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*उत्तराखंड के पूर्व सीएम हुए टेराकोटा के मुरीद, बोले अद्भुत है यह माटी शिल्प*


गोरखपुर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की ब्रांडिंग से वैश्विक मंच पर इतरा रहे गोरखपुर के टेराकोटा माटी शिल्प के मुरीद हो गए। शनिवार शाम टेराकोटा गांव औरंगाबाद और लंगड़ी गुलरिहा में टेराकोटा उत्पाद और इसके बनने की प्रक्रिया से रूबरू हुए श्री रावत ने कहा, अद्भुत है गोरखपुर का टेराकोटा शिल्प।

मोदी सरकार के 9 वर्ष का सफल कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भाजपा द्वारा चलाए जा रहेजनसंपर्क महाभियान के सिलसिले में उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को बांसगांव समेत पांच लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई। इस निमित्त गोरखपुर आए श्री रावत शनिवार शाम गोरखपुर की ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना में शामिल टेराकोटा की खूबियां जानने शिल्पकारों के गांव पहुंचे। वह सबसे पहले लंगड़ी गुलरिहा गांव में टेराकोटा शिल्पकार राजन प्रजापति के वर्कशेड पर पहुंचे। उन्होंने वर्कशेड में रखे टेराकोटा के तैयार व बन रहे उत्पादों को देखा और शिल्पकार से कई जानकारियां लीं।

श्री रावत ने पूछा कि ओडीओपी में शामिल होने से टेराकोटा के क्षेत्र में क्या अंतर आया है? राजन प्रजापति ने उन्हें बताया कि सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल आदि मिलने से काम काफी आसान हो गया हैम उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है। रही बात बाजार की तो जब हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कई मंचों से टेराकोटा की खुद ब्रांडिंग करते रहते हैं तो बाजार बढ़ना ही है। टेराकोटा शिल्पकारों के पास इतना काम है कि वे कोरोना काल में भी खाली हाथ नहीं बैठे थे। यह सीएम योगी की ही पहल है कि जो बैंक लोन देने में कतराते थे, आज वह घर आकर वित्तपोषण करते हैं।

लंगड़ी गुलरिहा के बाद श्री रावत औरंगाबाद गांव में पन्नेलाल प्रजापति व अखिलेश प्रजापति के घर पहुंचे। टेराकोटा उत्पाद देखने के बाद शिल्पकारों को मिल रही सुविधाओं के बारे में पूछा। इस दौरान उन्होंने शिल्पकारों से कहा कि आपका टेराकोटा नायाब है। आपके मुख्यमंत्री जी ने तो गांव की इस माटी कला को देश-दुनिया तक पहुंचा दिया है।

*समाधान दिवस में फिर नहीं आए डीएम, सीडीओ ने सुनी फरियाद*


खजनी: तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में कुल 156 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए जिनमें 10 मामलों को मौके पर निस्तारित कर दिया गया।

रोटेशन के अनुसार खजनी तहसील में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समाधान दिवस का आयोजन होना था। किंतु कतिपय कारणों से जिलाधिकारी के न पहुंचने पर मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ।

दोनों आंखों और हाथों के दिव्यांग सुरसा गांव के निवासी लक्ष्मीकांत चौबे ने बताया कि गांव के दबंगों ने कुटुंब रजिस्टर में उन्हें मृतक दर्शा कर उनकी संपत्ति अपने नाम करा लिया। न्यायालय में पहुंचने पर उनके हक़ में फैसला हुआ है किन्तु राजस्व अभिलेखों में अभी तक उनका नाम दर्ज नहीं हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडीओ ने दिव्यांग व्यक्ति को तुरंत कुर्सी मंगाकर इत्मिनान से बैठाया और एसडीएम तहसीलदार को तत्काल समाधान कराने का आदेश दिया।

इसी प्रकार तहसील के वकील सत्यप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ मल्लू लाल एडवोकेट ने बताया कि जैतपुर बाजार में बड़े वाहनों के मुड़ने के कारण भीषण जाम लगता है और उसमें फंसे लोग घंटों जूझते रहते हैं। पीएचसी के एमओआईसी डॉ प्रदीप तिवारी ने बताया कि पीएचसी के मोड़ पर आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। दोनों ही मामलों में सीडीओ ने संबंधित विभाग को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि लगातार दूसरी बार जिलाधिकारी महोदय समाधान दिवस में नहीं पहुंचे जिससे कुछ लोग मायूस लौट गए। हालांकि कुल 156 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए जिनमें 10 मामलों का मौके पर समाधान करा दिया गया।

