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*बंथरा सड़क हादसे में क्लीनर की मौत, चालक का पैर टूटा, दुर्घटना के बाद लखनऊ-कानपुर हाईवे पर लगा लंबा जाम

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लखनऊ- शनिवार की सुबह दो डंपर आपस में टकरा जाने के कारण एक डंपर का चालक और क्लीनर गाड़ी के अंदर फंस गये। जिनको किसी तरीके से मौके पर पहुंची पुलिस ने जेसीबी पोकलैंड हाइड्रा मशीनों से खींच कर बाहर निकलवाया। जिसमें चालक का पैर टूट गया वहीं क्लीनर की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।

बंथरा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बनी में लखनऊ कानपुर हाईवे सड़क पर सुबह करीब 5:20 बजे हाईवे सड़क पर खड़े डंपर यूपी 78 एच टी 71 75 में कानपुर की तरफ से लखनऊ आ रहा डंपर यूपी 78 जीटी 3297 पीछे से जा घुसा। पीछे से टक्कर इतनी भीषण हुई कि इसमें चालक और क्लीनर दोनों बुरी तरीके से फंस गए। चालक अजीत पुत्र वीर सिंह ग्राम बरुआ थाना कुरारा जिला हमीरपुर क्लीनर संदीप पुत्र राम विशाल ग्राम बारा खुर्द थाना बकेवर जिला फतेहपुर लगभग तीन घंटे तक डंपर के अंदर फंसे रहे। मौके पर पहुंची बंथरा थाने की पुलिस ने जेसीबी पोकलैंड हाइड्रा मशीनों को लगाकर दोनों को निकालने का प्रयास किया। लेकिन तीन घंटे की मशक्कत के बाद दोनों को निकाला जा सका। जिसमें चालक अजीत का एक पैर टूट गया और क्लीनर संदीप को भी गाड़ी के बाहर निकाला गया जिस की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। इन दोनों को इलाज के लिए एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरोजनीनगर भेजा गया जहां पर क्लीनर संदीप की मौत हो गई।

लखनऊ कानपुर हाईवे सड़क पर सुबह घटित हुई दुर्घटना के चलते दोनों तरफ की सड़क पर दूर-दूर तक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। बल्कि बनी से लेकर उन्नाव जनपद के थाना सोहरामऊ के आगे तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रही।वहीं बंथरा थाना क्षेत्र के शिवपुरा तक वाहनों की लंबी लाइन लगे होने के कारण लोगों को पैदल निकलने में भी दिक्कत हुई। हाईवे सड़क के अलावा बनी मोहान और बनी मोहनलालगंज मार्ग पर भी कई किलोमीटर दूर तक वाहनों की लंबी लाइन लगे होने की वजह से सारे रास्ते जाम हो गए।जाम में फंसे यात्री बुरी तरीके से परेशान रहे। बंथरा ने पुलिस ने किसी तरीके से चालक व क्लीनर को निकालने के बाद एक तरफ के सड़क के जाम को छुड़वाकर चालू करा दिया।लेकिन पूरी तरीके से जाम को छुड़ाने के लिए पुलिस को लगभग छ घंटे का समय लग गया जिसके बाद वाहनों का संचालन सामान हो सका। यहां तक इस जाम को छुड़ाने के लिए एसपी ट्रैफिक को भी मैदान में उतारना पड़ा जिसके बाद जाम की समस्या से लोगों को दोपहर करीब 12 बजे निजात मिल सकी।

थाना प्रभारी डॉ आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि दोनों डंपर कानपुर की तरफ से लखनऊ की ओर आ रहे थे और पीछे से आ रहा डंपर आगे के डंपर में टकरा गया जिसके चलते यह दुर्घटना घटित हो गई।सूचना मिलने के बाद मौके पर जेसीबी हाइड्रा पोकलैंड मशीनों को लगाकर चालक व क्लीनर को निकाला गया चालक का पैर टूटा गया था। क्लीनर भी गाड़ी से निकालने के बाद बोल रहा था लेकिन उसकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान मौत हो गई।

*राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय बालासोर हादसे में मारे गए लोगों के प्रति व्यक्त की संवेदना*


लखनऊ- राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने उड़ीसा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में अकाल मृत्यु का शिकार हुए सैकड़ों लोगों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि यह ट्रेन दुर्घटना केन्द्र सरकार की रेलवे प्रबंधन व्यवस्था की घोर नाकामी है। कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा यशवंतपुर एक्सप्रेस और मालगाडी का आपस में टकराना और बोगियों का एक दूसरे पर चढ़कर विपरीत दिशा में गिरना ट्रेनों की स्पीड के साथ साथ रेलवे कूप्रबन्धन का सबसे बड़ा प्रमाण है। एनडीआरएफ की टीम को रात के अंधेरे में मोबाइल की टार्च से रेस्क्यू ऑपरेशन करना पड़ा जो यह दर्शाता है कि आस पास कहीं से भी रेलवे ने लाइट की व्यवस्था करने में भी लापरवाही का प्रदर्शन किया।

