*ग्राम पंचायतों को वादयंत्र खरीद के लिए संस्कृति विभाग द्वारा 30 हजारकी धनराशि अनुदान के रूप में प्रदान की जायेगी: जयवीर सिंह*
लखनऊ। ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय लोक कलाओं एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन, प्रशिक्षण तथा गुरू शिष्य परम्परा को बनाये रखने के लिए प्रदेश की ग्राम पंचायतांे को एक सेट वादयंत्र खरीद के लिए 30 हजार रूपये की धनराशि संस्कृति विभाग द्वारा अनुदान के रूप में प्रदान की जायेगी। इस वादयंत्र के एक सेट में हारमोनियम, ढोलक, झांज, मंजीरा, करताल तथा घुघरू आदि शामिल होंगे।
यह जानकारी आज प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को जीवन्त बनाये रखने के लिए लिया गया है। उन्होंने बताया कि एक सेट वादयंत्र की धनराशि 30 हजार से अधिक होने पर संस्कृति विभाग द्वारा 15 हजार रूपये तक का अधिकतम अनुदान संबंधित ग्राम पंचायत को दिया जायेगा।
शेष धनराशि संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा वहन की जायेगी। वादयंत्रों को उपलब्ध कराये जाने संबंधित कार्य योजना के संबंध में प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम की ओर से आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोक कलायें हमारी समृद्ध संस्कृति का अटूट हिस्सा रही है। ग्रामीण अंचलों में लोक कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन के लिए वादयंत्रों की अहम भूमिका होती है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि लोक कलाओं एवं कलाकारों को संरक्षण प्राप्त न होने से बहुत सी लोक कलायें तथा वादयंत्र विलुप्त की कगार पर पहुंच चुके हैं। ऐसे स्थिति में लोक कलाओं एवं वादयंत्रों को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए अनुदान की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि आज भी ग्रामीण अंचलों में लोक कलाकारों द्वारा विभिन्न अवसरों पर लोक कलाओं का प्रस्तुतीकरण कर जीवन्त बनाये रखने का प्रयास किया जा रहा है। उनके मानवर्धन के लिए वादयंत्रों का सेट दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रथम चरण में जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक जनपद के 50 ग्राम पंचायतों, जहां सांस्कृतिक गतिविधियॉ निरन्तर संचालित की जाती हों का चयन कर संस्कृति विभाग उप्र को संस्तुति भेजी जायेगी।
जिलाधिकारी से पर्याप्त मात्रा में आवेदन प्राप्त न होने की दशा में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से अग्रसारित आवेदन पत्र सीधे स्वीकार्य किये जा सकेंगे। पूर्व में भजन कीर्तन मण्डली/गुरू शिष्य परम्परा, स्थानीय लोकगीत, लोकनृत्य, भजन, संस्कार गीत, नुक्कड़ नाटक आदि सांस्कृति कार्यक्रमों का संचालन करने वाली ग्राम पंचायतों को अनुदान दिये जाने में प्राथमिकता दी जायेगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि वादयंत्रों के सेट पर संस्कृति विभाग उप्र का नाम अंकित कराया जाना अनिवार्य होगा। अनुदान की धनराशि सीधे आवेदक ग्राम पंचायत के खाते में हस्तान्तरित की जायेगी। वादयंत्रों के रख-रखाव एवं मरम्मत का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का होगा। इन वादयंत्रों का उपयोग सांस्कृतिक उन्नयन, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, पर्यटन संवर्द्धन, स्वच्छ भारत मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, महिला सशक्तिकरण, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, ग्रामीण संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए तथा सरकार द्वारा संचालित लाभार्थी योजनाओं के प्रचार प्रसार आदि के लिए किया जायेगा।
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काशी-प्रयाग के मध्य इतिहास को समेटे है सेमराधनाथ धाम, कुएं में विराजमान है स्वयंभू
