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*एसएसपी ने किया नए भवन का लोकार्पण*

खजनी। गोरखपुर। तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले हरपुर बुदहट थाने और बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी में नव निर्मित भवनों का लोकार्पण आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर के द्वारा किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय ग्रामप्रधान जनप्रतिनिधि और पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।

पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार जिले के पुलिस कप्तान डाॅ गौरव ग्रोवर ने आज हरपुर बुदहट थाने पर तथा बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी पर पहुंच कर नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण पूजन और फीता काट कर किया। उन्होंने कहा कि जनसहयोग से निर्मित इन भवनों से पुलिस को कार्य करने में सुगमता होगी उन्होंने सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया।

इस अवसर पर एसपी साउथ अरूण कुमार सिंह सीओ बांसगांव प्रशाली गंगवार एसएचओ बांसगांव चंद्रभान सिंह एसएचओ खजनी राजेश कुमार एसओ हरपुर बुदहट संदीप यादव एसओ सिकरीगंज मनीष यादव चौकी इंचार्ज हरनहीं राम सिंह समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रीय ग्रामप्रधान और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

*आनलाइन हुए मतदान में रंजीत शर्मा अध्यक्ष, अशोक चौधरी उपाध्यक्ष, संजना शर्मा महामंत्री व सुधा सिंह पुस्तकालय मंत्री निर्वाचित*

गोरखपुर, 6 सितंबर। स्थापना के मात्र दो साल में उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त वाले महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर ने बुधवार को छात्र सहभागिता को आगे बढ़ाने के क्षेत्र में नया मानक स्थापित कर दिया। ऐसे दौर में जब अन्य विश्वविद्यालयों में छात्र संघ के चुनाव ऊहापोह की स्थिति में हैं, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने छात्र संसद का नया व अभिनव मॉडल देकर छात्र पदाधिकारियों का चुनाव कराया है।

खास बात यह कि चुनाव प्रक्रिया महज तीन दिन में पूरी की गई वह भी कक्षाओं के संचलन में बिना किसी रुकावट के। चुनाव के मुख्य दिन, बुधवार को भी 3 बजे तक कक्षाएं चलती रहीं और इसके बाद अगले दो घण्टे (पांच बजे तक) ऑनलाइन मतदान हुआ और मतदान के कुछ ही मिनटों के बाद परिणाम घोषित कर दिया गया।

यूपी में छात्र संसद के रूप में और ऑनलाइन मतदान से चुनाव कराने वाला पहला यह विश्वविद्यालय है। कुल 57 प्रतिशत हुए मतदान के बाद जारी परिणाम के मुताबिक रंजीत शर्मा अध्यक्ष, अशोक कुमार चौधरी उपाध्यक्ष, संजना शर्मा महामंत्री व सुधा सिंह को पुस्तकालय मंत्री चुना गया। अध्यक्ष के पद पर कांटे की टक्कर रही और जीत का फासला महज चार मतों का रहा।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में बनाए गए छात्र संसद के संविधान के अनुसार छात्र संसद के सांगठनिक स्वरूप में विश्वविद्यालय के कुलपति पदेन मुख्य संरक्षक, अधिष्ठाता छात्र कल्याण निदेशक व कुलसचिव बतौर सदस्य सचिव होंगे। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री व कार्यकारिणी सदस्य के निर्वाचन का प्रावधान है। निर्वाचन वाले इन पदों पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का सबसे पहले कक्षा प्रतिनिधि के पद पर निर्वाचित होना अनिवार्य है। इसके साथ ही प्रत्याशी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 25 वर्ष व पूर्व की परीक्षाओं में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। 

छात्र संसद के संविधान की व्यवस्थाओं के अनुसार चुनाव प्रक्रिया 4 सितंबर से शुरु हुई। इस तिथि को कक्षा प्रतिनिधि का चुनाव हुआ। कुल 34 कक्षा प्रतिनिधि चुने गए। इन्हीं निर्वाचित कक्षा प्रतिनिधियों में से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री के पदों पर दावेदारी की गई। 5 सितंबर को क्वालिफाइंग स्पीच में प्रत्याशियों ने छात्रों के समक्ष अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं। 6 सितंबर को कक्षाओं के समाप्त होने के बाद अपराह्न3 बजे से शाम 5 बजे तक, दो घण्टे ऑनलाइन मतदान कराया गया। खास बात यह भी कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक दिन भी कोई क्लास बाधित नहीं हुआ। 

