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पूरे देश में रक्षाबंधन की धूम, सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश और देशवासियों को दी राखी की बधाई व शुभकामना

डेस्क : भाई-बहन के अनूठे प्रेम का पर्व रक्षाबंधन आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भद्रा काल के कारण जो भाई-बहन 30 अगस्त को रक्षाबंधन नहीं मना सके, वो आज त्योहार को मना रहें हैं। सालभर इंतजार करने के बाद बहनें अपने भाई की कलाई पर आज राखी बांधकर रखा का वचन ले रही हैं। 

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रक्षाबंधन के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच प्यार एवं स्नेह का त्योहार है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। आज के दिन हम सभी को महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण का संकल्प लेना चाहिए।

*शिक्षा विभाग द्वारा त्योहारों की छुट्टियों में की गई कटौती पर शुरु हुई सियासत, नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर लगाया यह आरोप

डेस्क : बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की आफत कम नहीं हो रही है। केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है तब से लगातार कई प्रकार के आदेशों से विवाद बढ़ता रहा है। अब छुट्टियों के नए आदेश ने सबसे बड़ा झटका दिया है। शिक्षा विभाग के नए आदेश ने अब शिक्षकों की छुट्टियों पर डंडा चला दिया है। बिहार शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच सरकारी स्कूलों में त्योहार की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी है। जिसमें हिन्दुओं के त्योहार ही ज्यादा शामिल है। 

इधर शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है। 

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा पार कर चुके हैं। यही कारण है कि चुन-चुनकर हिंदुओं की छुट्टियों को रद्द किया जा रहा है। 

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकारी स्कूलों में तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गुरु नानक जयंती जैसे कई व्रत, त्योहारों पर छुट्टियाँ रद्द करने के शिक्षा विभाग के आदेश की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश को जवाब देना चाहिए कि हिंदुओं की छुट्टियां रद्द क्यों हो रही है। केवल तुष्टिकरण की राजनीति के लिए यह सब किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बिहार में आए दिन शिक्षा विभाग के नए नए आदेश से शिक्षकों की आवाज दवाई जा रही है। बिहार के विद्यालयों को चरवाहा विद्यालय की ओर क्यों लौटाया जा रहा है? शिक्षा विभाग अपने सचिव के माध्यम से शिक्षकों को अपमानित कर रही है। उन्हें कानून के शिकंजे में लाकर उनकी आवाज को दबाई जा रही है। उन्हें अपमानित किया जा रहा है।

विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार का नियोजित शिक्षकों के साथ वही अमर्यादित व्यवहार है। अब ऐसे ऐसे फरमान जारी किए जा रहे हैं जिससे शैक्षणिक वातावरण खराब हो रहा है। शिक्षकों की छुट्टी रद्द करने का फरमान उन्हें हतोत्साहित और अपमानित करेगा। 

उन्होंने सवाल किया कि विद्यालय के अंदर भवन नहीं है। शौचालय नहीं है। पेयजल की व्यवस्था नहीं है। लैबोरेट्री नहीं है लेकिन इसकी चिंता बिहार सरकार को नहीं है। इसे बेहतर करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। शिक्षा विभाग के सचिव का इस पर ध्यान नहीं जाता है। उलटे कभी शिक्षकों की कुर्सी हटा दी जाती है तो कभी अन्य तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि शिक्षकों की जो निर्धारित छुट्टियाँ हैं उसे बरकार रखा जाए। हिंदुओं की छुट्टियों को रद्द करना तुष्टिकरण है। यह बिहार की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण है। इस्ससे आतंकवादियों उग्रवादियों का मनोबल बढ़ रहा है।

अब शिक्षकों की छुट्टियों पर चला डंडा, शिक्षा विभाग ने त्योहार की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर कर दी 11

डेस्क : बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की आफत कम नहीं हो रही है। केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है तब से लगातार कई प्रकार के आदेशों से विवाद बढ़ता रहा है। अब छुट्टियों के नए आदेश ने सबसे बड़ा झटका दिया है। 

शिक्षा विभाग के नए आदेश ने अब शिक्षकों की छुट्टियों पर डंडा चला दिया है। बिहार शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच सरकारी स्कूलों में त्योहार की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी है। 

