बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ का बड़ा एलान, शिक्षा विभाग के नई नीतियों के खिलाफ शिक्षक दिवस के दिन निकाला जायेगा प्रतिरोध मार्च
डेस्क : अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की विसंगतियों, दण्डात्मक कार्रवाईयों एवं मनमाने तरीके से अवकाश की कटौती के विरुद्ध बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षक दिवस को प्रतिरोध दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य सचिव मंडल ने 5 सितंबर की संघ्या 4 बजे के बाद ‘प्रतिरोध मार्च’ निकालने का भी फैसला लिया है। वहीं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए समय की मांग की है।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार के कुछ अधिकारियों द्वारा शिक्षक, कर्मचारी एवं शिक्षार्थी विरोधी रवैये से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ आहत एवं अपमानित महसूस कर रहा है। अवैधानिक तरीके से शिक्षकों पर दण्डात्मक कार्रवाईयां की जा रही है। साथ ही पूर्व घोषित अवकाश तालिका में मनमाने तरीके से कटौती कर शिक्षा विभाग द्वारा एक साथ शिक्षक, शिक्षार्थी एवं अभिभावक तीनों को अपमानित किया जा रहा है। सर्वत्र इसकी निन्दा हो रही है। सरकार अविलम्ब दण्डात्मक कार्रवाई, अवकाश कटौती आदि के आदेश वापस लेने एवं बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की सरकार शीघ्र घोषणा करे।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं। शिक्षा अधिकार कानून माध्यमिक विद्यालयों पर लागू नहीं होता जबकि मुख्यमंत्री को बताया जा रहा है कि इस कानून के तहत माध्यमिक विद्यालयों में 220 दिन कार्यदिवस होना चाहिये जो माध्यमिक विद्यालयों में पूरा नहीं हो रहा है। सिंह ने कहा कि हमारे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक 220 दिन ही नहीं, 252 दिन कार्य करते हैं। इसलिए पर्वों - त्योहारों के अवकाश में कटौती करना सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की दिशा में बिहार सरकार के स्तर से सकारात्मक संदेश के बाबजूद ठोस निर्णय में बिलम्ब होने के चलते शिक्षकों में आक्रोश बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने राज्य के तमाम शिक्षकों से अपील की है कि शिक्षक दिवस 05 सितम्बर 2023 को विद्यालय अवधि में बाँह पर काली पट्टी लगायेंगे। संघ भवन में पूर्व राष्ट्रपति डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्प-अर्पण कर मुँह पर भी काली पट्टी लगाकर ‘मौन प्रतिरोध’ के लिए स्थान का निर्धारण करना चाहिए। उसके बाद जिला एवं प्रमंडल के नेतृत्वकारी साथी प्रेस के माध्यम से मुख्यमंत्री, बिहार सरकार को अपने प्रतिरोध के प्रति ध्यान आकर्षित करेंगे। प्रतिरोध कार्यक्रम में विरादराना संगठन को भी शामिल करेंगे।
Sep 04 2023, 10:10