*सीजनल संग्रह अमीनों की सेवा पेंशन में नहीं जुड़ेगी: हाईकोर्ट*
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा कि सीजनल संग्रह अमीनों की सेवा पेंशन के लिए नहीं जोड़ी जाएँगी । उप्र रिटायरमेंट बेनिफिट रुल्स की व्याख्या करते हए कोर्ट ने यह विधिक व्यवस्था देकर राज्य सरकार की विशेष अपील मंजूर कर ली। साथ ही अपील में चुनौती दिए गए एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया ।
जिसमें सीजनल संग्रह अमीन की सेवा पेंशन के लिए जोड़े जाने पर गौर करने के निर्देश सरकार के राजस्व विभाग को दिए गए थे।
न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह फैसला राज्य सरकार की विशेष अपील को मंजूर करके सुनाया। इसमें,एकल पीठ के आदेश को चुनौती देकर रद्द करने का आग्रह किया गया था। पहले, एक सीजनल संग्रह अमीन की याचिका पर एकल पीठ ने याची की सेवा को पेंशन के लिए अर्ह माने जाने का आदेश दिया था।
इसके खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना था कि सीजनल संग्रह अमीनों को राजस्व वसूली के सीजन में जरुरत के अनुसार नियुक्त किया जाता है। उन्हें सरकार द्वारा सृजित किसी स्थायी या अस्थाई पद पर तैनात नहीं किया जाता। ऐसे में इनकी सेवा को पेंशन के लिए जोड़ने का औचित्य नहीं है। उधर, पक्षकार सीजनल संग्रह अमीन की ओर से अधिवक्ता ने सरकारी वकील के इस तर्क का विरोध करते हुए कहा कि नियमानुसार सीजनल संग्रह अमीनों की सेवा को पेंशन में जोड़ा जाना चाहिए। कोर्ट ने विधिक व्यवस्था के साथ सरकार की अपील मंजूर कर एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया।
Jun 06 2023, 07:23