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पूरे देश से बैंक में वापस पहुंचे 2000 के 87% नोट, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी जानकारी, जानिए, अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा प्रभाव

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बताया कि उसके उच्चतम मूल्य वर्ग के 87 प्रतिशत बैंक नोट अब तक वापस ले लिए गए हैं, जिससे संभावित रूप से तरलता अधिशेष में वृद्धि होगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, 'कुल मिलाकर 2,000 रुपये के बैंक नोटों की वापसी के कारण तरलता में अधिशेष है। उन्होंने बताया कि, अब तक 2,000 रुपये के 87 फीसदी नोट वापस आ चुके हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेना एक 'अस्थायी उपाय' है। उन्होंने आगे कहा कि निकासी पूरी होने के बाद सिस्टम में 'पर्याप्त तरलता' होगी। बता दें कि, इस साल 19 मई को, RBI ने 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फैसला किया था और कहा था कि सभी नोटों को 30 सितंबर, 2023 से पहले बदला जाना चाहिए।

RBI ने कहा था कि नवंबर 2016 में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों की कानूनी निविदा को वापस लेने के बाद मुद्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 2,000 रुपये के नोट पेश किए गए थे। RBI ने कहा था कि अन्य मूल्यवर्ग के नोटों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने के बाद उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए 2018-19 में 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। रिज़र्व बैंक ने पाया कि लेनदेन के लिए 2,000 रुपये के नोटों का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता है, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने इन नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फैसला किया।

राज्यसभा में भड़के खरगे, बोले-पीएम के आने से क्या होने वाला है, क्या परमात्मा हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम करीब 4 बजे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेंगे। उनके संसद पहुंचने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बड़ा बयान दिया। मणिपुर में हो रही हिंसा पर गुरुवार को राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भाजपा सांसदों के शोर करने पर भड़क गए। अपने भाषण के दौरान बार- बार भाजपा सांसदों के टोकने से वह इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने यहां तक तक कह दिया कि प्रधानमंत्री कोई भगवान है जो उनके आने से सब ठीक हो जाएगा। 

मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के तहत चर्चा की विपक्ष की मांग और बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के संबंध में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी पर गतिरोध के कारण राज्यसभा को गुरुवार दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। खरगे ने आसन से नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया और पीएम मोदी की उपस्थिति की मांग की। इसके बाद जैसे ही सत्तारूढ़ सदस्यों ने आपत्ति जताई, उन्होंने उन पर हमला बोल दिया।

मल्लिकार्जुन खरगे ने गुस्से में कहा कि प्रधानमंत्री के आने से क्या होने वाला है? क्या वो परमात्मा हैं ? फिर शोरगुल के बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वे कोई भगवान नहीं हैं। इसके बाद सदन में शोरगुल और बढ़ गया।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी। पीएमओ ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी कि आज शाम करीब चार बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर लगाया देश में हिंदू-मुस्लिम को बांटने का आरोप, कहा- सब्जियां हिंदू हुई, बकरा मुसलमान हो गया

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में मोदी सरकार को घेरा।मोइत्रा ने कहा कि देश बीजेपी सरकार से विश्वास खो रहा है।मोइत्रा ने बहस के दौरान बीजेपी पर देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप का आरोप लगाया। वहीं महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी के सदन में नहीं को लेकर भी उन्हें घेरा

प्रधानमंत्री थोड़ी न आपकी बैठकर सुनेंगे-मोइत्रा

लोकसभा में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री थोड़ी न आपकी बैठकर सुनेंगे। वे आखिरी दिन आएंगे और आपकी धज्जियां उड़ाकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि पीएम मोदी इस सदन में क्यों नहीं आते, जहां के लिए वे चुने गए हैं। यह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं है। यह विपक्षी इंडिया के लिए विश्वास प्रस्ताव है। मोइत्रा ने कहा कि हम यहां अपने 'तुम अभी चुप रहो' गणतंत्र में सवाल पूछने आए हैं, जहां प्रधानमंत्री एक राज्यपाल से कहते हैं 'चुप रहो'। इस सदन में निर्वाचित सांसद के रूप में हमसे नियमित रूप से कहा जाता है 'चुप रहो'। 

