सीएम अशोक गहलोत रात के लिए सर्किट हाउस के लिए रवाना हुए और सरस्वती सर्कल के पास लोगों के एक समूह को खड़े देखा। उनका काफिला युवाओं के समूह के ठीक बगल में रुका और वह समूह की ओर हाथ हिलाने के लिए वाहन से बाहर आये। हालांकि, सीएम के लिए स्थिति तब अजीब हो गई जब युवक ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर गहलोत मुस्कुराए और तुरंत गाड़ी में वापस बैठ गए। जैसे ही काफिला दोबारा आगे बढ़ा तो युवाओं ने 'जय श्री राम' का नारा लगाना शुरू कर दिया। बता दें कि, यह पहली बार नहीं है, जब गहलोत को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। इस साल अप्रैल में, गहलोत ने जयपुर में राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच एक IPL मैच में भाग लिया। उन्हें मैदान पर देखकर लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 

बता दें कि, राजस्थान में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर 2023 के आसपास होने हैं। पिछला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2018 में हुआ था। मौजूदा सरकार का कार्यकाल 14 जनवरी 2024 को खत्म होगा।

पीएम मोदी ने मंत्रियों को G20 और भारत-INDIA विवाद पर न बोलने की सलाह दी, VVIP कल्चर से दूर रहने को कहा

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। इस शिखर सम्मेलन के लिए सुरक्षा से लेकर ट्रैफिक तक की व्यवस्था की गयी है। आयोजन स्थल को भव्य रूप दिया गया है। इधर जी20 सम्मेलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को खास सलाह दी है। उन्हें दिल्ली में ही रहने की सलाह दे दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों द्वारा ‘क्या करें और क्या ना करें’ के बारे में बताया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दो दिवसीय आयोजन के दौरान गणमान्य विदेशी मेहमानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ बैठक में सलाह दे दी है कि जी20 को लेकर कोई भी बयान देने से बचें। उन्होंने कहा, अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई बयान न दें।

 समय का ध्यान रखने की भी सलाह दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 के लिए मंत्रियों को सलाह देते हुए कहा, जिन मंत्रियों की ड्यूटी लगी है, वो समय का ध्यान दें। उन्होंने सभी मंत्रियों को दिल्ली में ही मौजूद रहने की सलाह दी है।पीएम मोदी ने मंत्रियों को जी-20 इंडिया मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने उनसे जी-20 इंडिया मोबाइल ऐप डाउनलोड करने और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत के दौरान इसके अनुवाद और अन्य विशेषताओं का बेहतर इस्तेमाल करने को कहा। जी-20 मोबाइल ऐप में सभी भारतीय भाषाओं के साथ ही जी-20 देशों की भाषाओं के हाथों-हाथ अनुवाद करने की विशेषता है।

पीएम मोदी ने भारत-इंडिया विवाद पर न बोलने की सलाह दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और 'इंडिया' विवाद पर भी बयान देने से बचने की सलाह दी है। दरअसल यह विवाद तब शुरू हुआ जब जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से संबोधित किया गया है। इंडिया नाम हटाये जाने को लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर आलोचना की, जबकि बीजेपी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश के लिए हिंदी नाम का इस्तेमाल उसकी ‘सभ्यता की यात्रा’ को रेखांकित करता है।

पीएम मोदी ने VVIP कल्चर को छोड़ने की सलाह दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों से VVIP कल्चर को छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा गया है कि वे अपने सरकारी वाहनों को छोड़कर भारत मंडपम और अन्य बैठक स्थलों तक पहुंचने के लिए शटल सेवा का इस्तेमाल करें।

जी20 सम्मेलन में मेहमानों को गीता का ज्ञान देगा खास ऐप

भारत सप्ताह के अंत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशी प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी डिजिटल ताकत को प्रदर्शित करेगा जिसमें आधार और यूपीआई जैसे प्रौद्योगिकी मंचों को दर्शाने के साथ ‘गीता’ ऐप के जरिये जीवन को समझने का मौका भी मिलेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत मंडपम में डिजिटल इंडिया का एक अनुभव क्षेत्र भी स्थापित किया है जहां पर पिछले कुछ वर्षों में देश को हासिल प्रौद्योगिकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा। यहां पर विदेशी मेहमानों को पवित्र ग्रंथ गीता की शिक्षाओं एवं उसके दर्शन को समझने का मौका एक विशेष ऐप के जरिये मिल सकेगा।

