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चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में ली एंट्री, अब 23 अगस्त का इंतजार

#chandrayaan_3_successfully_completes_fifth_and_final_maneuver_to_reach_moon

चंद्रयान-3 चांद के और करीब पहुंच गया है।चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।जी हां, चंद्रयान-3 आज चंद्रमा के आखिरी ऑर्बिट में पहुंच गया है। इसरो ने इसकी जानकारी दी है।इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रफ्तार बढ़ाने के लिए की गई आज की सफल फायरिंग थोड़े समय के लिए आवश्यक थी। इस फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किलोमीटर से 163 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया है।यह वो पल है जहां से चंद्रयान की यात्रा में महत्वपूर्ण लेकिन निर्णायक बदलाव होने हैं। 

इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।इसरो ने बताया कि अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है।

इसरो ने ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है। यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे। अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। चंद्रयान-3 का मिशन न सिर्फ अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है बल्कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें करना भी है।

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।चंद्रयान-3 ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी।ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं। इसरो में ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया था।पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया।

मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...

#sachin_pilot_replied_on_amit_malviya_claims 

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

#sulabhinternationalfounderbindeshwarpathakpassedaway

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। नई दिल्ली स्थित एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में झंडोत्तोलन के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया था। बताया जा रहा है कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था। डॉक्टरों ने उन्हें कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की मदद से सांस देने की भी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।

उनके एक सहयोगी ने बताया कि 80 वर्षीय बिंदेश्वर ने सुबह स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद वह अचानक गिर गए, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए एम्स लाया गया। अस्पताल के एक सूत्र ने कहा कि बिंदेश्वर पाठक को दोपहर 1:42 बजे मृत घोषित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट है।

सामाजिक कार्यकर्ता रहे बिंदेश्वर पाठक ने हाथ से मैला ढोने वाली प्रथा के खिलाफ बड़े पैमाने पर लड़ाई लड़ी।बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े समाज सुधारकों की रही है, जिन्होंने निचले तबके के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।उन्होंने मानव अधिकारों, स्वच्छता और सामाजिक सुधारों को लेकर 1970 में सुलभ इंटनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी।

कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

वहीं, सुलभ ने एक इनोवेटिव डिजाइन के आधार पर लगभग 1.3 मिलियन घरेलू शौचालय और 54 मिलियन सरकारी शौचालयों का निर्माण किया है। शौचालयों के निर्माण के अलावा संगठन ने मानव अपशिष्ट की मैन्युअल क्लीनिंग को खत्म करने के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने सुलभ शौचालयों को किण्वन संयंत्रों से जोड़कर बायोगैस निर्माण का अभिनव उपयोग किया, जिसे उन्होंने तीन दशक पहले डिजाइन किया था। अब दुनिया भर के विकासशील देशों में स्वच्छता के लिए एक पर्याय बन रहे हैं। उनके अग्रणी काम, विशेष रूप से स्वच्छता और स्वच्छता के क्षेत्र में, उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।

बिंदेश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई- राष्ट्रपति

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई है। श्री पाठक ने स्वच्छता के क्षेत्र में क्रान्तिकारी पहल की थी। उन्हें पद्म-भूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार तथा सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों को मैं अपनी शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।

पीएम मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। पीएम मोदी ने कहा, बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया था। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा।

रूस में बड़ा हादसा, गैस स्टेशन में हुए भीषण विस्फोट में 25 से ज्यादा लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल

#russia_dagestan_gas_station_explosion_25_killed_100_injured

रूस के मखाचकाला में एक गैस स्टेशन में भीषण धमाका हो गया है। इस धमाके में तीन बच्चों समेत 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। 

बताया जा रहा है कि आग पहले कार की मरम्मत करने वाली दुकान में लगी और देखते ही देखते पास के गैस स्टेशन में फैल गई।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती की देश के आपातकाल मंत्रालय के हवाले से जारी की गई खबर के मुताबिक, क्षेत्र की राजधानी मखचकाला के बाहरी क्षेत्र में स्थित गैस स्टेशन में सोमवार रात को विस्फोट हुआ था। आग पहले कार की मरम्मत करने वाली दुकान में लगी और देखते ही देखते पास के गैस स्टेशन में फैल गई। खबर के मुताबिक, गैस स्टेशन में लगी आग थोड़ी ही देर में 600 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैल गई। आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम को साढ़े तीन घंटे से अधिक समय लगा।