ये प्रस्ताव मणिपुर में मौन संहिता को तोड़ने के लिए-मोइत्रा

मोइत्रा ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि ये प्रस्ताव मणिपुर में इस मौन संहिता को तोड़ने के लिए है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या है, हमारे प्रधानमंत्री ने संसद में आने से इनकार कर दिया या उन्होंने मणिपुर जाने से इनकार कर दिया।

इस तरह का सिविल वॉर हाल के समय में भारत में कहीं नहीं देखा गया-मोइत्रा

टीएमसी सांसद ने कहा कि कहा गया कि मणिपुर ही क्यों, राजस्थान, छत्तीसगढ़ क्यों नहीं? मैं कहना चाहती हूं कि मणिपुर का मामला अलग है। यह एक समुदाय के खिलाफ हेट क्राइम का मामला है, एक कम्युनिटी की तरफ से पुलिस है और उसी से सीएम आते हैं। इस तरह का सिविल वॉर हाल के समय में भारत में कहीं नहीं देखा गया। 6500 एफआईआर तीन महीने में हुई। 60,000 लोग विस्थापित हुए। किस राज्य में ऐसा हुआ। 300 से ज्यादा धर्मस्थल तोड़े गए। 6 लाख बुलेट भीड़ ने लूटा।

इस निष्क्रियता परर भारत कहेगा, मोदी के अलावा कोई भी-मोइत्रा

महुआ मोइत्रा ने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा कि, भारत ने आप (पीएम मोदी) पर विश्वास खो दिया है। सबसे महान लोकतंत्र के प्रधानमंत्री का नई संसद के कक्ष में बहुमत के धार्मिक संतों के सामने झुकने का तमाशा हमें शर्मसार कर देता है, पुलिस दुर्व्यवहार और गोलीबारी करती है। चैंपियन पहलवानों के खिलाफ एफआईआर हमें शर्म से भर देती है, हरियाणा के 3 जिलों की 50 पंचायतों द्वारा मुस्लिम व्यापारियों को राज्य में प्रवेश करने से मना करने का पत्र जारी करना हमें शर्म से भर देता है। 'नफरतों की जंग में अब देखो क्या हो गया, सब्जी हिंदू हुई और बकरा मुसलमान हो गया' । सब पूछते हैं मोदीजी नहीं तो कौन? मणिपुर पर इस निष्क्रियता के बाद भारत कहेगा, मोदी के अलावा कोई भी।

राष्ट्रपति बाइडेन को हत्या की धमकी देने वाला डोनाल्ड ट्रंप का समर्थक ढेर, एफबीआई ने मुठभेड़ में मार गिराया

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को गोली मारकर हत्या करने की धमकी देने वाले शख्स को की जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने मार गिराया है। अमेरिका के यूटा के उस व्यक्ति को एफबीआई एजेंटों ने उस समय गोली मार दी जब उन्होंने उसके घर पर छापा मारा।इस शख्स ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की हत्या करने की धमकी दी थी। आरोपी शख्स अमेरिका के यूटा का रहने वाला था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी यूटा का दौरा करने वाले थे, उससे कुछ घंटे पहले ही एफबीआई ने आरोपी के ठिकाने पर छापा मारा और सुरक्षा एजेंसी की कार्रवाई में मारा गया। 

एफबीआई ने आरोपी की मौत की पुष्टि की है

एफबीआई ने बताया कि उसके स्पेशल एजेंट्स ने आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी लेकिन आरोपी द्वारा आक्रामक रुख अपनाने के चलते कार्रवाई में वह मारा गया। सुरक्षा एजेंसी ने आरोपी की पहचान उजागर नहीं की है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूटा के संघीय अभियोजक ने जो शिकायत दर्ज कराई है, उसमें आरोपी का नाम क्रेग रॉबर्टसन बताया गया है। जांच अधिकारियों ने बताया कि आरोपी डोनाल्ड ट्रंप का प्रबल समर्थक था और उसके पास ‘एक स्नाइपर राइफल’ और कई अन्य हथियार थे।

70 वर्षीय आरोपी ने सोशल मीडिया पर किए थे पोस्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी क्रेग रॉबर्टसन करीब 70 साल का था और वह खुद को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कट्टर समर्थक बताता था। रॉबर्टसन ने सोशल मीडिया पोस्ट में बाइडन को मारने की धमकी दी थी। एक पोस्ट में आरोपी ने लिखा कि 'मैंने सुना है कि बाइडन यूटाह आ रहे हैं। अपनी एम24 स्नाइपर राइफल से धूल साफ करनी है। मसखरों के चीफ स्वागत है।'

