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*सीएम नीतीश कुमार का पूर्व सीएम पर बड़ा हमला, बोलें-जीतन राम मांझी साथ रहते तो करते रहते यह काम*

डेस्क : हम सुप्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के महागठबंधन से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार उनके खिलाफ बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी हमलोगों के साथ रहते तो भाजपा को सूचना पहुंचाते रहते। वो भाजपा के लोगों से मिल रहे थे और हमारे यहां भी आकर मिल रहे थे। वह सब बात कहते थे। इसकी जानकारी मुझे थी। विपक्षी दलों की 23 को होने वाली बैठक में मांझी शामिल होते तो सारी बातें भाजपा को बता देते।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते शुक्रवार को राजभवन में रत्नेश सदा के मंत्री के रूप में शपथग्रहण के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमलोग जानते थे कि मांझी भाजपा से मिल रहे हैं, इसलिए हमने उनसे कहा था कि अपनी पार्टी का जदयू में विलय कीजिये या फिर अलग हो जाइए। 

देश की विपक्षी पार्टियों की पटना में बैठक होने वाली है। वो चाहते थे कि उस बैठक में वो भी रहें। एक बार हमसे जब वो मिलने आए तो हमने उनसे कहा कि आपको हमने जितना सम्मान दिया है, उतना कोई और नहीं दे सकता है। आप या तो अपनी पार्टी को जदयू में विलय कीजिए या फिर अलग होना है तो अलग हो जाइये। उन्होंने पार्टी के मर्ज होने को नहीं स्वीकार किया और अलग हो गए। हम तो अपने कोटा से उनको मंत्री बनाए थे।

जिलाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश, शहर में जलजमाव हुआ तो नपेंगे इलाके के अधिकारी

डेस्क ; बरसात के दिनों मे पटना शहर में जलजमाव नहीं हो इसके लिए प्रशासन द्वारा अभी से तैयारी शुरु कर दी गई है। पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रेशखर ने कहा है कि अधिकारियों की टीम अभी से तैनात कर दी गई है। तीन अलग-अलग टीमें इस पर काम कर रही हैं। लोगों को जलजमाव से परेशानी नहीं झेलनी पड़े, इसके लिए समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। जिन अधिकारियों को जलनिकासी की व्यवस्था में लगाया गया है, यदि उनके इलाके में जलजमाव हुआ तो उन पर कार्रवाई होगी। 

बीते बुधवार को जिलाधिकारी ने शहर के संप हाउस और नालों के निरीक्षण किया। डीएम ने सबसे पहले राजापुर पुल नाला एवं ड्रेनेज पम्पिंग प्लांट का निरीक्षण किया। इसके बाद आनंदपुरी नाला, हड़ताली मोड़ अंडरग्राउंड नाला, सर्पेन्टाइन बोरिंग रोड नाला, ईको पार्क संप हाउस-3, पटेल गोलम्बर सर्पेन्टाइन नाला एवं संप हाउस की व्यवस्था को देखा। 

निरीक्षण में पाया कि आनन्दपुरी नाले में जल प्रवाह में पथ निर्माण विभाग के कार्यों के कारण अवरोध है। उन्होंने तुरंत कार्यपालक अभियंता को इसे दुरुस्त करने का आदेश दिया। हड़ताली मोड़ पर अंडरग्राउंड नाले का निर्माण कार्य चल रहा था। 

लोहिया पथ चक्र का निर्माण कर रहे पुल निर्माण निगम के अधिकारियों ने बताया कि काम समाप्त होने वाला है। सर्पेंटाइन बोरिंग रोड नाला तथा ईको पार्क सम्प हाउस-3 के पास नाले में लोहे की ग्रेटिंग लगाकर कचरे को रोकने को कहा ताकि जलनिकासी सही तरीके से हो सके।

कल शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे सीएम नीतीश कुमार, विधायक रत्नेश सदा को दिलाई जायेगी मंत्री पद की शपथ

डेस्क ; बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष कुमार सुमन ने मंगलवार को नीतीश कुमार की सरकार से इस्तीफा दे दिया था। सुमन सरकार में एससी-एसटी कल्याण मंत्री थे। वहीं राज्य मंत्रिमंडल में उनकी जगह तीसरी बार सोनबरसा (सहरसा) से जीतकर आये जदयू विधायक रत्नेश सदा उनकी जगह शामिल किये जाने की चर्चा जोरो पर थी। जिसपर मुहर लग गई है। 

नीतीश राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार कल शुक्रवार को राजभवन के सभागार होगा। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर जदयू के सोनवर्षा से विधायक रत्नेश सदा को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाएंगे। अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री पद से हम नेता संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद मंगलवार को ही रत्नेश सदा का नाम नये मंत्री के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तय कर दिया था। पर, राज्यपाल राज्य से बाहर हैं, इसलिए 16 जून को सुबह साढ़े दस बजे शपथग्रहण रखा गया है।

