बीजेपी ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बताया पूरी तरह फेल, इन मामलों की जांच की मांग को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
डेस्क : बिहार भाजपा ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को पूरी तरह फेल और भ्रष्टाचार के चरम पर होने का आरोप लगाया है। वहीं इसे लेकर विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन बीजेपी की ओर से कहा गया है कि बिहार में नीतीश-तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार विगत एक वर्ष से सत्ता पर काबिज है। यह एक वर्ष बिहार के लिए काला अध्याय साबित हुआ है। राज्य में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी है. राज्य में लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का काम किया जा रहा है। बिहार में प्रशासनिक अराजकता है। जंगलराज के द्वार पर खड़े बिहार में सैंकड़ो हत्याएं हो रही हैं। अकेले पटना में एक महीने में 30 हत्याएं हुई हैं। बिहार भाजपा ने नीतीश सरकर पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोप लगाया है। हर प्रकार की मांग उठाने वालों पर लाठीचार्च किया जा रहा है।
बिहार भाजपा ने राज्यपाल से मांग की है कि बिहार में बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार, अराजकता, धार्मिक उन्माद के प्रति कठोर कार्रवाई हो। छात्र युवा और आम जनता की आवाज को लाठी और गोलियों की मार से दबाना बंद करें। बिहार के युवाओं से 10 लाख सरकारी नौकरी का वादा पूरा करे। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे। भाजपा कार्यकर्त्ता शहीद विजय सिंह के हत्यारों को सजा दे।
नीतीश सरकार में 1700 करोड़ रुपये के सुल्तानगंज- अगुवानी पुल ध्वस्त घटना में संलिप्त भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही जल्द हो। नीतीश सरकार में बालू माफिया, शराब माफिया एवं जमीन माफिया का प्रशासन से गठजोड़ हो जाने के कारण अपराध चरम पर है । भाजपा यह मांग करती है की इन सभी घटनाओं को वर्गीकृत करके न्यायिक जांच करायी जाए।
वहीं भाजपा ने कहा कि 2015-2016 के बजट में भारत सरकार ने 1264 करोड़ के लगत से 750 बेड की दरभंगा एम्स की स्वीकृति दी थी | लेकिन बिहार सरकार के लापरवाही नीतीश कुमार की उदासीनता के चलते अधर में लटका हुआ हैं, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने एनडीए सरकार में रहते हुए दरभंगा DMCH परिसर के 200 एकड़ जमीन पर एम्स निर्माण हेतु कैबिनेट से पारित करके प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद DMCH में मिट्टी भराई का काम चालू भी राज्य सरकार द्वारा कर दिया गया था, किन्तु महागठबंधन सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने दरभंगा एम्स को अटकाने के चक्कर में पहले अशोक पेपर मील फिर बागमती नदी के किनारे जहाँ 30 से 40 फीट गहरी खाई हैं, उसमें एम्स निर्माण भी घोषणा कर दी। डी. एम. सी. एच के प्रारम्भिक दो चरण के कार्य प्रारम्भ होने बाद, बार-बार स्थल बदलने का औचित्य नही था। इससे साफ़ हैं की नीतीश कुमार की सरकार बिहार में एम्स निर्माण नहीं करना चाहती हैं।
Aug 14 2023, 11:56