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पहले श्री गणेश और अब भगवान परशुराम का अपमान..! केरल की वामपंथी सरकार पर हमलावर हुई भाजपा

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल के एंटनी ने हिंदू देवताओं का अपमान करने के लिए केरल की पिनाराई विजयन सरकार पर निशाना साधा है। स्थानीय समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए, भाजपा नेता अनिल एंटनी ने कहा कि यह निराशाजनक और चौंकाने वाला है कि केरल की सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष नेता लगातार दुनिया भर में करोड़ों हिंदू विश्वासियों की भावनाओं का अपमान कर रहे हैं।

उन्होंने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'कुछ दिन पहले केरल विधानसभा के अध्यक्ष श्री. शमसीर ने भगवान गणेश को मिथ्या कहकर उनका अपमान किया। आज एक और वरिष्ठ CPIM Kerala नेता श्री पी जयराजन ने भी कुछ इसी तरह की बात करके भगवान परशुराम का अपमान किया है। यह देखना बेहद निराशाजनक और चौंकाने वाला है कि केरल की सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेता अपनी अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए और अल्पसंख्यकों के एक निश्चित वर्ग को खुश करने के लिए दुनिया भर में करोड़ों हिंदू विश्वासियों की भावनाओं का लगातार अपमान कर रहे हैं, जिन्हें वे अपने महत्वपूर्ण वोट बैंक के रूप में देखते हैं। उन सभी को अपने बयानों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।'

उन्होंने आगे लिखा कि, 'क्या कोई अन्य I.N.D.I.A. राहुल गाँधी और कांग्रेस सहित इस पार्टी के साथ मंच साझा करने वाले गठबंधन सहयोगी इन विचारों का समर्थन करते हैं? क्या कोई इन्हें सही करने/इन बयानों को खारिज करने को तैयार है?' एंटनी का यह बयान कन्नूर के वरिष्ठ CPI (M) नेता पी जयराजन द्वारा 5 अगस्त, शनिवार को कासरगोड में भाषण देते समय कथित तौर पर भगवान परशुराम का अपमान करने के एक दिन बाद आया है। जयराजन ने कहा था कि भगवान परशुराम एक मिथक हैं और केरल की उत्पत्ति की कहानी ब्राह्मणों द्वारा गढ़ी गई है। जातिवादी टिप्पणी करते हुए, जयराजन ने कहा कि केरल मूल की कहानी "ब्राह्मणों द्वारा लोगों को गुलाम बनाने और पूरे केरल में ब्राह्मणों को अधिकार देने के लिए गढ़ी गई थी।" उन्होंने केरल की उत्पत्ति के बारे में हिंदू मान्यता को भी मिथक करार दिया।

एक रिपोर्ट के अनुसार, 21 जुलाई को केरल विधानसभा अध्यक्ष एएन शमसीर ने एर्नाकुलम के एक स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान भाषण देते हुए हिंदू देवता भगवान गणेश के लिए इसी तरह की अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र को बच्चों को हिंदू मिथकों के बजाय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियों के बारे में पढ़ाना चाहिए। उन्होंने "हिंदू मिथकों" को सामने लाने के लिए उदाहरण के तौर पर भगवान गणेश और पुष्पक विमान का इस्तेमाल किया था। हवाई जहाज का आविष्कार किसने किया, इस सवाल के जवाब में शमसीर ने कहा कि राइट बंधुओं ने। उन्होंने कहा कि हिंदू पुष्पक विमान को पहला हवाई जहाज मानते हैं, जैसा कि रामायण में बताया गया है। इसके बाद उन्होंने भगवान गणेश की कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हिंदुओं का मानना है कि उन्होंने अपना हाथी का चेहरा प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से प्राप्त किया था, जिसे उन्होंने एक मिथक कहा। शमसीर ने कहा कि, ''केंद्र सरकार विज्ञान की जगह ऐसे मिथकों को बढ़ावा दे रही हैं। ''