रूसी उप स्वास्थ्य मंत्री व्लादिमीर फिसेन्को ने बताया है कि घायलों में से 10 की हालत गंभीर है। इंटरफैक्स ने दागेस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि घायलों में तेरह बच्चे हैं। रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर कहा कि गंभीर रूप से घायलों को मॉस्को ले जाने के लिए माखचकाला में एक विमान भेजा गया था।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मखचकाला में ग्लोबस शॉपिंग सेंटर के पास एक कार सर्विस सेंटर में विस्फोट हुआ था। क्षेत्रीय गवर्नर ने मंगलवार 15 अगस्त को कहा कि दागेस्तान के दक्षिणी रूसी क्षेत्र में एक गैस स्टेशन में आग लगने का मामला सामने आया। डागेस्टानी डिजास्टर मेडिसिन सेंटर की जानकारी के अनुसार, 12.00 बजे (मॉस्को समय) तक 12 लोग मारे गए, 50 घायल हो गए। हालांकि बाद में मृतकों की संख्या और बढ़ी जो कि 25 से ज्यादा पहुंच गई। मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल हैं।

पीएम मोदी के 2024 में लाल किले से तिरंगा फहराने वाले बयान पर विपक्ष हमलावर, लालू -खड़गे ने यूं किया पलटवार

#kharge-andlaluyadavreplyonpmnarendramodi_statement 

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले पर 10वीं बार तिरंगा फहराया।

 इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि अगले 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को जनता के सामने रखेंगे।प्रधानमंत्री अपने इस दावे पर घिरते नजर आ रहे हैं।2024 में फिर से लाल किले से तिरंगा फहराने के पीएम मोदी के दावे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने तंज कसा है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बी इस बयान पर पलटवार किया है।

पीएम मोदी के बयान पर लालू “लाल”

दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी अगले साल लाल किले से तिरंगा फहराएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लाल किले से अंतिम बार तिरंगा फहरा रहे हैं, अगली बार हम तिरंगा फहराएंगे।

अगली बार पीएम मोदी तिरंगा अपने घर पर फहराएंगे

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी झंडा तो फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर। खरगे ने कहा कि हर इंसान कहता है कि मैं ही जीतूंगा. लेकिन जीताती तो जनता है। वे (मोदी) अहंकार की तरह बोल रहे हैं।

हर भारतीय की आवाज़ है भारत माता..', राहुल गांधी ने दी स्वतंत्रता दिवस की बधाई, भारत जोड़ो यात्रा का भी किया जिक्र

 कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज मंगलवार (15 अगस्त) को देश के लोगों को 77वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और भारत माता को हर भारतीय की आवाज बताया। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर राहुल गांधी ने कहा कि, "भारत माता हर भारतीय की आवाज है! सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।"

इसके साथ ही राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' का अपना अनुभव भी साझा किया और कहा कि उन्होंने समुद्र के किनारे से 145 दिन की पैदल यात्रा शुरू की और कश्मीर की बर्फ पर पहुंचे। राहुल ने कहा कि, 'पिछले साल मैंने एक सौ पैंतालीस दिन उस ज़मीन पर घूमते हुए बिताए जिसे मैं अपना घर कहता हूँ। मैंने समुद्र के किनारे से शुरुआत की और गर्मी, धूल और बारिश से गुज़रा। जंगलों, कस्बों और पहाड़ियों से होते हुए, जब तक कि मैं नरम बर्फ तक नहीं पहुँच गया मेरे प्यारे कश्मीर की।'

उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखने के दौरान हुए दर्द और उस प्रेरणा का भी उल्लेख किया जिसने उन्हें यात्रा जारी रखने में मदद की। राहुल गांधी ने कहा कि, "कुछ ही दिनों में, दर्द शुरू हो गया। मेरी पुरानी घुटने की चोट, जो फिजियोथेरेपी के घंटों के बाद खत्म हो गई थी, वापस आ गई। कुछ दिनों की सैर के बाद, मेरा फिजियो हमारे साथ आ गया, वह आया और मुझे उचित सलाह दी। दर्द बना रहा। और फिर मैंने कुछ नोटिस करना शुरू कर दिया। हर बार जब मैं रुकने के बारे में सोचता, हर बार जब मैं हार मानने के बारे में सोचता, कोई आता और मुझे जारी रखने की ऊर्जा उपहार में देता।'

बता दें कि, स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा कड़ी करते हुए पुलिस कर्मियों ने वाहनों की जांच की। स्वतंत्रता दिवस से पहले भारत में विभिन्न प्रतिष्ठित इमारतों और स्मारकों को तिरंगे की रोशनी में रोशन किया गया है। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और इंडिया गेट रोशनी से जगमगा रहे क्योंकि शहर स्वतंत्रता दिवस के उत्साह में डूबा हुआ है।

लाल किले पर खाली रही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की कुर्सी, कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उठे सवाल, तो दिया ये जवाब

#khargeschairseenemptyatred_fort 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लालकिले पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर पक्ष-विपक्ष के नेता और सांसद लाल किले पर पहुंचे थे। कार्यक्रम में कई दिग्गज और करीब दो हजार तक अतिथि शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान एक कुर्सी खाली दिखाई दी। यह कुर्सी कांग्रेस के एक बड़े नेता की थी। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कुर्सी इस समारोह के दौरान खाली दिखी। खरगे इस समारोह में शिरकत नहीं कर सके। 

स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के मौजूद नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि खरगे को ठीक महसूस नहीं हो रहा था, इसलिए वह लाल किले पर नहीं पहुंचे। कांग्रेस की तरफ से सफाई देते हुए बताया गया,'खरगे को अपने घर और कांग्रेस पार्टी दफ्तर में तिरंगा फहराना था। इसलिए वह लाल किला में होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो पाए। अगर वे जाते तो वह घर वहां से जल्दी नहीं निकल सकते। उन्हें कम से कम दो घंटे तक वहां पर रहना ही पड़ता, वे कांग्रेस मुख्यालय में समय से ध्वजारोहण नहीं कर पाते। 

लाल किला नहीं पहुंचने पर दी सफाई

लाल किले नहीं जाने का सवाल खरगे से किया गया तो उन्होंने अपनी आंखों की समस्या बताई। दूसरी बात उन्होंने कही कि मुझे घर पर प्रोटोकॉल के तहत झंडा फहराना था। फिर मुझे कांग्रेस ऑफिस आकर झंडा फहराना था। यहां तो मैं पहुंच ही नहीं सकता था। उनकी सिक्योरिटी इतनी टाइट है। पहले प्रधानमंत्री के जाने तक किसी को नहीं छोड़ते। आजकल होम मिनिस्टर के जाने तक नहीं छोड़ते। रक्षा मंत्री, स्पीकर... के बाद हम लोगों का नंबर लगता। इसलिए समय के अभाव और सिक्योरिटी की अड़चन थी। अब जैसा उन्हें छोड़ते हैं वैसा मुझे तो रास्ता नहीं देते।

खरगे का सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश

इस बीच खरगे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट के जरिए एक वीडियो संबोधन जारी किया। जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दीं। कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारी देश की आत्मा है। हम यह प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिये, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता कायम रखेंगे। उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और बीआर अंबेडकर जैसे स्वतंत्रता प्रतीकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदानों का किया जिक्र

अपने वीडियो संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह जैसे अन्य कांग्रेस प्रधानमंत्रियों के योगदानों का जिक्र किया। उन्होंने बीजेपी के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। कहा कि हर प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति में योगदान दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ सभी प्रधानमंत्रियों ने देश के बारे में सोचा और विकास के लिए कई कदम उठाए। 