चुनाव परिणाम की जानकारी देते हुए चुनाव अधिकारी ने बताया कि तय समय सीमा में कुल 57 प्रतिशत मतदान हुआ। अध्यक्ष पद पर रंजीत शर्मा 213 मत प्राप्त कर निर्वाचित हुए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवम पांडेय को 209 मत मिले। अन्य प्रत्याशियों में कामिनी चौरसिया को 140, शिवांगी मिश्रा को 140, अर्पिता चौधरी को 104 वोट मिले।

इस पद पर 104 मतदाताओं ने नोटा विकल्प का चयन किया। उपाध्यक्ष पद पर 298 वोट हासिल कर अशोक कुमार चौधरी निर्वाचित हुए जबकि दूसरे स्थान पर नर्गिस जहां को 245 मत मिले। इस पद के तीसरे उम्मीदवार विध्यवासिनी गुप्ता को 216 मतों से संतोष करना पड़ा। उपाध्यक्ष महोदय पर 151 वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना। महामंत्री पद पर संजना शर्मा 295 मत प्राप्त कर विजयी हुईं।

निकटतम प्रतिद्वंद्वी नवीन कुमार पर्वत को 246 मत मिले। जबकि अन्य प्रत्याशियों में विष्णु अग्रहरि को 192 तथा अनिकेत मल्ल को 89 वोट हासिल हुए। इस पद पर 88 मतदाताओं की पसंद नोटा के नाम रही। पुस्तकालय मंत्री पर दो ही उम्मीदवार आमने सामने रहे। 384 वोट हासिल कर सुधा सिंह ने अंजलि तिवारी (339 वोट) को पराजित किया। इस पद पर 187 वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना। 

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी व कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने छात्र संसद के नवनिर्वाचित पदाधिकारियो को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि यह छात्र संसद पूरे देश के सामने विश्वविद्यालय संचालन में छात्र सहभागिता की मिसाल कायम करेगी।

*छात्र नेता के नेतृत्व में छात्रों ने नवागत कुलपति के कार्यभार ग्रहण करने पर दी बधाई*

गोरखपुर। विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता मनीष ओझा एवं उनके साथियों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण करने पर उनको पुष्पगुच्छ देकर उनको बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित किया ।

इस दौरान मनीष ओझा ने कहा कि इसके पूर्व कुलपति रहे प्रो. राजेश सिंह द्वारा जो वीआईपी कल्चर की व्यवस्था उनके कार्यकाल में थी उसे खत्म करने साथ ही साथ शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्रों से स्वस्थ संवाद स्थापित करने की बात कही जिस पर कुलपति महोदया ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मैं गोरखपुर विश्वविद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए हर बेहतर प्रयास करूंगीबधाई एवं पुष्पगुच्छ देने वालों में सर्वश्री - अतुल यादव, प्रतीक तिवारी, सत्यम गोस्वामी,अरुण उपस्थित रहे।

*विश्वविद्यालय आपका है, आपको ही संजो के रखना है: कुलपति*

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने शिक्षक दिवस के अवसर पर संवाद भवन में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों से भेंट की।इस अवसर पर कुलपति ने सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। प्रो टंडन ने कहा कि दो दिन से वो गोरखपुर विश्वविद्यालय में है और उन्हें यह एहसास हुआ कि वो अपने परिवार के साथ है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय में अकादमिक रूप से अत्यंत सक्षम फैकल्टी है तथा अत्यंत उत्प्रेरित विद्यार्थी है। नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस प्राप्त करने के बाद विश्वविद्यालय को और आगे ले जाना है।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों में महिला शिक्षकों के अनुपात को बढ़ाने के लिए कार्य किया जाएगा। इस घोषणा का शिक्षकों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।कुलपति प्रो टंडन ने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय में वन पर्सन वन पोस्ट लागू किया जाएगा। किसी भी शिक्षक के पास एक से अधिक प्रशासनिक दायित्व नहीं रहेगा, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित न हो। कोशिश होगी सभी का सहयोग लिया जाए तथा सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

