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भारत एक बार फिर मिशन चांद के लिए पूरी तरह से तैयार है। देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले तिरुपति देवस्थानम पहुंचे वैज्ञानिक, शुक्रवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा प्रक्षेपण
भारत एक बार फिर मिशन चांद के लिए पूरी तरह से तैयार है। देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने बृहस्पतिवार की सुबह तिरुमला में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की।बता दें कि इसरो चार साल बाद एक बार फिर से शुक्रवार को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के लिए तैयार है। *चंद्रयान-3 का एक छोटा मॉडल लेकर मंदिर पहुंचे थे वैज्ञानिक* चंद्रयान-3 मिशन से एक दिन पहले इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम गुरुवार को आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर पहुंची। टीम ने अपने साथ चंद्रयान-3 का एक छोटा मॉडल भी लिया था। इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम ने पूजा अर्चना की। मंदिर पहुंचे वैज्ञानिक दल में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे, जिनके गुरुवार सुबह मंदिर पहुंचने की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर देखे गए। मंदिर पहुंचे वैज्ञानिकों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने कहा, इसरो का दल तिरुमला आया लेकिन हमारी जनसंपर्क शाखा ने उनके दौरे को कवर नहीं किया। उन्होंने बताया कि मंदिर के अधिकारी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के दौरे में व्यस्त थे। अधिकारी ने बताया कि इसरो के अधिकारी आम तौर पर मंदिर में अपने दौरे को जनता की नजरों से दूर ही रखते हैं। *इसरो प्रमुख भी पहुंचे मंदिर* मंदिर पहुंचने वालों में इसरो चीफ एस सोमनाथ भी शामिल थे। पूजा के बाद इसरो चीफ ने कहा कि भारत कल दोपहर 2:35 बजे अपना तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। मैं प्रार्थना करता हूं कि सब कुछ ठीक हो जाए और यह 23 अगस्त के बाद किसी भी दिन चंद्रमा पर उतर जाए। इसरो चीफ के अलावा इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु बटवूडेकर समेत इसरो के कई वैज्ञानिक भी मंदिर पहुंचे। *मंगलवार को किया था पूर्वाभ्यास* इससे पहले मंगलवार को इसरो ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतारने का पूर्वाभ्यास किया था। इसरो की ओर से एक ट्वीट में बताया गया था कि लॉन्च की पूरी तैयारी और प्रक्रिया का डमी रूप में 24 घंटे का पूर्वाभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। *चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बनेगा भारत* चंद्रयान-3, भारत का तीसरा चंद्र रिसर्च मिशन है। इसरो का चांद पर यान को ‘‘सॉफ्ट लैंडिंग’’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं। भारत को चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना देगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ ऐसा करने में सफल रहे हैं। *मिशन चंद्रयान-2 नहीं हो सका था सफल* चंद्रयान-2 मिशन के दौरान लैंडर के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफलता नहीं मिल पाई थी। चंद्रयान-2 मिशन के दौरान जब लैंडर चंद्रमा की सतह से महज एक पायदान की दूरी पर था, तब इसरो का संपर्क उससे टूट गया था। इस लिहाज से चंद्रयान-3 मिशन को भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान, जिसे एलवीएम-3 (प्रक्षेपण यान मार्क-3) (पहले जीएसएलवी एमके-3 के रूप में जाना जाता था) द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यह तीन मॉड्यूल- प्रणोदन, लैंडर और रोवर का एक संयोजन है। रोवर चंद्र सतह का अध्ययन करेगा और यह लैंडर के अंदर लगा है।
फ्रांस दौरे से पहले पीएम मोदी ने फ्रेंच अखबार को दिया इंटरव्यू,चीन से खतरे और अमेरिका के साथ मजबूत होते रिश्ते पर दिया जवाब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह अपने दो दिन के दौरे पर फ्रांस रवाना हो गए। पीएम यहां 14 जुलाई को होने वाले ऐतिहासिक बेस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। रवानगी से पहले प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी अखबार को इंटरव्यू दिया।फ्रांस के लीडिंग मीडिया समूह "लेस इकोस" को दिए इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने इंटरव्यू में पश्चिमी देशों और ग्लोबल साउथ के बीच एक ब्रिज के तौर पर भारत की भूमिका पर जोर दिया। साथ ही भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की वकालत समेत तमाम मुद्दों पर बात की।

