सुभाष चंद्र बोस के पोते ने भाजपा से क्यों दिया इस्तीफा?*
#netaji_subhas_bose_grandnephew_quits_bjp
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। 2016 में बीजेपी में शामिल हुए सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपने रास्ते अलग कर लिए। पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार बीजेपी की नीतियों की आलोचना करते देखा जा रहा था। बुधवार को पार्टी छोड़ने के दौरान उन्होंने कहा कि मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ है, लेकिन उन्हें सभी समुदायों को एकजुट करना चाहिए।
चंद्र कुमार बोस ने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी और अपने फैसले की जानकारी दी। जेपी नड्डा को लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने पार्टी छोड़ने को लेकर वजहें भी बताई है। उन्होंने लिखा कि नेताजी की विचारधारा को बढ़ावा देने में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और पश्चिम बंगाल नेतृत्व से समर्थन की कमी है।चंद्र बोस ने कहा कि जब मैं बीजेपी में शामिल हुआ था, उस वक्त मुझसे वादा किया गया था कि मुझे सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा को प्रचारित करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं रहा है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से पोते ने लिखा कि मेरे आदर्श और प्रस्ताव का कोई पालन नहीं किया गया। ऐसे में भाजपा के साथ रहना कोई काम की बात नहीं है।चंद्र कुमार बोस ने इस्तीफे पर कहा, 2016 में बीजेपी में योगदान किया था। पीएम मोदी के नेतृत्व में मुझे अच्छा लगा। बीजेपी में शामिल होने के बाद लगा कि ये जो राजनीति करते हैं वो मेरे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श सब धर्म को एकसाथ करने के मुताबिक नहीं है। उन्होंने (नेताजी सुभाष चंद्र बोस) सांप्रदायिक और विभाजन की राजनीति के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि भाजपा के ढांचे के भीतर एक आजाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसका प्राथमिक उद्देश्य धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा को बढ़ावा देना था।
चंद्र बोस ने इंडिया नाम बदलने पर भी सवाल उठाया। चंद्र बोस ने कहा कि इसकी (नाम बदलने की) जरूरत नहीं थी।सरकार को दूसरे अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान में अभी भारत के राष्ट्रपति जैसा कोई संवैधानिक पद अस्तित्व में नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू भारत के राष्ट्रपति के रूप में G-20 के लिए निमंत्रण कैसे जारी कर सकती हैं? असल में यह कोई मुद्दा ही नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही कहते आए हैं कि इंडिया यानी भारत है।
Sep 08 2023, 09:56