*सहकारिता भवन लखनऊ में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल पर आधारित जनपद स्तरीय सहकारी कार्यशाला का आयोजन*
लखनऊ। शुक्रवार को लखनऊ में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल पर आधारित जनपद स्तरीय सहकारी कार्यशाला का आयोजन सहकारिता भवन सभागार मे किया गया । जिसके मुख्य रामचन्द्र प्रधान, सदस्य विधान परिषद रहे। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन मे कहा कि ''नैनों यूरिया तथा नैनों डीएपी का प्रयोग किया जाना किसानो के हित मे है ।
इससे पर्यावरण प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी तथा देश की उर्वरक आयात पर निर्भरता भी कम होगी। उन्होंने आगे कहा कि आज इफ़को, रासायनिक उर्वरकों का उत्पादन करने वाली सबसे बडी संस्था है तो भी उनके द्वारा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम कर नैनों उर्वरकों का प्रयोग किए जाने की सलाह किसानों के हित मे दी जा रही है ।
अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक( बैंकिग ) बी चन्द्रकला ने विशिष्ट अतिथि पद से अपने संबोधन मे किसानों को नई पीढी के नैनों उर्वरकों का प्रयोग किए जाने की सलाह दी । उन्होने इस पर भी बल दिया कि किसानों को इन उर्वरकों के प्रयोग का तरीका एवं अपनाई जाने वाली सावधानियां अवश्य बताई जाय । उर्वरकों पर प्रगतिशील किसानों के खेतों पर प्रदर्शन लगाए जाने चाहिए जिससे कि किसानों मे इनकी स्वीकार्यता बढेगी ।
कार्यक्रम में एसपी सिंह उप महाप्रबंधक इफ़को द्वारा नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के तकनीकी पहलू पर प्रस्तुतीकरण देते हुए वताया गया कि किस प्रकार एक बोतल नैनों यूरिया एक बोरी यूरिया तथा एक बोतल नैनों डीएपी एक बोरी डीएपी को प्रतिस्थापित कर सकती है । खाद्यान्न फसलों में 4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव किया जाता है। दलहनी फसलों में 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर उपयोग करने से उपज बढ जाती है।
अब भारत सरकार से अनुमति मिल जाने से अब नैनो यूरिया के साथ नैनो डीएपी उपलब्ध कराया जा रहा है जिसका मूल्य रु 600 प्रति बोतल है जो फसलों के लिये बहुत ही लाभदायक होगा । नैनो डीएपी का प्रयोग पाँच मिली /किग्रा की दर के वीज शोधन कर बोवाई करें तथा बुवाई के 25-30 दिन बाद खडी फ़सल मे 2 मिली प्रति लीटर पानी मे घोल कर छिडकाव किया जाता है ।
धान एवं सब्जी की नर्सरी की जडों का शोधन भी 5 मिली / लीटर पानी के घोल मे आधा घंटे करने के बाद रोपाई किए जाने से डी ए पी की आधी मात्रा कम की जा सकती है । इसके प्रयोग से जड़ों का भरपूर विकास होता है तथा उपज मे वृद्धि होती है ।
कृषि विज्ञान केन्द्र , लखनऊ के वैज्ञानिक डा अखिलेष दुबे ने अपने केन्द्र तथा किसानो के खेतों पर लगे प्रदर्शनों के परिणाम प्रतिभागियों के समक्ष रखते हुए बताया कि रासायनिक उर्वरकों मे आधी कटौती कर भी नैनो यूरिया व डीएपी के प्रयोग से किसान गुणवत्तापूर्ण अधिक उत्पादन ले सकते है ।
हाफ़ेड के चेयरमैन प्रताप सिंह ने विशिष्ट अतिथि पद से बोलते हुए कहा कि सहकारिता मंत्री जे पीएस राठौर के मार्गगर्शन मे नैनों उर्वरकों पर जागरूकता बढाने के लिए सभी जनपदों मे यह कार्यशालाए आयोजित का रही हैं, आने वाले समय मे इन उर्वरकों का प्रयोग एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक दीपक सिंह ने भी कार्यक्रम के संबंध मे अपने दिशा निर्देश दिए कि सहकारी समितियों द्वारा इनका प्रचार -प्रसार कर अधिक से अधिक मात्रा मे किसानों को बिक्री की जाय। पीएस ओझा प्रदेश समन्वयक ने अपने संबोधन मे एफ़ पी ओ के साथ मिल कर समितियों द्वारा व्यवसाय विविधीकरण की संभावनाओं पर प्रकाश डाला ।
इफ़को के उपमहाप्रबंधक डा आर के नायक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा नैनों उर्वरकों के प्रयोग से खरपतवार एवं रोग बीमारियों पर अंकुश लगेगा और उपज की क्वालिटी में सुधार के साथ पैदावार भी 8-10 प्रतिशत तक बढ़ जाती है । नैनों उर्वरकों के प्रयोग से हमारी मिट्टी , जल एवं पर्यावरण की रक्षा भी होगी ।
नैनो यूरिया परंपरागत यूरिया का विकल्प है तथा यूरिया के मुकाबले सस्ता भी है एवं इसके प्रयोग से उत्पादन भी बढ़ता है । अधिक मार्जिन के कारण नैनों उर्वरको के व्ययसाय से समितियों की लाभदेयता भी बढेगी ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वीरेन्द्र प्रताप सिंह अध्यक्ष जिला सहकारी बैक ने कहा कि प्रारंभ मे रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को बढावा देने के लिए भी सहकारी समितियों की बडी भूमिका रही है , इसी प्रकार नैनों उर्वरको के प्रयोग को भी बढावा देने के लिए सहकारी समितियां कोई कसर नही छोडेगी । केन्द्रीय सहकरिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन मे सहकारी समितियों के उत्थान के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं ।
इफ़को के क्षेत्र अधिकारी अरविंद कुमार सहायक ने सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता , लखनऊ शैल कुमारी के साथ समन्वय स्थापित कर इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन कराया जिसमे 300 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे ।
Jul 28 2023, 19:21