बिहार में तीज और जिउतिया जैसे त्योहारों पर महिलाओं का उपवास और व्रत रहता है। ऐसे में उनके लिये यह सबसे बड़ा झटका है। वहीं विश्वकर्मा पूजा और श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव घर-घर में धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर लोग उपवास और व्रत भी रखते हैं। इन छुट्टियों के रद्द होने से शिक्षकों के बड़े वर्ग को झटका लगा है। 

शिक्षा विभाग ने हरितालिका व्रत तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गुरु नानक जयंती जैसे कई पर कई त्योहारों पर छुट्टियां रद्द कर दी है।

वहीं सबसे बड़ा झटका दीपावली से छठ के बीच रहने वाली छुट्टियों पर चला है। अब तक दीपावली से छठ पूजा तक के लिए लगातार छुट्टियां रहती थी। अब इस बीच की 9 दिन की छुट्टी को घटाकर सिर्फ 4 दिन किया गया है। इसमें दीपावली के दिन एक दिन की छुट्टी, चित्रगुप्त पूजा की एक दिन की छुट्टी और छठ के समय की 2 दिन की छुट्टी होगी।

नए आदेश के अनुसार 6 सितम्बर को चेहल्लुम की छुट्टी रहेगी। वहीं 28 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी और हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन है, इस दिन छुट्टी रहेगी। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती, 22, 23 और 24 अक्टूबर दुर्गापूजा, 12 नवंबर को दीपावली, 15 नवंबर को चित्रगुप्त पूजा/भैयादूज, 19 और 20 नवंबर को छठ पूजा और 25 दिसम्बर को क्रिसमस की छुट्टी रहेगी।

*रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर : सितंबर और अक्टूबर माह में अलग-अलग तिथियों को रद्द रहेंगी ये 40 ट्रेने

डेस्क : रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। अगले सितंबर और अक्टूबर माह में अलग-अलग तिथियों को 40 ट्रेने रद्द रहेंगी। दरअसल रेलवे यात्री सुविधाएं बढ़ाने और आवागमन में सुगमता के लिए वाराणसी जंक्शन के यार्ड का रिमाडलिंग करा रहा है। इसे देखते हुए 40 ट्रेनें सितंबर और अक्टूबर में अलग-अलग तिथियों को रद्द करने और 48 के रूट बदलने जबकि तीन ट्रेनों को नियंत्रित कर और एक ट्रेन को पुनर्निर्धारित कर चलाने का फैसला किया है।

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 से 19 सितंबर तक प्री-बीएनआई कार्य, 20 सितंबर से 5 अक्टूबर तक बीएनआई कार्य और 6 से 15 अक्टूबर तक एनआई कार्य किया जाना है। यार्ड रिमाडलिंग के दौरान नॉन रनिंग लाइन को रनिंग लाइन में परिवर्तित किया जायेगा। इसके बाद अधिक गाड़ियों का संचालन हो सकेगा तथा गाड़ियों के विलंब से चलने में कमी आएगी।

यह ट्रेनें रहेगी रद्द

 22323 कोलकाता-गाजीपुर सिटी शब्दभेदी एक्सप्रेस 31 अगस्त, 7, 14, 21, 28 सितम्बर एवं 5 व 12 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 22324 गाजीपुर सिटी-कोलकाता शब्दभेदी एक्सप्रेस 1, 8, 15, 22, 29 सितम्बर एवं 6 व 13 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 13429 मालदा टाउन-आनंद विहार एक्सप्रेस 15, 22, 29 सितम्बर एवं 6 व 13 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 13430 आनंद विहार-मालदा टाउन एक्सप्रेस 16, 23, 30 सितम्बर एवं 7 व 14 अक्टूबर को रद्द रहेंगी। 14003 मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस 12, 16, 19, 23, 26, 30 सितम्बर एवं 3, 7, 10 व 14 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 14004 नई दिल्ली-मालदा टाउन एक्सप्रेस 10, 14, 17, 21, 24, 28 सितम्बर एवं 1, 5, 8 तथा 12 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 

14523 बरौनी-अम्बाला कैंट हरिहर एक्सप्रेस 11, 14, 18, 21, 25, 28 सितम्बर एवं 2, 5, 9, 12 व 16 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 14524 अम्बाला कैंट-बरौनी हरिहर एक्सप्रेस 9, 12, 16, 19, 23, 26, 30 सितम्बर एवं 3, 7, 10 व 14 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 15021 शालीमार-गोरखपुर एक्सप्रेस 12, 19, 26 सितम्बर एवं 3 व 10 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 15022 गोरखपुर-शालीमार एक्सप्रेस 11, 18, 25 सितम्बर एवं 2 व 9 अक्टूबर को रद्द रहेगी।