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही इस साल सावन में 19 साल बाद सावन का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस बार सावन आठ सोमवार के साथ 59 दिनों होगा। अधिमास लगने के कारण यह संयोग बना हैं। दो महीने के सावन होने से महादेव के भक्त प्रफ्फुलित हैं। मंगलवार से दो महीने तक शिवालय हर-हर महादेव के उद्धोष से गुंजायमान रहेंगे।काशी- प्रयाग और विंध्य के मध्य भदोही में गंगा के तट पर स्थित प्राचीन बाबा सेमराधनाथ धाम का अद्भुद शिवलिंग इतिहास को खुद में समेटे है। जमीन से करीब 15 फीट नीचे कुएं में विराजमान स्वयंभू सेमराधनाथ में देश का पांचवां कुंभ मेला लगता है । जिसका उल्लेख श्रीमद्भागवत सहित अन्य कई पुराणों में मिलता है। यहां हर सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सावन के तेरस को बड़ी संख्या में कावंरिया जलाभिषेक करने आते हैं। जिले के जंगीगंज कस्बे से 13 किलोमीटर दक्षिण और सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी से 15 किलो मीटर पूरब उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर स्वयंभू बाबा सेमराधनाथ मंदिर स्थित है। पुराणों और ग्रंथों में इसे उप ज्योतिर्लिंग की संज्ञा दी गई है। इस मंदिर का उल्लेख पद्म पुराण, शिव पुराण, लिंग पुराण सहित श्रीमद्भागवत के दशम स्कंद में भी मिलता है। मान्यता है कि कालांतर में भगवान शिव की प्रेरणा से एक व्यापारी ने जब सेमराध स्थित इस स्थल की खुदाई प्रारंभ की तो जमीन से 15 फिट नीचे एक अद्भुत और चमत्कारिक शिवलिंग मिला ।इसका आकर एक मीटर लंबा तथा आधे मीटर मोटे व्यास में है,जो बाई ओर थोड़ा झुका था। वैसे वर्ष भर दर्शनार्थियों से प्रांगण गुलजार रहता है लेकिन सावन में शिवालय का महात्मय बढ़ जाता है। तेरस के दिन बड़ी संख्या में कांवरिये और श्रद्धालु बाबा सेमराध का जलाभिषेक करते हैं
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देश में लाॅन्च हुआ 6 जी अलायंस, वर्ष 2030 तक तकनीक में महारत हासिल करने की योजना
2029 तक सरकार देश में 6 जी सेवा शुरू करने का लक्ष्य है
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भविष्य की 6 जी तकनीक के लिए भारत ने अभी से कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। राजधानी दिल्ली में केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत 6 जी गठजोड़ की घोषणा की। इससे तहत टेलीकॉम क्षेत्र के सभी हितधारक एक छत के नीचे आकार नई तकनीक की दिशा में काम करेंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस समूह की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 5 जी दुनिया के साथ आगे बढ़ा है लेकिन 6 जी हमारा लक्ष्य है कि दुनियाभर में हम सबसे आगे रहें। इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत 6 जी विजन लाॅन्च किया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत अब दूरसंचार प्रौद्योगिकी का निर्यातक बन चुका है और इससे पास पहले से ही 6 जी प्रौद्योगिकी से जुड़े 200 पेंटेंट हो चुके हैं।
क्या है यह समूह
6 जी गठजोड़ उद्योग जगत के नेतृत्व वाली संस्था होगी। इसमें सरकारी के साथ - साथ निजी क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल रहेगी। साथ ही शैक्षणिक और शोध संस्थानों के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस संस्था का काम होगा कि 6 जी के इस्तेमाल से जुड़ी बारीकियों का अध्ययन करे। समूह 6 जी उपकरण तैयार करेगा।
सभी क्षेत्रों के लिए उपयोगी
6 जी तकनीक का इस्तेमाल रोबोटिक सर्जरी, आनलाईन ट्रीटमेंट जैसी स्वास्थ्य जरुरतों में होगा। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में स्मार्ट क्लास के डिस्टेंस एजुकेशन के क्षेत्र में ये तकनीक इस्तेमाल में लाई जाएगी।
दुनिया के लिए 6 जी मायने
इंटरनेट नेटवर्क की छठी पीढ़ी दुनिया को सबसे तेज इंटरनेट सेवा देगी
5 जी स्पीड 10 जीबीपीएस है,6 जी की स्पीड 1000 जीबीपीएस तक होंगी
5 जी की तुलना में एकसाथ करीब दस गुना अधिक डिवाइस जुड़ जाएगी
हाई क्वालिटी वीडियो 142 घंटे का एक सेकंड में ही डाउनलोड हो सकेगा
ढाई घंटे की एचडी मूवी 6 जी के जरिए एक सेकंड में डाउनलोड हो सकेगी
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सज गए शिवालय, दो महीने तक बम-बम बोलेंगे भक्त