शिक्षकों की प्रोन्नति कभी नही रुकेगी। साथ ही शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की तर्ज पर कैशलेश मेडिकल फैसिलिटी को शीघ्र ही लागू किया जाएगा।कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय आपका है, आपको ही इसे संजो के रखना है।

स्वागत उद्बोधन कुलसचिव प्रो. अजय सिंह ने दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो दिव्या रानी सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. नंदिता सिंह ने किया। कार्यक्रम का प्रायोजक इंडियन बैंक रहा। इंडियन बैंक के वरिष्ठ प्रबन्धक श्री रंजन सिन्हा ने भी कुलपति के प्रति आभार जताया।

*विद्यार्थियों से 24×7 संवाद होगा स्थापित: कुलपति प्रो पूनम टंडन*

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने आज पहली प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी विद्यार्थियों के लिए है। विद्यार्थियों से 24७7 संवाद स्थापित किया जाएगा। सभी अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष तथा अधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करेंगे तथा उनके मुद्दों तथा समस्याओं का त्वरित समाधान करेंगे। इसके साथ ही सभी अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष तथा अधिकारी रोजाना 4-5 बजे विद्यार्थियों से मुलाकात कर उनकी बातों को सुनेंगे।

विश्वविद्यालय की वेबसाइट को इंटरैक्टिव बनाया जाएगा। कोशिश होगी कि विश्वविद्यालय कैंपस तथा 300 से ज्यादे महाविद्यालयो में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को सभी सूचनाएं आसानी से उपलब्ध हो।

कुलपति ने कहा कि समय पर परीक्षा तथा परिणाम प्रमुख प्राथमिकता होगी। कोशिश होगी कि विद्यार्थी को इधर-उधर भटकना नही पड़ेगा।

विश्वविद्यालय में पेड तथा अनपेड इंटर्नशिप की स्कीम

कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय में इंटर्नशिप की स्कीम विभिन्न विभागों जैसे मीडिया आफिस, लाइब्रेरी आदि में लागू की जाएगी। इसमें पेड और अनपेड दोनों प्रकार की इंटर्नशिप होगी।

मेंटरशिप योजना की होगी शुरूआत

प्रो टंडन ने कहा कि साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों के लिए मेंटरशिप योजना शुरू की जाएगी जिसमें वरिष्ठ विद्यर्थी नवागत विद्यार्थियों की मेंटरशिप करेंगें।

हैप्पीनेस लैब की होगी स्थापना

कुलपति ने कहा कि मनोविज्ञान विभाग के अंतर्गत हैप्पीनेस लैब की स्थापना की जाएगी। इस लैब का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों में हिने वाले तनाव को कम करने के लिए मनोवैज्ञानिक कॉउंसलिंग की व्यवस्था होगी।

रैंकिंग सेल का होगा गठन

कुलपति प्रो टंडन ने कहा कि रैंकिंग सेल का गठन किया जाएगा तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय पूरी तैयारी के साथ एनआईआरएफ, क्यू एस वर्ल्ड रैंकिंग तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में सहभागिता करेगा।

शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर होगा जोर

कुलपति ने कहा कि शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर नई शिक्षा नीति के तहत जोर दिया जायेगा। विदेश के छात्रों को आकर्षित किया जाएगा। एडमिशन ब्रॉउचर को दूसरे देशों की एम्बेसी को भेज जाएगा। जॉइंट डिग्री प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।

किसी भी शैक्षणिक संस्था की राष्ट्रीय बया अंतर्राष्ट्रीय छवि को निखारने में गुणवत्तापूर्ण शोध की प्रमुखता होती है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा तथा पूरा सहयोग दिया जाएगा। बेहतर प्रोजेक्ट्स लाने वाले शिक्षकों के लिए प्रोन्नति स्कीम लायी जाएगी।