इसके बाद भाजपा द्वारा एक शिकायत दर्ज की गई थी और टिप्पणियों का नायर सर्विस सोसाइटी (NSS) द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसने 2 अगस्त को "विश्वास संरक्षण दिवस" ​​का आयोजन किया था। संगठन ने अपने सभी सदस्यों को गणेश मंदिरों में जाने के लिए कहा था। बाद में उन पर केरल सरकार द्वारा "गैरकानूनी सभा" के लिए मामला दर्ज किया गया। NSS महासचिव जी सुकुमारन नायर ने कथित तौर पर कहा था कि, “यह मूर्खतापूर्ण है, इसके बारे में उन्हें किसे पता चला? ये लोग कहते हैं कि जन्नत में जाओ तो वहां हूरें होती हैं, कौन जन्नत गया और लौटकर उन्हें बताया कि जन्नत में हूरियां हैं? इसलिए उस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है।' 

भाजपा ने भी केरल विधानसभा अध्यक्ष से बिना शर्त माफी की मांग करते हुए कहा था कि CPM नेता ने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। शमसीर ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि वह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हालाँकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन्होंने विज्ञान को "हिंदू" मिथकों के खिलाफ खड़ा किया और इस तरह केवल हिंदू धर्म को ही निशाना बनाया। शमसीर के अपमानजनक बयान पर विवाद बढ़ने के बीच, केरल CPIM के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने भी कहा कि भगवान गणेश एक मिथक हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जब उनसे अल्लाह के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सभी मान्यताएं मिथक नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, गोविंदन ने कहा कि, “क्या गणपति विज्ञान हैं? आइये मिथकों को मिथक के रूप में ही देखें। केरल का गठन भी एक मिथक है, है ना? हम विश्वासियों के ख़िलाफ़ नहीं हैं।'

 जब उनसे पूछा गया कि क्या अल्लाह एक मिथक है, तो उन्होंने कहा कि, “मैंने यह नहीं कहा कि सभी भगवान मिथक हैं। हिंदुओं के विपरीत, मुसलमानों के पास हज़ारों भगवान नहीं हैं। वे एक उच्च अवधारणा एकल ईश्वर में विश्वास करते हैं।' केरल विधानसभा में आज हंगामा होने की संभावना है क्योंकि भाजपा ने हिंदू आस्था को निशाना बनाने वाले नेताओं की लगातार विवादास्पद टिप्पणियों पर सीपीआई (एम) सरकार को घेरने की योजना बनाई है। यहाँ ये भी गौर करने वाली बात है कि, केरल में कांग्रेस भी सक्रीय है, लेकिन इन मुद्दों पर वो बिलकुल खामोश है, हालाँकि, अन्य धर्मों पर टिप्पणी होने पर कांग्रेस फ़ौरन प्रतिक्रिया देती है।

'राहुल गांधी ही हमारे प्रधानमंत्री उम्मीदवार, मोदी के मुकाबले में कोई है, तो वही हैं..', पढ़िए, दिग्गज कांग्रेस नेता अशोक गहलोत का बड़ा दावा

जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राहुल गांधी कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद का चेहरा हैं और देश में एकमात्र नेता हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी उपनाम को लेकर 2019 मानहानि मामले में गांधी की सजा पर रोक लगाने के बाद गहलोत की यह टिप्पणी बेहद अहम मानी जा रही है। गहलोत, जो एक वक़्त कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे थे, ने फिर से स्पष्ट कर दिया कि वह राजस्थान की राजनीति का हिस्सा बने रहना पसंद करेंगे।

 

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, "हमारे लिए राहुल गांधी प्रधानमंत्री का चेहरा हैं। बाकी सब आलाकमान पर निर्भर है। हम देखेंगे कि आगे क्या होता है।'' गहलोत ने कहा कि यह स्थिति तब से है जब राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष थे। मुख्यमंत्री को याद दिलाया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में संकेत दिया था कि पार्टी को पीएम पद में दिलचस्पी नहीं है, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता में दिलचस्पी है। गहलोत ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि विपक्षी नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई और खड़गे सही हो सकते हैं।

लेकिन उन्होंने कहा कि, "इस देश के लोग और कांग्रेसी जानते हैं कि अगर पीएम मोदी के मुकाबले में कोई है, तो वह राहुल गांधी हैं।' अशोक गहलोत ने इस संभावना को खारिज कर दिया कि अगर कांग्रेस इस साल राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतती है तो वह 2024 में खुद पीएम उम्मीदवार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने राजस्थान की राजनीति में बने रहने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "मैंने अपनी आखिरी सांस तक राजस्थान की सेवा करने का संकल्प लिया है। इसलिए दिल्ली की राजनीति में उम्मीदवार बनने का सवाल ही नहीं उठता।" गहलोत ने कहा कि वह अपने काम के आधार पर राजस्थान चुनाव लड़ेंगे।