ज्यादातर मामले भूमि विवाद, पुलिस विभाग,स्वास्थ्य विभाग, बिजली और पीडब्ल्यूडी से संबंधित विभागों के पेश हुए। सीडीओ संजय कुमार मीना ने सभी अधिकारियों को शासन द्वारा नियत समय सीमा के भीतर जनसमस्याओं का समाधान करने और आख्या प्रस्तुत करने का सख्त निर्देश दिया।

इस अवसर पर दिवस प्रभारी एसडीएम शिवम सिंह तहसीलदार दीपक कुमार सीओ अंजनी कुमार पांडेय बीडीओ कार्तिकेय मिश्रा समेत सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

*हेल्थ डैशबोर्ड रैंकिंग में गोरखपुर को दूसरा स्थान*


गोरखपुर: हेल्थ डैशबोर्ड रैंकिंग में गोरखपुर जिले को दूसरा स्थान मिला है । यह रैंकिंग अप्रैल माह के प्रदर्शन के आधार पर हुई है । इससे पहले मार्च 2022 में यह रैंक मिली थी। साल भर के बाद जिले को इस बेहतर प्रदर्शन के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने स्वास्थ्यकर्मियों और प्रोग्राम मैनेजर्स को बधाई दी है । जिले को यह उपलब्धि 0.78 के कम्पोजिट स्कोर के साथ मिली है ।

सीएमओ ने बताया कि गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांच, हीमोग्लोबिन की जांच, संस्थागत प्रसव की दर, सी सेक्शन संस्थागत प्रसव दर, स्टिल बर्थ रेशियो, नवजात शिशु गृह भ्रमण, पूर्ण प्रतिरक्षण, टीबी नोटिफिकेशन दर, एचआईवी के गर्भवती की स्क्रीनिंग, प्रति आशा इंसेंटिव जैसे कुल पंद्रह सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन के कारण यह रैंकिंग मिली है । यह संभव बनाने में एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन गुप्ता, डैम पवन कुमार, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय समेत जिले के सभी ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारियों, प्रोग्राम मैनेजर्स और अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है ।

डॉ दूबे ने जिले के सभी अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों से अपील की कि गुणवत्तापूर्ण सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं जारी रखें और प्रयास करें कि जिले को प्रथम रैंक मिल सके । ब्लॉक स्तर पर नियमित बैठकें की जाएं । समुदाय को स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे में उनके अधिकारों की जानकारी दी जाए । मातृ शिशु और बाल स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में अधिकाधिक प्रचार प्रसार किया जाए । सभी अभियानों के संचालन के दौरान नियमित तौर पर समीक्षा की जाए । जुलाई में प्रस्तावित विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के लिए अभी से समुदाय में जागरूकता का वातावरण बनाया जाए ।

इन ब्लॉक का प्रदर्शन बेहतर

डीपीएम पंकज आनंद ने बताया कि इस बार की रैंकिंग में पिपराईच, बड़हलगंज, पाली, पिपरौली, चरगांवा, खजनी और भटहट का विशेष योगदान रहा है । इनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है । अन्य ब्लॉक को भी इनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है ।

अब तक की रैंकिंग

• फरवरी 2021, अगस्त 2021 और जनवरी 2022 में जिले को प्रथम स्थान मिला

• दिसम्बर 2021 में तीसरी रैंकिंग और मार्च 2022 में दूसरा स्थान मिला

*आपात स्थिति से बचाव के लिए एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन ने किया मॉक ड्रिल का अभ्यास*


गोरखपुर।राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर के सहजनवा तहसील में संयुक्त मॉक ड्रिल का अभ्यास हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी में किया गया और एसडीएम श्री कनवर सचिन सिंह सहजनवा, तहसीलदार केशव प्रसाद सहजनवा ,और गौतम गुप्ता डीडीएमए गोरखपुर ,हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड मैनेजर महेश की देख-रेख में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड सहजनवा गोरखपुर (उ0प्र0) में मॉक ड्रिल का अभ्यास हुआ ।