*महाविद्यालय में हुआ शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन*

गोरखपुर। आज महाविद्यालय चन्द्रकान्ति रमावती देवी आर्य महिला पी०जी० कॉलेज गोरखपुर में शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ० रंजना मिश्रा स्मृति शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया शिक्षक ही हमारे जीवन से अज्ञानता के अधकार को दूर कर उसे ज्ञान के प्रकाश से भरते है।

शिक्षक हमें सिर्फ पढाते नहीं है, वे हमारे भविष्य को आकार भी देते है। शिक्षक दिवस शिक्षको के सम्मान का दिन है जो जीवन के हर नये मोड़ पर आने वाली सभी कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति देते है एवं व्यक्तित्व को गढ़ते है ये बात महाविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भोजपुरी फिल्म कलाकार एवं सांसद गोरखपुर रवि किशन ने कही।

माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है वे न केवल हमें शिक्षा देते है, बल्कि अपने अनुभव और मार्गदर्शन से हमारे जीवन में अपना अमूल्य योगदान देते हैं। शिक्षकों के बिना मानव जीवन सार्थक नहीं है। हर किसी के जीवन में गुरू का होना आवश्यक है। उक्त बातें बतौर विशिष्ट अतिथि प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री पुष्पदंत जैन ने कही।

कार्यक्रम के इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंधक डॉ० विजय लक्ष्मी मिश्रा ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ म सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीपप्रज्ज्वलन से प्रारम्भ हुआ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय प्रबंधक एवं प्राचार्य डॉ० सुमन सिंह द्वारा शिक्षकों को प्रमाणपत्र, स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया- विशेष क्षेत्र में सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षकों में श्रीमती स्वप्निल पाण्डेय, डॉ० रेखा श्रीवास्तव, डॉ० अपर्णा मिश्रा, डॉ० इतेन्द्रधर दूबे, डॉ० वीरेन्द्र कुमार गुप्त, डॉ० सरिता त्रिपाठी, डॉ० देवता पाण्डेय, डॉ० सोनू दूबे, डॉ० ज्योत्सना त्रिपाठी, श्रीमती श्रद्धा मिश्रा, डॉ० सारिका पाण्डेय, डॉ सुमन लता, डॉ० रेखा रानी शर्मा, डॉ० सारिका जायसवाल, डॉ० आस्था प्रकाश, डॉ० अमिता अग्रवाल, डॉ० प्रीति त्रिपाठी, डॉ० विकास श्रीवास्तव श्री शंकर थापा श्री पवन कुमार, डॉ० धीरज, अंजली शुक्ला, सुश्री पूजा, अनीता सिंह, निशा श्रीवास्तव।

इस अवसर पर महाविद्यालय के दृश्यकला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ० रेखा रानी शर्मा को कुशल निर्देशन में चित्रकला प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया। छात्राओं द्वारा शिव ताण्डव नृत्य, मावन समेत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये कार्यक्रम का समापन वन्दे मातरम से हुआ।

*महायोगी गोरखनाथ विवि में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस*

गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के विभिन्न संकायों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और स्वैच्छिक श्रमदान के बीच शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया।

विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) एवं राष्ट्रीय सेवा योजना की मत्स्येंद्रनाथ इकाई के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक दिवस समारोह का शुभारंभ आयुर्वेद कॉलेज के अकादमिक इंचार्ज डॉ. नवीन एवं समस्त वरिष्ठ शिक्षकों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. नवीन ने कहा कि शिक्षक दिवस देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत आने वाला दिवस वह दिन है जब हम अपने शिक्षकों, मार्गदर्शकों को स्मरण करते उन्हें सम्मान अर्पित कर सकें। कार्यक्रम मे आयुर्वेद के छात्रों एवं छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

