अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गई आशा कार्यकर्ताओं के लिए बुरी खबर, राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाने का लिया निर्णय
डेस्क : अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गई आशा कार्यकर्ताओं के लिए बुरी खबर है। राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने बुधवार को सभी डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि नियमानुसार आशा कार्यकर्ताओं को चार कार्य अनिवार्य रूप से करने हैं। ऐसा नहीं करने वालों को चयनमुक्त (हटाने) की कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही कार्य में बाधा पहुंचानेवाली आशा कार्यकर्ता पर केस किया जाए।
स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय सिंह की ओर से सभी डीएम व सिविल सर्जन को लिखे पत्र में कहा गया है कि कई प्रखंडों में आशा व आशा फैसिलिटेटर पिछले सप्ताह से हड़ताल पर हैं। साथ ही, सारण के अमनौर सहित कई प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग के कार्य में भी बाधा पहुंचा रहे हैं। फील्ड सर्वे करने गई एएनएम व आंगनबाड़ी सेविका से कुछ आशा द्वारा रजिस्टर की छीनाझपटी की गई है। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं किया जा सकता। आशा कार्यकर्ताओं का यह कृत्य न्यायालय के आदेश की अवमानना भी है। इसलिए जो आशा सक्रिय नहीं हैं, उन्हें चयनमुक्त करने का प्रावधान है।
स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा है कि संघ की जायज मांगों पर सकारात्मक विचार किया जा रहा है, लेकिन काम बाधित करना, अस्पताल में मरीजों या कर्मियों को परेशान करने की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो गलत करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उधर, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट-ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव व आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ (सीटू) अध्यक्ष मीरा सिन्हा ने कहा कि आशा से 52 तरह के काम लिए जाते हैं। इस बार ठोस वार्ता के बाद ही हड़ताल समाप्त होगी। संघ की प्रमुख मांगों में प्रोत्साहन राशि के बदले 10 हजार मानदेय शामिल है।
अश्विन पोर्टल से भुगतान शुरू होने के पहले सभी बकाया राशि का भुगतान करने, मासिक पारितोषिक राशि का अद्यतन भुगतान व एकरूपता लाने, कोरोना काल में काम करने के लिए सभी आशा कार्यकर्ताओं को 10-10 हजार कोरोना भत्ता देना शामिल है। साथ ही पोशाक में साड़ी के साथ ब्लाउज, पेटीकोट व ऊनी कोट, प्रोत्साहन राशि में वृद्धि आदि की मांग की जा रही है।
बता दें इन्ही मांगो को लेकर राज्य के 90 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
Jul 28 2023, 09:16