एक अन्य पोस्ट में, रॉबर्टसन ने खुद को ‘एमएजीए ट्रम्पर’ कहा, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ नारे का संदर्भ था।

कमला हैरिस को भी दी धमकी

रॉबर्टसन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड को भी धमकी दी। एक पोस्ट में उसने कहा, ‘राष्ट्रपति की एक या दो हत्याओं के लिए यह सही समय है, पहले जो फिर कमला!!!’

ओवैसी का केंद्र सरकार से सवाल, पूछा- क्या हिंदुत्व देश से ज्यादा महत्वपूर्ण है?

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अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में आज एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी चर्चा में शामिल हुए। अपने भाषण में ओवैसी ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आज हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर कई शब्दबाण छोड़े। उन्होंने नूंह हिंसा, यूसीसी, हिजाब, मणिपुर समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। 

ओवैसी का नूंह हिंसा पर केंद्र पर निशाना

ओवैसी ने नूंह हिंसा का मामला उठाते हुए हरियाणा सरकार और केंद्र पर हमला किया। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि कहां गया ओवैसी ने कहा कि हमारे संविधान में जमीर की आजादी का जिक्र किया गया है। मैं प्रधानमंत्री से जानना चाहता हूं कि कहां गया इस हुकूमत का जमीर, जब नूंह में 750 इमारतों को इसलिए जमीदोज कर दिया गया क्योंकि वो मुसलमान थे। इसलिए क्योंकि वो मुसलमान थे। इस मुल्क में नफरत को माहौल है। इनका 9 साल का ये कारनामा है। मणिपुर में असम रायफल्स पर केस दर्ज हो गया है। वहां की महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है। कुर्सी है तुम्हारा जनाजा तो नहीं, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते।

क्या बिलकिस बानों इस देश की बेटी नहीं थी-ओवैसी

सरकार के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव पर असादुदीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि देश में नफरत का माहौल है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ट्रेन में एक वर्दीवाले दहशतगर्द ने अपने सीनियर मीणा साहब का कत्ल किया। इसके बाद उसने ट्रेन के कोच में जा-जाकर नाम पूछकर, चेहरे पर दाढ़ी देखकर उनको कत्ल किया और कहा कि मोदी को वोट देना होगा। ओवैसी ने कहा कि नूंह में भी मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार हो रहा है। डीएमके सांसद कनिमोई ने बिलकिस बानों का जिक्र किया। लेकिन क्या बिलकिस बानों इस देश की बेटी नहीं थी।

‘भारत छोड़ो’ शब्द एक मुस्लिम द्वारा बनाया गया-ओवैसी

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, हमारे गृह मंत्री कल ‘भारत छोड़ो’ के बारे में बात कर रहे थे। मुझे आश्चर्य है कि अगर उन्हें पता चलेगा कि ‘भारत छोड़ो’ शब्द एक मुस्लिम द्वारा बनाया गया था, तो वह इस शब्द का उपयोग नहीं करेंगे। मैं कहना चाहता हूं आप (केंद्र सरकार) जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, उससे देश को नुकसान होगा। मैं पीएम से पूछना चाहता हूं कि क्या हिंदुत्व देश से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

चीन पर बोलिए, ओवैसी का पीएम मोदी से अपील

ओवैसी ने चीन को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज चीन हमारी जमीन पर नहीं बैठा है। पीएम मोदी ने शी जिनफिंग को अहमदाबाद में बैठाकर झूला झुलाया था, चेन्नै दिखाया था। क्या निकला। क्या नतीजा निकला। इसलिए चीन पर बोलिए। 

कुलभूषण जाधव पर पूछा सवाल

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आज चीन के ऊपर कुछ नहीं बोलते हैं। कुलभूषण जाधव कहां है? पाकिस्तान में बैठा है पर आप उसको क्यों नहीं लेकर आते हैं? आप विश्वगुरु-विश्वगुरु कहते हैं लेकिन आप कुलभूषण जाधव को भूल गए। कतर में 8 नेवी अफसर 1 साल से जेल में हैं, पर आप उनको नहीं ला पाए। 1991 का वर्शिप एक्ट इसलिए यहां पास किया गया था कि इतिहास के जख्मों को नहीं कुरेदा जाएगा। मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं कि देश को नफरत की तरफ मत लेकर जाइए।