फ्रांस के साथ भारत के रिश्ते पर दिया ये जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रेंच अखबार "लेस इकोस" को बताया, ‘कोरोना के बाद वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव आया है, इसमें भारत-फ्रांस की साझेदारी अहम किरदार निभा रही है। इस दौरे में हमारा फोकस आने वाले 25 साल के लिए रोडमैप तैयार करना है। बुरे से बुरे वक्त में हम साथ रहे हैं और हमारी कोशिश दोस्ती को और भी मज़बूत करने की है।भारत और फ्रांस के रिश्तों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी इंडो पैसिफिक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अहम साझेदारियों में से एक है। हम हिंद महासागर क्षेत्र में दो बड़ी शक्तियां हैं। हमारी पार्टनरशिप का मकसद एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और स्थिर इंडो पैसिफिक क्षेत्र को आगे बढ़ाना है। हम रक्षा उपकरणों समेत अन्य देशों की सुरक्षा जरूरतों का समर्थन करने के लिए भी सहयोग करेंगे। इसमें आर्थिक, कनेक्टिविटी, मानव विकास और स्टेबिलिटी की पूरी सीरीज शामिल है। ये बाकी देशों को भी शांति की साझा कोशिश के लिए आकर्षित करेगा।

चीन से खतरे को लेकर पीएम मोदी का जवाब

चीन को लेकर जब प्रधानमंत्री से सवाल किया गया, तब उन्होंने कहा कि भारत हमेशा बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।चीन को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी से पूछा गया कि चीन लगातार अपनी डिफेंस ताकत को बढ़ाने के लिए पैसा बहा रहा है, क्या इससे क्षेत्र में सुरक्षा को कोई खतरा है?इस पर पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशों की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून कायम रखना भी जरूरी है। हमारा मानना ​​है कि इसके माध्यम से स्थायी क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में सकारात्मक योगदान दिया जा सकता है।साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति तरीके से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करने के लिए खड़ा रहा है। 

यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले मोदी?

पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कई बार बात की है। मैं हिरोशिमा में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मिला था और हाल ही में, मैंने राष्ट्रपति पुतिन से दोबारा बात की है। भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है। प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में बताया कि मैंने उनसे कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है, हमने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया है। हमारा मानना ​​है कि सभी देशों का दायित्व है कि वे दूसरे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करें।

अमेरिका के साथ मजबूत हो रहे हैं रिश्ते पर दिया जवाब

इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से भारत और अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों पर भी सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ये सच है कि काफी लंबे समय से भारत-अमेरिका के रिश्ते सकारात्मक रूप से बढ़ रहे हैं, लेकिन पिछले नौ सालों में इसमें तेजी आई है और ये नए स्तर पर पहुंच गया है। दोनों देशों से इसके लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। चाहे वो सरकार हो, संसद हो, उद्योग हो, शिक्षा जगत हो या फिर दोनों देशों के लोग... सभी रिश्तों को एक ऊंचे स्तर तक ले जाने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 सालों में मैंने व्यक्तिगत तौर पर अलग-अलग सरकारों के साथ अमेरिकी तालमेल का एक अच्छा अनुभव किया है।

यूएन में भारत ने दिया पाक का साथ, स्वीडन में कुरान जलाने पर लाए गए प्रस्ताव का किया समर्थन, अमेरिका ने किया विरोध

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बुधवार को भारत ने पाकिस्तान का समर्थन किया।यहां पाकिस्तान ने एक प्रस्ताव पेश किया। उस प्रस्ताव का कई अमेरिकी और यूरोपीय देश विरोध कर रहे थे, लेकिन भारत ने इस मामले में पाकिस्तान का साथ दिया।

 दरअसल, स्वीडन में बार-बार कुरान जलाए जाने के खिलाफ पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में एक प्रस्ताव रखा था। इस पर भारत ने भी पाकिस्तान के समर्थन में वोट किया है। हालांकि, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन समेत कई पश्चिमी देशों ने फ्रीडम ऑफ स्पीच का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया।पाकिस्तान ने अपने प्रस्ताव में कुरान जलाने जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी।

