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*क्‍या अमेरिका ने छिपा रखी है एलियन की लाश? पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारी का ये दावा*

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क्या इस धरती से ऊपर अंतरिक्ष के किसी छोर पर भी जिंदगी है ? ये सवाल सदियों से हम इंसानों के लिए कौतुहल पैदा करता रहा है। यही वजह है कि हमारे वैज्ञानिक दिन रात इस खोज में हैं कि क्या धरती से बाहर किसी दूसरे ग्रह पर जिंदगी है या सीधे शब्दों में कहें तो क्या एलियंस हैं? वैसे कई दावे समय-समय पर होते रहे हैं, जिसमें ये भी कहा जाता है कि अमेरिका का इन लोगों से डायरेक्ट नाता है। लेकिन इन सभी बातों का आज तक कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं मौजूद है। लेकिन अब अमेरिका के पूर्व खुफिया अधिकारी ने ऐसा दावा कर दिया,जिसने एक बार फिर नए सिरे एलियंस के अस्तित्व को हवा दे दी है।

अमेरिका की वायुसेना के पूर्व खूफिया अधिकारी ने खुलासा किया है कि अमेरिका एलियंस और यूएफओ से जुड़ी जानकारी दशकों से छिपा रहा है।अमेरिका में यूएफओ से जुड़ी सुनवाई में पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारी डेविड ग्रुश ने ये सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि अमेरिकी सरकार के पास एक दुर्घटनाग्रस्त यूएफओ है। अमेरिकी सरकार इसकी जानकारी इकट्ठा करने के लिए दशकों से एक रिवर्स इंजीनियरिंग प्रोग्राम चला रही है।यूएफओ को अब अमेरिका की सरकार अमेरिका Unidentified Aerial Phenomena (यूएपी) शब्द का इस्तेमाल करता है। बता दें कि ग्रुश, अमेरिकी रक्षा विभाग में यूएपी से जुड़ी घटनाओं के जांच के प्रभारी रह चुके हैं।

ग्रुश ने बताया कि उन्हें 2019 में यूएपी पर एक सरकारी टास्क फोर्स के प्रमुख द्वारा टास्क फोर्स के मिशन से संबंधित सभी उच्च वर्गीकृत कार्यक्रमों की पहचान करने के लिए कहा गया था। उस समय, ग्रुश को राष्ट्रीय टोही कार्यालय के लिए विस्तृत रूप से नियुक्त किया गया था। ये एजेंसी अमेरिकी जासूसी उपग्रहों का संचालन करती है। ग्रुश ने बताया कि इस दौरान उन्हें एक बहु-दशकीय यूएपी क्रैश के मिलने के बारे में बताया गया था, जिस पर रिवर्स इंजीनियरिंग कार्यक्रम चलाए जाने की भी जानकारी मिली थी। हालांकि इस बारे में मुझे अधिक जानकारी देने से मना कर दिया गया।

गवाहों की जानकारी देने की कही बात

हालांकि इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि यह उनका बयान नहीं है, बल्कि उन्होंने कई अधिकारियों से बात की और उनकी तरफ से जानकारी दी गई। उनके पास एलियन से जुड़ी कोई भी प्रत्यक्ष जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, 'मेरे पास बताने के लिए ऐसा कुछ नहीं है जो मैंने अपनी आंखों से देखा हो।ग्रुश ने कहा कि वह इससे जुड़े गवाहों की एक सूची दे सकते हैं जो कांग्रेस को यूएपी से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में अधिक जानकारी देगा। 

पेंटागन ने किया खंडन

अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने मेजर ग्रुश के दावों का खंडन किया है। पेंटागन ने एक बयान में कहा कि जांच में यूएपी की रिवर्स इंजीनियरिंग के दावों के संबंध में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है और ना पूर्व में और ना वर्तमान में इससे संबंधित कोई कार्यक्रम चल रहा है। मेजर ग्रुश ने ये भी बताया कि सरकारी व्हिसिलब्लोअर बनने के चलते उन्हें काफी विरोध झेलना पड़ा। हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी देने से मेजर ग्रश ने इनकार कर दिया।

राजस्थान के सीकर से पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, कहा- अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या विदेशियों से भारत में दखल की बात करते?