पहले दर्ज कराई रेप की FIR, फिर आरोपित से ही कर ली शादी ! युवती पर हाई कोर्ट ने लगाया 10 हज़ार का जुर्माना


इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महिला पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जिसने जानबूझकर चार लोगों के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाते हुए झूठी प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई थी। न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की पीठ ने कहा, इस तरह की FIR दर्ज करने और बलात्कार के झूठे गंभीर आरोप लगाने की प्रथा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस तरह की प्रथा से सख्ती से निपटना होगा।

खंडपीठ ने जोर दिया कि आपराधिक न्याय प्रणाली को FIR दर्ज करके व्यक्तिगत विवादों को स्थापित करने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जो कि गलत है। रिपोर्ट के अनुसार, 11 जून, 2023 को प्रयागराज के कोतवाली पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 376, 377, 313, 406, 506 के तहत मामले को जन्म देते हुए दर्ज एक FIR को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि FIR मनगढ़ंत और निराधार थी, क्योंकि पहले शिकायतकर्ता (कथित पीड़िता) और आरोपी ने अपनी शादी कर ली थी और वे अपनी स्वतंत्र इच्छा से खुशी-खुशी एक साथ रह रहे थे।

याचिका के साथ, पुलिस आयुक्त, प्रयागराज को संबोधित एक आवेदन भी संलग्न किया गया था, जिसे कथित पीड़ित ने लिखा था कि FIR झूठी थी और आवेश में दर्ज की गई थी। कथित पीड़िता के वकील ने भी इसकी पुष्टि की। कथित पीड़िता के स्वीकृत कृत्य पर ध्यान देते हुए, खंडपीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता पर दबाव डालने और/या हिसाब बराबर करने के लिए FIR दर्ज की गई थी। इसलिए, पीठ ने माना कि कथित पीड़िता को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अदालत ने FIR को निरस्त करते हुए महिला को आदेश की तारीख से 10 दिनों की अवधि के भीतर लागत जमा करने का आदेश दिया।

उज्जैन में आरती के बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में, हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट


उज्जैन में पांच सवारी के साथ देवाधिदेव भगवान महाकालेश्वर नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान भगवान के जयकारे लगे।

सवारी प्रारंभ होने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में षोडशोपचार पूजन-अर्चन श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा करवाया गया। इस दौरान सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन किया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। आरती के बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में और हाथी पर श्री मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमामहेश, डोल रथ पर होलकर स्टेट स्वरूप मे विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। सवारी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर को गॉड ऑफ ऑनर सलामी दी गई।

संत कालीचरण महाराज ने बाबा महाकाल के किये दर्शन

महाकाल की पांचवीं सवारी से पहले सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विशेष पूजन अर्चन किया गया। 

इस पूजन में पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा किया गया। इस दौरान सभागृह में महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज भी पहुंचे, जिन्होंने भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन कर उनका आशीर्वाद लिया। महाराष्ट्र के प्रमुख संत कालीचरण महाराज ने सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया। सभा मंडप में पूजन के बाद बाबा महाकाल की सवारी शुरू हो गई।

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों के PF के 23 लाख चुकाने के पैसे नहीं, मैडम ने ली 20 लाख की लग्जरी गाड़ी, अपने इनकम टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी की, मामला दर्

सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट मध्यप्रदेश (CEDMAP) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ईडी) अनुराधा सिंघई के खिलाफ एमपी नगर थाने में धोखाधड़ी की FIR दर्ज हुई है। आरोप है कि उन्होंने नियुक्ति पाने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी की है। उन्होंने अपने पड़ोसी को नौकरी दी और अपनी जाति के लोगों को ही सेडमैप में नौकरी पर रखा। अनुराधा सिंघई दो साल से इस संस्थान की ईडी हैं। सेडमैप एमपी का इकलौता ऐसा संस्थान है जो सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों का सिलेक्शन करता है।