राज्य में अभी मुख्यमंत्री को छोड़कर 29 मंत्री हैं। रत्नेश सदा को मिलाकर अब 30 मंत्री हो जाएंगे। मालूम हो कि महागठबंधन सरकार के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दस अगस्त, 2022 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। इसके पांच दिनों बाद 16 अगस्त, 2022 को नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने शपथ ली थी। इस तरह दस माह बाद दूसरी बार राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है।

गौरतलब है कि सोनवर्षा सुरक्षित (जिला सहरसा) विधानसभा सीट से 2020 में जदयू से लगातार तीसरी बार विधायक बने रत्नेश सादा का राजनैतिक सफर 1987 से शुरू हो गया था। वे सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर हमेशा सक्रिय रहे। वे जदयू की विभिन्न इकाईयों से राजनीति से निरंतर जुड़े रहे। जदयू महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इससे पहले वे पार्टी में उपाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव सह सुपौल जिला संगठन प्रभारी समेत अन्य पदों पर भी रह चुके हैं। पहली बार जदयू के टिकट पर नवंबर 2010 में विधायक बने।

भीषण गर्मी की चपेट में राजधानी पटना समेत बिहार के 10 जिले, पछुआ हवा के बीच आसमान से बरसते आग से लोग बेहाल

डेस्क : बिहार इनदिनों भीषण गरमी की चपेट में है। पछुआ हवा के बीच आसमान से बरसते आग ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। बीते बुधवार को पटना सहित 10 जिलों में लू की स्थिति रही, जबकि पांच जिलों में भीषण लू की स्थिति रही। पटना में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री पर पहुंच गया। बुधवार को इस सीजन का दूसरा सबसे गर्म दिन रहा। 

इसी हफ्ते पटना का अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री पहुंचा था। बुधवार को पटना के अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। पटना में पछुआ के प्रचंड वेग के बीच आसमान से बरसती आग से लोग परेशान रहे।

कुछ दिनों तक मानसून की तेज चाल के बाद आई सुस्ती से पटना सहित राज्य के अधिकतर जिलों में भीषण गर्मी का प्रकोप बना हुआ है। राजधानी सहित 15 जिलों में अधिकतम तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। मौसम विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। 44.1 डिग्री के साथ शेखपुरा प्रदेश का सर्वाधिक गर्म शहर रहा।

मौसम विभाग पूर्वानुमान के अनुसार आज गुरुवार को उत्तर पूर्व बिहार के जिलों को छोड़कर राज्य के अधिकतर जिले भीषण गर्मी का प्रकोप बना रहेगा। नवादा, शेखपुरा, औरंगाबाद और भोजपुर में सिवियर हीट वेव का औरेंज अलर्ट है, जबकि गया, सीवान, नालंदा और रोहतास जिलों हीट वेव यानी उष्ण लहर की स्थिति रहेगी। वहीं सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया मे एक दो जगहों पर बारिश का अनुमान है।

बिहार के रेलयात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, रांची-पटना के बाद जल्द ही पटना से इस शहर के लिए चलेगी वंदे भारत ट्रेन

डेस्क : बिहार के रेलयात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश को वंदे भारत ट्रेन की एक और सौगात इसी माह मिलनेवाली है। पटना से रांची के बाद अब वंदे भारत की दूसरी रैक पटना से कोलकाता के बीच चलेगी। यह ट्रेन पटना-रांची वंदे भारत के मुकाबले लम्बी होगी और इसमें 16 कोच होंगे। 

पटना से कोलकाता के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की रैक का चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री द्वारा मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल प्वाइंट का ट्रायल राजस्थान में किया जा रहा है। जैसे ही मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल प्वाइंट का ट्रायल पूरा होगा, वैसे ही रैक को पटना के लिए रवाना कर दिया जाएगा। वंदे भारत ट्रेन की इस रैक के पटना पहुंचने के बाद उसका ट्रायल पटना से कोलकाता के बीच किया जाएगा। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना से रांची और पटना से कोलकाता के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को एक ही दिन हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इस ट्रेन को पटना से बाढ़, क्यूल, झाझा, जसीडीह, आसनसोल के रास्ते कोलकाता तक चलाने की योजना है। पटना से कोलकाता के बीच वंदे भारत ट्रेन के चलने से यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।

रिक्शा चालक से विधायक तक का सफर तय करने वाले रत्नेश सदा अब बनेंगे मंत्री, पढ़िए पूरी खबर