राय ने कहा कि जिस देश में प्रधानमंत्री द्वारा बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया गया हो वहां की रेलवे व्यवस्था इतनी निम्न स्तर की हो जाय की आम जनता सफर करते समय सुरक्षा के प्रति चिंतित रहे यह विचारणीय विषय है। हजारों करोड़ों रुपये रेलवे की लाइन और प्लेट फार्म के साथ साथ आधुनिक उपकरणों पर खर्च किया जा चुका है और परिणाम इस प्रकार का दर्दनाक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि रेल मंत्री रेल के इंजन में बैठकर चलता है तो एक ही ट्रैक पर आने वाली दोनों ट्रेने सुरक्षा कवच के कारण कई मीटर दूर रूक जाती हैं और रेल मंत्री तथा केन्द्र सरकार का इवेंट मैनेजमेंट पूरा हो जाता है और देश की भोली भाली जनता मूर्ख बन जाती है। आखिर विकास का सच्चा स्वरूप वास्तविक धरातल पर कब दिखाई पड़ेगा? केन्द्र सरकार द्वारा आंकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं कि व्यवस्था और विकास अनुकरणीय लगता है। लेकिन वास्तविकता ढाक के तीन पात होती है।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रेल मंत्री को नैतिकता के आधार पर अपना त्यागपत्र दे देना चाहिए और केन्द्र सरकार को मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख तथा घायलों को 5-5 लाख रूपये की मुआवजा धनराशि देने की घोषणा करनी चाहिए। साथ ही साथ रेलवे सुरक्षा कवच पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर विराम लग सके और जनता का सफर सुरक्षित एवं विषय हीन हो सके।

*नशे की हालत में नदी पार कर रहे वृद्ध की मौत*


लखनऊ- नशे की हालत में नदी पार कर रहे एक वृद्ध की डूब कर मौत हो गई।जिसका शव दूसरे दिन स‌ई नदी में उतराता मिला। बंथरा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बनी के रहने वाले गया प्रसाद रावत उम्र लगभग 72 वर्ष शुक्रवार को दिन में सई नदी के उस पार ताड़ी पीने के लिए गए हुए थे। ताड़ी पीने के बाद गया प्रसाद दोपहर करीब 2:30 बजे अपने घर आए और शाम करीब 4:00 बजे फिर ताड़ी पीने के लिए सई नदी के उस पार ताड़ के पेड़ों के नीचे चले गए।

देर रात जब गया प्रसाद घर वापस नहीं आए तो उनके परिजन उनकी खोजबीन करने लगे लेकिन का कहीं पता नहीं चला। शनिवार की सुबह परिजन फिर ढूंढने के लिए निकले तो सुबह करीब 5:10 बजे देखा सई नदी में उनका शव उतरा रहा था। बताया जाता है कि ताड़ी पीने के लिए अक्सर नदी के उस पार गया प्रसाद आ जाया करते थे।लेकिन शुक्रवार की देर शाम तक जब वह घर वापस नहीं आए तो उनकी खोजबीन करने लगे परंतु कहीं पता नहीं चला सका। शनिवार की सुबह मृतक का शव सई नदी के पानी में उतराता मिला।

परिजनों आशंका जाहिर कर रहे हैं कि ताड़ी पीने के बाद अधिक नशा हो जाने के कारण गया प्रसाद गहरे पानी में चले गए और अपने आप को संभाल नहीं पाए जिसकी वजह से उनकी पानी में डूबने से मौत हो गई।

*आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों की सेवाएं होगी और बेहतर, प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन*


लखनऊ- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) से सम्बद्ध निजी अस्पतालों की सेवाओं को और गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर शनिवार को कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्टेट एजेंसी फॉर कम्प्रेहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस एंड इंटिग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) के तत्वावधान में तकनीकि पार्टनर एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल, कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट और पाथकाइंड डायग्नोस्टिक के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में लखनऊ, बाराबंकी और उन्नाव के 60 से अधिक निजी अस्पतालों के आलावा कुछ आकांक्षी जिलों के अस्पताल ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से जुड़े।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अस्पतालों की लेब्रोटरी में जांच सुविधाओं को और गुणवत्तापूर्ण बनाने के गुर बताये गए और क्षय रोग (टीबी) की जाँच को सुचारू बनाने और जाँच की वर्तमान स्थिति को जानने पर चर्चा हुई। इससे पहले पीएमजेएवाई और स्वास्थ्य लाभ पैकेज के मूल्य प्रस्तावों पर भी एक सत्र आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लखनऊ के टेंडर पाम अस्पताल, प्रेसिजन अस्पताल, केके अस्पताल आदि ने प्रमुख रूप से भाग लिया और योजना के बारे में जरूरी जानकारी हासिल की। तकनीकी सत्रों का आयोजन पाथकाइंड डायग्नोस्टिक्स के तत्वावधान में किया गया। निरंतर शिक्षा कार्यक्रम के तहत यह पहला सत्र था और निजी पैनलबद्ध अस्पतालों के ज्ञानवर्धन और सेवाओ को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए समय-समय पर और भी सत्र आयोजित किये जायेंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. रविकांत- जनरल मैनेजर- ऑपरेशंस साचीज, कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल के डॉ. शरद और डॉ. गौरव, एक्सेस हेल्थ इन्टरनेशनल की स्टेट डायरेक्टर मनीषा त्रिपाठी, डॉ. आरती और डॉ. नीलांक्षी पैथकाइंड डायग्नोस्टिक्स से उपस्थित रहीं।

