जिस लड़की का परिवार वालों ने कर दिया था दाह-संस्कार, उसने विडियो कॉल कर कहा मैं जिंदा हूं, जानिए क्या है पूरा मामला
पूर्णिया : क्या आपने कभी ये सुना है कि किसी मुर्दे को श्मशान घाट ले जाकर जला दिया गया हो और वह अपनी खबर देखते ही बोल पड़े 'मैं अभी जिंदा हूं।' बिहार के पूर्णिया में ऐसा ही कुछ हुआ है। जहां घरवालों ने भवानीपुर के अकबरपुर ओपी के नवगछिया टोला के बहियार नहर के कछार से मिले एक लड़की के शव की शिनाख्त न सिर्फ अपनी बेटी समझकर कर ली बल्कि जल्दबादी में उसका दाह संस्कार तक कर दिया। इधर लड़की अपने ही हत्या की खबर पढ़कर दंग रह गई। वीडियो कॉल पर घरवालों को कॉल किया और कहा- 'पापा मैं मरी नहीं, मैं तो जिंदा हूं।'
घटनाक्रम के विषय में बताया गया है कि रुपौली, थाना- बलिया ओपी, गांव -तुलसी बिशनपुर और तारीख - 3 जून....जिला मुख्यालय से तकरीबन 58 किलोमीटर दूर रुपौली प्रखंड के बलिया ओपी पुलिस स्टेशन के तुलसी बिशनपुर गांव में रहने वाले किसान बिनोद मंडल की कक्षा दसवीं में पढ़ने वाली 17 साल की बेटी अंशु कुमारी स्कूल के बहाने अब से ठीक ढाई महीने पहले 3 जून को घर से निकलती है। इसके बाद फिर वह वापस नहीं आती।
जब वह घर वापस नहीं आती। तो घर वाले उसने ढूंढना शुरू करते हैं। आसपास के टोलों ,सहेलियों और रिश्तेदारों के यहां भी घरवालों को गुमशुदा बेटी की कोई खबर नहीं मिलती। हालांकि थाना में शिकायत करने के बजाए लोक लिहाज के कारण घर वे लोग तब अंशु की गुमशुदगी की शिकायत नहीं करते। 14 जून को अंशु के फोन नंबर का कॉल डिटेल घर वालों के हाथ लगता है। जिसके बाद घर वाले 15 अगस्त की नेशनल छुट्टी के अगले दिन 16 अगस्त को थाना जाकर गुमशुदगी की शिकायत करने की सोचते हैं।
तारीख - 16 जून, भवानीपुर के अकबरपुर ओपी का नवगछिया टोला गांव। बहियार नहर से गुजरते हुए ग्रामीणों की नजर पानी में तैरती एक लड़की के शव पर जाती है। बाकी लोगों की तरह देर शाम तक दिवाकर अपने पिता तुलसी बिशनपुर गांव से पिता बिनोद मंडल और घर के बाकी लोगों गांव के बहियार नहर पहुंचते हैं। यहां उनकी नजर पकड़े पर जाती है। कपड़े और कद काठी देखकर उन्हें ये शव अपनी बेटी अंशु कुमारी का लगता है। जिसके बाद अकबरपुर ओपी की पुलिस अंशु की डेड बॉडी को कागजी पुलिसिया प्रक्रियाओं के बाद हैंड ओवर कर देती है। रोते -बिलखते घर वाले इस डेड बॉडी को अपनी 17 वर्षीय बेटी का शव समझकर अपने साथ ले जाते हैं।
17 को सुबह -सुबह घर का फोन बजता है। फोन पर कोई और नहीं वहीं अंशु होती है जिसे मुर्दा समझकर घरवाले श्मशान में उसे जलाए आते हैं। अंशु की अपने पिता से फोन पर बात होती है। अंशु का पहला शब्द होता है। हेलो... हेलो पापा मैं अंशु। हेलो पापा मैं जिंदा हूं। मैं मरी नहीं। आपने जिसकी डेड बॉडी जलाई वो मैं नहीं पापा। इसके बाद अंशु वीडियो कॉल करके घर वालों को दिखाती है।
वह बताती है कि पापा मैं रुपौली हॉल्ट बाजार में एक किराए के मकान में रह रही हूं। मैंने भागकर शादी कर ली है। लड़के का नाम विरांजन कुमार है। विरांजन 24 साल का है और वह भवानीपुर का ही रहने वाला है।
इस मामले पर अकबरपुर ओपी थानाध्यक्ष सूरज कुमार ने कहा कि ये चूक कैसे हुई। इसकी छानबीन की जा रही है।
पूर्णिया से जेपी मिश्र
Aug 21 2023, 19:08