47 में से 12 सदस्यों ने पाक के प्रस्ताव का विरोध किया

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कुल 47 सदस्य हैं। इसमें ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के सिर्फ 19 देश शामिल हैं। इन सभी ने पाक के प्रस्ताव का समर्थन किया। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में ये प्रस्ताव ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक देशों के कहने पर ही लाया था। उइगर मुस्लमानों के मुद्दे पर घिरे रहने वाले चीन ने भी पाक के समर्थन में वोट किया।28 देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। इसमें भारत भी शामिल है वहीं 12 देशों ने इस प्रस्ताव के विरोध में वोट किया और 7 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। नेपाल समेत 7 देशों ने किसी का समर्थन नहीं करते हुए वोटिंग ही नहीं की।

स्वीडन में ईद पर जलाई गई थी कुरान

स्वीडन में ईद-अल-अजहा के मौके पर स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक शख्स ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया था। इसके लिए उसे स्वीडिश सरकार से परमिशन मिली थी। CNN के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी। इस प्रोटेस्ट में सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने ट्रांसलेटर के साथ शामिल हुआ था।

रॉयटर्स के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे शख्स ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर उसमें आग लगा दी। इसके बाद उसने स्वीडन का झंडा भी लहराया था। प्रोटेस्ट देख रहे 200 लोगों में से कुछ उसके पक्ष में तो कुछ विरोध में नारे लगाए थे। इनमें से एक व्यक्ति ने अरबी में गॉड इज ग्रेट चिल्लाकर प्रदर्शनकारी पर पत्थर भी फेंका। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की फिसली जुबान, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को “व्लादिमीर” कहकर पुकारा

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उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की जुबान लड़खड़ा गई। लिथुआनिया देश की राजधानी विनियस में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कह दिया। हालांकि उन्हें तत्काल अपनी गलती को सुधारा लिया।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि 'व्लादिमीर और मैं...मुझे इतना घनिष्ठ नहीं होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने खुद को सुधारा और कहा कि 'मिस्टर जेलेंस्की और मैं' इस घटना का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति का पूरा नाम वोलोदिमीर जेलेंस्की है और रूस के राष्ट्रपति का नाम व्लादिमीर पुतिन है। दोनों के शुरुआती नाम में थोड़ी समानता है। शायद यही वजह है कि बाइडेन से ये गलती हो गई।

 

बता दें कि बाइडन अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पहले भी इस तरह की गलती कर चुके हैं। इससे पहले गलती से उन्होंने यूक्रेनियन को ईरानी कह दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की बढ़ती उम्र अब समस्या बनती जा रही है पिछले महीने एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे बाइडेन मंच पर ही संतुलन खो बैठे थे और गिर गए थे। बाइडेन कोलोराडो में अमेरिकी एयरफोर्स अकादमी के ग्रेजुएशन सेरेमनी में शामिल होने पहुंचे थे।

दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप, लागातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण बाढ़ से हालात, कई इलाके डूबे

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लगातार बारिश, ग्लेशियर टूटने और बादल फटने के चलते पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का संकट गहरा गया है। दिल्ली में गुरुवार की सुबह 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर 208.46 मीटर दर्ज किया गया। जबकि बीते बुधवार की दोपहर 1 बजे नदी बाढ़ के उच्चतम रिकॉर्ड 207.49 मीटर को पार कर गयी थी।

दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से करीब 2 मीटर ऊपर बह रही है। इसका मुख्य कारण है हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाना है। हथिनी कुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में जलस्तर का बढ़ना जारी है। बता दें कि सन 1900 के बाद पहली बार है कि जब यमुना का जल स्तर 207.49 को पार कर गया है। इससे पहले 1978 में आखिरी बार यमुना का स्तर सबसे अधिक दर्ज हुआ था। तब 207.49 मीटर था।