जिले की विभिन्न टीमों द्वारा CBRN (केमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल और न्यूक्लियर) इमरजेंसी पर मेगा मॉक अभ्यास किया गया।इसी क्रम में एन.डी.आर.एफ. के उपमहानिरीक्षक श्री मनोज शर्मा के कुशल दिशा निर्देशन में एनडीआरएफ समन्वयक व फायर ब्रिगेड मुख्य एजेंसी के तौर पर रही। इस कार्यशाला में तमाम विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी संस्थाओं के मध्य कार्य का विभाजन, आपसी समन्वय की स्थापना व आने वाले संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए अपनी अपनी कार्य योजनाओं को बनाना शामिल हैं। इस मेगा मॉक अभ्यास का सम्पूर्ण नेतृत्व एनडीआरएफ निरीक्षक गोपी गुप्ता के नेतृत्व में 35 सदस्यी पूर्ण प्रशिक्षित टीम द्वारा किया गया।

उप-जिलाधिकारी कनवर सचिन सिंह ने बताया कि “रासायनिक, जैविक व रेडियोधर्मी आपदा होते हैं, जिसके विषय में जानकारी ही बचाव का मूल मंत्र है” और इस मेगा मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी भी रासायनिक केमिकल एवं वायोलोजिकल आपदा के दौरान घायल व चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी रिस्पांस एजेंसियों का रिस्पांस चेक करना व सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना है, तथा इस मॉक अभ्यास द्वारा खोज, राहत व बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करना भी है और समय-समय पर इस तरह के मेगा मॉक अभ्यास द्वारा महत्वपूर्ण जीवन की रक्षा की जा सकेगी। एचपीसीएल के कार्यकर्ता एवं अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

*अभाविप शैक्षणिक परिसरों में चलाएगी 'आनंदमय सार्थक छात्र जीवन अभियान'*.


गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक 28 मई को पुणे स्थित 'महर्षि कर्वे स्त्री-शिक्षण संस्था' में सम्पन्न हुई। इस बैठक में देश भर से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठनात्मक दृष्टि से 44 प्रांतों से कुल 355 प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।

9 जुलाई 2023 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने ऐतिहासिक संगठनात्मक यात्रा के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रही है, अभाविप के इस महत्वपूर्ण आगामी वर्ष के लिए इस राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में विद्यार्थियों व युवाओं से जुड़े विषयों को वृहद स्तर पर अभाविप द्वारा विभिन्न अभियानों के माध्यम से संबोधित करने की कार्ययोजना निर्धारित हुई है।

अभाविप स्थापना के 75 वें वर्ष का राष्ट्रीय अधिवेशन इस वर्ष 1-3 दिसंबर, 2023 दिल्ली में आयोजित होगा।

गोरक्ष प्रांत में पाँच लाख से अधिक सदस्यता लक्ष्य

अभाविप गोरक्ष प्रांत में इस वर्ष कुल 5,41,748 छात्र-छात्राओं की सदस्यता, इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज सहित AIIMS, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई में किया जायेगा, अधिक से अधिक विद्यार्थियों को सक्रिय कार्यकर्ता बनाने हेतु कॉलेज इकाई व नगर इकाई जिला समिति की बैठकों को सुचारू रूप से चलाना। परिषद के विविध आयाम स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट, स्टूडेंट फॉर सेवा, मैडिविजन, एग्रीविजन, राष्ट्रीय कला मंच के तहत मेडिकल, कला, कृषि शिक्षा के विद्यार्थियों में परिषद के कार्य विस्तार की भी योजना है ।

इसके अलावा सामाजिक अनुभूति 2023, राष्ट्रीय अधिवेशन 2023, सोशल मीडिया और मीडिया की स्थिति, अभाविप स्थापना के 75 वर्ष लक्ष्य एवं आग्रह, प्रांत अभ्यास वर्ग और जिला अभ्यास वर्ग, मिशन साहसी एवं ऋतुमति अभियान, छात्रा कार्य विस्तार छात्रा टोली और प्रांत छात्रा सम्मेलन, ज्ञात अज्ञात हुतात्मा सम्मान समारोह, अमृत महोत्सव समारोह, ग्रीष्मकालीन योजना, क्षेत्रीय शिक्षक कार्यकर्ता वर्ग आदि योजनाओ पर भी आगामी दिन में संगठन कार्य होंगे।