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही ।पवित्र श्रावण मास को लेकर मंदिर सज गए हैं। शिवालयों में भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस साल सावन में 19 साल बाद सावन का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस बार सावन आठ सोमवार के साथ 59 दिनों होगा। अधिमास लगने के कारण यह संयोग बना हैं। दो महीने के सावन होने से महादेव के भक्त प्रफ्फुलित हैं। मंगलवार से दो महीने तक शिवालय हर-हर महादेव के उद्धोष से गुंजायमान रहेंगे।
जिले में भी बाबा के भक्त सावन की तैयारियों में जुट गए हैं। कोई बैजनाथ धाम तो कोई बाबा बर्फानी के दर्शन को निकल चुका है। महादेव के भक्त बड़ी संख्या में बाबा विश्वनाथ जलाभिषेक करने भोलेनाथ की नगरी काशी पहुंचते हैं। जिले में ज्ञानपुर स्थित सिद्धपीठ बाबा हरिहरनाथ, गोपीगंज स्थित बाबा बड़े शिव मंदिर ओर तिलेश्वरनाथ महादेव के साथ ही विंध्य, प्रयाग और काशी के मध्य गंगा किनारे बसे बाबा सेमराध धाम की पावन धरा पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। पूरे सावन मास तक यहां हर-हर महादेव के उद्धोष सुनाई देते रहते हैं। इन शिवालयों में भक्ताें की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। शिव भक्तों को दर्शन पूजन और जलाभिषेक में कोई परेशानी न आए। इसकी विशेष व्यवस्था की गई।
19 साल बाद बना है शुभ संयोग
आचार्य शरद पांडेय ने बताया कि यह महीना शिव भक्तों को समर्पित है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है। सावन के महीने में हर एक सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना करीब 2 महीने का होने वाला है। सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से होगी और 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलने वाले हैं। बताया कि चार से 17 जुलाई और 17 अगस्त से 31 अगस्त तक शुद्ध सावन मास होगा। इस बीच 18 से 16 अगस्त के बीच अधिक मास रहेगा। अधिक मास मिलाकर आठ सोमवार होगा। बताया कि यह शुभ संयोग 19 साल बाद बना है। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास रहेगा। बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
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"टमाटर के नखरे हाय-तौबा "
मेरी इतनी भी क्या फिक्र बस सौ, एक सौ पचास पर इतना जिक्र काहे हो रहा है। टमाटर हूँ बस जरा सा भाव क्या बढ़ गया मेरा, सोशल मीडिया में हाहाकार मच गया। बस यही डर दिखना चाहिए सब के मन में मुझे लेकर ताकि लोग मेरा भी सम्मान करे हर मौसम। इतिहास के पन्ने पर फेमस होने की आशा लिया बैठा हुआ टमाटर हवा में उड़ रहा है उछल रहा है। कोई लाली लिपस्टिक का नाम दे रहा है तो कोई टमाटर म्यूजियम में रख रहा है।
देसी के साथ जब से विदेशी टमाटर आया है,देसी कुछ ज्यादा ही भाव खा रहा है। विदेशी के भाव तीसरी मंजिल पर तो,देसी के भाव आसमान पर। देसी खाकर कोई लाल हो रहा है,तो कोई उसके भाव सुनकर लाल हुआ जा रहा है। जो खरीद रहा है वो लाल है,जो नहीं खा पा रहा है,वह मारे शर्म के लाल है। किसी के टमाटर खा के गाल लाल हो रहे हैं,और कुछ की टमाटर खरीद कर जेब का हाल बेहाल है। जो टमाटर नहीं खरीद पा रहा है,वह बैंगन की तरह काला या फिर कददू की तरह मुंह बनाकर सब्जी मंडी से निकल रहा है। गलियों में टमाटर के ठेले नजर नहीं आ रहे हैं। ठेले में टमाटर दुबका पड़ा है,कहीं कोई गरीब देख न ले, इसलिए टमाटर हर जगह से नदारद है हर कोई ढूंढ रहा किस ठेले पर टमाटर सस्ता बिक रहा है,आयकर वाले भिखारी के भेष में मंडी में घूम रहे हैं। टमाटर जिसने खरीदा,बस चल भाई अंदर। कई टमाटर शरीफ की तरह मंडी से गायब,तो कोई गरीबों से बच रहा है तो कोई नाली में सड़ रहा है। बस केवल अमीर ही टमाटरों के पीछे भाग रहे है। अब अगर आप किसी के घर जाएं और खाने की मेज पर टमाटरों का सलाद दिखाई तो समझ लिजिए की आदमी खानदानी रईस है। यानी की टमाटर खरीदने की क्षमता से किसी की औकात का पता चल जाता है। अब तो किसी के घर जाकर टमाटर उधार लेने का मुँह नहीं रह गया है। टमाटर मांगों तो ऐसे देखते हैं जैसे कोई वसीयत में हिस्सा