आयुर्वेद कॉलेज में कार्यक्रम के अगले सत्र में पिछले सात दिनों से चल रहे संस्कृत सप्ताह का समापन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। संस्कृत सप्ताह के कार्यक्रमों का संयोजन सह आचार्य साध्वीनंदन पांडेय ने किया। समापन अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी विद्यार्थियों को डॉ. नवीन ने पुरस्कृत किया।

इसी क्रम में विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की आदिनाथ इकाई के तत्वावधान में कृषि विज्ञान एवं संबद्ध उद्योग संकाय के डॉ. विकास कुमार यादव की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय परिसर मे "स्वैच्छिक श्रमदान" अभियान चलाया गया। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय के वातावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए प्रांगण में साफ– सफाई की।

*शिक्षक दिवस खास : मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को पांच साल से नहीं मिला मानदेय*

गोरखपुर। शिक्षक दिवस पर जहां एक ओर शिक्षकों का सम्मान होगा वहीं कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो सम्मान तो दूर की बात पांच साल से मानदेय के लिए भी तरस रहे हैं।

कई बार धरना-प्रदर्शन व आंदोलन के बावजूद अभी तक उन शिक्षकों की बात किसी ने नहीं सुनी। हम बात कर रहे हैं मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की। केंद्र सरकार द्वारा करीब पांच साल से मानदेय न दिए जाने के कारण मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का बुरा हाल है।

शिक्षक नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं। केंद्र पुरोनिधानित मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत प्रदेश के मदरसों मेें विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों को मानदेय का बड़ा हिस्सा नहीं मिल रहा है। फिलहाल प्रदेश सरकार अपना अंशदान दे रही है लेकिन केंद्र के अंशदान न मिलने से आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे शिक्षक कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं।

शिक्षिका गौसिया सुम्बुल ने बताया कि सरकार कई बार मदरसों का सर्वे व जांच करवा चुकी है लेकिन उसके बावजूद भी केंद्र सरकार की ओर से मानदेय नहीं मिल रहा है।

राज्य सरकार से मिलने वाले अंशदान से घर नहीं चल सकता। 2014 के बाद से कई गुना महंगाई बढ़ने के बावजूद राज्यांश में कोई बढ़ोत्तरी नही की गई है।

शिक्षक सैयद मेहताब अनवर ने कहा कि पिछले छह साल से केंद्र सरकार ने मानदेय नहीं दिया है। पैसे के अभाव में बहन की शादी रुकी हुई है। चार माह से राज्यांश भी नहीं मिला है। हालात खराब हैं। घर चलाना बहुत मुश्किल है।

शिक्षक नवेद आलम ने बताया कि मानदेय को लेकर कई बार आंदोलन भी हो चुका है। सभी शिक्षकों की माली हालत खराब हो चुकी है। कई शिक्षकों की तो आकस्मिक मृत्यु भी हो चुकी है। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की स्थिति बद से बदतर है। शिक्षक आरिफ ई रिक्शा चलाने पर मजबूर हो चुके हैं।

कुछ को सामाजिक कारणों से मजबूर होकर नौकरी छोड़नी पड़ रही है। केंद्र सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। सरकार का मदरसों को आधुनिक बनाने का दावा हवा हवाई है।

शिक्षक आसिफ महमूद ने कहा कि शिक्षक वर्षों की नौकरी के बाद सरकार की उपेक्षा से टूट चुके हैं।

अब कोई और काम करने की हिम्मत नहीं बची। सरकार को हम पर रहम करना चाहिए। पैसे के अभाव में थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चे का सही से इलाज करवाने में मुश्किल पेश आ रही है। घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है।

शिक्षक मोहम्मद आजम ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना जब से शुरु हुई है तब से लेकर अब तक सरकार माहवार मानदेय देने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं कर सकी है।

जिले में 163 के करीब मदरसे आधुनिकीकरण योजना से जुड़े हुए है। जिसके तहत जिले के करीब 489 शिक्षक आधुनिक विषयों की शिक्षा दे रहे है। प्रत्येक मदरसे में तीन शिक्षकों को केंद्र सरकार की तरफ से वेतन मिलता है।