जी20 में कौने-कौन देश शामिल

जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही मध्यप्रदेश भाजपा में बढ़ी बेचैनी, टूट सकती है शिवराज सेना! इस बार सीधे दिल्ली से तय हो रहे MP के प्रत्याशी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही बीजेपी के अंदर बैचेनी बढ़ रही है। कुछ सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित होने के पश्चात् बाकी सीटों के लिए नेताओं की उम्मीदें और प्रयास भी बढ़े हैं, किन्तु मामला केंद्रीय नेतृत्व के हाथ में होने से राज्य के प्रमुख नेता भी किसी को आश्वस्त नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में कुछ नेताओं ने पार्टी भी छोड़ी है तथा कुछ दूसरे विकल्पों की ओर देख रहे हैं।

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सबसे पहले प्रत्याशी घोषित करना तो आरम्भ कर दिया, किन्तु इससे चुनाव अभियान को गति मिलने के साथ अंदरूनी परेशानियां भी बढ़ी हैं। बाकी बची सीटों को लेकर कयासबाजी आरम्भ होने के साथ दावेदारों में असमंजस भी बढ़ा है। इसमें मौजूदा विधायक भी सम्मिलित हैं। दरअसल टिकटों का काम केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सीधा संभाल लेने से प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने भी हाथ खड़े करना आरम्भ कर दिया है। आम तौर पर प्रत्याशी तय करने के लिए पहले राज्य की चुनाव समिति में चर्चा होती है तथा उसके पश्चात् केंदीय चुनाव समिति फैसला करती है, मगर इस बार मध्य प्रदेश के लिए 39 प्रत्याशियों की जो सूची आई है, उसके लिए राज्य चुनाव समिति की बैठक ही नहीं हुई। प्रदेश के प्रमुख नेताओं से चर्चा के बाद केंद्रीय चुनाव समिति ने पहली सूची जारी कर दी। तत्पश्चात, अभी यह असमंजस भी है कि राज्य चुनाव समिति बनेगी भी या नहीं। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने भी दावेदारों से सपष्ट कर दिया है कि बहुत सारी चीजें केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर तय हो रही है। ऐसे में राज्य के तमाम नेता राज्य के लिए तय केंद्रीय चुनाव प्रभारियों तक पहुंच बनाने में जुटे हैं। 

हालांकि वहां से कोई सीधा जवाब या आश्वासन नहीं मिल रहा है। उहापोह में प्रदेश में पहले से चल रही अंदरूनी गुटबाजी भी उभर आई है। ऐसे में कई बड़े नेताओं ने अपनी नाराजगी भी जतानी आरम्भ कर दी है। प्रदेश के पूर्व सीएम स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे पूर्व मंत्री दीपक जोशी पहले ही कांग्रेस में जा चुके थे। वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत व MLA वीरेंद्र रघुवंशी ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पूर्व मंत्री नारायण कुशवाहा व अनूप मिश्रा उहापोह की स्थिति में हैं। अन्य कई नेता भी अगली सूची की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अक्सर विवादों में रहने वाले नारायण त्रिपाठी के सीएम शिवराज सिंह चौहान व कांग्रेस नेता कमलनाथ का एक साथ एक ही पोस्टर में आभार व्यक्त करने का मामला भी ख़बरों में है। प्रदेश में हो रही बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्राओं को लेकर भी नाराजगी सामने आई है। पूर्व सीएम उमा भारती व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी अपनी उपेक्षा पर नाराजगी व्यक्त की है।