#pm_narendra_modi_to_visit_sikar_rajasthan 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान दौरे पर हैं। उन्होंने सीकर में 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि के 17 हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं। साथ ही पीएम प्रणाम योजना और किसान समृद्धि केंद्र की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन कर सात का शिलान्यास भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के गठबंधन इंडिया पर तीखा हमला बोला।

ये वहीं, जो आतंकी हमले पर रोते थे कुछ करते नहीं थे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और 26 दलों के नए गठबंधन INDIA पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा, अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या से विदेशियों से भारत में दखल देने की बात करते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या ये सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या गलवान में सेना के शौर्य को कठघरे में रखते? ये वहीं चेहरे हैं, जो आतंकी हमले होने पर दुनिया के सामने रोते थे कुछ नहीं करते थे।

नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाने का काम-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष ने गठबंधन का नाम इसलिए बदला ताकि कारनामे छिपा सकें। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने उसके सहयोगियों ने नाम बदलकर नया पैंतरा चला है। पहले कोई कंपनी बदनाम हो जाए तो कंपनी वाले नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाकर अपना धंधा-पानी चलाते हैं। कांग्रेस और उसकी जमात उन्हीं कंपनियों की नकल कर रही है। 

इनका तरीका वही, जो देश के दुश्मनों ने अपनाया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, इनका तरीका वही है जो देश के दुश्मनों ने अपनाया है। पहले भी इंडिया के नाम के आगे अपने नाम को छिपाने का प्रयास किया गया है। ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया था। कांग्रेस के शासन काल में सिमी यानि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट इंडिया बना था। नाम में इंडिया था,लेकिन मिशन इंडिया को बर्बाद करने का था। जब बैन हो गया तो नया नाम लेकर आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। नाम नया लेकिन काम वही पुराना।

पीएम मोदी ने भाजपा की गारंटियां गिनाईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की गारंटी को झूठ का पुलिंदा बताते हुए भाजपा की गारंटियां गिनाईं। उन्होंने कहा, देश के करोड़ों गरीबों को पक्का घर बनाकर लखपति बनाने की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को मुफ्त राशन की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। कोरोना काल में करोड़ों गरीबों को मुफ्त वैक्सीन की गारंटी किसने दी भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को अस्पताल में 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। जनऔषधि केंद्र में गरीबों को सस्ती दवाइयों की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। गरीब का बच्चा भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सके, अंग्रेजी ना आने की वजह से पीछे ना रह जाए, इसके लिए मातृभाषा में पढ़ाई की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने।

9 साल में राजस्थान को केन्द्र से मिले 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा-पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्य की गहलोत सरकार को भी आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान के विकास के लिए केंद्र सरकार लगातार पैसे भेज रही है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, 10 साल में राजस्थान को टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में 1 लाख करोड़ ही दिए गए थे। बीते 9 साल में भाजपा सरकार ने टैक्स हिस्सेदारी के रूप में राजस्थान को 4 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं। जब केंद्र में 10 साल कांग्रेस की सरकार थी तब राजस्थान को सेंट्रल ग्रांट के रूप में भी करीब 50,000 करोड़ ही दिए गए थे, हमारी सरकार ने 9 साल में सेंट्रल ग्रांट के तौर पर राजस्थान को 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं।

हमारे तीज त्योहारों पर मंडरा रहा खतरा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान में दलितों पर अत्याचार चरम पर है। नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। हमारे तीज-त्योहारों पर खतरा मंडराता रहा है। कब पत्थर चलने लगे, कब गोलियां चले, कब कर्फ्यू लग जाए, कोई नहीं जानता। राजस्थान के लोग बहन-बेटियों के साथ अत्याचार नहीं सह सकते। किसी दलित बहन के साथ उसके पति के सामने गैंगरेप होता है। आरोपी वीडियो बनाते हैं, पुलिस शिकायत नहीं लिखती। छोटी-छोटी बच्चियां और स्कूलों में पढ़ाने वाली टीचर तक सुरक्षित नहीं है। कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस नेता पीड़िता महिलाओं पर ही झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं।

राजस्थान के सीकर से पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, कहा- अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या विदेशियों से भारत में दखल की बात करते?

