*फाइलों में उलझ गया डोमाकल्पी में बनने वाला विश्वविद्यालय, भूमि का चयन व बजट जारी होने के बाद भी फंसा पेंच*
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गोंडा- देवीपाटन मण्डल मुख्यालय पर एक राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर भूमि व बजट मिलने के बावजूद राजनीतिक दांवपेंचों के चलते निर्माण अधर में लटका हुआ है। जबकि तत्कालीन डीएम की ओर से दिये गये प्रस्ताव पर शासन की ओर से नामित अधिकारियों की टीम ने लखनऊ से मौके पर पहुँचकर भूमि की जांच करके जमीन को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उपयुक्त मानते हुए रिपोर्ट दे दिया था। मार्च में आयुक्त व डीएम भी भूमि का निरीक्षण करके शासन को भूमि की उपयुक्तता की रिपोर्ट भेज चुके है। विश्वविद्यालय निर्माण कार्य अधर में लटका होने के कारण डोमाकल्पी के आसपास जनमानस में मायूसी छायी है।
प्रदेश सरकार की ओर से 2021-22 के बजट में सभी असेवित मंडलों में एक-एक राजकीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की गई। इन्ही असेवित मंडलों में शामिल देवीपाटन मण्डल में भी राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर कार्यवाही प्रारंभ की गई। इस मण्डल में गोंडा बहराइच बलरामपुर श्रावस्ती समेत चार जिले शामिल है। शासन ने देवीपाटन मण्डल के तत्कालीन आयुक्त एसवीएस रंगाराव से मंडल मुख्यालय गोंडा पर राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने को लेकर 50 एकड़ निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने की सूचना मांगी।
मण्डलायुक्त के आदेश पर जिले के तत्कालीन डीएम मार्कण्डेय शाही ने करनैलगंज तहसील के ग्राम डोमा कल्पी में 58.13 एकड़ सरकारी भूमि की उपलब्धता की जानकारी मुहैया कराई। यहां भूमि की उपलब्धता की रिपोर्ट आयुक्त के संस्तुति के साथ प्रदेश शासन को भेज दी गई।
शासन ने विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोजकुमार की अध्यक्षता में टीम गठित करके भूमि की उपयुक्तता की जांच नवम्बर 2021 के अंत मे करवा लिया। इस टीम में डायरेक्टर उच्च शिक्षा डाक्टर अमित भारद्वाज लोकनिर्माण प्रान्तीय खण्ड के एक्सईएन देवेन्द्र मणि समेत तीन लोग शामिल रहे। इन सभी लोगों ने ग्राम डोमाकल्पी में पहुँचकर भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। उनके साथ एसडीएम करनैलगंज हीरालाल यादव भी मौजूद रहे। लेखपाल व भूलेख निरीक्षक ने जमीन से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किये। टीम ने चिन्हित भूमि को विश्वविद्यालय स्थापना के लिये उपयुक्त माना और शासन को इस संबंध में ले जाकर अपनी रिपोर्ट सौंप दिया। इसके बाद यहां राजकीय विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर कार्यवाही प्रारंभ हो गई।
2022 विधानसभा चुनाव के पहले यहां राजकीय विश्वविद्यालय निर्माण के लिए भूमि फाइनल कर दी गई। प्रदेश सरकार ने 2023 के बजट में मां पाटेश्वरी देवी राजकीय विश्वविद्यालय के लिये 50 करोड़ का बजट मुहैया करा दिया। 2023 अप्रैल माह में मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल व जिलाधिकारी उज्ज्वल कुमार ने स्थलीय निरीक्षण करके भूमि की उपयुक्तता की रिपोर्ट शासन को भेज दिया। आयुक्त एमपी अग्रवाल ने उसी दिन गोंडा के दूसरे क्षेत्र से लेकर बलरामपुर तक की भूमि का स्थलीय निरीक्षण करके इस भूमि की सर्वाधिक उपयुक्तता रिपोर्ट शासन को भेजा। इससे पहले मार्च माह में भी डीएम उज्ज्वल कुमार मौके का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट प्रदेश शासन को भेज चुके थे।
इसके बाद राजनीतिक लाभ लेने के निहित स्वार्थवश देवीपाटन मण्डल के सत्तारूढ़ दल के नेताओं में विश्वविद्यालय को अपने जिले व क्षेत्र में स्थापित कराने की होड़ मच गई। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन देने से लेकर पत्राचार का सिलसिला शुरू हो गया। डेढ़ साल पहले प्रस्तावित भूमि पर विश्वविद्यालय बनाने को लेकर डोमाकल्पी गांव के ग्रमीणों समेत अनेक संगठनों ने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
देवीपाटन मण्डल के युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय स्थापना की यह योजना इन्हीं राजनीतिक दांवपेंचों में उलझकर रह गई है। इसकी स्थापना अधर में लटकती अधर में लटकी हुई है। यह विश्वविद्यालय बनाने के लिए बलरामपुर व बहराइच के राजनीतिक पहुँच वाले लोग अपने जिले में बनवाने के लिए जोर लगाये हुए है। जबकि गोण्डा में सत्ता में पहुँच रखने वाले लोग चुप्पी साधे हुए है। डोमाकल्पी के प्रधान प्रतिनिधि अरविंद कुमार पांडेय विश्वविद्यालय स्थापना के लिए अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे है।
Aug 05 2023, 14:39