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मंत्री बनने के बाद बोकारो पहुंची बेबी देवी, झामुमो कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत

बोकारो : झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी हेमंत कैबिनेट में मंत्री बन गई हैं। उनके विभाग का भी आवंटन कर दिया गया है। हेमंत सरकार में बेबी देवी उत्पाद और मद्य निषेध विभाग का मंत्री बनाया गया है।

राजभवन में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद बेबी देवी फुसरो पहुंची, जहां कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।झामुमो कार्यकर्ताओं ने फुसरो के शहीद निर्मल महतो चौक पर बेबी देवी का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर मंत्री बेबी देवी ने अपने बेटे अखिलेश महतो के साथ शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

इस मौके पर उन्होंने कहा कि वे लोगों के हित के लिए हमेशा काम करती रहेंगी और अपने पति दिवंगत जगरनाथ महतो के अधूरे कामों को पूरा करने की हर संभव कोशिश करेंगी।

बता दें कि बेबी देवी आज ही हेमंत कैबिनेट में मंत्री बनीं हैं। बेबी देवी ने कैबिनेट में 11 वें मंत्री के तौर में शपथ ग्रहण किया। राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बेबी देवी को पद की शपथ दिलाई। बेबी देवी झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री जगरन्नाथ महतो की पत्नी हैं। 

जेएमएम नेता जगन्नाथ महतो डूमरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। बीते 6 अप्रैल को उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।

गुड न्यूज : बोकारो मेडिकल कॉलेज का रोड मैप बनकर तैयार, सेक्टर-12 में सीसीएल की जमीन पर होगा निर्माण; जल्द ही सीएम करेंगे समीक्षा

 ;(झारखंड डेस्क)

बोकारो : बोकारो में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रपोजल (पीआरपी) तैयार कर लिया गया है। यह पीआरपी 100 बेड के मेडिकल कॉलेज के लिए तैयार किया गया है। साथ ही 500 बेड के अस्पताल का निर्माण होगा।

इन सुविधाओं से होगा लैस

इसमें एकेडमिक ब्लॉक के अलावा एक ऑडिटोरियम, डॉक्टरों और पारा मेडिकल कर्मियों के आवास, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आवास, प्ले ग्राउंड, छात्रों व शिक्षकों के मनोरंजन के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं, मल्टी पर्पस हाल, गेस्ट फैकल्टी के लिए अलग से कक्ष आदि सुविधाओं के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है। मेडिकल कॉलेज का अपना अलग पॉवर हाउस होगा। इसमें सोलर सिस्टम की भी व्यवस्था की जाएगी।

समिति ने त्रुटियों में संशोधन का दिया निर्देश

सीसीएल ने इस मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार को बोकारो सेक्टर-12 में 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। यह जमीन फोरलेन के ऊपर और सुधा डेयरी के ठीक सामने स्थित है। प्रजेंटेशन देखने के बाद समिति ने कुछ त्रुटियां इंगित करते हुए उनमें संशोधन को लेकर सुझाव दिया। साथ ही त्रुटियों में संशोधन कर फिर से प्रजेंटेशन दिखाने को कहा।

जल्द ही मुख्यमंत्री के सामने पेश होगा प्रजेंटेशन

एजेंसी अगली बार प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष दिखाएगी। इसमें समन्वय समिति के भी अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित रहेंगे।

बता दें कि इस समन्वय समिति में सदस्य के तौर पर बोकारो के उपायुक्त, बोकारो स्टील के प्रतिनिधि और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के प्रतिनिधि तथा विभाग के पदाधिकारी शामिल किए गए हैं। राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस मेडिकल कॉलेज के लिए बजट में राशि का भी प्रविधान किया है।

बोकारो के मजदूर की ओडिशा में सड़क हादसे में मौत, शव पहुंचते ही पसरा मातम


ललपनिया (बोकारो): गोमिया प्रखंड अंतर्गत लोधी पंचायत के तिसरी गांव निवासी प्रवासी मजदूर नुनूचन्द महतो (20 वर्ष), पिता पुनीत महतो की ओडिशा के क्योंझर में सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी है. मृतक का शव आज शनिवार सुबह गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया.