#pmnarendramoditovisitsikarrajasthan 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान दौरे पर हैं। उन्होंने सीकर में 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि के 17 हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं। साथ ही पीएम प्रणाम योजना और किसान समृद्धि केंद्र की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन कर सात का शिलान्यास भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के गठबंधन इंडिया पर तीखा हमला बोला।

ये वहीं, जो आतंकी हमले पर रोते थे कुछ करते नहीं थे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस और 26 दलों के नए गठबंधन INDIA पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा, अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या से विदेशियों से भारत में दखल देने की बात करते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या ये सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या गलवान में सेना के शौर्य को कठघरे में रखते? ये वहीं चेहरे हैं, जो आतंकी हमले होने पर दुनिया के सामने रोते थे कुछ नहीं करते थे।

नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाने का काम-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष ने गठबंधन का नाम इसलिए बदला ताकि कारनामे छिपा सकें। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने उसके सहयोगियों ने नाम बदलकर नया पैंतरा चला है। पहले कोई कंपनी बदनाम हो जाए तो कंपनी वाले नया बोर्ड लगाकर लोगों को मूर्ख बनाकर अपना धंधा-पानी चलाते हैं। कांग्रेस और उसकी जमात उन्हीं कंपनियों की नकल कर रही है। 

इनका तरीका वही, जो देश के दुश्मनों ने अपनाया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, इनका तरीका वही है जो देश के दुश्मनों ने अपनाया है। पहले भी इंडिया के नाम के आगे अपने नाम को छिपाने का प्रयास किया गया है। ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया था। कांग्रेस के शासन काल में सिमी यानि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट इंडिया बना था। नाम में इंडिया था,लेकिन मिशन इंडिया को बर्बाद करने का था। जब बैन हो गया तो नया नाम लेकर आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। नाम नया लेकिन काम वही पुराना।

पीएम मोदी ने भाजपा की गारंटियां गिनाईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की गारंटी को झूठ का पुलिंदा बताते हुए भाजपा की गारंटियां गिनाईं। उन्होंने कहा, देश के करोड़ों गरीबों को पक्का घर बनाकर लखपति बनाने की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को मुफ्त राशन की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। कोरोना काल में करोड़ों गरीबों को मुफ्त वैक्सीन की गारंटी किसने दी भाजपा सरकार ने। देश के करोड़ों गरीबों को अस्पताल में 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। जनऔषधि केंद्र में गरीबों को सस्ती दवाइयों की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने। गरीब का बच्चा भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सके, अंग्रेजी ना आने की वजह से पीछे ना रह जाए, इसके लिए मातृभाषा में पढ़ाई की गारंटी किसने दी? भाजपा सरकार ने।

9 साल में राजस्थान को केन्द्र से मिले 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा-पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्य की गहलोत सरकार को भी आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान के विकास के लिए केंद्र सरकार लगातार पैसे भेज रही है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, 10 साल में राजस्थान को टैक्स की हिस्सेदारी के रूप में 1 लाख करोड़ ही दिए गए थे। बीते 9 साल में भाजपा सरकार ने टैक्स हिस्सेदारी के रूप में राजस्थान को 4 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं। जब केंद्र में 10 साल कांग्रेस की सरकार थी तब राजस्थान को सेंट्रल ग्रांट के रूप में भी करीब 50,000 करोड़ ही दिए गए थे, हमारी सरकार ने 9 साल में सेंट्रल ग्रांट के तौर पर राजस्थान को 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा दिए हैं।

हमारे तीज त्योहारों पर मंडरा रहा खतरा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, राजस्थान में दलितों पर अत्याचार चरम पर है। नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। हमारे तीज-त्योहारों पर खतरा मंडराता रहा है। कब पत्थर चलने लगे, कब गोलियां चले, कब कर्फ्यू लग जाए, कोई नहीं जानता। राजस्थान के लोग बहन-बेटियों के साथ अत्याचार नहीं सह सकते। किसी दलित बहन के साथ उसके पति के सामने गैंगरेप होता है। आरोपी वीडियो बनाते हैं, पुलिस शिकायत नहीं लिखती। छोटी-छोटी बच्चियां और स्कूलों में पढ़ाने वाली टीचर तक सुरक्षित नहीं है। कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस नेता पीड़िता महिलाओं पर ही झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं।

संसद के दोनों सदनों में आज भी जबरदस्त हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