करीब 16 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया

यमुना में पानी का जलस्तर बढ़ने की वजह से कई इलाकों में पानी भरने की सूचना है। दिल्ली में यमुना के पास बसे गांव पानी में डूब गए हैं। यमुना किनारे एरिया में देर रात भारी तादाद में पानी घरों के अंदर घुस गया। आनन-फानन में लोग अपना जरूरत का सामान निकालकर सड़क पर आ गए। सैकड़ों परिवार अपने बच्चों के साथ बांध पर बनी सड़क पर रहने को मजबूर हैं।यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के लिए जाने वाला अप्रोच रोड भी पानी में डूब गया। बाहरी रिंग रोड पर पानी भरने की वजह से सड़क बंद कर दी गई है, जबकि मजनू का टीला से लेकर आईटीओ तक के रास्ते पर भी जलजमाव हुआ है। गुरुवार सुबह तक चंगी राम अखाड़ा, मजनू का टीला, मोनेस्ट्री मार्केट, लोहा पुल, निगम बोध समेत आसपास के इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। राजधानी में करीब 16 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

*कई सड़कें जलमग्न

अगर ग्राउंड जीरो की बात करें तो दिल्ली आईटीओ, राजघाट की ओर जाने वाली सड़क, आउटर रिंग रोड, यमुना बाजार और लोहा पुल के पास पानी भरा है। दिल्ली आईटीओ के नज़दीक आईपी स्टेडियम और राजघाट की ओर जाने वाली सड़क पर भी जलजमाव देखने को मिल रहा है। इनमें यमुना बाज़ार सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, अब यहा कॉलोनी में तेज़ धार से पानी भरता जा रहा है। कल तक लोग जिस सड़क से लोहा पुल तक पहुंच सकते थे, वो आज पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। आउटर रिंग रोड पर यमुना के किनारे वाले तमाम मकान और मंदिरों में पानी भर चुका है।

कल से घटना शुरू हो सकता है यमुना का जलस्तर

हथिनी कुंड बैराज से पिछले 24 घंटे में पानी छोड़ने की रफ्तार कम हुई है पिछले 24 घंटे में करीब 1.5 लाख क्यूबिक फीट प्रति सेकेंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है जबकि मंगलवार रात 9 बजे तक 3.50 लाख क्यूसेक पानी थोड़ा जा रहा था. इस लिहाज से दिल्ली में कल से जलस्तर घटना शुरू हो सकता है।

इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास को किया बैन, आदिपुरुष-मुंतशिर से भी रहा कनेक्शन

नयी दिल्ली : इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास पर बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.

इसके बाद इंटरनेशनल सोसाइटी ने उन पर एक महीने का प्रतिबंध लगाया. इस्कॉन ने कहा कि उनके (संत अमोघ) बयान से हम सभी दुखी हैं. उन्होंने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है इसलिए उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. संत अमोघ अपने बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. सोशल मीडिया पर वो स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल बातें करते रहते हैं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि अमोघ लीला दास का हाल ही में आई फिल्म आदिपुरुष उसके डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला से क्या कनेक्शन है?

जी हां, आप सबको मालूम है कि आदिपुरुष फिल्म पर जमकर विवाद हुआ था. विवाद की वजह फिल्म का डायलॉग था. वैसे तो फिल्म में कई विवादास्पद डायलॉग थे, जिन्हें बाद में हटाया गया लेकिन एक डायलॉग जिसकी सबसे ज्यादा आलोचना हुई वो डॉयलॉग 'घी किसका रावण का, कपड़ा किसका रावण का, आग किसकी रावण की, जली की किसकी रावण की' थी. लोगों का कहना है कि मनोज मुंतशिर ने अमोघ लीला दास की बातों को डायलॉग बना दिया क्योंकि दास ने एक कार्यक्रम में यह बातें कही थीं.

अमोघ के बयान से हम सभी दुखी : इस्कॉन

इस्कॉन ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि संत अमोघ के बयान से हम सभी दुखी हैं. उनके बयानों से लोगों की भावना को ठेस पहुंची है इसलिए उन पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है. उनका यह बयान बर्दाश्त के लायक नहीं है. इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. बता दें कि अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद को लेकर कहा था कि वो मछली खाते थे. कोई भी महान संत किसी जानवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है, वो भी कोई सिद्ध पुरुष.

इसके अलावा दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. दास की यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. संत अमोघ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वह धर्म और मोटिवेशन से जुड़ी बातों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. ऐसे में आइए हम आपको इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास के बारे में बताते हैं.

कौन हैं अमोघ लीला दास ?