टुंडी प्रखंड के जीतपुर पंचायत में भाजपा जिला ग्रामीण द्वारा मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर लाभुक सम्मेलन का किया गया आयोजन

टुंडी प्रखंड के जीतपुर पंचायत में आज शनिवार को भाजपा जिला ग्रामीण द्वारा मोदी सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में लाभुक सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें टुंडी विधानसभा के सभी मंडल के लाभुकों को बुलाया गया था. 

सम्मेलन में धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह जी, गिरीडीह के पूर्व सांसद रविन्द्र कुमार पांडेय,विधान सभा प्रत्याशी रहे युवा नेता विक्रम कुमार पांडेय मौजूद थे. अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिलाध्यक्ष ग्रामीण ज्ञान रंजन सिन्हा के नेतृत्व में कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लाभुक शामिल हुए, सभी वक्ताओं ने सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं की जानकारी उपस्थित जनसमूह को दी.

राजू सत्यम फूड प्लाजा मे लगी भीषण आग में 25 लाख रुपए की संपत्ति जलकर खाक


बोकारो : राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 23 पर बाली थाना क्षेत्र के राजू सत्यम फूड प्लाजा मे लगी भीषण आग में 25 लाख रुपए की संपत्ति जलकर खाक हो गए.

 अगलगी की सूचना पाकर मौके पर पहुंची अग्निशमन की गाड़ी ने स्थानीय लोगों के सहयोग से आग पर काबू पाया. मालूम हो कि आग लगने की घटना का कारण विद्युत शार्ट सर्किट बताया जा रहा है. इधर होटल का मालिक राजू कुमार सिंह ने बताया कि करीब 4:30 से 5:00 के बीच में धुंआ निकलने की खबर हमें मिली, जब हम आए तो उस वक्त पूरा होटल आग के आगोश में आ गया था. 

इसके बाद इसकी सूचना अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को दी गई. अग्निशमन विभाग की गाड़ियां आने के पहले होटल कर्मी एवं आसपास के लोगों के सहयोग से आग पर काबू पा लिया गया था. इधर मौके पर पहुंची अग्निशमन गाड़ी ने आग बुझा दिया. घटना में एसी, फ्रिज कई टेबल कुर्सी, पंखा समेत कई उपकरण पूरी तरह से जल चुके हैं. 

उन्होंने बताया की लगभग 25 लाख रुपए की अगलगी में संपत्ति जलकर खाक हो गई है.

ब्रेकिंग्: बोकारो पुलिस को मिली बड़ी सफलता, कोनार नदी परियोजना के लिए लायी गयी पाइप चोरी करते हुए 6 लोग गिरफ्तार


बोकारो थर्मल-नावाडीह प्रखंड अंतर्गत ऊपरघाट में पेंक-नारायणपुर थाना पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. कोनार नदी परियोजना के लिए लायी गयी पाइप को चोरी कर ले जाते हुए एक ट्रक पाइप, एक कार सहित एक 407 वाहन तथा छह चोर को गिरफ्तार किया गया है. 

मामले में ऊपरघाट के पूर्व जिप सदस्य का पति संतोष प्रजापति सहित बोकारो थर्मल गोविंदपुर और पंचायत का पूर्व मुखिया राजेश साव भी गिरफ्तार. थाना प्रभारी सुमन कुमार ने मामले की पुष्टि.

पॉजिटिव न्यूज़: झारखंडी वनोत्पाद पियार बेचकर ग्रामीणों ने कमाया दस लाख , सेहत के खजाने के साथ देती है अच्छी आमदनी


बोकारो : पियार झारखंड का एक वनोत्पाद फल है, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए यह आमदनी का एक अच्छा साधन भी है. गोमिया प्रखंड के सियारी गांव के ग्रामीण इस सीजन में करीब पचास क्विंटल पियार को बेचकर करीब दस लाख रुपये से अधिक की आमदनी की है. 

सियारी पंचायत अंतर्गत डुमरी गांव के मंडई टोला, महतो टोला, छोटकी कोयोटांड़, बड़की कोयोटांड़, मंझलीटांड़, उदा, दवार, गंझू टोला, गोसे, बिरहोर टंडा, पकरिया टोला व ताला टोला के ग्रामीणों ने इस वर्ष पियार बेचकर अच्छी आमदनी की है. मंडई टोला के ग्रामीण बाबूचंद मांझी, उदा गांव के जिलिंग टोला निवासी बुधन मांझी, दवार गांव के छोटेलाल मांझी, मंझली टांड़ के निरुलाल मांझी ने बताया कि इस वर्ष पियार की अच्छी उपज हुई थी. 