FIR के मुताबिक 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में उनकी आय 9.74 लाख बताई गई है। इसमें 6 लाख रुपए की इनकम मकान किराए से दिखाई गई है। 2020-21 के आईटीआर में अचानक ये आय 20.20 लाख हो गई। इसमें भी 6 लाख रुपए किराए से मिले, लेकिन अचानक बढ़ी हुई ये आय भी नियुक्ति के लिए जरूरी शर्त 15 लाख की कास्ट टू कंपनी (सीटीसी) से कम है। सीटीसी वह राशि होती है, जो कंपनी किसी एक कर्मचारी पर वेतन-भत्तों आदि पर खर्च करती है।

मैडम पर लगे आरोपों की फेहरिस्त लंबी है। ये भी आरोप हैं कि उन्होंने सेडमैप में अपने परिचित और रिश्तेदारों को अहम पद दिए। कर्मचारियों के पीएफ के पैसे देने के लिए संस्थान के पास पैसे नहीं थे, लेकिन इसी दौरान 2022 में उन्होंने अपने निजी इस्तेमाल के लिए करीब 20 लाख रुपए कीमत की लग्जरी एमजी हेक्टर कार सेडमैप से खरीदवा ली।

पड़ोसी को वित्तीय सलाहकार बनवाया

सेडमैप के नियमों के तहत किसी परिचित या रिश्तेदार को सेडमैप में कोई लाभ का पद नहीं दिया जा सकता। अनुराधा सिंघई ने अपने पड़ोसी बसंत कुमार श्रीवास्तव को वित्तीय सलाहकार का पद दिया। अपने परिचितों को अवैध वित्तीय लाभ पहुंचाया। चार्टर्ड अकाउंटेंट राहुल जैन को मैन पावर डिवीजन का काम ठेके पर दिया। उनकी पार्टनरशिप वाली फर्म सीपी जैन एंड कंपनी को इंटरनल ऑडिट और एकेबी जैन एंड कंपनी को लीगल ऑडिट (वैधानिक अंकेक्षण) का काम बढ़ी हुई दरों पर दिया। अकाउंट सेक्शन में निखिल जैन को नियुक्त किया।

सेडमैप के ईडी पद के लिए निकले विज्ञापन के अनुसार कार्यकारी संचालक के पद हेतु 10 वर्षों का कार्य अनुभव जरूरी था, लेकिन सिंघई के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं था। उनका अनुभव केवल इंडो यूरोपियन चैंबर ऑफ कॉमर्स में कार्य करने का था, जो उनका ही संस्थान था।

सेडमैप ईडी रहते दूसरी कंपनी में डायरेक्टर रहीं, मीटिंग में शामिल हुईं।

सेडमैप ईडी अनुराधा सिंघई पर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने पद पर रहते हुए निजी कंपनी के हितों में भी काम किया। पुलिस को दिए दस्तावेज में बताया गया है कि उन्होंने 28 जुलाई 2021 को कार्यकारी संचालक के पद पर जॉइनिंग ली, लेकिन कल्पमेरु सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से उन्होंने अपने इस्तीफे की सूचना 15 मार्च 2022 को दी। इसमें बताया कि उन्होंने जॉइनिंग से पहले 25 जुलाई 2021 को ही इस्तीफा दे दिया था। सवाल है कि यदि उन्होंने इस्तीफा दे दिया था तो इसकी जानकारी देने में इतना वक्त क्यों लगा?

अनुराधा सिंघई सेडमैप की ईडी रहते हुए निजी कंपनी की मीटिंग में डायरेक्टर की हैसियत से 30 दिसंबर 2021 को शामिल हुईं। इसके भी दस्तावेज पुलिस को दिए गए हैं। एमपी नगर पुलिस ने अपने जांच प्रतिवेदन में कोर्ट को बताया है कि इन तथ्यों के आधार पर इस मामले में आगे और जांच की जरूरत है।

एमपी नगर के थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया कहते हैं कि कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में एफआईआर हुई है। हालांकि, गिरफ्तारी के सवाल पर वे कहते हैं कि केस गंभीर प्रकृति का है। इस मामले में जो भी जरूरी होगा, वो कार्रवाई की जाएगी।