अमोघ लीला दास एक स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. वह 12 सालों तक इस्कॉन से जुड़े रहे. 43 वर्षीय दास इस समय इस्कॉन के द्वारका चैप्टर के वाइस प्रेसिडेंट का भूमिका अदा कर रहे थे. विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद उन पर एक महीने का बैन लगा दिया गया है. बता दें कि अमोघ लाल दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है. उनका जन्म लखनऊ में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. फिलहाल उनका परिवार दिल्ली में रहता है.

आशीष अरोड़ा उर्फ अमोघ दास संत बनने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद वह नौकरी के लिए अमेरिका चले गए. 2010 में उन्होंने कॉरपोरेट की दुनिया को छोड़ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में आ गए. 29 साल की उम्र में उन्होंने इस्कॉन को जॉइन किया. इसके बाद वो सोशल मीडिया पर धर्म और आस्था से संबंधित तामा वीडियो डालने लगे. इसके बाद धीरे धीरे वो एक मोटिवेशनल स्पीकर भी बन गए. सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की तादाद बढ़ने लगी.

क्या है पूरा मामला?

अमोघ दास लीला ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी. दास ने कहा कि मछली खाने वाला कोई भी इंसान सिद्धपुरुष कैसे हो सकता है. उनके दिल में तो दयाभाव होती है. ऐसे में कोई भी महान इंसान मछली कैसे खा सकता है. इतना ही नहीं, अमोघ लाल दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर भी गलत और अपमानजनक बयान दिया था. इसके बाद इस्कॉन ने उन पर ये कार्रवाई की है.

"जय श्री राम" न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर प्रदर्शित होने वाला पहला भक्ति गीत बना

नयी दिल्ली : संगीतकार आशीष चंद्रा ने गायक विशाल श्रीवास्तव और निर्माता मुकेश मोदी के साथ प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर में अपने आध्यात्मिक भजन "जय श्री राम" की रिलीज के साथ अंतर्राष्ट्रीय धरती पर भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया.

आशीष चंद्र कहते हैं

"किसी भी कलाकार के लिए एक गाना रिलीज़ करना हमेशा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होता है और अब जब हमने इसे प्रतिष्ठित टाइम्स स्क्वायर पर ला दिया है, तो यह एक संकेत है कि भारतीय पौराणिक कथा अब भारत तक ही सीमित नहीं है, यह अब दुनिया की है."

विशाल श्रीवास्तव कहते हैं

"हम राम की भूमि से हैं. हमारी भारतीय पौराणिक कथाओं की दुनिया भर में पूजा और सराहना होते देख मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है."

मुकेश मोदी कहते हैं

"यह न केवल हमारे लिए बल्कि हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है. जय श्री राम के लिए इतनी सराहना पाकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं. यह सिर्फ शुरुआत है, हम अपनी भारतीय पौराणिक कथाओं को दुनिया भर में ले जाने की कल्पना करते हैं."

सावन में आस्था का मेला परवान चढ़ने लगा है, आस्था के डगर पर घर-घर से निकले भक्त गण, केसरिया रंग में रंगा हाईवे

नयी दिल्ली : सावन में आस्था का मेला परवान चढ़ने लगा है। प्रथम सोमवार के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में कांवड़िया काशी और देवघर में जलाभिषेक के लिए रवाना हो गए। बुधवार को हजारों की तादाद में कांवड़िये गंगा जल भरकर बाबा काशी विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए रवाना हो गए।

बोल बम के जयकारों से यात्रा पथ दिन भर गूंजता रहा।

बाबा के जलाभिषेक के लिए गांव-गांव से भोले भक्तों के निकलने से प्रयागराज-वाराणसी हाइवे पर दिनभर जाम की स्थिति रही। इस दिन गाजीपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर, मध्यप्रदेश के रीवा, हनुमना समेत कई इलाकों से कांवड़िये दशाश्वमेध घाट पहुंचे।

रंग-बिरंगी कांवड़ के साथ ही ध्वजा-पताकाओं से सजे वाहनों से भगवान भोले के भक्त यहां पहुंचते रहे। जल भरने के साथ ही तीर्थ पुरोहितों की चौकियों पर संकल्प लेकर भक्त बाबा धाम के लिए रवाना हुए। नौकरी की कामना लेकर बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने निकला है, तो कोई अच्छी खेती और बिटिया की अच्छे परिवार में शादी की मनौती लेकर।