जिसे बेच कर उनकी आमदनी बढ़ी है. उन्होंने बताया कि मई महीने में पियार को जंगल से तोड़कर लाये और उसके बीज को साफ कर व्यापारी को बेचा। 

क्या है पियार-

पियार एक तरह का फल है।. इसके कई नाम हैं जैसे खोरठा में पियार, संथाली में ताराअ और हिंदी में चिरौंजी के नाम से जाना जाता है।. जो झारखंड के जंगल में बहुतायत में मिलता है.अप्रैल व मई में होने वाला यह फल पकने पर इसका स्वाद खट्टा व मिठा होता है. 

इसका रंग हल्का बैगनी होता है. इसके गुद्दे का खाकर इसके बीज को औषधीय गुणों के कारण जानकार अच्छी किमत पर इसे खरीदते हैं.15 से 20 दिनों तक खाने लायक रहने के कारण ग्रामीण व किसान कुछ अपने घर के लिए रखकर बाकी व्यापारी को बेच देते हैं. इस वर्ष पियार को 220 रुपये किलो की दर से बेचा गया.

पियार के खाने के हैं कई लाभ-

पियार औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।. इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और जमा गंदगी को भी साफ करता है। इसके अलावा सर्दी, जुकाम के लिए भी फायदेमंद है. यह अल्सर को भी रोकने में मददगार साबित होता है.

 वहीं शारीरिक कमजोरी को भी दूर करता है. वात, पित और कफ को भी सामान्य बनाए रखता है।. चरक संहिता में इसका वर्णन है कि मधुमेह रोग को भी सामान्य स्थिति में रखने में लाभदायक होता है.

आजीविका का साधन हो सकता है वनोत्पाद : मुखिया

सियारी पंचायत के मुखिया रामबृक्ष मुर्मू ने कहा कि झारखंड के जंगलों में कई उत्पाद हैं। जो आमदनी का साधन हो सकता है, लेकिन ग्रामीणों के लिए वैसा बाजार नहीं जिसे वे सही मूल्य पर बेच सके।पर्यावरणविद गुलाब चंद्र पिछले कई सालों से सियारी पंचायत में ग्रामीणों को खेती और वनोत्पाद के उपज पर काम कर रहें हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार यदि ऐसे वनोत्पाद को सीधे खरीदारी करती तो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आसानी होती. इसके साथ ही सरकार को सभी वनोत्पाद के उपज पर एमएसपी तय करनी चाहिए..सरकार इस फल को प्रोत्साहीत कर इसका प्रोसेसिंग यूनिट लगाए तो यह ग्रामीणों के लिए आजीविका का साधन बन सकता है.

प्यार में धोखा, 4 साल से रिलेशनशिप में रहने के बाद प्रेमी छोड़ कर भागा,अब न्याय के लिए प्रेमिका बैठी प्रेमी के घर के बाहर धरना पर


बोकारो। बोकारो के बेरमो में ब्वॉयफ्रेंड की बेवफाई से दुखी उसकी लिव इन पार्टनर उसके घर के बाहर धरने पर बैठ गई। मंगलवार से ही जारी गर्लफ्रेंड का धरना गुरुवार को भी जारी रहा। धरना दे रही उसका कहना है कि लालधारी बास्की के साथ उसका 4 साल का रिलेशनशिप है। पिछले 3 महीने से वह लोग लिव-इन में रह रहे थे। अचानक एक दिन प्रेमी और उसके घरवालों ने उसे दुत्कार दिया। थक-हारकर आखिरकार उसे हक के लिए मजबूरन धरने पर बैठना पड़ा है। 

यह मामला बोकारो के पेटरवार थानाक्षेत्र अंतर्गत पिछरी दक्षिणी पंचायत का है। गौरतलब है कि वह पिछले 72 घंटों से प्रेमी के दरवाजे पर धरना दे रही और और प्रेमी सहित घरवाले फरार हैं।