यूसीसी को लेकर साधा निशाना

ओवैसी ने आगे कहा कि यूसीसी का फॉर्मूला क्या है कि एक देश, एक कानून। एक कल्चर, एक जुबान। ये तो डिक्टेटर्स का फॉर्मूला है। भारत एक गुलदस्ता है। यहां बेशुमार भाषाएं और बहुत सारे धर्म हैं। अल्पसंख्यक वेलफेयर का बजट 40 फीसदी कम कर दिया गया है। स्कॉलरशिप कम कर दी गई।

क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फ्लाइंग किस की, पढ़िए, इस सवाल पर मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने ऐसा जवाब दिया है जो जमकर हो रहा वायरल

 लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दूसरे दिन बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर खूब हमला बोला। अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए मणिपुर में भड़की हिंस्सा पर व्यक्त की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारे पीएम हिंदुस्तान की आवाज नहीं सुनते हैं, लेकिन जब उनका भाषण खत्म हुआ तो वह 'फ्लाइंग किस' को लेकर बीजेपी द्वारा सवालों के घेरे में आ गए। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के खिलाफ स्पीकर से की शिकायत भी की। वहीं इसके बीच मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने राहुल गांधी के फ्लाइंग किस को लेकर ऐसा जवाब दिया है जो अब खूब वायरल हो रहा है।

क्‍या राहुल गांधी को फ्लाइंग किस करते हुए देखा था? 

दरअसल, जब पत्रकार द्वारा हेमा मालिनी से सवाल किया गया कि क्या उन्होंने राहुल गांधी को फ्लाइंग किस करते हुए देखा तो उनका जवाब नहीं था। उन्होंने कहा 'मैंने वो नहीं देखा, हां, पर कुछ शब्द ऐसे थे जो बहुत सही नहीं थे। 'हेमा का यह बयान सामने आते ही कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करना शुरू कर दिया है। उनके अनुसार, राहुल गांधी को बिना मतलब के इस मामले में लाया जा रहा है।

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने स्मृति ईरानी द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए कहा, " उनको ये तो दिख गया, यहां महिलाओं की अस्मिता पर प्रश्न चिन्ह उठ गया लेकिन जब मणिपुर में दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न हुआ, तो स्मृति ईरानी ने इस पर कुछ नहीं बोला। क्या वो शर्मसार करने वाली घटना नहीं थी।"

क्या है पूरा मामला?

राहुल गांधी अपने अविश्वास प्रस्ताव भाषण के बाद लोकसभा परिसर से बाहर निकल रहे थे तो उनकी कुछ फाइलें गिर गई थीं। वह फाइलें उठा ही रहे थे कि तभी बीजेपी सांसद हंसने लग पड़े, लेकिन जवाब में राहुल ने फ्लाइंग किस करते हुए मुस्कान दी। लेकिन राहुल गांधी को फ्लाइंग किस देना महंगा पड़ गया क्योंकि फिर स्मृति ईरानी ने उनको इस रिएक्शन के लिए घेर लिया। उन्होंने राहुल के व्यवहार को 'अनुचित' बताया और लोकसभा अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज कराई। कई महिला सांसदों ने शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान निर्मला सीतारमण का विपक्ष पर हमला, बोलीं-बैंकों में यूपीए का फैलाया रायता हमने साफ किया

#finance_minister_nirmala_sitharaman_speech_in_lok_sabha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज जवाब देंगे। अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में दो दिन से तीखी बहस जारी है।लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रहे तीन दिन के मैच का आज आखिरी दिन है। आज बहस की शुरुआत केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने की।अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक तरफ मोदी सरकार में किए गए कामों की तारीफ की, तो दूसरी तररफ विपक्ष पर हमला बोला।