डेस्क ; बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष कुमार सुमन ने मंगलवार को नीतीश कुमार की सरकार से इस्तीफा दे दिया। सुमन सरकार में एससी-एसटी कल्याण मंत्री थे। सरकार ने भी संतोष सुमन का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। राज्य मंत्रिमंडल में उनकी जगह तीसरी बार सोनबरसा (सहरसा) से जीतकर आये जदयू विधायक रत्नेश सदा उनकी जगह शामिल किये जायेंगे। आइए जानते है रत्नेश के राजनीतिक जीवन के सफर के विषय में।

सोनवर्षा सुरक्षित (जिला सहरसा) विधानसभा सीट से 2020 में जदयू से लगातार तीसरी बार विधायक बने रत्नेश सादा का राजनैतिक सफर 1987 से शुरू हो गया था। वे सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर हमेशा सक्रिय रहे। वे जदयू की विभिन्न इकाईयों से राजनीति से निरंतर जुड़े रहे। जदयू महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इससे पहले वे पार्टी में उपाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव सह सुपौल जिला संगठन प्रभारी समेत अन्य पदों पर भी रह चुके हैं। पहली बार जदयू के टिकट पर नवंबर 2010 में विधायक बने।

चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के अनुसार, उनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातक है और उनकी उम्र 49 साल है। कुल घोषित चल एवं अचल संपत्ति 1.30 करोड़ है। उन पर किसी तरह का कोई आपराधिक मुकदमा नहीं है। उनके तीन पुत्र और दो पुत्री हैं। वे सहरसा जिले के कहरा कुट्टी वार्ड नं-6 के रहने वाले हैं। हालांकि रत्नेश सदा अच्छे वक्ता और अपने (मुसहर) समाज में खूब पढ़े लिखे व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठा पाते रहे हैं लेकिन उन्होंने बेहद कठिन परिश्रम से अबतक का मुकाम हासिल किया है। 

रत्नेश के पिता लक्ष्मी सदा मजदूर रहे हैं। खुद रत्नेश सदा ने लम्बे समय तक रिक्शा चलाया है। कबीरपंथ को मानने वाले सदा इस रूप में भी बड़ी पहचान रखते हैं। उनकी वाणी सुनने अच्छी तादाद में लोग जुटते रहे हैं। दलित समाज के उत्थान तथा उनकी सेवा के लिए ये सदैव तत्पर तथा प्रयासरत रहे हैं

नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद बोले डॉ. संतोष कुमार सुमन, जदयू की ओर से बनाया जा रहा था यह दबाव

डेस्क ; केन्द्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज बड़ा झटका लगा। हम पार्टी से उनके कैबिनेट में मंत्री रहे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 

इधर संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। विपक्ष भाजपा इसे लेकर जहां नीतीश सरकार पर हमलावर है। वही सत्ताधारी दल के निशाने पर हम सुप्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी आ गए है। दोनो ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।  

वहीं इस्तीफे के बाद संतोष सुमन ने जदयू पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल जदयू की तरफ से उनकी पार्टी हम के विलय का लगातार दबाव दिया जा रहा था। अब यह असहनीय हो गया था, इसलिए इस्तीफा देकर अलग होना ही विकल्प बचा था। उन्होंने यह भी कहा कि वह महागठबंधन में बने रहना चाहते हैं। लेकिन, यह महागठबंधन के दलों को तय करना है कि हमारा साथ चाहते हैं या नहीं। 

वहीं महागठबंधन के तीन वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव, ललन सिंह और विजय चौधरी ने एक सुर में कहा कि सुमन के इस्तीफे का मतलब साफ है, अब यह पार्टी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है। उधर, ‘हम’ के एनडीए के साथ जाने की संभावना है। अटकलें हैं कि मांझी राज्यपाल बनेंगे जबकि पुत्र गया सुरक्षित सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।

बताते चलें कि बीते मंगलवार सुबह 10.30 बजे पहले जीतन राम मांझी और फिर आधे घंटे बाद संतोष सुमन जदयू के वरीय नेता तथा राज्य के वित्तमंत्री विजय कुमार चौधरी से मिलने उनके आवास गये। करीब आधे घंटे पिता पुत्र उनके साथ रहे। इसी दौरान संतोष सुमन ने मंत्री पद से अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया। जानकारी के मुताबिक मांझी ने चौधरी से कहा कि हमलोग अब साथ नहीं चल सकते हैं। इस मुलाकात के बाद हम के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रफुल्ल मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जदयू में हमारे दल के विलय का दबाब था जिसके लिए जीतन राम मांझी तैयार नहीं थे।

पूर्व सीएम मांझी के बेटे संतोष मांझी द्वारा मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद गरमाई प्रदेश की सियासत, राजद के वरिष्ठ नेता ने मांझी पर कसा यह तंज

डेस्क ; केन्द्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज बड़ा झटका लगा। हम पार्टी से उनके कैबिनेट में मंत्री रहे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