#sansadmonsoonsatra

देश की संसद में इन दिनों मानसून सत्र चल रहा है। हालांकि 20 जुलाई से शुरू मानसून सत्र अब तक हंगामे की भेंट चढ़ता हुआ आया है।मानसून सत्र के पांचवे दिन लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। हालांकि, आज एक बार फिर संसद में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलो के सामसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

विपक्ष को आगे काला कपड़ा ही पहनकर घूमना होगा-प्रह्लाद जोशी

मणिपुर के मुद्दे पर विरोध कर रहे विपक्ष के सदस्‍य आज काले कपड़े पहनकर संसद आए हैं।विपक्षी सांसदों के काले कपड़े पहनकर पहुंचने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, काला कपड़ा पहनकर आये इससे क्या होगा। आगे चलकर उनको काला कपड़ा पहनकर ही घूमना होगा। विपक्ष के व्हिप जारी करने पर जोशी ने कहा, उनको व्हिप जारी करने दीजिए, लेकिन हमें जब बिल लाना होगा तब नियमों के अनुसार ही लाएंगे।

काला कपड़ा पीएम मोदी के अहंकार के खिलाफ- गौरव गोगोई

वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री, मणिपुर के लोगों के घाव पर नमक छिड़क रहे हैं। जिस समय हम बोल रहे हैं कि वे मणिपुर जाकर देश की व्यवस्था संभाले, राष्ट्रहित में काम करें, उस समय वे यहां भाषण दे रहे हैं। पहली बार हमें ऐसा पीएम मिला है जो देश के एक हिस्से में आग लगने के बावजूद भाषण में मग्न है। यह काला कपड़ा पीएम मोदी के अहंकार के खिलाफ है।  

जयशंकर के बोलते समय जमकर नारेबाजी

इधर, विदेश मंत्री एस. जयशंकर लोकसभा में भारत की विदेश नीति से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। पीछे विपक्षी सदस्‍यों का हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्‍यों को लोकसभा स्‍पीकर ओम बिड़ला ने कड़ी फटकार लगाई। स्‍पीकर ने कहा कि पूरा देश देख रहा है, आपके उसके सामने कैसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं। हंगामा न रुकता देख स्‍पीकर ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया।

पीएम मोदी के राजस्थान पहुंचने से पहले सीएम गहलोत ने जताई नाराजगी, पीएमओ ने दिया जवाब, कहा-हमने भेजा था निमंत्रण, आपके ऑफिस ने किया इनकार

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजस्थान यात्रा से पहले राजनीति भी शुरू हो गई है। दरअसल, पीएम की यात्रा से पहले राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया कि इस कार्यक्रम में उनका भाषण हटा दिया गया। जिस पर पीएमओ ने जवाब दिया है। पीएमओ की ओर से गहलोत के आरोप का जवाब देते हुए कहा गया है कि हमने तो आपको बुलाया था लेकिन आपके ऑफिस ने आपके इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर मना कर दिया।पीएमओ ने साफ किया है कि अशोक गहलोत को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उनके दफ्तर ने ही आने में असमर्थता जताई थी।

आपको हर बार बुलाया गया-पीएमओ

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर जवाब दिया है कि अशोक गहलोत जी, प्रोटोकोल के तहत आपको कार्यक्रम में बुलाया गया है और भाषण का वक्त भी दिया गया है। लेकिन आपके ऑफिस ने ही कहा था कि आप इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी यात्राओं के दौरान भी आपको हर बार बुलाया गया था, आप हर बार कार्यक्रम में शामिल भी हुए हैं।

आपकी उपस्थिति को पूरा महत्व दिया जाएगा-पीएमओ

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में लिखा है कि आज के कार्यक्रम में आपका अभी भी स्वागत है, विकास से जुड़े कामों की प्लेट पर आपका नाम लिखा गया है। जबतक चोट की वजह से आपको आने में कोई शारीरिक असमर्थता ना हो, आपकी उपस्थिति को पूरा महत्व दिया जाएगा।

सीएम गहलोत ने क्या कहा था?