प्रशिक्षित शिक्षकों को केंद्रांश के तौर पर 12 हजार व राज्यांश के तौर पर तीन हजार रुपये मिलते हैं। परंतु वर्ष 2017 केंद्रांश के तौर पर मिलने वाली 12 हजार की धनराशि नहीं मिल रही है। जो सरकार मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को मानदेय नहीं दे रही है वह सुविधाएं कैसे मुहैया कराएगी।

*घरेलू विवाद के बाद पति ने घर में लगाई आग, हुआ फरार, फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू, कोई हताहत नहीं*

गोरखपुर।तिवारीपुर थाना क्षेत्र के नशेमन हाता के पास स्थित हरिजन बस्ती में आज एक युवक ने पत्नी से लड़ाई के बाद घर में आग लगा दी और फरार हो गया मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू।

आशीष उर्फ अंशु नामक व्यक्ति जो की तिवारीपुर थाना क्षेत्र के हरिजन बस्ती में अपने पत्नी और एक मासूम बच्चों के साथ रहता है। बताया जाता है कि आए दिन यह पत्नी से नशे की हालत में लड़ाई करता है। रविवार को भी पति-पत्नी के बीच में विवाद हुआ और अंशु फांसी लगाने लगा इसकी सूचना पत्नी ने पुलिस को दी।

मौके पर पहुंची तिवारीपुर पुलिस ने समझा कर मामला शांत कराया लेकिन आज सुबह एक बड़ी घटना को अंशु अंजाम देकर फरार हो गया पत्नी घर से बाहर गई हुई थी। इसी बीच अंशु ने सुबह 10:00 बजे घर में आग लगे और मौके से भाग गया।आग की लपटे देखकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने फायर ब्रिगेड को बुलाया।

फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अंशु की पत्नी पूजा ने बताया कि वह पति की हरकतों से तंग आ चुकी है पति कोई बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है और उसकी जान को भी खतरा है इसलिए वह आप पति से तलाक चाहती है।

*आयुर्वेद न्याय व वैशेषिक दर्शन के सिद्धांतों पर आधारित : डॉ. मिश्र*

गोरखपुर, 4 सितंबर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के अन्तर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस (आयुर्वेद कालेज) में संस्कृत सप्ताह समारोह के पांचवें दिन आयुर्वेद में तर्कशास्त्र विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

बतौर मुख्य वक्ता श्री गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. प्रांगेश कुमार मिश्र ने कहा कि आयुर्वेद और तर्कशास्त्र की भाषा संस्कृत है। इसलिए आयुर्वेद के छात्रों को संस्कृत का ज्ञान अपरिहार्य है।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारतीय दर्शन के न्याय और वैशेषिक दर्शन के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें पंचतत्व हेतु लिंग और औषधि ज्ञान का सिद्धांत है। ये सब न्याय, वैशेषिक रूपी तर्कशास्त्र का अंगभूत है। ये सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड पदार्थों से बना हुआ है, हमारा शरीर भी उन्ही पदार्थों की संरचना है।

'यत् पिंडे तत् ब्रह्माण्डे' के सिद्धांत के आधार पर अर्थात शरीर को समझने के लिए ब्रह्माण्ड के पदार्थों का ज्ञान होना आवश्यक है जो तर्कशास्त्र के द्वारा समझा जा सकता है।

डॉ. मिश्र ने कहा कि तर्कशास्त्र में वर्णित 24 गुण हमारे शरीर और वातावरण के महत्वपूर्ण विषय हैं।

वैद्य को आध्यात्मिक होना चाहिए जिससे वह सकारात्मक रूप से अपना चिकित्सा कार्य कर सकता है। उसे यह भी समझना होगा कि चिकित्सकीय कार्य ईश्वरीय कार्य है। कार्यक्रम का संचालन कोमल गुप्ता और आभार ज्ञापन आचार्य साध्वी नंदन पाण्डेय ने किया।

इस अवसर पर आयुर्वेद कालेज के शैक्षणिक प्रमुख डॉ. नवीन के., डॉ. प्रज्ञा, डा. शान्तिभूषण सहित बीएएमएस प्रथम वर्ष के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।