9 सालों में 400% से अधिक बढ़ा खादी का कारोबार, देश के श्रमिकों को मिला लाभ, पढ़िए, हथकरघा दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2023 मनाने के कार्यक्रमों में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि खादी पहनने वाले लोगों को हीन भावना से देखा जाता था और आजादी के बाद, कपड़ा उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर बहुत कम जोर दिया गया, जो पिछली शताब्दी में बहुत मजबूत हुआ करता था, लेकिन इसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार 2014 से इस मानसिकता को बदलने के लिए काम कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि, 'आजादी के बाद कपड़ा उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जो पिछली शताब्दी के दौरान इतना मजबूत था, स्थिति यह थी कि इसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था, जो लोग खादी पहनते थे उन्हें हीन दृष्टि से देखा जाता था जटिल, 2014 से हमारी सरकार इस मानसिकता को बदलने पर काम कर रही है।' उन्होंने कहा कि, ''भारत के बुनकरों और देश के हथकरघा क्षेत्र के लिए पिछले वर्षों में अभूतपूर्व काम किया गया है।'' यह दिन भारत में देश के हथकरघा बुनकरों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शिल्प कौशल का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

 पीएम मोदी ने कहा, "भारत और विदेशों में खादी कपड़ों की मांग बढ़ रही है। पिछले नौ वर्षों में हथकरघा कारोबार का कारोबार लगभग 30,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,30,000 करोड़ रुपये (400% से अधिक की वृद्धि) से अधिक हो गया है।" बता दें कि, इतिहास में पहली बार भारतीय खादी की बिक्री एक लाख करोड़ के पार पहुंची है। वहीं, राहुल गांधी में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कमल हासन से बात करते हुए कहा था कि, GST ने खादी उद्योग को मार डाला है, हालाँकि, आंकड़े जबरदस्त वृद्धि की गवाही दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "पिछले नौ वर्षों में इस क्षेत्र ने जो अधिशेष राशि उत्पन्न की है, उससे देश के गरीब कारीगरों, कारीगरों और हथकरघा श्रमिकों को लाभ हुआ है।" बता दें कि हर साल, यह दिन हथकरघा क्षेत्र के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और भारत की सामाजिक आर्थिक प्रगति में इसके योगदान के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है। 

  

इस अवसर पर पीएम मोदी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) द्वारा विकसित कपड़ा और शिल्प भंडार 'भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष' का ई-पोर्टल भी लॉन्च किया। प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में 3,000 से अधिक हथकरघा और खादी बुनकरों, कारीगरों और कपड़ा और MSME क्षेत्रों के हितधारकों ने भाग लिया। बयान में कहा गया है कि यह पहल पूरे भारत में हथकरघा समूहों, निफ्ट परिसरों, बुनकर सेवा केंद्रों, भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान परिसरों, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम, हथकरघा निर्यात संवर्धन परिषद, केवीआईसी संस्थानों और विभिन्न राज्य हथकरघा विभागों को एक साथ लाएगी। सरकार ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की स्थापना की, जिसका पहला उत्सव 7 अगस्त 2015 को हुआ था।

बता दें कि इस तारीख को स्वदेशी आंदोलन के सम्मान के रूप में चुना गया था, जो 7 अगस्त, 1905 को शुरू हुआ और इसी दिन स्वदेशी उद्योगों, विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को बढ़ावा दिया गया। यह दिन हथकरघा-बुनाई समुदाय के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस क्षेत्र के योगदान को उजागर करने में महत्वपूर्ण है। हथकरघा उद्योग देश की शानदार सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक और देश के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत दोनों है।

यह देखते हुए कि हथकरघा बुनकरों और संबंधित कर्मचारियों में 70% से अधिक महिलाएं हैं, यह उद्योग महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन, हथकरघा बुनकरों के समुदाय को मान्यता दी जाती है, और देश की सामाजिक आर्थिक उन्नति में उनके योगदान पर जोर दिया जाता है। इस बात पर जोर दिया गया है कि हम अपनी हथकरघा विरासत को संरक्षित करने और हथकरघा बुनकरों और कर्मचारियों के लिए अधिक अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत-चीन विवाद पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर- सीमाओं को किया जा रहा मजूबत, जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में हम