ये ट्रेनें एक दिन नियंत्रित कर चलेंगी 

10 सितंबर को देहरादून से खुलने वाली 12370 देहरादून-हावड़ा एक्सप्रेस रास्ते में 180 मिनट नियंत्रित कर चलायी जाएगी। कोटा से खुलने वाली 13238 कोटा-पटना एक्सप्रेस रास्ते में 90 मिनट नियंत्रित कर चलायी जाएगी।

राज्य सरकार ने रक्षा बंधन पर महिलाओं और छात्राओं को दिया यह खास तोहफा

डेस्क : राज्य सरकार ने रक्षा बंधन पर महिलाओं और छात्राओं को खास तोहफा दिया है। रक्षा बंधन के अवसर पर 31 अगस्त को महिलाओं व छात्राओं के लिए राजधानी पटना में सरकारी बस की सुविधा मुफ्त रहेगी।

सुबह 7 बजे से रात 8.30 बजे तक उन्हें बस से यात्रा करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्हें यह सुविधा उन्हें रूट संख्या 111, 111 ए, 222, 444, 555, 888, 888 ए, 100, 200, 999 के अलावा आईएसबीटी-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से परिचालित होने वाली अन्य बसों पर लागू होगी। 

वे इस दिन किसी बस में बैठकर कहीं भी आ और जा सकती हैं। इसके लिए उन्हें कोई राशि नहीं देनी होगी।

जाती गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर भड़के बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी, केन्द्र सरकार पर लगाया यह आरोप

डेस्क : वित्त मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि जानबूझकर एक साजिश के तहत केंद्र सरकार बिहार में हो रही जाति आधारित गणना को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। 

जदयू प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देना हास्यास्पद है। गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है। यह बात तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही कहते आ रहे हैं। इसके लिए हलफनामा दायर करने की क्या जरूरत थी। 

राज्य सरकार बिहार में जाति आधारित गणना करा रही है और साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति का आकलन भी हो रहा है। ताकि। जरूरतमंदों के लिए योजनाएं बनाकर उनके विकास की गति को और तेज किया जा सके। पर केंद्र सरकार को गरीबों के हितों का कोई ख्याल नहीं है। बिहार में हो रहे जातीय गणना की सफलता से केंद्र की बेचैनी साफ दिखती है। 

उन्होंने कहा कि तारीफ यह भी है कि बिहार के भाजपा नेतागण केंद्र की इस बदहवासी को भी अंधभक्ति में प्रशंसनीय ही मानते हैं। सवालिया लहजे में कहा कि हलफनामे के किस पंक्ति का अर्थ यह लगा लिया गया कि केंद्र सरकार जातीय गणना के विरोध में नहीं है? जबकि पूरे हलफनामे का तात्पर्य बिहार सरकार के कार्य को अनाधिकृत बताकर रोकना ही है।

राजधानी पटना में बढ़ते स्नैचिंग को लेकर पुलिस गंभीर, अब मॉर्निग वॉक के समय गश्ती टीम रहेगी तैनात


डेस्क : राजधानी में हर रोज हो रही चेन लूट की घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर पटना पुलिस के आलाधिकारी गंभीर हैं।

पुलिस अधिकारियों ने सुबह के छह बजे से लेकर नौ बजे तक विशेष रूप से अलर्ट रहने के निर्देश थानेदारों को दिये हैं। सभी थानेदार हर ढाई किलोमीटर के दायरे में अपने इलाके में गश्ती टीम को तैनात रखेंगे।

इसके अलावा पुलिस ने 100 चेन झपटमारों की पहचान की है। वहीं चेन लूट मामले में पूर्व में जेल जा चुके 300 बदमाशों को चिन्हित किया गया है। सभी थानों की पुलिस को सुबह के समय संदिग्ध वाहन चालकों से पूछताछ करने के लिये कहा गया है।