इस दौरान वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण ने कहा कि 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल किया था। भारत को नाजुक अर्थव्यवस्था घोषित कर दिया गया। आज उसी मॉर्गन स्टैनली ने भारत को अपग्रेड कर ऊंची रेटिंग दी है।केवल 9 वर्षों में, हमारी सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था ऊपर उठी और कोविड के बावजूद आर्थिक विकास हुआ। आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। आज देश सबसे तेज विकास दर वाली अर्थव्यवस्था है। हमारे लिए जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी है 2022-23 के लिए। इसके 2023-24 में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान रखा गया है। जबकि बाकी इकोनॉमी के बढ़ने का अनुमान नीचे रखा गया है। ये सब कैसे संभव हुआ।

यूपीए ने एक दशक बर्बाद किया- निर्मला सीतारामन

इस दौरान निर्माला सीतारमण ने बैंकों के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि आपने (कांग्रेस और विपक्ष) जो बैंकों में रायता फैलाया था, हम उसे साफ कर रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा- यूपीए ने पूरा एक दशक बर्बाद कर दिया क्योंकि वहां बहुत भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद था। आज हर संकट और विपरीत परिस्थिति को सुधार और अवसर में बदल दिया गया है। हमने महसूस किया है कि बैंकिंग क्षेत्र को स्वस्थ रहने की जरूरत है और इसलिए हमने कई कदम उठाए हैं। बैंक राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम करने में सक्षम हैं, वे पेशेवर ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं। बैंकों में फेलाया हुआ आपका रायता हम साफ कर रहे हैं।सरकारी बैंकों का मुनाफा 1.9 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है।

मिलेगा-बनेगा जौसे शब्द अब नहीं सुनते-निर्मला सीतारामन

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हम वादों को पूरा कर रहे हैं। गांवों से लेकर शहरों तक के लिए योजनाएं लाई गईं। हमारे काम से देश में बदलाव आया है। पहले के मिलेगा की जगह अब मिल गया चलता है। पहले गैसे कनेक्शन मिलेगा, अब मिल गया। अब लोगों को आसानी से राशन मिल रहा है। यूपीए के कार्यकाल के दौरान लोग कहते थे बिजली आएगी, अब लोग कहते हैं बिजली आ गई। गैस कनेक्शन मिलेगा, अब 'गैस कनेक्शन मिल गया। उन्होंने कहा एयरपोर्ट बनेगा, अब एयरपोर्ट बन गया। प्रधानमंत्री आवास मिलेगा, अब मिल गया।

2014 से पीएम मोदी ने देश की आर्थिक पॉलिसी में किया सुधार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि 2014 से पीएम मोदी ने हमारी पॉलिसी को इतना सुधारा कि जिसकी वजह से कोविड संकट को पार करते हुए भी रिकवरी के रास्ते में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। जनधन योजना, डिजिटल इंडिया मिशन, आयुष्मान भारत, जन औषधि केंद्र ऐसी योजनाओं से सबको फायदा पहुंचाने का काम हुआ है। छह दशकों से हम सुन रहे थे गरीबी हटाओ, लेकिन ऐसा हुआ क्या? अब आप साफ देख पा रहे हैं कि गरीबी कैसे हटा रहे हैं।

सदन में फ्लाइंग किस विवाद में नया मोड़, महिला सांसदों ने जताई आपत्ति जताई, लेकिन कैमरे में रिकॉर्ड नहीं हो सकी राहुल गांधी की फ्लाइंग किस, पढ़िए


संसद के मानूसन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना भाषण दिया। राहुल के बयान के बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जवाब दिया। पर सदन में राहुल के भाषण के बाद उनके एक इशारे पर बवाल मच गया। भाजपा की महिला सांसदों ने आरोप लगाया कि राहुल ने उनकी तरफ देखकर ‘फ्लाइंग किस’ का इशारा किया। जिसके बाद सदन में राहुल गांधी के फ्लाइंग किस पर बीजेपी की महिला सांसदों ने स्पीकर से शिकायत की। उन्होंने मांग की कि CCTV फुटेज के आधार पर कार्यवाई की जाए।

बीजेपी नेता शोभा करंदलाजे ने कहा कि जैसे ही स्मृति ईरानी ने बोलना शुरू किया, राहुल गांधी ने फ्लाइंग किस के इशारे से महिलाओं का अपमान किया। यह पहली बार है कि किसी सांसद ने ऐसा व्यवहार दिखाया है। हमने स्पीकर के पास शिकायत दर्ज कराई है और कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ऐसा आचरण सदन में कभी नहीं देखा गया।