माँग लिया हो। इससे बढ़िया है कि टमाटर का मोह छोड़ कर कुछ दिन बिना टमाटर के गुजारा करना ठीक रहेगा। आजकल वैसे भी आलू उदास है क्योंकि उसका दोस्त टमाटर उसके साथ कभी-कभी दिखाई देता है, आजकल अमीरों के घर उठना बैठना जो हो गया है टमाटर का। अब तो फ्रिज में भी टमाटर रखना हो तो तिजोरी की तरफ उसकी हिफाजत करनी होगी फ्रिज को लॉक करके उसकी चाबी बैंक के लॉकर मे रखनी होगी। अब तो सबसे छुपाकर टमाटर लाया जाएगा ताकि गली मोहल्ले के लोग देख ना ले, वर्ना टमाटर माँगने घर आ जाएंगे। वीआईपी हो गया है भाई अब तो टमाटर। अब टमाटर उच्च वर्ग की तरकारी बन चुका है। ये सरकारी होटलों की शान बन गया है जिसे केवल रईस लोग ही खा सकते हैं। टमाटर खरीदने के लिए अब पति से पैसे मांगे तो पति घूर कर देखने लगते हैं जैसे तलाक की अर्जी लगा दी हो मैंने।
टमाटर फेसबुक पर सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। हजारों की संख्या में उसे साझा कर रहे हैं, वाटसएप पर नए-नए तरीके से टमाटर की तुलना महिलाओं के हाव भाव से की जा रही है। टमाटर पर चुटकुले बनाए जा रहे हैं। हीर-रांझा की जोड़ी से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गया टमाटर। सब्जियां भी बेहाल पड़ी हुई है कोने में टमाटर के नखरे देख कर। अब तो टिंडा, लौकी, तुरही बनाकर काम चलाओ। भाई इस समय टमाटर किसी मुख्यमंत्री से कम नजर नहीं आ रहा है। अभी तो माहौल ऐसा लग रहा है या तो सरकार बदले या फिर टमाटर के भाव।
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सैलानियों को लुभा रही सीतामढ़ी की मनोरम छटा
इस साल देश विदेश से रिकार्ड 27 लाख 80 हजार पर्यटक यहां पहुंचे
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले का धार्मिक व पर्यटन स्थल सीतामढ़ी सैलानियों की पहली पसंद बन गया है। देश विदेश से सैलानी सीतामढ़ी की छटा निहारने पहुंच रहे हैं। इस वर्ष सीतामढ़ी में रिकार्ड 23 लाख 78 हजार से ज्यादा सैलानियों का आगमन हुआ। वर्ष 2017 में पर्यटकों का आंकड़ा 11 लाख 76 हजार था। जिले के अन्य पर्यटक स्थलों में महज चार लाख के आसपास पर्यटक पहुंचे। पूरे जिले में इस साल 27 लाख 80 हजार 789 पर्यटक पहुंचे।
सीता समाहित स्थल पर में साल दर साल सैलानियों में इजाफा होता जा रहा है। यह दुनिया का इकलौता ऐसा दो मंजिला भव्य सीता मंदिर है। जिसके दोनों तल में अलग-अलग मुद्राओं में सिर्फ सीता माता की दिव्य मूर्ति स्थापना है। यहीं पर प्रसिद्ध 108 फीट ऊंचे भगवान हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है,जो सैलानियों के आकर्षक का केंद्र होता है। इसके साथ ही प्राचीन सीता मंदिर, पहाड़ पर स्थापित भोले बाबा की जटा से निकलती जलधारा देख श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं। त्रेतायुगीन गाथाओं की साक्षी सीतामढ़ी में मां गंगा की अविरलता धारा, पावन तट, माता सीता जी के हाथों से आरोपित विशाल सीतावट, सीता,केश वाटिका, सीता समाहित स्थल दिव्य और पावन भूमि त्रेतायुग के जीवंत उदाहरण है। यहां हर साल पर्यटक भारी संख्या पहुंचते हैं। इसमें दक्षिण भारतीय पर्यटक भी होते हैं।
पर्यटकों की संख्या बढ़ने से व्यापारी उत्साहित
पर्यटकों की बढ़ती संख्या से जहां आसपास के व्यापारी भी उत्साहित हैं। हालांकि उनका मानना है कि शासन और प्रशासन की उदासीनता न होती तो यहां की खूबसूरती में और भी चार चांद लगते हैं। यहां छुट्टी के दिनों नवरात्र, सावन मास, रविवार गर्मी की छुट्टियों में श्रद्धालुओं और देशी विदेशी सैलानियों की संख्या काफी अधिक बढ़ जाती है। इस स्थल में विकास की किरण पहुंचाने के साथ सीतामढ़ी को विश्व फेम बनाने वाली संस्था श्री सीता समाहित स्थल ट्रस्ट श्रद्धालुओं एवं सैलानियों की सुविधाओं के लिए काफी कुछ किया है।
पर्यटकों के लिए मौजूद सुविधाएं
सीतामढ़ी समाहित स्थल में तीन सितारा सुविधाओं वाला गेस्ट हाउस, सुंदर पार्क,हट, नौकायन की सुविधा के साथ शाम को फाउंटेन से निकलने वाली रंग बिरंगी लाइटों से टकरातीं जल की बूंदें लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। इसके अलावा प्राचीन काल से महर्षि वाल्मीकि आश्रम मंदिर, संत उड़िया बाबा आश्रम और संत उड़िया बाबा,श्री सीता धाम बाबा आश्रम मंदिर, स्वयंभू बाबा धवासा नाथ महादेव मंदिर भक्तों और सैलानियों के लिए भक्तिभाव और पर्यटन के लिहाज से आकर्षण के केंद्र है।