#indiachinabordertalksnothaltedsaidindianforeignministerjaishankar

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा है, कि भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता रुकी नहीं है। पिछले तीन वर्षों में सीमा पर बने तनाव के मामले में काफी सुधार किया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं को मजूबत किया जा रहा है। बता दें कि साल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के दौरान हिंसक झड़प हुई थी। जिसके बाद से तनाव की स्थिति बरकरार है।

दोनों पक्ष समाधान तलाशने पर काम कर रहे-जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन ने पिछले तीन वर्ष में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले पांच-छह बिंदुओं पर वार्ता के जरिए प्रगति की है तथा बाकी के मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। विपक्ष की ओर से सीमा विवाद पर सरकार की आलोचना को खारिज करते हुए उन्होंने पत्रकारों के एक समूह से कहा कि कुछ जटिलाएं हैं और दोनों पक्ष समाधान तलाशने पर काम कर रहे हैं। इस पर जल्द बैठक होगी।

चीनी गतिविधि का जवाब देने में हैं सक्षम-जयशंकर

सीमा पर बुनियादी ढांचा विकसित करने की सरकार की प्राथमिकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल अब तेजी से सैनिकों की तैनाती करने तथा चीनी सेना की गतिविधि का प्रभावी जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप पूछे कि 2014 के बाद भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना किसी भी चीनी गतिविधि का बेहतर तरीके से जवाब देने में सक्षम है तो जवाब 'हां, बिल्कुल है', होगा।

भूटान और असम को जोड़ने वाले रेल लिंक पर चर्चा जारी-जयशंकर

वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भूटान और असम को जोड़ने वाले रेल लिंक पर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि हम भूटान और असम के बीच रेल मार्ग बनाने पर बातचीत कर रहे हैं। भूटान पर्यटकों के लिए और अधिक प्वाइंट खोलने के लिए बहुत उत्सुक है और यह असम के लिए बहुत अच्छा है। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक भूटान-चीन वार्ता का सवाल है, वे बातचीत कर रहे हैं और 24 दौर पूरे हो चुके हैं। अभी वे लोग और बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम उनकी वार्ता पर नजर रखे हुए हैं कि इसका हमारे ऊपर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार त्रिपक्षीय राजमार्ग पर कहा, ‘वहां मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण यह राजमार्ग बड़ी चुनौती बना हुआ है। भारत को परियोजना को पूरा कर म्‍यांमार के सिटवे बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त करने के लिए म्यांमार में अधिकारियों के साथ बातचीत करनी होगी।

राहुल गांधी की सांसदी हुई बहाल, क्या अब वापस मिलेगा वहीं पुराना सरकारी बंगला?

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राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी गई है। लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद पहुंचे। 137 दिन बाद संसद में वापसी करते हुए वो एक बार फिर सांसद कहलाए। राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद अब उनके सरकार बंगले में वापसी की बात हो रही है। अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी ने अपना दिल्ली का बंगला खाली कर दिया था। सवाल उठ रहे हैं किया उन्हें फिर पुराना सरकारी बंगला मिलेगा?

22 अप्रैल को बंगला किया था खाली

बता दें कि राहुल गांधी का पहले आधिकारिक निवास 2005 से राष्ट्रीय राजधानी में 12, तुगलक लेन बंगला था। करीब 19 साल तक ये उनका आधिकारिक आवास था। 23 मार्च को दोषी ठहराए जाने के एक महीने बाद 22 अप्रैल को अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। गुजरात की जिला अदालत द्वारा दो साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।अयोग्यता के बाद, सांसदों को अधिकतम एक महीने की अवधि के लिए अपने आधिकारिक आवास को बनाए रखने की अनुमति होती है।

क्या कहता है नियम?