अभाविप की इस राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में कुल चार प्रस्ताव पारित किए गए हैं, ये चार प्रस्ताव 'प्रदेश सरकारें व विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा क्षेत्र की गुणवत्ता पर दें ध्यान', 'आनंदमयी सार्थक छात्र जीवन का केन्द्र बने परिसर', 'भारत विरोधी वैश्विक षड्यंत्र को परास्त करें युवा', 'स्व आधारित व्यवस्था निर्माण हेतु समाज हो अग्रसर' शीर्षक केन्द्रित हैं। इन प्रस्तावों पर अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में विस्तृत चर्चा हुई है, अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में पारित चार प्रस्तावों में उठाए गए विषयों पर अभाविप की सभी इकाईयां कार्य करेंगी।

विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अभाविप की आयाम,कार्य, गतिविधियों द्वारा युवाओं के नेतृत्व में कृषि, चिकित्सा, पर्यावरण, सेवा, तकनीकी शिक्षा, स्टार्ट अप, कला, संस्कृति आदि क्षेत्रों में युवा नेतृत्व के माध्यम से भारतीयता केन्द्रित विचार द्वारा सकारात्मक परिवर्तन के लिए विभिन्न अभियान शुरू किए जाएंगे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य, शिक्षा में भारतीयता केंद्रित विचार की स्थापना, पाठ्यक्रमों को वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप निर्माण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन व विद्यार्थियों की क्रियान्वयन में सहभागिता, स्वावलंबी भारत आदि विषयों पर सार्थक चर्चा हुई इस वर्ष 21 अगस्त विश्व उद्यमिता दिवस के अवसर पर पुरे देशभर में उद्यमिता सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अभाविप गोरक्ष प्रांत के प्रांत मंत्री सौरभ कुमार गौड़ ने कहा कि, विद्यार्थी परिषद की कार्यपद्धती तो निश्चित है किंतु उसके कार्य का स्वरूप समय व परिस्थिति अनुसार बदलता रहता है।

छात्र संगठन होने के नाते शिक्षा के प्रत्येक मुद्दों को उठाना व उनके परिणाम तक पहुंचना तो एबीवीपी का अनिवार्य कार्य है किंतु इसके अतिरिक्त देश व समाज में प्रत्येक घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देना एवं इस पर आने वाले संकट के समय में युवाओं की सहभागिता को सुनिश्चित करते हुए सेवा करना भी विद्यार्थी परिषद के मूल में है।

विद्यार्थी परिषद प्रत्येक गतिविधि को करने से पूर्व अपनी योजना करता है तथा उस गतिविधि व कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद उसकी समीक्षा करता है एवं अपनी कमियों को चिन्हित करते हुए उचित योजना के साथ आगे बढ़ता है।

यही कारण है कि विद्यार्थी परिषद निरंतर वर्ष 1949 से निरंतर आगे बढ़ते हुए आज देश के प्रत्येक शिक्षण संस्थान तक पहुंच कर राष्ट्रवादी विचारधारा से विद्यार्थियों को जोड़ने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि गोरक्ष प्रांत में कुल 16 सांगठनिक जिलों में कुल 52 तहसील और 147 विकास खंड है विद्यार्थी परिषद का कार्य निचले स्तर तक पहुँचे इसको लेकर इस वर्ष संगठन कार्य के लिए एक वृहद योजना बनायी गयी है।

इस अवसर पर एबीवीपी गोरक्ष प्रांत सहमंत्री मयंक राय एवं प्रांत मीडिया संयोजक अनुराग मिश्रा उपस्थित रहे।

*क्लास रूम को रोचक व ज्ञानवर्धक बनाएं शिक्षक : डॉ. वाजपेयी*


गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आयुर्वेद कॉलेज) में 'शैक्षणिक कार्ययोजना' विषय पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल कुमार वाजपेयी ने दीप प्रज्वलित कर किया। डॉ. वाजपेयी ने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षण कौशल को बढ़ाने में सहायक होगी। उन्होंने कहा छात्रों को प्रेरित करने और विषय में उनकी रूची पैदा करने के लिए समूह परिचर्चा, सेमीनार आदि का आयोजन कराना चाहिए। हम सबको क्लास रूम (कक्षा कक्ष) को रोचक ज्ञानवर्धक व विद्यार्थियों के लिए हर प्रकार से उपयोगी बनाना चाहिए। एनसीआईएसएम ने जो मापदण्ड तय किया है उसके अनुरूप ही शिक्षण व्यवस्था को संचालित करें।