दशाश्वमेध घाट पर चार पहर सफाई

दशाश्वमेध घाट पर भक्तों की भीड़ के बीच सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कांवड़ि़ये के जल भरने और स्नान करने के दौरान वहां किसी तरह की गंदगी फैलने से रोकने के लिए नगर निगम के सफाई कर्मियों की टीमों को तैनात किया गया है। इससे दशाश्वमेध घाट चमक उठा है। इस घाट पर लगे कूड़े के ढेर की भी सफाई करा दी गई है। यहां चार पहर कूड़े की सफाई कराई जा रही है।

लुटिया और कांवड़ से सजे दारागंज के बाजार में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। महिलाएं अपनी पसंद की केसरिया साड़ी और बच्चे शर्ट खरीद रहे हैं। बुलडोजर वाली शर्ट के अलावा मोदी-योगी वाली शर्ट खरीदने के लिए दुकानों पर कांवड़ियों की भीड़ लग रही है। लुटिया का बाजार भी सज गया है।

पीएम मोदी फ्रांस रवाना, बैस्टिल डे परेड में होंगे चीफ गेस्ट, भारत-फ्रांस के बीच ऐतिहासिक रक्षा सौदा होने की उम्मीद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह दिल्ली से फ्रांस के लिए रवाना हो गए। पीएम मोदी भारतीय समयानुसार शाम करीब 4 बजे पेरिस पहुंच जाएंगे। यहां के ऑर्ली एयरपोर्ट पर उनका पारंपरिक तौर पर स्वागत किया जाएगा। ये उनका 2 दिन का दौरा है। मोदी शुक्रवार यानी 14 जुलाई को पेरिस में होने वाली बैस्टिल-डे परेड में विशिष्ट अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। 

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी यात्रा की जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, ‘पेरिस के लिए रवाना हो रहा हूं, जहां मैं बैस्टिल दिवस समारोह में हिस्सा लूंगा। मैं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और अन्य फ्रांसीसी गणमान्य व्यक्तियों के साथ सार्थक चर्चा की आशा करता हूं। अन्य कार्यक्रमों में भारतीय समुदाय और शीर्ष सीईओ के साथ बातचीत शामिल है।’

पीएम मोदी का आज का शेड्यूल

फ्रांस में होने वाली बैस्टिल डे परेड में पीएम मोदी को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर 13 और 14 जुलाई को फ्रांस का दौरा करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को चार बजे पेरिस पहुंचेंगे। शाम को सीनेट के अध्यक्ष से मुलाकात के बाद करीब नौ बजे फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न के साथ बैठक में शामिल होंगे। रात करीब 11 बजे पीएम मोदी ला सियने म्यूजिकाले में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो की ओर से आयोजित डिनर में शरीक होने के लिए एलीजे पैलेस पहुंचेंगे।

बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी

पीएम मोदी 14 जुलाई को बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। इस परेड में तीनों सेनाओं के भारतीय सशस्त्र बलों का एक दस्ता भी भाग लेगा। बैस्टिल डे समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय तीनों सेनाओं की टुकड़ी दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों में सवार होकर गुरुवार को पेरिस के लिए रवाना हुई थी। इसमें फ्रांसिसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के कम से कम 3 राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे।

एलिसी पैलेस में होगा पीएम मोदी का पारंपरिक स्वागत

शुक्रवार को ही एलिसी पैलेस में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और इसके बाद मोदी एवं मैक्रॉन के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता होगी। दोनों नेता भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेता सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भों की समीक्षा करेंगे जिसमें सुरक्षा, असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता अंतरिक्ष में नए क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते तलाश कर सकते हैं।

26 और राफेल विमानों की खरीद का हो सकत है एलान

चर्चा इस बात की भी है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रॉन की मुलाकात के दौरान फ्रांस और भारत सरकार के बीच राफेल जेट के 26 नौसैनिक वेरिएंट की खरीद के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार और निवेश सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में फ्रांस और भारत के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ भी बातचीत करेंगे।