पुलिस ऐसे स्पॉट को चिन्हित करेगी जहां अक्सर चेन लूट की घटनाएं होती हैं। हाल के दिनों में कुछ संदिग्धों का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगा है। कईयों की पहचान की गई है। हरेक अनुमंडल में तैनात डीएसपी चेन लुटेरों पर होने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार करेंगे।

पटना सेंट्रल रेंज आईजी राकेश राठी से लेकर एसएसपी राजीव मिश्रा ने सोमवार को सभी डीएसपी व थानेदारों के साथ बैठक की।

रेंज आईजी ने चेन और मोबाइल झपटमारी की घटनाओं पर लगाम लगाने और इसमें शामिल अपराधियों को पकड़ने के निर्देश दिये।

आईजी की बैठक के बाद एसएसपी ने सभी थानेदारों को अपराधियों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने को कहा है।

पारस एचएमआरआई के डॉक्टरों ने 16 साल के किशोर को दिया नया जीवन, दिल के छेद को किया ठीक

पटना :- राजधानी पटना के प्रसिद्ध पारस एचएमआरआई में दिल के छेद का ऑपरेशन कर 16 साल के किशोर को नया जीवन दिया है। किशोर के जन्म से दिल में छेद था, बीमारी से ग्रस्त उक्त किशोर के दिल में छेद था और हृदय से निकलने वाली रक्त नलिका में भी गड़बड़ी थी। इतनी उम्र में इस समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी करना काफी जोखिम भरा काम था। लेकिन पारस एचएमआरआई के कार्डियक सर्जन ने हिम्मत और बुद्धिमत्ता से काम लिया और सफल सर्जरी कर किशोर को नवजीवन दिया। 

निदेशक सीटीवीएस विभाग (कार्डियो सर्जरी) डॉ. अरविंद कुमार गोयल और कंसल्टेंट डॉ कुमार आदित्य ने उक्त युवक के हृदय की सफल सर्जरी की। इसमें कार्डियक एनेस्थीसिया के डायरेक्टर डॉ अतुल मोहन की टीम सहयोगी रही।

डॉ. अरविंद कुमार गोयल के अनुसार बेगूसराय के रहनेवाले 16 वर्षीय विक्रांत कुमार को जन्म से ही टीओएफ (नीलेपन) की बीमारी थी। उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। दरअसल, उसके दिल में छेद था। साथ ही हृदय से शरीर और फेफड़ा में खून जाने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन जागरूकता के अभाव और गरीबी के कारण वह शुरुआत के दिनों में इलाज नहीं करवा पाया था। एक दिन मरीज के परिजन बेगूसराय के ही एक डॉक्टर को दिखलाए। वो मरीज को पारस एचएमआरआई पटना रेफर कर दिए। 

यहां जांच के बाद हमलोगों ने ऑपरेशन कराने का सुझाव दिया। मरीज के परिजन तैयार हो गए। इसके बाद आईसीआर विधि से उसके दिल का सफल ऑपरेशन हुआ। अब मरीज स्वस्थ्य है। मरीज का ऑपरेशन सीएम रिलीफ फंड के जरिये एकदम मामूली दर पर हुआ। 

सीटीवीएस के कंसल्टेंट डॉ कुमार आदित्य ने बताया कि यह बिहार में शायद पहला केस था। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में मरीज के जान जाने का खतरा अधिक रहता है। लेकिन हमारी टीम ने इसे सफलतापूर्वक किया। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में जितना जल्दी उपचार हो, ठीक होने की उतनी अधिक संभावना रहती है। 

वहीं पारस एचएमआरआई के मेडिकल सुप्रिटेंडेट डॉ. नीतेश कुमार ने बताया कि पहले बिहार के लोग इस बीमारी का इलाज कराने के लिए अहमदाबाद, रायपुर, दिल्ली आदि शहर जाते थे। वहां इतनी लंबी वेटिंग लिस्ट होती है कि कई बार मरीज की मौत हो जाती है। हमलोगों का लक्ष्य कम पैसे में गरीब से गरीब लोगों को इस तरह की गंभीर बीमारी से ठीक करने का है। पारस एचएमआरआई में हार्ट की सभी सर्जरी जैसे बाईपास और वॉल्व बदलने के ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू उपलब्ध है।

पारस एचएमआरआई के बारे में 

बता दें पारस एचएमआरआई, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट हॉस्पिटल है। 350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।