अपने भाषण के बाद सदन से निकल गए राहुल गांधी

भाषण देने के थोड़ी ही देर बाद राहुल गांधी सदन से बाहर जाने लगे तो सत्ता पक्ष की तरफ से राहुल गांधी के लिए आवाजें आने लगी कि बैठ कर सुनिए। दरअसल सत्तापक्ष के सांसद चाहते थे कि राहुल गांधी की मौजूदगी में ही स्मृति ईरानी कांग्रेस और उन पर हमला करें। लेकिन राहुल गांधी को राजस्थान की एक सभा में जाना था लिहाजा वो सदन से बाहर जाने लगे, तभी बीजेपी सांसद पूछने लगे कि वो बाहर क्यों जा रहे हैं। तब राहुल गांधी पीछे मुड़े और सत्ता पक्ष की ओर फ्लाइंग किस उछाल दिया और सदन से बाहर निकल गए।

कैमरे में रिकॉर्ड नहीं हो सकी राहुल की फ्लाइंग किस

राहुल गांधी की फ्लाइंग किस हालांकि लोकसभा की कार्यवाही के प्रसारण के लिए लगाए गए दर्जनों कैमरों में रिकॉर्ड नहीं हो सकी। ऐसे में राहुल गांधी की इस हरकत पर महिला सांसदों की स्पीकर से शिकायत के बाद अगर कार्रवाई की जाती है तो लोकसभा के सीसीटीवी फुटेज का ही सबूत के तौर पर सहारा लेना होगा। सरकार के सूत्रों का कहना है कि सदन के अंदर इस आचरण पर राहुल गांधी के खिलाफ प्रिविलेज और एथिक्स दोनों का मामला बन सकता है।

राहुल के व्यवहार पर लोकसभा अध्यक्ष को पत्र

राहुल के व्यवहार पर लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित एक पत्र भी साझा किया, जिस पर कई महिला सांसदों के हस्ताक्षर हैं। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर सदन में ‘फ्लाइंग किस’ की भाव-भंगिमा प्रदर्शित करते हुए महिला सांसदों के प्रति अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया और उन्हें महिलाओं से द्वेष रखने वाला व्यक्ति बताया। स्मृति ने कहा कि सदन में पहले कभी ऐसा आचरण नहीं देखा गया। बाद में, भारतीय जनता पार्टी की महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की और केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

राहुल के 'फ्लाइंग किस' विवाद पर स्वाति मालीवाल का स्मृति ईरानी पर तीखा हमला, जानें बृजभूषण शरण सिंह का नाम लेकर क्या बोला

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राहुल गांधी के 'फ्लाइंग किस' विवाद पर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। दिल्ली महिला आयोग की स्वाति मालीवाल ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर जोरदार हमला बोला है। मालीवाल ने कहा कि एक फ्लाइंग किस से इतनी आग लग गई, तब क्यों नहीं लगी थी जब बृजभूषण ने यौन उत्पीड़न किया था।

स्वाति मालीवाल का सीधा हमला

डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि हवा में फेंकी हुई एक कथित फ्लाइंग किस से इतनी आग लग गई है। दूसरी रॉ में पीछे एक आदमी बृजभूषण बैठा हुआ है। जिसने ओलम्पियन पहलवानों को कमरे में बुलाकर छाती पर हाथ रखा था, कमर पर हाथ रखा और यौन शोषण किया। उस आदमी के ऊपर गुस्सा क्यों नहीं आता है।

दरअसल मालीवाल भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित छह पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का जिक्र किया है।

क्या है मामला?