बताया जाता है कि वह और लालधारी बास्की के बीच सुलह कराने के उद्देश्य से पंचायती भी हुई। पंचायत प्रतिनिधियों ने भरसक प्रयास किया परन्तु उसको न्याय नही मिला लेकिन प्रेमी और उसके घरवालों की हठधर्मिता के आगे किसी की नहीं चली। बोकारो के पिपराटांड़ रहने वाली है वह खेरहो के पूर्व पीडीएस डीलर स्वर्गीय हेमलाल बास्की के छोटे बेटे लालधारी बास्की के साथ 4 साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा है।

 पीड़िता ने बताया कि पीडीएस दुकान में अनाज उठाव के लिए आने के दौरान लालधारी से उसका परिचय हुआ। धीरे-धीरे यह परिचय प्यार में बदल गया। पीड़िता का दावा है कि लालधारी 4 साल तक उसके घर में आकर रात में रूकता था। पीड़िता ने बताया कि नवंबर 2022 में लालधारी मुझे घर ले आया और मार्च 2023 तक मैं वहीं थी। युवती का आरोप है कि अप्रैल माह के शुरुआत में लालधारी के बड़े भाई और मां ने मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। घर से निकाल दिया।

पीड़िता का कहना है कि इस बीच उसका प्रेमी लालधारी कहीं चला गया और 2 महीने से उससे बातचीत नहीं हो रही है। उसका फोन भी नहीं लगता। युवती का कहना है कि वह न्याय की उम्मीद लेकर पेटरवार थाना भी गई थी। पुलिस ने लालधारी के बड़े भाई को थाने बुलाया और पूछताछ के बाद छोड़ दिया। 

वह बेरमो महिला थाना भी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं, मामले में पेटरवार प्रमुख शारदा देवी और बीजेपी नेता देवी दास ने कहा कि युवती को हर हाल में न्याय मिलेगा। हम प्रयास कर रहे हैं।

बोकारो के संथालडीह रेलवे क्रॉसिंग के पास चालक की सूझबूझ से टला बालासोर जैसा बड़ा रेल हादसा

बोकारो : झारखंड के बोकारो में मंगलवार की शाम संथालडीह रेलवे क्रॉसिंग के पास एक बड़ा रेल हादसा टल गया। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि क्रॉसिंग के पास एक ट्रैक्टर रेलवे फाटक से उस समय टकरा गया जब वहां से नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 22812) गुजर रही थी।

राहत की बात यह रही कि ट्रेन चालक ने समय रहते ब्रेक लगा दिया जिसकी वजह से एक बड़ा हादसा टल गया। हादसा भोजूडीह रेलवे स्टेशन के पास संथालडीह रेलवे क्रॉसिंग पर हुआ। हादसे में ट्रैक्टर रेलवे पटरी और फाटक के बीच फंस गया था। 

दक्षिण पूर्वी रेलवे के आद्रा मंडल रेल प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि बोकारो जिले के भोजूडीह रेलवे स्टेशन के संथालडीह रेलवे क्रासिंग पर एक ट्रैक्टर रेलवे फाटक से टकरा गया। गनीमत रही कि ट्रेन के चालक ने समय रहते ब्रेक लगा दिया जिससे ट्रेन रुक गई और एक बड़ा हादसा टल गया।

 वहीं सीबीआई की एक टीम ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी मामले की तह तक जाने के लिए रेल सुरक्षा विशेषज्ञों की राय ले सकती है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई जल्द बाहानगा स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ करेगी।

गौरतलब है कि अधिकारियों को प्रारंभिक जांच में 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम' के साथ छेड़छाड़ का संकेत मिलने और हादसे के पीछे 'तोड़फोड़' की आशंका जताए जाने के बाद CBI को जांच सौंपी गई है। 

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी को मामले की तह तक जाने के लिए रेल सुरक्षा और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद की जरूरत हो सकती है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई सभी गवाहों से पूछताछ करेगी, घटनास्थल का दौरा करेगी और फॉरेंसिक एवं रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों की राय की मदद से सही निष्कर्ष पर पहुंचेगी।

मालूम हो कि बीते शुक्रवार को बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब सात बजे तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गई थीं। इस दुर्घटना में 278 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 1100 से अधिक घायल हो गए थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि कई मौतें टक्कर और रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरने वाले तारों के टूटने से करंट लगने के कारण हुईं। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों यात्री ट्रेन तेज रफ्तार में थीं। इस कारण से भी दुर्घटना में इतने ज्यादा लोग हताहत हुए। अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई सभी पहलुओं की जांच करेगी और रेलवे इसमें पूरा सहयोग करेगा।

पॉजिटिव खबर: बोकारो के प्रसेनजीत ने प्राकृतिक मिठास के फायदे देख शुरू किया स्टार्टअप, नाम दिया 'जीवन बोध एग्रोटेक


बोकारो : दांतु बोकारो के प्रसेनजीत कुमार खेती-किसानी के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते थे. जड़ी-बूटी में गहरी रुचि होने के कारण झारखंड राय यूनिवर्सिटी से बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की.