नाम लिए बिना पीएम पर निशाना

पीएम मोदी का नाम लिए बिना खरगे ने कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि देश पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है। लेकिन यह सच नहीं है। जब अंग्रेज देश छोड़कर चले गए, तो स्थिति ऐसी थी कि देश में एक सूई भी नहीं बनती थी। तब पंडित नेहरू बड़ी पहल की, इस्पात संयंत्र स्थापित किए, बांध बनाए, आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान स्थापित किए। इंदिरा गांधी-लाल बहादुर शास्त्री हरित क्रांति लेकर आए, भारत को आत्मनिर्भर बनाया। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोकतंत्र का ढोल बजाते हैं, वे दूसरे तरफ विपक्ष का मुंह बंद कर देते हैं। आज लोकतंत्र को बहुत बड़ा खतरा है। संसद में विपक्ष की आवाज बंद कर दी जाती है, मेरा माइक बंद कर दिया जाता है।

पीएम मोदी ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण पर किया कड़ा प्रहार, भारत के विकसित देश बनने की राह में बताया सबसे बड़ा रोड़ा

#pmmodiattackedcorruptionfamilialism_polarisation 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश के विकास में आने वाली सबसे बड़े रोड़ों का जिक्र किया। लाल किले पर तिरंगा लहराने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने सरकार की उपलब्धियां गिनाई। वहीं देश के विकास में आ रही बाधा की बात करते हुए परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के बहाने विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इन तीन बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सपनों को सिद्ध करने के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण का आंख में आंख डालकर सामना करने की बात कही।

मोदी का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा-पीएम मोदी

लाल किले के प्राचीर से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। इसने देश के सामर्थ्य को बुरी तरह नोंच लिया है। यह मोदी के जीवन का कमिटमेंट है, यह मेरे व्यक्तित्व की प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। इस देश में पिछले नौ साल में दस करोड़ लोगों को मैंने गलत फायदा उठाने से रोक दिया। ये दस करोड़ लोग वो थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। वे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग हो जाते थे। दस करोड़ बेनामी चीजों को रोका है।

भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है। पीएम मोदी ने बताया कि इस सरकार ने सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछली सरकारों की तुलना अदालत में ज्यादा चार्जशीट दायर की हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना होगा। जैसे गंदगी हमारे मन में नफरत पैदा करती है, वैसे ही सार्वजनिक जीवन की इस गंदगी को भी दूर करना होगा।

देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 'लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है, विशेष बल देकर राजनीतिक दलों के बारे में कह रहा हूं। यह बुराई है परिवारवादी पार्टियां। उनका मूल मंत्र है उनका राजनीतिक दल, परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए काम करे। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है।

तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो वह तुष्टीकरण की राजनीति ने किया है। इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। 

इनसे लड़ने के लिए संकल्प लेने का आहवान

इन तीन बुराइयों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इनसे पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ने का संकल्प लेने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि इन बुराइयों से देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन होता है और ये बुराइयां लोगों के सामर्थ्य का शोषण करती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़े, पसमांदा, आदिवासी, माता-बहनों को उनका हक दिलाने के लिए देश को इन तीन बुराइयों से मुक्ति पाना होगा।

लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री का लाल किले से आखिरी संबोधन, किये ये बड़े ऐलान

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देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश के लोगों को संबोधित किया।इस दौरान पीएम मोदी ने लाल किले से नई योजनाओं का ऐलान किया, साथ ही कई वादे भी किए।साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री का लाल किले से आखिरी संबोधन है, ऐसे में इस संबोधन के कई राजनीतिक मायने भी हैं।

-लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया कि वह सुनार, सुतार, राजमिस्त्री, बाल काटने वाले, औजारों-हाथों से काम करने वाले वर्ग को नई ताकत देने वाले हैं। इसके लिए वह विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू करेंगे।इसकी शुरुआत 13 से 15 हजार करोड़ रुपये से की जाएगी।

-पीएम मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि देश में अभी तक 10 हजार जन औषधि केंद्र थे, अब हम इस लक्ष्य को 25 हजार जन औषधि केंद्र तक पहुंचा रहे हैं और आने वाले वक्त में इस ओर काम शुरू हो जाएगा।

-पीएम ने ऐलान किया कि मोदी की गारंटी है कि आने वाले पांच साल में देश दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल होगा।