बता दें कि सांसदों को बंगला आवंटन और रद्द करने के लिए सांसदों वाली एक हाउस कमिटी है। ये कमिटी ही केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से बंगला आवंटन के लिए सिफारिश करती है। अब सदस्यता बहाल होने के बाद कमिटी की सिफारिश के आधार पर राहुल को बंगला मिलेगा। नियम के मुताबिक, उन्हें टाइप-VII आवास आवंटित हो सकता है। दरअसल, वर्तमान में आठ तरह के सरकारी आवासों की श्रेणियां हैं यानी एक से आठ। केंद्रीय मंत्रियों को टाइप-VIII आवास मिलता है जो सबसे बड़ी श्रेणी है। टाइप-V और टाइप-VII आवास लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को आवंटित किए जाते हैं। बाकी अन्य श्रेणियों के आवास शासकीय कर्मियों को आवंटित किए जाते हैं। राहुल गांधी संसद में तीन बार कार्यकाल पूरा कर चुके हैं इसलिए वह टाइप-VII बंगले के लिए पात्र हैं।

संसद में उठा “न्यूज क्लिक” का मामला, बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा, कहा-चीन से आया फंड, पीएम मोदी के खिलाफ बनाया गया माहौल

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लोकसभा में आज मीडिया पोर्टल न्यूज क्लिक का मुद्दा उठा। सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में मीडिया में चाइनीज फंडिंग का मुद्दा उठाया।बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संस्थान को देश विरोधी बताया और कांग्रेस की साजिश करार दिया। दुबे ने दावा किया संस्थान को चीन से फंडिंग मिलती है।निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि देश में चीन के पैसे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनाया गया। 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि न्यूज क्लिक वेबसाइट में चीन का पैसा लगा है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि न्यूज क्लिक पर रेड पड़ी थी उसके बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स ने बड़ा खुलासा किया है। इसमें पता चला है कि न्यूज क्लिक में चीन का पैसा लगा था और ये पैसे कहां-कहां दिए गए थे। उन्होंने कांग्रेस पर चीन के साथ साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि जब चीन में ओलंपिक हुआ तो सोनिया गांधी को बुलाया गया था। 2017 में जब डोकलाम हुआ था तो राहुल गांधी चीन के अधिकारी के साथ बातचीत कर रहे थे।

इस मामले पर आईटी मंत्री मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब तो ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ भी मान रहा है कि नेविल राय सिंघम और उनका न्यूजक्लिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का एक खतरनाक उपकरण है, जो दुनिया में चीनी एजेंडे को बढ़ावा दे रहा है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत में संस्थान के खिलाफ जो पांच दिनों तक रेड चली उसमें विदेश फंडिंग का पता चला। नेविल सिंघम का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ संपर्क है। न्यूजक्लिक एक देश विरोधी संस्थान है। 2021 में सरकार ने खुलासा किया कि कैसे विदेशी प्रोपेगेंडा भारत के खिलाफ है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस एंटी-इंडिया मूवमेंट्स में विपक्ष भी उनके साथ जुड़ गए। उन्होंने कांग्रेस, बड़े पत्रकारों और टीएमसी सांसदों तक के ट्वीट शेयर किए। चीन के नैरेटिव को बनाने के लिए वे लोग साथ मिल गए। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया।ये फ्री न्यूज के नाम पर फेक न्यूज परोसने वाले हैं। इनका समर्थन कर कांग्रेस और बाकी अन्य दलों ने किया।

*राहुल की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान-अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान न्यूज क्लिक से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान है।उन्होंने कहा, न्यूज क्लिक जब शुरू हुआ, उसके बाद करोड़ों रुपये की फंडिंग मिली।अनुराग ठाकुर ने कहा, चीन के प्रति प्यार दिखता था और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार विदेशी जमीन से, विदेशी न्यूज एजेंसियों के माध्यम से भी प्रोपेगेंडा के तहत होता था

अनुराग ठाकुर का जोरदार हमला

अनुराग ठाकुर ने कहा, न्यूयॉर्क टाइम्स से बहुत पहले, भारत लंबे समय से दुनिया को बताता रहा है कि न्यूजक्लिक चीनी प्रचार का एक खतरनाक वैश्विक जाल है। ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के लिए नेविल और न्यूज़क्लिक का बचाव करना स्वाभाविक है क्योंकि उसके नेतृत्व के लिए राष्ट्रीय हित कभी मायने नहीं रखता। उन्होंने साल 2008 में कथित सीपीसी के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। केंद्रीय मंत्री ने का कि ये वो ही कांग्रेस पार्टी नहीं है जिसने चीनी दूतावास से राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए दान स्वीकार किया था? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घमंडिया गठबंधन और इसके नेता और इससे पोषित-समर्थित लोग कभी भारत का हित नहीं सोच सकते। भारत कैसे कमजोर हो, कैसे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाया जाए और कैसे भारत विरोधी अजेंडे को हवा दी जाए, ये सब चिंता इस गठबंधन से जुड़े लोग करते हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर से सनसनीखेज खुलासा

