Jul 03 2023, 09:21
महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट पर बिहार में सियासी घमासान, बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी का दौर शुरु
डेस्क : बीते रविवार को महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलट फेर हुआ। शरद पवार की पार्टी एनसीपी में बड़ा टूट हुआ। पार्टी के वरिष्ठ नेता व शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी की बड़ी संख्या में विधायको को लेकर प्रदेश की शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें डिप्टी सीएम का पद मिला है।
इधर एनसीपी में टूट पर बिहार में सियासी वार-पलटवार शुरू हो गया है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने कहा है कि प्रधानमंत्री का जो विरोध करेंगे, उनका यही हश्र होगा। दूसरी ओर महागठबंधन के नेताओं ने पलटवार किया कि भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास नहीं रहा। वह जनता के भरोसे नहीं, बल्कि जोड़-तोड़ के सहारे सत्ता हासिल करना चाहती है।
महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी। उन्होंने दावा किया कि बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांपकर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया। जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को। पार्टी में भगदड़ की आशंका है। जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बंटवारें में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीटें नहीं आएंगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी।
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुंगेर सांसद ललन सिंह ने भाजपा को निशाने पर लिया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भाजपा का यही खेल होता है। वह जनता की ताकत पर भरोसा नहीं करती है। जोड़-तोड़ पर विश्वास करती है। पर जनता की ताकत पर सब दिन उनको झटका लगेगा। इस सवाल पर कि क्या बिहार में भी भाजपा इस तरह की कोशिश करेगी, ललन सिंह ने कहा कि बहुत कोशिश कर चुके हैं। भाजपा को सबदिन झटका ही लगेगा।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा कि प्रधानमंत्री को विपक्षविहीन लोकतंत्र चाहिए। रविवार को वीडियो संदेश जारी कर उन्होंने कहा कि अजीत पवार का उपमुख्यमंत्री बनना और नौ मंत्री बनाया जाना किसी व्यक्ति का निर्णय नहीं है। ये तो स्पष्ट हो गया कि एक बड़ी स्क्रिप्ट लिख रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और उनकी कोर टीम खुद जिम्मेवार है। उन्होंने भोपाल से इशारा किया था कि एक भी भ्रष्टाचारी छोड़ा नहीं जाएगा। तो, ये इनका तरीका है भ्रष्टाचार के आरोप में घेरकर, एजेंसी से दबाव बनवाकर, यही काम उन्होंने भोपाल से किया और इसकी परिणति आज हम महाराष्ट्र में देख रहे हैं। इडी-आईटी का दबाव बनाकर राजनीतिक फैसले बदलवाते हैं, ये स्वयं प्रधानमंत्री के लिए चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि रथ का पहिया पलट रहा है। इन एजेंसियों की किस तरह की कार्यशैली हो गयी है। यह सब कुछ तबाह कर देंगी।
Jul 04 2023, 12:04