चिराग पासवान का सीएम नीतीश पर बड़ा हमला, मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी सात निश्चय योजान का बताया सबसे बड़ा भ्रष्टाचार

डेस्क : लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो व जमुई सांसद चिराग पासवान ने एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी योजना सात निश्चय को ही सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया है। 

चिराग पासवान ने आज सोमवार को सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि सात निश्चय योजना बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। विजन के नाम पर मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना चलाया लेकिन बिहार में सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी योजना मुख्यमंत्री का सात निश्चय योजना ही है। 

बता दें बिहार की सूरत को बदलने के मकसद से वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना की शुरुआत की थी।

वहीं इंडिया का संयोजक नहीं बनने नीतीश के बयान पर चिराग पासवान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि INDIA का ही कुछ नहीं होने वाला है। INDIA का जो तथाकथित गठबंधन है इसमें इन्होंने देश का नाम अपनी राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का काम कर रहे है। इस गठबंधन का कुछ नहीं होगा। गठबंधन में सिर्फ विरोधाभाष दिख रहा है। जिस गठबंधन की नीति नहीं उस गठबंधन को जनता स्वीकार नही करेंगी। 

चिराग ने नीतीश को चैलेंज देते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार को हिम्मत है तो बिहार के किसी भी सीट से चुनाव लड़ कर दिखा दें। इन्हें बिहार की जनता नकार चुकी है इसलिए ये लोग बाहर जगह तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा केंद्र की सत्ता पलटने वाले रहे हैं। 2014 में भी बिहार के युवाओं का इसमें बहुत बड़ा योगदान था। तब भी केंद्र की नई सरकार को बनाने में बिहार ने अहम भूमिका निभाई थी। अब एक बार फिर अगले चुनाव में बिहार अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में जिस तरह 40 में 39 सीट जीतकर एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में सफल रहा था आने वाले चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन और बेहतर होगा। एक सीट की भी कसर इस बार नहीं होगी। हमलोग 40 में से 40 सीट जीतेंगे।

इंडिया अलायंस के संयोजक बनने के चर्चा के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सामने आया बड़ा बयान : मैं कुछ भी नहीं बनना चाहता, मैं तो बस सबको एकजुट करना चाहता हूं

डेस्क : नीतीश कुमार को लेकर कहा जा रहा है कि इंडिया की मुम्बई बैठक में उन्हें हम जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसमें संयोजक का पद शामिल है। हालांकि पटना और बेंगलुरु की बैठक में संयोजक के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। ऐसे में एक बार फिर से मुम्बई बैठक के जिन मुख्य एजेंडों की बातें हो सकती है उसमें इंडिया का एक लोगो जारी करना और संयोजक के रूप में किसी एक नेता को नामित करने पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। जिन प्रमुख चेहरों को संयोजक की जिम्मेदारी देने की चर्चा है उसमें नीतीश कुमार के नाम पर सर्वाधिक चर्चा है। 

इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एक बार फिर कहा है कि वे इंडिया अलायंस के संयोजक नहीं बनेंगे। आज सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें संयोजक या मैं कुछ भी नहीं बनना चाहता। मैं यह बात बार-बार बता रहा हूं और फिर से दोहराता हूँ कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। मैं तो बस सबको एकजुट करना चाहता हूं। 

जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि मुंबई में इंडिया अलायंस की अगली बैठक अगर उन्हें संयोजक की भूमिका की पेशकश की गई तो क्या वह स्वीकार करेंगे। इस बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। 

वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही यह कहें कि वे इंडिया का संयोजक नहीं बनना चाहते हैं लेकिन वे इस पद के सबसे बड़े दावेदार हैं। इसका बड़ा कारण नीतीश कुमार की वह पहल है जिसके तहत विपक्ष एकजुट हुआ है। 

नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष अगस्त 2022 में बिहार में महागठबंधन सरकार बनाई थी। उसके बाद ही उन्होंने कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने इसके लिए सितम्बर 2022 में देश के कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी। करीब 8 महीनों के बाद नीतीश की पहल रंग लाई और पटना में जून 2023 में पहली बार विपक्षी दल एक साथ बैठक किए। नीतीश की पहल पर सबकुछ साकार होने से वे एक ऐसे चेहरे के रूप में सामने आए हैं जो सबसे योग्य संयोजक माने जा रहे हैं।