कार्यशाला में संहिता एवं सिद्धांत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शांतिभूषण हन्दूर ने अपने विभाग का प्रस्तुतिकरण किया। प्रस्तुतिकरण में डॉ भूषण ने संहिता सिद्धांत एवं संस्कृत विषय की शैक्षणिक योजना, विभाग के विभिन्न गतिविधियों, संसाधनों की जानकारी प्रदान की। डॉ भूषण ने कहा कि संहिता विभाग आयुर्वेद की नींव है।

आगामी वर्ष की कार्ययोजना के अंतर्गत उन्होंने आयुर्वेद कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्रों को संस्कृत संभाषण हेतु तैयार करना, एक उच्च स्तरीय आयुर्वेद से सम्बन्धित म्यूजियम बनाना, छात्रों को शोध एवं पब्लीकेशन हेतु प्रेरित करना आदि विषयों पर कार्य करने की योजना का प्रस्तुतिकरण किया।

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि सभी शिक्षकों को अपने विभाग को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए जिस अवसंरचना की आवश्यकता है, उसकी योजना तैयार करें। साथ ही पाठ्यक्रम योजना को विधिवत तरीके से बनाये एवं उसका पालन करें। नित्य पठन-पाठन के नवाचार उपाय खोजें एवं उच्च स्तरीय तकनिकी का शिक्षा में उपयोग करें। कार्यक्रम में आयुर्वेद कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. नवीन के, डॉ. विनम्र शर्मा, डॉ. गोपीकृष्णन, डॉ. रश्मीपुष्पन और सभी शिक्षक उपस्थित रहे।

*रामगढ़ताल में पंजाब यूनिवर्सिटी की बल्ले-बल्ले, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता का समापन*


गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत गोरखपुर के रामगढ़ताल में आयोजित रोइंग प्रतियोगिता अभूतपूर्व यादों को समेटे बुधवार को समाप्त हो गई। आखिरी दिन 500 मीटर की दूरी के फाइनल मुकाबलों के 15 इवेंट्स में पदकों के लिए रोवर में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। पांच दिन तक चली रोइंग प्रतियोगिता में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ के खिलाड़ियों ने रामगढ़ताल में बल्ले-बल्ले सा नजारा पेश करते हुए महिला व पुरुष दोनों वर्गों में ओवरऑल चैंपियन का खिताब जीत किया। दोनों वर्गों में पीयू ने 12 स्वर्ण जीते। पुरुष वर्ग में ओवरऑल पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला फर्स्ट रनर अप और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली सेकेंड रनर अप बनी। जबकि महिला वर्ग में ओवरऑल फर्स्ट रनर अप का पुरस्कार यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास और सेकेंड रनर अप का पुरस्कार केरला यूनिवर्सिटी को मिला। विजेताओं के साथ सभी प्रतिभागियों ने रोइंग के लिए रामगढ़ताल को शानदार स्थान बताया और आयोजन को लेकर अभूतपूर्व इंतजामों की खुलकर तारीफ की।

बुधवार को रोइंग प्रतियोगिता के अंतिम दिन 500 मीटर दूरी की रोइंग में पुरुष वर्ग में सिंगल स्कल का स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर सिंह चीमा, लाइटवेट सिंगल स्कल का स्वर्ण इसी यूनिवर्सिटी के मलक सिंह ने जीता। जबकि महिला सिंगल स्कल में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता ब्रह्मचारी और लाइटवेट सिंगल स्कल में ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी. हेमलथा ने फाइनल जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव, विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल, कमिश्नर गोरखपुर रवि कुमार एनजी, सीडीओ संजय मीना, एडीएम सिटी विनीत सिंह, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफआई) की अध्यक्ष एवं भारतीय ओलंपिक संघ की उपाध्यक्ष श्रीमती राजलक्ष्मी सिंह देव, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव एमवी श्रीराम, आरएफआई के पूर्व अध्यक्ष कर्नल सीपी सिंह देव, स्पर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर अतुल सिंह, लीगल एडवाइजर गीतांजलि शर्मा, यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा, हरीश शर्मा, संजीव श्रीवास्तव, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर, आल इंडिया यूनिवर्सिटी के राजीव सोबती, एसएम भट्ट, नवाबुद्दीन अहमद, क्रीड़ा भारती के आशीष जायसवाल, अविरल शर्मा आदि ने पदक पहनाकर एवं शुभंकर भेंटकर पुरस्कृत किया। ओवरऑल चैंपियन का पुरस्कार खेल मंत्री व अपर मुख्य सचिव खेल ने प्रदान किया।