पीएम मोदी के दौरे को लेकर राजस्थान के सीएम ने दावा किया था कि उनको आज के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था। इसलिए उन्होंने ट्वीट करके कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय पीएमओ ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है।इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा। अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहे दिल से स्वागत करता हूं।

कांग्रेस और आप ने अपने सांसद के लिए जारी किया व्हिप, मणिपुर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आज काले कपड़े पहनकर पहुंचेंगे 'INDIA' गुट के सभी एमपी

#sansadmonsoonsatra

संसद के मॉनसून सत्र का आज पांचवां दिन है। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। विपक्षी गठबंधन 'INDIA' गुट के सभी सांसद मणिपुर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए आज संसद में काले कपड़े पहनेंगे। संसद में मणिपुर मुद्दे पर बयान नहीं देने के विरोध में भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के सभी सांसदों को काले कपड़े पहनकर आने के लिए कहा गया है।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के सभी सांसद मणिपुर मुद्दे पर सरकार के विरोध में बृहस्पतिवार को काले कपड़े पहुंचकर संसद पहुंचेंगे। विपक्षी गठबंधन के एक सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अब तक संसद में मणिपुर मुद्दे पर बयान नहीं देने के विरोध में ‘इंडिया’ के घटक दलों के सभी सांसदों को काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचने के लिए कहा गया है।

कांग्रेस और आप ने जारी किया व्हिप

राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ने तीन पंक्तियों वाला व्हिप जारी करते हुए कहा, गुरुवार, 27 जुलाई, 2023 को राज्यसभा में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। व्हिप में कहा गया, 'राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे गुरुवार, 27 जुलाई, 2023 को सुबह 11 बजे से सदन के स्थगन तक बिना रुके सदन में उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें। इसमें कहा गया है कि इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है।

वहीं, आम आदमी पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों को 27 और 28 जुलाई को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख आज होगी तय

सूत्रों के अनुसार, स्पीकर सभी दलों के प्रमुख नेताओं से इस बात पर चर्चा करेंगे कि अविश्वास प्रस्ताव पर किस दिन बहस कराई जाए। स्पीकर सभी दलों के नेताओं से सलाह मशविरा करने के बाद गुरुवार को ही अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने की तारीख फाइनल करेंगे। माना जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में अगले हफ्ते चर्चा होगी। अविश्वास प्रस्ताव पर दो दिन की चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बहस में शामिल होंगे और मणिपुर से संबंधित मुद्दों का जवाब देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस के दूसरे दिन जवाब देंगे। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों से आने वाले मंत्री, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से आने वाले मंत्री और सांसद सरकार तथा बीजेपी की तरफ से चर्चा में हिस्सा लेंगे।

पीएम मोदी के राजस्थान दौरे से पहले सीएम अशोक गहलोत का बड़ा आरोप, कहा- पीएमओ ने मेरा भाषण हटाया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के दौरे पर जाएंगे। प्रधानमंत्री राजस्थान के सीकर में पीएम किसान समृद्धि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा आरोप लगाया है।मुख्यमंत्री का आरोप है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम के कार्यक्रम से उनका भाषण हटा दिया है।अशोक गहलोत ने इसको लेकर सीएम गहलोत ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री पर कई तंज भी कसे हैं।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा है, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय PMO ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहेदिल से स्वागत करता हूं।

अपने ट्वीट में गहलोत ने आगे कहा कि मैं इस कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से जो मांग रखता वो इस ट्वीट के माध्यम से रख रहा हूं। आशा करता हूं 6 महीने में की जा रही इस सातवीं यात्रा के दौरान आप इन्हें पूरी करेंगे।

सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के सामने रखी ये मांगे-

1-आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास राजस्थान सरकार व केंद्र की भागीदारी का परिणाम है। इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है जिसमें 2,213 करोड़ केन्द्र का और 1,476 करोड़ राज्य सरकार का अंशदान है। मैं राज्य सरकार की ओर से भी सभी को बधाई देता हूं।

2-मैं इस कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से जो मांग रखता वो इस ट्वीट के माध्यम से रख रहा हूं। आशा करता हूं 6 महीने में की जा रही इस सातवीं यात्रा के दौरान आप इन्हें पूरी करेंगे।

3-राजस्थान खासकर शेखावटी के युवाओं की मांग पर अग्निवीर स्कीम को वापस लेकर सेना में परमानेंट भर्ती पूर्ववत जारी रखी जाए। 

4-राज्य सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी को-ऑपरेटिव बैंकों से 21 लाख किसानों के 15,000 करोड़ रुपये के कर्जमाफ किए हैं। हमने केन्द्र सरकार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जमाफ करने के लिए वन टाइम सैटलमेंट का प्रस्ताव भेजा है।जिसमें किसानों का हिस्सा हम देंगे। इस मांग को पूरा किया जाए।