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यदि बना हेलमेट लगाए दूसरी बार अपने सरकारी कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा और आपको अनुपस्थित माना जाएगा। सरकार ने 17 जुलाई से सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाने का एलान किया है। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस अभियान को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों, जिलाधिकारियों आदि के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार 17 से 31 जुलाई तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाएगी। इसके तहत जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक भी आयोजित की जाएगी। इसमें जनपदीय रोड सेफ्टी एक्शन प्लान तैयार कराकर पखवाड़े के अंत तक परिवहन आयुक्त को भेजी जाएगी। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सड़क सुरक्षा पखवाड़े के तहत इससे जुड़े विभाग-परिवहन, गृह, लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा व शिक्षा विभाग की कार्ययोजना के आधार पर आयोजन किया जाएगा। पिछले वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटना में 5.5 प्रतिशत व दुर्घटना के मृतकों की संख्या में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सड़क दुर्घटना में दोपहिया वाहन चालकों की मृत्यु अधिक हुई है। यह स्थिति काफी चिंताजनक है। सरकार का विशेष ध्यान है कि मार्ग दुर्घटनाओं में कमी आए और लोग जागरूक हों। इसी क्रम में यह अभियान शुरू किया जा रहा है।
15 दिन की कार्ययोजना तैयार
इस लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में सांसद, विधायक आदि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। वहीं संबंधित विभागों के अफसरों, बस, ट्रक, ऑटो यूनियन, एनजीओ के पदाधिकारियों को बुलाया जाएगा और उनसे भी राय ली जाएगी। वहीं स्कूलों में भी प्रार्थना के उपरांत छात्रों को सड़क सुरक्षा की जानकारी देते हुए नियमों के पालन की शपथ दिलाई जाएगी। इस अवधि में सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से सभी 75 जनपदों में चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग व फर्स्ट रेसपांडर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से मेडिकल कॉलेज के सर्जरी व हड्डी रोग विभाग की तरफ से मेडिकल व पैरामेडिकल छात्रों के लिए बेसिक व एडवांस लाइफ सपोर्ट से संबंधित कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उत्कृष्ट कार्य करने वाले ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। परिवहन विभाग के सहयोग से स्कूली वाहनों के चालकों की आंखों व स्वास्थ्य का भी परीक्षण होगा। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के माध्यम से बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण कराया जाएगा। स्कूलों में रंगोली व पोस्टर प्रतियोगिता के जरिए जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा भी कई कार्यक्रम होंगे।
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वंदे भारत ट्रेन की रैक को अयोध्या के लिए किया गया रवाना
गोरखपुर। 1 जुलाई को गोरखपुर जंक्शन पर पहुची वन्दे भारत ट्रेन की रैक मंगलवार को अयोध्या के लिए रवाना की है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक वंदे भारत ट्रेन को पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन से रवाना किया गया। ट्रेन की बनावट और सुंदरता को देखने के लिए लगातार लोग रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर वंदे भारत ट्रेन को देख और उसके साथ सेल्फी भी ले रहे थे। इस ट्रेन के माध्यम से जहां यात्रियों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। वहीं सुरक्षा व सुझाव भी विशेष ख्याल रखा गया है।
Jul 05 2023, 17:59