*उच्च शिक्षा मंत्री ने किया माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण, 50 साल पुराने विद्यालय का होगा कायाकल्प!*


लखनऊ- उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शनिवार को चित्रगुप्त माध्यमिक विद्यालय, आगरा का निरीक्षण किया और विद्यालय प्रबंधन के साथ विद्यालय के जीर्णोद्धार के संबंध में विस्तार से विचार-विमर्श किया।

निरीक्षण के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने सर्वप्रथम माँ सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। उसके बाद सम्पूर्ण विद्यालय परिसर का भ्रमण कर विद्यालय में उपलब्ध रहने वाली समस्त मूलभूत सुविधाओं/व्यवस्थाओं का जायजा लिया और भरोसा दिलाया कि छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य निर्माण के लिए विद्यालय के जीर्णोद्धार हेतु हर संभव सहायता की जाएगी तथा इसके लिए जो भी अनुदान की आवश्यकता होगी वह शासन स्तर से स्वीकृत करा कर इस 50 साल पुराने विद्यालय को नया स्वरूप दिलाने का समुचित प्रयास किया जाएगा।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के विद्यालय पहुंचने पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा माला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही निरीक्षण के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ विद्यालय के पुनरुद्धार व पठन-पाठन के कार्यों को समृद्ध करने हेतु क्या-क्या सार्थक प्रयास किए जा सकते हैं आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

इस दौरान प्रबंध समिति के अध्यक्ष योगेश कुलश्रेष्ठ के साथ-साथ समिति के उपाध्यक्ष, प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, प्रधानाचार्य तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

*प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने राजकीय चिकित्सालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए जारी किए निर्देश, 10 दिन का मिला समय*

लखनऊ- प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने राजकीय चिकित्सालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए निर्देश जारी किये है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक निदेशक/ प्रमुख/मुख्य/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/अधीक्षक/अधीक्षिका प्रत्येक माह न केवल अस्पताल के क्रिटिकल परफारमेंस के पैरामीटर (जो कि एचएमआईएस पोर्टल में परिलक्षित भी हो रहे हैं यथा ओपीडीआईपीडी, संस्थागत प्रसव, मेजर ऑपरेशन एवं लैब टेस्ट इत्यादि) का विश्लेषण करें बल्कि चिकित्सकवार भी इसका विश्लेषण करें कि प्रत्येक ऐसे चिकित्सक, जिनके द्वारा ओपीडी/सर्जरी की जा रही हैं, उनके द्वारा कितने मरीज देखे जा रहे हैं।

श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि ‘‘केयर ऐप’’ में नियमित रूप से प्रत्येक सोमवार को उपकरणों की क्रियाशीलता का डाटा उपलब्ध कराया जाये। इसके बाद जहां कहीं भी कोई उपकरण लंबे समय तक क्रियाशील नहीं रहता है तो सीधे अपर निदेशक, विद्युत से संपर्क किया जाये। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 108 अस्पतालों का अनुश्रवण एकीकृत कोविड कमाण्ड सेन्टर (आईसीसीसी) के माध्यम से किया जायेगा। इन अस्पतालों में महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं और प्रत्येक कैमरे से क्या देखा जाना है, उसकी एसओपी का निर्धारण भी हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक/अधीक्षिका न केवल यह सुनिश्चित करेंगे कि वे सीसीटीवी हर समय क्रियाशील रहें बल्कि अपने स्तर पर भी यह सुनिश्चित करेंगे कि बिन्दुवार एसओपी का अनुपालन हो।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि मानक के अनुसार जो दवाईयां जनपद के ड्रग वेयर हाउस में उपलब्ध हैं, उनको, यदि कोई उपर्युक्त कारण न हो, तो अस्पताल में प्राप्त करना और मरीजों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि दवाईयों की उपलब्धता एक साईन बोर्ड के माध्यम से दवाईयों के काउन्टर के पास ऐसे प्रदर्शित की जाये कि आम जनता उसको आसानी से देख सके। साईन बोर्ड को नियमित रूप से अपडेट रखा जाये।