5-राजस्थान विधानसभा ने जातिगत जनगणना के लिए संकल्प पारित कर भेजा है। केन्द्र सरकार इस पर अविलंब निर्णय ले।

6-NMC की गाइडलाइंस के कारण हमारे तीन जिलों में खोले जा रहे मेडिकल कॉलेजों में केंद्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। ये पूरी तरह स्टेट फंडिंग से बन रहे हैं। इन आदिवासी बाहुल्य तीनों जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी केन्द्र सरकार 60 फीसदी की फंडिंग दे।

7-पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया जाए।

पीएम मोदी ने किया सबसे बड़े आईईसीसी कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन, 2700 करोड़ की लागत से बना 'भारत मंडपम'*

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने ड्रोन के जरिए आईटीपीओ कैम्पस को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी ने ड्रोन उड़ाकर इस कन्वेंशन सेंटर का नाम बताया। इस कन्वेंशन सेंटर का नाम भारत मंडपम रखा गया है।उद्घाटन समारोह में पीएम के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राजनाथ सिंह, डॉ. जितेंद्र सिंह, अभिनेता आमिर खान और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

2,700 करोड़ रुपये की लागत से किया विकसित

प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को बताया था कि प्रगति मैदान में इस परियोजना को लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। पीएमओ के मुताबिक, लगभग 123 एकड़ भूभाग में तैयार यह परिसर देश के सबसे बड़े बैठक, सम्‍मेलन और प्रदर्शनी केन्‍द्र के रूप में विकसित किया गया है। इसमें सितंबर के महीने में जी20 नेताओं की बैठक की मेजबानी भी की जाएगी।

टॉप 10 कन्वेंशन सेंटर में शामिल

लगभग 123 एकड़ में फैला यह परिसर कई बड़े आयोजनों की मेजबानी कर चुका हैं। आयोजनों के लिए उपलब्ध कवर किए गए स्थान के संदर्भ में, पुनर्विकसित और आधुनिक आईईसीसी कॉम्प्लेक्स दुनिया के शीर्ष 10 प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में अपना स्थान पाता है, जो जर्मनी में हनोवर प्रदर्शनी केंद्र, शंघाई में राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर (एनईसीसी) जैसे विशाल नामों को टक्कर देता है।

सिडनी के ओपेरा हाउस से बड़ा

कॉम्प्लेक्स के ‘लेवल-3’ पर 7,000 लोगों के बैठने की क्षमता है, जो इसे ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से भी ज्यादा बड़ा बनाता है, जहां तकरीबन 5,500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। अधिकारियों के अनुसार, यह विशेषता आईईसीसी को वैश्विक पैमाने पर बड़े सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सही जगह है।

चीन में कैसे गायब हो जाती हैं बड़ी से बड़ी हस्ती ?

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चीन भले ही खुद को लोकतांत्रिक देश बताता हो, लेकिन वहां सत्ता के हर पक्ष पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का बोलबाला है। मीडिया के साथ ही लोगों की भी अभिव्यक्ति की आजादी पर पल-पल सरकार का पहरा रहता है। चीन सरकार की विरोधी खबरें कठोरता से दबा दी जाती हैं। यह नहीं चीन सरकार के विरोध में उठने वाली आवाजों को भी खामोश कर दिया जाता है। जी हां, चीन मे बड़ी से बड़ी हस्तियां जिन्होंने भी मुंह खोला वे गायब हो जाते हैं। 

1949 में सत्ता संभालने के बाद से ही कम्युनिस्ट पार्टी का रवैया अपने विरोधियों और आलोचकों के प्रति दमन का रहा है। 1960 के दशक में चीनी सांस्कृतिक क्रांति के दौरान राजनेताओं, शिक्षकों और आलोचकों को बिना किसी आरोप के सालों तक जेलों में बंद कर दिया गया था। चीन में गायब होने वाली लोगों की लिस्ट में एक्टर, एक्टिविस्ट से लेकर स्पोर्ट्सपर्सन तक के नाम शामिल हैं। चीन ने अपने नागरिकों के साथ ही दूसरे देशों के नागरिकों को भी कथित तौर पर डिटेन किया है। 2013 में शी जिनपिंग के चीनी राष्ट्रपति बनने के बाद से लोगों का इस तरह 'गायब' होना बढ़ा है।