बता दें कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट से सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि चीन न्यूज क्लिक को फंडिंग करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर में बताया गया कि भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पैसे दिए गए। चीन की ओर से 38 करोड़ रुपए दिए गए। न्यूज क्लिक के प्रमोटर के ईमेल से खुलासा हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो साल पहले अपनी जांच में मीडिया पोर्टल न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग का पता लगाया था। जांच में पता चला कि कैसे नेविल रॉय सिंघम ने न्यूज क्लिक को 38 करोड़ रुपये दिए थे। ये पैसे साल 2018 से 2021 के बीच दिए गए। नेविल रॉय सिंघम अमेरिका का नागरिक है लेकिन वो क्यूबा-श्रीलंका मूल का है। जांच में पता चला है कि नेविल रॉय सिंघम दरअसल चीन की प्रोपेगंडा पार्टी सीपीसी यानी क्म्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के साथ जुड़ा हुआ है। ईडी ने इस मामले में फरवरी महीने में न्यूज क्लिक के गुरुग्राम दफ्तर और एडिटर प्रबीर पुरकायस्था के यहां छापेमारी कर अहम दस्तावेज भी जुटाए थे। ईडी ने मनी लॉड्रिंग का ये मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में अगस्त 2020 में दर्ज एफआईआर पर किया था।

अब इसे लेकर 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट में भी एक्टिविस्ट ग्रुप्स, गैर-लाभकारी संगठनों, शेल कंपनियों और चीन के साथ उनके नेटवर्क का पता चला है।इस पूरे नेटवर्क के केंद्र में नेविल रॉय सिंघम हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चलता है, सिंघम के नेटवर्क ने एक समाचार साइट, न्यूजक्लिक को फंडिंग दी है। इसमें जरिए चीनी सरकार के मुद्दों को कवर किया गया।

*सदस्यता बहाल होने के बाद संसद भवन पहुंचे राहुल गांधी, बापू की प्रतिमा को किया प्रणाम

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की करीब 4 महीने के बाद संसद में वापसी हो गई है. मोदी सरनेम मामले में उन्हें 2 साल की सजा हुई थी, जिसके बाद संसद की सदस्यता छिन गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई तो राहुल की सदस्यता भी बहाल हो गई। जिसके बाद सोमवार को राहुल लोकसभा पहुंचे।

सोमवार दोपहर 12 बजे राहुल गांधी लोकसभा में पहुंचे संसद पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले गांधी प्रतिमा को नमन किया। इस दौरान संसद में उनके स्वागत के लिए कई दलों के नेता भी मौजूद रहे। विपक्ष के नेताओं ने गेट नंबर-1 पर उनका स्वागत किया।

बता दें कि मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट के दो साल के सजा के फैसले के बाद राहुल गांधी की सदस्यता चली गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में सांसदों का एक दल लोकसभा स्पीकर से मिला था। तभी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि राहुल की सदस्यता जल्द ही बहाल होगी।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल को मिली राहत फौरी है। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया गया, बल्कि सजा पर रोक लगाई है। अब इस मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी। अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल को इस मामले में दो साल की सजा सुनाता है तो राहुल चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे। वहीं, कोर्ट से बरी होने या दो साल से कम सजा मिलने पर राहुल चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, ये फैसला कब तक आएगा ये देखना होगा।

राहुल गांधी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को निचली अदालत के सजा के आदेश पर रोक लगा दी थी। ये रोक सूरत सेशन कोर्ट से दोषसिद्धि पर फैसला आने तक जारी रहेगी, जहां राहुल गांधी ने कनविक्शन के खिलाफ अपील दायर कर रखी है।

बता दें कि 2019 में एक चुनावी सभा में मोदी सरनेम के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर गुजरात की कोर्ट ने मार्च, 2023 में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने संसद सदस्यता रद्द किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था।