इधर संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। विपक्ष भाजपा इसे लेकर जहां नीतीश सरकार पर हमलावर है। वही सत्ताधारी दल के निशाने पर हम सुप्रीमो व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी आ गए है।

इसी कड़ी में राजद के वरिष्ठ ने शिवानंद तिवारी ने जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा है कि, मंत्री मंडल से हटने के लिए इस्तीफ़ा किसको दिया जाता है यह जीतन बाबू ने सुमन को शायद नहीं बताया था। विजय कुमार चौधरी को इस्तीफ़ा देने का क्या मतलब था। इस उम्मीद में कि नीतीश कुमार मनावन करेंगे। लेकिन उल्टा हो गया। इस्तीफ़ा मंज़ूर हो गया।

शिवानंद तिवारी ने कहा कि, सुमन कह रहे हैं कि जदयू में ‘हम’ को विलीन करने के लिए कहा जा रहा था। हम के नेतृत्व से जबरन यह कोई कैसे करा सकता था। यह तो कहने की बातें हैं। जो कुछ हुआ उसकी पटकथा कहां और किसके द्वारा लिखी गई है। यह बात भी छीपी रहने वाली नहीं है। कहीं ऐसा नहीं हो कि जीतन बाबू ‘चौबे’ से ‘छब्बे’ बनने के चक्कर में ‘दूबे’ भी नहीं बन पाएं।

श्री तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार की कृपा से मुख्यमंत्री बनने के बाद जीतन बाबू आसमान में पहुँच गए हैं। उनका उतावलापन रोज़ाना उनके अखबारी बयानों में नज़र आता है। लगता है कि अपने उतावले पन का शिकार उन्होंने अपनी दूसरी पीढ़ी को ही बना दिया है।

उन्होंने कहा कि, सुमन विधान सभा का चुनाव हारने के बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव की कृपा से विधान परिषद के सदस्य हैं। उसी हैसियत से नीतीश मंत्रिमंडल के सदस्य थे। जीतन बाबू की बेचैनी की वजह दूसरी है। अभी गया में इनकी बेटी मेयर का चुनाव लड़ी थीं। शायद ज़मानत बचाने लायक़ वोट भी नहीं पा सकीं। अभी अभी दो तीन दिन पहले गया नगर निगम के उप चुनाव में इनके निकटस्थ को मात्र तेरह वोट मिल पाया।

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 12 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की खत्म हो गई है। इस बैठक में कुल 12 एजेंडे पर मुहर लगी है।

इस कैबिनेट बैठक की सबसे खास बात यह रही कि विधायकों-विधान पार्षदों को हर साल मिलने वाले फंड में बढ़ोतरी कर दी गई है।

अब सभी विधायक हर साल चार करोड़ रू की योजनाओं की अनुशंसा कर सकेंगे। अब तक सभी विधायक-विधान पार्षद तीन करोड़ तक की योजनाओं की अनुशंसा करते थे।

दक्षिण और उत्तर बिहार के कुल 61 किमी सड़क निर्माण को लेकर 234 करोड़ तीस लाख रू की स्वीकृति दी गई है।

दाखिल खारिज और परिमार्जन को लेकर आ रही शिकायत सुनकर परेशान हो उठे सीएम नीतीश कुमार, फौरन मुख्य सचिव को किया तलब

डेस्क : आज महीने का दूसरा सोमवार को सीएम नीतीश कुमार का जनता दरबार लगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों की शिकायत सुनने के बाद सीएम उन शिकायतों का त्वरित निष्पादन किया। जनता दरबार में विभिन्न विभागों के सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहें। 

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में दाखिल खारिज और परिमार्जन को लेकर आ रही शिकायत सुनकर परेशान हो उठे। लगातार मिल रही शिकायतों से टेंशन में आये सीएम नीतीश ने बड़े हाकिमों को तलब किया। मुख्यमंत्री की नजर जैसे ही मुख्य सचिव आमिर सुबहानी पर पड़ी तो कहा, इधर आइए। इसके बाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी समेत सीएम सचिवालय के तमाम बड़े अधिकारी नीतीश कुमार के सामने लाइन लगाकर खड़े हो गए। हालांकि बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री ने माइक बंद कर दिया। फिर सीएम नीतीश ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए। 

वहीं सहरसा से आये एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री से कहा कि जमीन हमारी है और कब्जा कर रहे दबंग। फरियाद लेकर हर जगह गए कहीं से न्याय नहीं मिल रहा। दबंग पांच लाख रू रंगदारी मांगता है, थाना कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। दबंग थाने को पैकेट में रखने का दावा करता है। हमें न्याय दीजिए।फरियादी की शिकायत को सुनकर मुख्यमंत्री ने अधिकारी को फोन लगाया और कहा कि इस मामले को देखिए। बजाप्ता ये नाम भी बता रहे हैं। तुरंत देखिए और एक्शन लीजिए।