-शहरों में जो लोग किराये पर रहते हैं या जिनके पास अपना घर नहीं है या जो अनाधिकृत कॉलोनी में रहते हैं, उनको अपना घर बनाने के लिए बैंक से जो लोन मिलता है, उसके ब्याज में राहत दी जाएगी और इसके लिए जल्द योजना का ऐलान होगा।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा नया लक्ष्य गांव में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है, एग्रीकल्चर सेक्टर के जरिए हम वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप की ट्रेनिंग देंगे जिसमें महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। हम गांव में महिलाओं को मजबूत करना चाहते हैं और इस ओर यह कदम अहम है।

जिलाधिकारी ने मनरेगा कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा की, दिए कई जरुरी निर्देश

नवादा : जिलाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा के अध्यक्षता में आज मनरेगा कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा की गयी। उन्होंने, सर्वप्रथम कार्यक्रम पदाधिकारी का परिचय प्राप्त करते हुए उनसे कृत कार्याें के संबंध में फिडबैक प्राप्त किया गया।

उन्होंने सभी अधिकारियों को स्थल भ्रमण करते हुए निरीक्षण करने का निर्देश दिया। बैठक में आवास योजना, मास्टर रोल, सोशल आॅडिट, पारिश्रमिक भुगतान आदि के संबंध में समीक्षा की गयी।

दीपक कुमार मिश्र उप विकास आयुक्त ने जिले में मनरेगा कार्यक्रम के तहत् किये गए कार्याें के संबंध में विस्तृत फिडबैक दिये। मनरेगा कार्याें में नारदीगंज एवं काषीचक प्रखंड का प्रगति लक्ष्य के अनुरूप नहीं है।

हिसुआ और रजौली प्रखंड का कार्य वेदर पाया गया। जाॅब कार्ड का आधार शिडिंग जिले में 98 प्रतिसत है। अकबरपुर प्रखंड का 94 प्रतिसत है। संबंधित कार्यक्रम पदाधिकारी को कार्यकलाप में सुधार लाने का नसीहत दिया गया।

जाॅब कार्ड से आधार कार्ड को शत्-प्रतिषत आच्छादित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि एक माह के अन्दर सभी कार्यक्रम पदाधिकारी शत-प्रतिशत आधार शिडिंग कराना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि आधार वेश पर ही शत-प्रतिशत भुगतान करना है। कैम्प लगाकर सभी बैंक खाता को आधार कार्य से लिंक करने का निर्देश दिया गया। मनरेगा कार्यक्रम को सोशल सोशल ऑडिट करने का भी निर्देश दिया गया ।

मनरेगा के माध्यम से जिले में 03 लाख 64 हजार पौधारोपण किया जाना है जिसमें से अबतक 02 लाख 15 हजार का आच्छादन हो चुका है। लक्ष्य के अनुरूप यथाशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।

उप विकास आयुक्त ने बताया कि प्रत्येक पंचायत में एक यूनिट में दो-दो सौ पौधे लगाया जा रहा है। 15 अगस्त 2023 को भी सभी टोले में जल जीवन हरियाली योजना के तहत् बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जायेगा।

15 अगस्त के शुभ अवसर पर जिला के 182 पंचायतों के महादलित टोले में बड़े पैमाने पर पौधारोपण कार्यक्रम किया जायेगा। सरकारी कार्यालयों में भी पौधा लगाने और देखभाल करने का निर्देष दिया गया है। इसके अलावे वन विभाग, जीविका, कारागृह नवादा और सरकारी कार्यालयों में भी पौधारोपण किया जायेगा।

जिलाधिकारी ने जिलेवासियों से अपील किये हैं कि पर्यावरण के संतुलन और स्वच्छ रखने के लिए पौधारोपण में आगे आयें। सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को लगाये गए पौधे को देखभाल के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये। सरकार के लक्ष्य के अनुरूप एक सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।

आज की बैठक में राजीव रंजन निदेशक डीआरडीए, सत्येन्द्र प्रसाद जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, अभियंता, सहायक अभियंता, कार्यक्रम पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

नवादा से राकेश कुमार चंदन