500 मीटर दूरी रोइंग के अंतिम परिणाम

पुरुष वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर सिंह चीमा,रजत पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी के डी. नीलेश, कांस्य पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के सुमित राठी।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के मलक सिंह, रजत पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के गोविंद सिंह राजपूत, कांस्य पदक एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी दरभंगा दीपांशु कुमार सिंह।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के किशन पांडेय व रवि बेदवाल, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सुखदीप सिंह व आदित्य सिंह, कांस्य पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी के अजय व सोयल।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के करनवीर सिंह व शोभित पांडेय, रजत पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के अरुण व गौतम, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विजय व लोकेश।

क्वाड्रपल (मेन 4)

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, कांस्य पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, रजत पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़।

लाइटवेट डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रविंदर व दिनेश कुमार, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के राहुल व अजय, कांस्य पदक केरला यूनिवर्सिटी के अरुण व आदिनाथ।

लाइटवेट क्वाड्रपल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला।

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महिला वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता ब्रह्मचारी,रजत पदक पीईएसस यूनिवर्सिटी बैंगलोर की मनसा एसएम, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की अमनदीप कौर।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की खुशप्रीत कौर व दिलजोत कौर, रजत पदक केआईआईटी यूनिवर्सिटी की औपरित कौर व अविनाश कौर, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की टी. पूनम व सी. कस्तूरी।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास की फती सिउबा व भगवती, रजत पदक केरला यूनिवर्सिटी की देवप्रिया व अरुंधति, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की सी. भाग्यश्री व बी. कोमल।

क्वाड्रपल (वुमेन 4)

स्वर्ण पदक केरला यूनिवर्सिटी, रजत पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी. हेमलथा,रजत पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की बी. अनीता, कांस्य पदक एसआरएम यूनिवर्सिटी की तमिल सेल्वी।

लाइटवेट डबल स्कल

स्वर्ण पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की ज्योति व विंध्या, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की गुरबानी कौर व पूनम, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की पी. काजल व एम. श्वेता।।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

गोरखपुर को बनाएंगे वाटर स्पोर्ट्स का हब : खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव


गोरखपुर। प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गोरखपुर को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाया जाएगा। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में रोइंग प्रतियोगिता की शानदार मेजबानी करके गोरखपुर ने यह सिद्ध कर दिया है कि यहां के रामगढ़ताल और सीएम योगी द्वारा बनवाए गए वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर की रोइंग प्रतियोगिता कराने की पूरी क्षमता है।

रोइंग प्रतियोगिता के समापन समारोह में विजेताओं को पुरस्कृत करने के बाद खेल मंत्री श्री यादव ने पदकवीरों के साथ समस्त प्रतिभागियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन यूपी में कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के प्रति आभार जताते हुए कहा कि गोरखपुर में हुई रोइंग प्रतियोगिता अभूतपूर्व रही है।

इससे मुख्यमंत्री द्वारा संवारे गए रामगढ़ताल की प्रतिष्ठा पर्यटन के साथ भी वाटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी स्थापित हुई है। यहां रोइंग प्रतियोगिता होने से प्रदेश के युवाओं का भी इसके प्रति आकर्षण बढ़ेगा। इस प्रतियोगिता की सफलता के बाद मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गोरखपुर को वाटर स्पोर्ट्स का हब बनाने की आगामी कार्ययोजना बनाई जाएगी। अब यहां के रामगढ़ताल में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी होती रहेगी।