इससे पहले लोकसभा में बुधवार यानी 9 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही बहस के बीच भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाया। ईरानी ने कहा कि जब कांग्रेस भाषण खत्म करने के बाद सदन से बाहर जा रहे थे तो उन्होंने अभद्रता का परिचय दिया। स्मृति ईरानी के आरोप के मुताबिक, राहुल गांधी जब सदन से बाहर जा रहे थे तो उन्होंने सदन में फ्लाइंग किस के इशारे किए। इससे संसद में मौजूद महिला सदस्यों का अपमान हुआ।

घटना के बाद महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और गांधी के अनुचित हावभाव के लिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। राहुल गांधी पर 20 से अधिक महिला सांसदों ने हस्ताक्षर कर एक शिकायत पत्र में यह आरोप लगाया गया कि गांधी ने अशोभनीय तरीके से व्यवहार किया, जिससे न केवल सदन में महिला सदस्यों की गरिमा का अपमान हुआ, बल्कि बदनामी भी हुई और इस प्रतिष्ठित सदन की गरिमा भी कम हुई है।

अमित शाह ने संसद में बताया क्या है अविश्वास प्रस्ताव का असली मकसद

 संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के चलते आज बुधवार को राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सरकार को भारत माता का हत्यारा कहा है। वहीं जवाब में स्मृति इरानी ने भारत माता की हत्या पर ताली बजाने वाले विपक्ष की निंदा की है तथा इमरजेंसी के जमाने में महिलाओं से कैद में हुए अत्याचार से लेकर कश्मीरी पंडितों के दमन एवं 1984 के सिख दंगों की याद दिलाई है। तत्पश्चात, सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी विपक्ष पर पलटवार किया। अमित शाह ने कहा कि जब से स्वतंत्र हुए हैं तब से 27 अविश्वास प्रस्ताव तथा 11 विश्वास प्रस्ताव इस सदन में प्रस्तुत हुए। कई बार सरकारों का बहुमत जाने की स्थिति में सदन के विपक्ष के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आते हैं। कई बार बड़े जनआंदोलन के समय प्रजा की भावना को प्रतिबिंबित करने के लिए अविश्वास के प्रस्ताव लेकर आते हैं। ये एक अविश्वास का ऐसा है, जिसमें पीएम एवं कैबिनेट के प्रति न जनता को अविश्वास और न सदन को अविश्वास है। इसका उद्देश्य जनता में भ्रांति खड़ी करना है। मैं उनको (विपक्ष) इतना ही कहना चाहता हूं कि अविश्वास प्रस्ताव जब आप लेकर आते हो तो इस पर जो चर्चा होती है, उस चर्चा में सरकार के विरोध में कुछ मुद्दे तो रख देते। 

 

उन्होंने कहा कि मैंने पूरे भाषण ध्यान से सुने। तत्पश्चात, मैं निश्चित रूप से निर्णय पर पहुंचा हूं कि ये अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ और सिर्फ भ्रांति खड़ी करने के लिए लाया गया है। ये प्रजा की इच्छाओं का प्रतिबिंब नहीं है। अल्पमत का तो सवाल ही नहीं है क्योंकि अब तक जो अविश्वास के प्रस्ताव के विरोध में बोले हैं तथा जो समर्थन सदन का दिखाई दिया है वो बताता है कि अल्पमत का सवाल नहीं है और जनता में भी भरोसा है क्योंकि देश के 60 करोड़ निर्धनों को उनके जीवन में नई आशा का संचार किसी सरकार या प्रधानमंत्री ने किया है तो नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है। अमित शाह ने कहा कि मैं भी देश में घूमता हूं और जनता के बीच जाता हूं। मैंने जनता के साथ कई स्थानों पर संवाद किया है। कहीं पर भी अविश्वास की झलक दिखाई नहीं पड़ती है। आजादी के बाद कोई एक सरकार और कोई एक नेता में जनता को सबसे अधिक भरोसा है तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार में है। 2/3 बहुमत से दो-दो बार NDA को चुना गया। 30 वर्ष पश्चात् पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार देने का काम देश की जनता ने दो बार किया। स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे लोकप्रिय कोई पीएम हैं तो वो नरेंद्र मोदी हैं। ये मैं नहीं कहता, दुनिया भर के कई सर्वेक्षण कहते हैं। 