बता दें कि भारत पहले ही वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद चुका है। भारतीय नौसेना स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक-आधारित 26 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है। रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए फ्रांसिसी पक्ष और सहयोगी मडगांव डॉक लिमिटेड अब तीन अतिरिक्त स्कार्पिन पनडुब्बी के आर्डर को आशान्वित हैं। रक्षा मंत्रालय विमान इंजन के संयुक्त विकास के लिए फ्रांसिसी कंपनी साफरान के साथ बातचीत कर रही है। इसके अतिरिक्त, भारत में संयुक्त रूप से एक विमान इंजन विकसित करने का समझौता भी मजबूत होने वाला है।

कम होंगे आसमान छू रहे टमाटर के भाव, सरकार ने उठाया ये अहम कदम

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आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है। कमर तोड़ती महंगाई में अचानक बढ़ी टमाटर कीमतों ने लोगों को खून के आंसू रुला दिये।देश के ज्यादातर इलाकों में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं।कहीं-कहीं तो टमाटर 200 प्रति किलोग्राम की दर से भी बिक रहा है।केंद्र ने इस मामले में एक बड़ी राहत दी है, जिससे आपको टमाटर कम दाम में उपलब्ध हो जाएंगे।

टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए अब सरकार ने मास्टरप्लान तैयार कर लिया है।टमाटरों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। ये दोनों ही विभाग अब टमाटर की आपूर्ति के लिए प्रमुख केंद्रों पर बड़ी मात्रा में एक साथ वितरण करेंगे।इन टमाटरों को उन प्रमुख उपभोग केंद्रों में बांटा जाएगा, जहां पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि टमाटर का स्टॉक 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाएगा।

घटी दरों पर खुदरा दुकानों के जरिए टमाटर बेचे जाएंगे

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 14 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को घटी दरों पर खुदरा दुकानों के जरिए टमाटर बेचे जाएंगे। मंत्रालय के अनुसार पिछले एक महीने में जिन स्थानों पर खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक रही हैं, वहां टमाटर घटी कीमतों पर वितरित किए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि जिन स्थानों पर टमाटर की खपत अधिक है, वितरण के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

 

निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद

मंत्रालय ने यह भी कहा कि आमतौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है। इसके अलावा जुलाई में मानसून के चलते आवागमन संबंधी बाधाओं के चलते भी कीमतें बढ़ी हैं। दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है। इसके अलावा दक्षिण के राज्य टमाटर उत्पादन में अग्रणी हैं। मंत्रालय ने कहा कि नासिक जिले से नयी फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक, ''निकट भविष्य में कीमतें कम होने की उम्मीद है।''

250 रुपये किलो तक बेचे जा रहे टमाटर

पिछले एक महीने में टमाटर की खुदरा कीमतों तेजी से बढ़ी हैं। भारत में सर्दियों के मौसम में टमाटर सस्ता होता है तो गर्मी के मौसम में महंगा। लेकिन इस गर्मी में तो टमाटर सारे रिकार्ड तोड़ रहा है। इस समय दिल्ली के थोक बाजार में बढ़िया टमाटर 130 रुपये किलो तो खुदरा बाजार में 150 से 200 रुपये किलो बिक रहा है। दिल्ली एनसीआर के कुछ पॉश इलाकों में तो इसे बेहतर तरीके से पैक करके 250 रुपये किलो भी बेचे जा रहे हैं। मुंबई में भी इसके भाव 200 रुपये किलो के आसपास ही चल रहे हैं। यही हालत देश के अन्य राज्यों का भी है।

टमाटर क्यों हुआ है महंगा?

इन दिनों जो टमाटर महंगा हुआ है, उसके कई कारण हैं। अभी 10 दिन पहले ही बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिलचिलाती धूप और लू का प्रकोप चल रहा था। इसमें सैकड़ों लोग काल कलवित हो गए। जब लू में इंसाल झुलस कर मर रहे हैं तो टमाटर के पौधे की क्या बिसात। इससे टमाटर के पौधे झुलस गए और खेती तबाह हो गई। उधर गुजरात में चक्रवात तूफान की वजह से जो बारिश हुई, उसमें टमाटर की खेती तबाह हुई। राजस्थान के कई इलाकों में भी हाल के दिनों में हुई जबरदस्त बारिश हुई है। इससे भी टमाटर की फसल चौपट हुई है। इससे खुदरा बाजार में एक किलो टमाटर का दाम चढ़ कर 200 रुपये के करीब चला गया है।