*आरफआई के साथ मिलकर गोरखपुर में बनाएंगे रोइंग ट्रेनिंग एकेडमी : डॉ सहगल*


गोरखपुर। रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स की असीम संभावनाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से पहली बार रोइंग प्रतियोगिता हुई है, वह भी देशभर के विश्वविद्यालयों की टीमों के बीच राष्ट्रीय स्तर की। प्रतियोगिता का जायजा लेने आए रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफआई) के शीर्ष पदाधिकारी भी मानते हैं कि रामगढ़ताल और यहां का वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं के लिए सर्वथा उपयुक्त है। साथ ही इस वेन्यू को नेशनल लेवल के ट्रेनिंग सेंटर के रूप में तब्दील किया जा सकता है। यूपी का खेल विभाग आरएफआई के साथ मिलकर गोरखपुर में रोइंग ट्रेनिंग एकेडमी बनाएगा। इसे लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

यह बातें प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कही। बुधवार को रामगढ़ताल की जेट्टी पर रोइंग प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल होने आए डॉ सहगल ने कहा कि यह मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शी सोच ही है कि उन्होंने रामगढ़ताल का कायाकल्प सिर्फ पर्यटन की ही दृष्टि से नहीं कराया है, बल्कि इसमें वाटर स्पोर्ट्स की अंतर्निहित संभावनाओं को भी आगे बढ़ाया है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता भी उनकी ही सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आरफआई के पदाधिकारियों के देशभर के 26 विश्वविद्यालयों के युवा खिलाड़ियों व उनके प्रशिक्षकोन ने भी माना है कि रामगढ़ताल और वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रोइंग के लिए लाजवाब है।

डॉ सहगल ने बताया कि आरफआई की अध्यक्ष व महासचिव भी उत्तर भारत में रोइंग कोचिंग सेंटर या ट्रेनिंग एकेडमी के लिए रामगढ़ताल और वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को एक उत्कृष्ट जगह मान रहे हैं। उनकी भी इच्छा यहां ट्रेनिंग एकेडमी स्थापित करने की है। इस संबंध में उनके साथ प्रारंभिक दौर की वार्ता यहीं गोरखपुर में हुई है। ट्रेनिंग एकेडमी खुल जाने से उत्तर प्रदेश के रोइंग खिलाड़ियों को यहीं सारी सुविधाएं मिलने लगेगी और वे किसी अन्य राज्य जाने की बजाय अपने प्रदेश के लिए मेडल जीतेंगे।

*यूपी के 'चाणक्य' ने दिलाई पीयू को रोइंग में बादशाहत,गाजीपुर के दीपक सिंह हैं पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रोइंग कोच*


गोरखपुर। रामगढ़ताल में 27 से 31 मई तक हुई खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ ने अपना दबदबा दिखाया है। पीयू को रोइंग की बादशाहत दिलाने में 'चाणक्य' की भूमिका निभाने वाले दीपक सिंह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं। टीम कोच दीपक द्वारा बताई और सिखाई गई रोइंग की बारीकियों से पीयू चंडीगढ़ की टीम ने महिला व पुरुष दोनों वर्गों में ओवरऑल चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया है।

गाजीपुर निवासी और वर्तमान में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रोइंग कोच दीपक सिंह की गिनती देश के बेहतरीन कोच में होती है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता के समापन अवसर पर दीपक ने कहा कि गोरखपुर में टीम लेकर आने का अनुभव बेहद शानदार और यादगार है। निश्चित ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत दूरदर्शी हैं जिन्होंने यूपी में रोइंग प्रतिभाओं को मौका देने के लिए रामगढ़ताल के समीप नायाब वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनवाया है। यदि यहां रोइंग ट्रेनिंग का भी काम शुरू हो जाए तो बड़ी संख्या में यूपी के खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होने लगेंगे।

दीपक सिंह के मुताबिक यूपी के रोइंग खिलाड़ी दूसरे राज्यों में जाकर ट्रेनिंग लेते रहे हैं। इसी रोइंग प्रतियोगिता में यूपी के कई खिलाड़ियों ने दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों के सदस्य के रूप में भाग लिया और मेडल भी जीते। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता की सफलता को देखकर लगता है कि यहां भी जल्द प्रशिक्षण की व्यवस्था हो जाएगी। ऐसा हुआ तो वह समय दूर नहीं जब पूर्वी उत्तर प्रदेश से खिलाड़ी यहां से निकलकर देश का नाम रोशन करेंगे।