भारत के बाद जापान का मिशन मून, लॉन्च किया गया एक्स-रे टेलिस्कोप वाला रॉकेट

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भारत के ताबड़तोड़ चांद और सूर्य मिशन के बाद अब जापान ने अपना मिशन मून लॉन्च कर दिया है। आज सुबह जापान की अतंरिक्ष एजेंसी जापान एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने अपना मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ लॉन्च किया। तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से H-IIA रॉकेट के जरिए यह लॉन्चिंग की गई।जापान के स्थानीय समयानुसार सुबह 8.42 बजे यह अंतरिक्ष यान लॉन्च हुआ।जापान की अंतरिक्ष एजेंसी को पिछले महीने एक हफ्ते में तीन बार अपना यह मिशन टालना पड़ा था। इसके पीछे का कारण खराब मौसम था। बार-बार खराब मौसम के चलते जापान को मून मिशन की लॉन्चिंग की तारीख को बदलना पड़ा, लेकिन आखिरकार जापान ऐसा करने में सफल रहा।

चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद

रायटर्स के मुताबिक जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने कहा कि रॉकेट ने योजना के अनुसार दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) को सफलतापूर्वक छोड़ा। जापानी एयरोस्पेश एक्सप्लोरेशन एजेंसी द्वारा लॉन्च किया जाने वाले मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ में रॉकेट एक लैंडर को ले जाएगा। इसके चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है। जापानी एजेंसी ने बताया कि लॉन्च के करीब 13 मिनट बाद रॉकेट ने एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन नामक एक उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया, जो आकाशगंगाओं के बीच स्थित चीजों की गति और संरचना को मापेगा। 

ब्रह्मांड की उत्पति की खोज करेगा ये मिशन

जापान ने अपने इस मून मिशन को खास तौर पर ब्रह्मांड के निर्माण की जांच के लिए डिजाइन किया है। एजेंसी ने आगे कहा कि इससे मिली जानकारी यह अध्ययन करने में मदद करेगी कि आकाशीय पिंडों का निर्माण कैसे हुआ। साथ ही उम्मीद है कि ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ इस रहस्य को सुलझाने में भी मदद मिल सकती है। इसमें एक एक्स-रे इमेजिंग उपग्रह भी होगा। इसके अलावा एक स्मार्ट लैंडर भी भेजा गया है। यह चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने की कोशिश करेगा। जापानी अंतरिक्ष एजेंसी मून स्नाइपर को एच2ए रॉकेट के जरिए चांद पर भेज रही है। मून स्नाइपर में हाई टेक्नोलॉजी के कैमरे लगे हुए हैं, जो चांद को समझने के लिए काम करेगा। 

एक लंबा लूपिंग और कम ईंधन खर्च वाला मार्ग अपनाएगा

SLIM एक छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसकी ऊंचाई 2.4 मीटर, लंबाई 2.7 मीटर और चौंड़ाई 1.7 मीटर है। उड़ान भरने के दौरान इसका वजन 700 किग्रा था। लेकिन इसमें वजन का 70 फीसदी हीस्सा ईंधन था। जबकि चंद्रयान तीन मिशन का कुल वजन 3900 किग्रा था। जिसमें 2148 किग्रा प्रोपल्शन मॉड्यूल, 1752 लैंडर और 26 किग्रा का रोवर शामिल था। SLIM चंद्रमा तक एक लंबा लूपिंग और कम ईंधन खर्च करने वाला मार्ग अपनाएगा, जिससे इसे चांद की कक्षा में पहुंचने में तीन से चार महीने लगेंगे।

इसरो ने दी बधाई

वहीं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 'स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून' (SLIM) के सफल लॉन्च पर जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) को गुरुवार को बधाई दी। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा कि वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के एक और सफल चंद्र मिशन के लिए बहुत-बहुत बधाई।

...तो चांद पर जाने वाला पांचवा देश बन जाएगा जापान

बता दें कि अब तक भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा की सतह पर अपने अंतरिक्ष यान उतारने सक्षम रहे हैं और भारत दक्षिणी ध्रुव पर ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है। जापान अगर कामयाब हुआ तो वह चांद पर जाने वाला पांचवा देश बन जाएगा।