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद एक भी छुट्टी लिए बगैर 24 घंटे में से 17 घंटे काम करने वाला कोई पीएम है तो नरेंद्र मोदी हैं। स्वतंत्रता के पश्चात् देश के हर राज्य में सबसे ज्यादा किलोमीटर और सबसे ज्यादा दिन प्रवास करने वाला कोई पीएम है तो नरेंद्र मोदी हैं। कोई सरकारें कई वर्षों तक चलती हैं। कांग्रेस की सरकार 35 वर्षों तक चलीं। मगर 2-4 फैसले ऐसे होते हैं जिसको युगों तक याद किया जाता है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 9 वर्ष में 50 से अधिक ऐसे फैसले लिए, जो युगांतकारी फैसले हैं, जो इतिहास के अंदर स्वर्ण अक्षरों से लिखे जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि तकरीबन 30 वर्षों से इस देश की राजनीति भ्रष्टाचार, परिवार और तुष्टिकरण के नासूर से ग्रसित रही है। भारतीय लोकतंत्र को इन तीन नासूरों ने घेर लिया था। नरेंद्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को हटाकर पॉलिटिक्स ऑफ पर्फोर्मेंस को बढ़ावा दिया। आज विकास जनता के फैसलों को निर्णय करता है। लेकिन फिर भी कहीं-कहीं दूर तक भ्रष्टचार भी बच गया, परिवारवाद तो दिखाई ही पड़ता है एवं तुष्टिकरण की राजनीति भी चलती है। इसलिए मोदी जी ने नारा दिया, 'भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया, तुष्टिकरण क्विट इंडिया।' 

उन्होंने कहा कि अविश्वास का प्रस्ताव एक संवैधानिक प्रक्रिया है। विपक्ष का उद्देश्य चाहे कुछ भी हो, वो उनका अधिकार है। हमें कोई आपत्ति नहीं है। इससे पार्टियों तथा गठबंधन के चरित्र उजागर होते हैं। कई बार अविश्वास प्रस्ताव आए। मैं तीन का जिक्र करना अवश्य करना चाहूंगा। दो यूपीए सरकार के खिलाफ है जब हम विपक्ष में थे तब लेकर आए थे तथा एक एक NDA के खिलाफ था। 1993 में नरसिम्हा सरकार थी। उसके खिलाफ प्रस्ताव आया। नरसिम्हा को सरकार किसी भी प्रकार सत्ता में बने रहना था। नरसिम्हा अविश्वास प्रस्ताव जीत गई। बाद में कई लोगों को जेल की सजा हुई, इसमें नरसिम्हा राव भी शामिल थे। क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को घूस देकर प्रस्ताव पर विजय प्राप्त की गई। आज कांग्रेस और मुक्ति मोर्चा भी वहीं है। उन्होंने कहा कि 2008 में मनमोहन सरकार विश्वास प्रस्ताव लेकर आई। ऐसा वातावरण था कि इनके पास बहुमत नहीं था। उस समय सबसे कलंकित घटना देखी गई। सांसदों को करोड़ो रुपये की घूस दी गई। कुछ सांसद सदन के सामने आए और संरक्षण मांगा। हालांकि, तब सरकार को बचा लिया गया था। UPA का चरित्र यह है कि अविश्वास प्रस्ताव आए या विश्वास प्रस्ताव लाना पड़े इससे बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, कानून, परंपरा से सत्ता को संभालना होता है।

वहीं 1999 में अटल सरकार थी। अविश्वास प्रस्ताव आया। कांग्रेस ने जो किया वो हम भी कर सकते थे। घूस देके सरकार बचा सकते थे। मगर हमने ऐसा नहीं किया। अटल वाजपेयी ने अपनी बात रखी और कहा कि संसद का जो फैसला है वह माना जाए। सिर्फ एक वोट से सरकार चली गई। UPA की भांति हम सरकार नहीं बचा सकते थे? बचा सकते थे लेकिन कई बार प्रस्ताव के समय चरित्र उजागर होता है। कांग्रेस का चरित्र भ्रष्टाचार का है। वहीं भाजपा चरित्र सिद्धांत के लिए राजनीति करने वाला है। वाजपेयी की सरकार गई मगर अगली बार भारी बहुमत से वह जीते और प्रधानमंत्री बने। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया। मगर गरीबी जस की तस रही। लेकिन मोदी ने इस समस्या को समझा क्योंकि उन्होंने गरीबी देखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 9 वर्षों में 11 करोड़ से अधिक परिवारों को शौचालय दिया। लोग क्लोराइड युक्त पानी पीते थे। मोदी ने हर घर जल योजना से 12 करोड़ से अधिक लोगों के घर तक पानी पहुंचाया। कांग्रेस कर्ज माफ करने का लॉलीपॉप देती थी, वहीं भाजपा का अजेंडा है कि किसान को कर्ज ही ना लेना पड़े।