चीन में लोगों के लापता होने को लेकर एक बार फिर सवाल तेज होने लगे हैं। दरअसल, चीन के विदेश मंत्री पिछले कई दिनों से गायब हैं, जिसके बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है। 57 साल के चिन गांग को अंतिम समय 25 जून को सार्वजनिक रूप से देखा गया था. उनको हटाए जाने को लेकर कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया गया है। एक महीने से वो अपने आधिकारिक कार्यों से ग़ायब रहे और सेहत को कारण बताया गया। हालांकि जब वो चार हफ़्ते तक नहीं लौटे तो ये अनुमान लगाया जाने लगा कि या तो उनको सज़ा दी जा रही है या राजनीतिक रूप से वो अपनी जगह छोड़ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एक महिला टेलीविज़न प्रेजेंटर के साथ उनके अफ़ेयर की अफवाह उड़ने लगी। ये प्रेजेंटर सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव थीं लेकिन इस अटकलबाज़ी के बाद वो अचानक ग़ायब हो गईं। टेलीविजन प्रजेंटर फू जियाओटियन चीनी मीडिया में वे सबसे लोकप्रिय और चर्चित चेहरों में आती हैं। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले फू जियाओटियन ने विदेश मंत्री के साथ एक इंटरव्यू किया था, जिसके बाद से ही दोनों के बीच नजदीकियां आईं थीं। इस मामले को लेकर चीनी सोशल मीडिया में भी दोनों के संबंधों को लेकर तरह-तरह की बातें होने लगी।

हालांकि ऐसे अफ़ेयर क़ानून के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन इसे पार्टी अनुशासन के उल्लंघन के तौर पर लिया जाता है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के काम करने का जो तरीक़ा है, ऐसे में चिन गांग के गायब होने के खबरों को खारिज नहीं किया जा सकता।

जैक मा

वैसे चीन में इस तरह से गायब होना काफी हद तक सामान्य है। यहां, एक्टिविस्ट, मार्क्सवादी, आला आधिकारी और यहां तक विदेशी भी गायब हो जाते हैं। इससे पहले चीन के अरबपति उद्योगपति जैक मा भी गायब ह गए थे। चीन की फाइनेंशियल रेगुलेटर्स के नीतियों की आलोचना के बाद वह गायब हो गए थे। चीन में टेक इंटरप्रोन्यर्स पर एक्शन के बीच जैक मा सबसे हाई प्रोफाइल अरबपति थे। साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट की मानें तो वह करीब एक साल देश से बाहर बिताने के बाद लौटकर आए हैं। उन्हें बीते तीन साल में सार्वजनिक जगहों पर बहुत कम देखा गया।

रेन झिकियांग

मार्च 2020 में अरबपति और रियल एस्टेट टाइकून रेन झिकियांग ने महामारी से निपटने के तरीकों को लेकर शी जिनपिंग को 'जोकर' कहा था। जिसके बाद वह गायब हो गए थे। उसी साल में बाद में रेन को भ्रष्टाचार के आरोप में 18 साल की सजा सुनाई गई।

फैन बिंगबिंग

फैन बिंगबिंग की गिनती चीन की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली एक्ट्रेस में होती है। 2018 में चीनी अधिकारियों ने फैन और उनकी कंपनियों को 130 मिलियन डॉलर की राशि टैक्स चोरी के मामले में चुकाने का आदेश दिया था। इसके बाद ही फैन 3 महीने के लिए गायब हो गई थीं। 

डुआन वेईहांग

बिजनेस वुमन डुआन वेईहांग भी 2017 में लापता हो गई थीं। उनके पति एक किताब पब्लिश करने की तैयारी कर रहे थे, जिसमें वे चीन के समृद्ध वर्गों में भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले थे। 4 साल बाद डुआन ने अपनी पति को फोन कर कहा था कि वह किताब प्रकाशित नहीं करवाएं।

30,000 लोग हो चुके हैं गायब

वैसे चीन में लोगों की गायब होने की लिस्ट दो-चार या दस में नहीं है, ये सैकड़ों में भी नहीं है, बल्किन हजारों में हैं। जी हां, चीन में साल 2013 से गायब हुए लोगों का आंकड़ा 30,000 है। ये आंकड़ा मानवाधिकार संगठन सेफगार्ड डिफेंडर्स ने जारी किया था।रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में हर दिन चीन में कम से कम 20 लोगों के गायब होने का अनुमान है।