हालांकि, नौकरी से जुड़ने के बजाय प्रसेनजीत ने खुद के स्टार्टअप पर फोकस किया. 

पेड़-पौधों पर शोध के क्रम में स्टीविया (मीठी तुलसी) से परिचय हुआ. उन्होंने 150 रुपये में राजस्थान से इसके पत्ते मंगवाये. प्रसेनजीत कहते हैं कि स्टीविया का इस्तेमाल चीनी के विकल्प के रूप में किया जा सकता है. इसमें चीनी के मुकाबले कम कैलोरी होती है. इसके इस्तेमाल से वजन कम होता है, साथ ही ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने में मदद मिलती है. 

शुरुआत में उन्होंने घर में इसका इस्तेमाल शुरू किया, जिससे परिवार के सदस्यों का मधुमेह भी संतुलित होता गया. 

स्टीविया के फायदे देख प्रसेनजीत ने अपना स्टार्टअप 'जीवन बोध एग्रोटेक' शुरू किया. 2019 में अपने घर पर पॉली हाउस तैयार कर स्टीविया के पौधे तैयार किये. 

पर झाखंड की मिट्टी में स्टीविया के जीन्स नहीं फल रहे थे. शोध के बाद मध्यप्रदेश में कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए एक एकड़ जमीन ली. तीन महीने में ही फसल तैयार हो गयी. खुद से पैकेजिंग कर डोर-टू-डोर कैंपेन कर स्टीविया को बेचना शुरू किया. समय के साथ स्टार्टअप को बिजनेस-टू-कस्टमर (बी-टू-सी) मॉडल पर लांच कर दिया. प्रसेनजीत कहते हैं कि एमपी में पहली दफा खेती कराने में 1.20 लाख रुपये की लागत आयी. फसल तैयार होने के बाद मुनाफा हुआ.

इसके बाद प्लांट कल्चर को बढ़ाते हुए 30 एकड़ में इसकी खेती करने लगे. स्टीविया के फसल एक वर्ष में चार बार तैयार होने से इसके व्यवसाय को बढ़ाना आसान हुआ. वर्तमान में जीवन बोध एग्रोटेक के स्टीविया देश के 10 बड़े राज्य- झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और बंगाल के बाजार में उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इससे कंपनी अब मल्टी मिलियन के मुनाफे पर है.

परिवार के साथ जीवनबोध इंडस्ट्रीज की नींव रखी

समय के साथ स्टार्टअप को मिले बेहतर रिस्पांस से प्रसेनजीत ने व्यवसाय को बढ़ाने की ठानी. पिता विवेकानंद, भाई- प्रवीर व समीर कुमार और बहन अकांक्षा कुमारी को व्यवसाय से जोड़ा और जीवनबोध इंडस्ट्रीज की नींव रखी. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) के तहत स्क्रबर मेन्युफैकचरिंग करना शुरू किया. आज वे सैकड़ों लोगों के रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं. वहीं, अपनी संस्था 'बनो किसान' के जरिये एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को खेती-किसानी का प्रशिक्षण दे रहे हैं.

नोनी और काली हल्दी पर कर रहे शोध

खेती-किसानी से जुड़े प्रसेनजीत अपने व्यवसाय को देखते हुए लगातार रिसर्च कर रहे है. कहा कि कोरोना काल में लोगों ने अपने इम्यूनिटी सिस्टम को बरकरार रखने में हजारों रुपये खर्च किये है. जबकि, प्राकृतिक फसल नोनी और काली हल्दी इस दिशा में रामबाण का काम करती है. इनके फायदों को देख प्रसेनजीत ने दांतु स्थित अपने आवास पर नोनी और काली हल्दी की खेती शुरू की है. ये उत्पाद भी अब राज्य के बाजार में कम कीमत में उपलब्ध होने लगे हैं.