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा, न केंद्र सरकार से डरते, न NDA की पॉलिसी मानेंगे, म्यांमार के सभी शरणार्थियों को वापस भेजने से भी कर दिया मना

मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हमारी सरकार को निर्देश दिया था कि म्यांमार के सभी शरणार्थियों को वापस भेज दिया जाए, लेकिन हमने ऐसा करने से मना कर दिया।

मिजोरम के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के प्रमुख जोरमथांगा ने कहा कि भले ही वह केंद्र में सत्तारूढ़ NDA के पार्टनर हों लेकिन वह एनडीए की हर नीति मानने को बाध्य नहीं हैं। सीएम जोरमथांगा ने कहा कि उनकी राज्य सरकार और एमएनएफ पार्टी केंद्र की एनडीए सरकार से नहीं डरती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने म्यांमार से शरणार्थियों को वापस भेजने से इनकार कर दिया है, जो म्यांमार में जुंटा के सैन्य शासन संभालने के बाद यहां आ गए थे।

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधन

राजधानी आइजॉल में एमएनएफ पार्टी कार्यालय (ह्नम रन) में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जोरमथंगा ने कहा, “भारत में राजनीतिक दल भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए या हाल ही में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया के नाम पर बने गठबंधन में शामिल हो रहे हैं, और एमएनएफ एनडीए का गठबंधन भागीदार है। हालांकि हम एनडीए के साथ हैं लेकिन हम एनडीए की हरेक नीति और उद्देश्यों से सहमत नहीं हैं।"

वापस नहीं भेजेंगे शरणार्थी- जोरमथांगा

जोरमथांगा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हमारी सरकार को निर्देश दिया था कि म्यांमार के सभी शरणार्थियों को वापस भेज दिया जाए, लेकिन हमने ऐसा करने से मना कर दिया। मैंने विधानसभा को बताया है कि हम उन्हें (म्यांमार के शरणार्थियों को) वापस नहीं भेज रहे हैं, बल्कि उन्हें अपने यहां आश्रय और खाना देंगे। 

UCC का भी विरोध

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएनएफ के अलावा किसी अन्य पार्टी ने एनडीए की बैठकों में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का कड़ा विरोध नहीं किया है क्योंकि उनमें से अधिकांश केवल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए जाते रहे हैं। बता दें कि जोरमथांगा ने 4 जुलाई को विधि आयोग को चिट्ठी लिखकर समान नागरिक संहिता को देश के सभी नस्ली अल्पसंख्यक और खासकर मिजो लोगों के हितों के खिलाफ बताया था।

उन्होंने कहा, "मैंने केंद्र को बताया कि 1971 में पश्चिम बंगाल में शरण लेने वाले पूर्वी पाकिस्तान के लाखों शरणार्थियों का भारत सरकार ने ख्याल रखा था और मैंने केंद्र सरकार पर कड़ा दबाव बनाया है।" मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी एमएनएफ तभी तक एनडीए के कार्यक्रमों और नीतियों का साथ देगी, जबतक वे जनता और खासकर देश के नस्ली अल्पसंख्यकों के हित में होंगी।

दिसंबर तक विधानसभा चुनाव

उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार बदलने पर एमएनएफ कभी अपना रुख नहीं बदलता। पार्टी ने प्रस्तावित यूसीसी का कड़ा विरोध किया क्योंकि एमएनएफ ने ऐसी किसी भी चीज़ का विरोध किया जो उसके आदर्श वाक्य - "भगवान और देश के लिए" के लिए हानिकारक हो। बता दें कि मिजोरम में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। 

मिजोरम में 36,000 शरणार्थी

म्यांमार में फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के कारण म्यांमार से आए। लगभग 35,000 शरणार्थियों को मिजोरम पनाह दे रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों में सेना की कार्रवाई के कारण 1,000 से अधिक आदिवासियों को अपने गांव छोड़कर मिजोरम में बतौर शरणार्थी मिजोरम में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस बीच,मिजोरम सरकार ने गृह और आपदा प्रबंधन मंत्री लालचमलियाना की अध्यक्षता में हिंसाग्रस्त मणिपुर से विस्थापित होकर मिजोरम में आए व्यक्तियों (आईडीपी) पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।