सभी चिकित्सकों को निर्देशित किया जाये और अनुपालन सुनिश्चित किया जाये कि वे दवाईयों को जेनेरिक नाम से ही अपने प्रिस्क्रिप्शन में लिखें। अस्पतालों में साफ-सफाई को सुनिश्चित किया जाये और उसका नियमित रूप से पर्यवेक्षण किया जाये।

श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि आपातकालीन क्षेत्र में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पर्याप्त ड्यूटी लगायी जाये और वहां मरीजों के लिए एंबूलेंस, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर और आवश्यक दवाईयों/उपकरणों इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। आईपीडी वार्ड में जो भोजन उपलब्ध कराया जाता है, उसकी गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से की जाये और मरीजों एवं उनके तीमारदारों से टेस्टीमोनियल रिकार्ड किया जाये और संबंधित लोगों से भी साझा किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि रोगी कल्याण समिति में जो भी धनराशि उपलब्ध है उसका मरीजों की भलाई के लिए उपयोग किया जाये और उससे मरीजों के हित में अस्पताल की छोटी-मोटी कमियों को दूर कराया जाये। रोगी कल्याण समिति में सीएसआर अथवा स्थानीय संपन्न व्यक्तियों से डोनेशन के माध्यम से सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया जाये।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि किसी भी बैठक में या चिकित्सकों के संबंध में जब भी सूचना उपलब्ध करायी जाये तो उपलब्ध चिकित्सकों में नियमित चिकित्सक, संविदा पर तैनात चिकित्सक और पुर्ननियुक्ति पर तैनात चिकित्सकों को जोड़कर दिखाया जाये और पदों के विवरण इस तरह दिये जायें कि जहां चिकित्सकों की कमी है, तो वहाँ किस विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता है एवं जहाँ आवश्यकता से अधिक चिकित्सक तैनात हैं तो वहाँ तैनात अतिरिक्त चिकित्सक की संख्या एवं विशेषज्ञता क्या है, तत्काल अपडेट सूचना उपलब्ध करायी जाये ताकि उन्हें जनहित में अन्यत्र तैनात किया जाये। अस्पताल में रख-रखाव की छोटी-मोटी मरम्मत, रंगाई-पुताई को प्राथमिकता से कराया जाये और इस हेतु आवश्यकतानुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन अवर अभियंता से संपर्क किया जाये। सभी चिकित्सकों को ई-संजीवनी 2.0 के हब के रूप में पंजीकृत किया जाये।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने समस्त निदेशक, प्रमुख अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी /अधीक्षक, अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं राजकीय चिकित्सालय, उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया है कि निर्देशों का अनुपालन कर 10 दिन के अन्दर बिन्दुवार अनुपालन आख्या महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें को उपलब्ध करायी जायें।

*जनपद मथुरा में पर्यटकों की सुविधा के लिए 17.54 करोड़ रूपये लागत की तीन परियोजनाओं का शिलान्यास कराया जायेगा*


जयवीर सिंह

लखनऊ। पर्यटकों को बुनियादी सुविधायें मुहैया कराने के लिए जनपद मथुरा में 17.54 करोड़ रूपये लागत की पर्यटन विकास की तीन परियोेजनायें शिलान्यास के लिए तैयार कराई गयी हैं। आगामी कुछ महीनों में इन परियोजनाओं का शिलान्यास कराया जायेगा।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था वृन्दावन विकास प्राधिकरण मथुरा द्वारा 781.48 लाख रूपये की लागत से वृन्दावन स्थित लक्ष्मण शहीद स्मारक का पुनर्निर्माण कार्य कराया जायेगा। इसके अलावा इसी कार्यदायी संस्था द्वारा जनपद मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर डीग गेट की तरफ गेट का निर्माण 206.05 लाख रूपये की लागत से कराया जायेगा।

जयवीर सिंह ने बताया कि जनपद मथुरा में वृन्दावन स्थित ग्राम सुनरख खादर में सौभरि नगर वन स्थापना के फेज-2 का निर्माण कार्य वन विभाग मथुरा द्वारा 766.78 लाख रूपये की लागत से कराया जायेगा। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आधारभूत सुविधायें सुलभ हो सकेगी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी सुलभ होगा।

*गाजियाबाद के बाद सहारपुर में स्पा सेंटर पर छापा, तीस लड़कियां और दस लड़के पकड़े गए, दो चौकी इंचार्ज सस्पेंड*


लखनऊ । गाजियाबाद के बाद अब सहारनपुर के स्पा सेंटरों में देह व्यापार का धंधा सामने आया है। सहारनपुर पुलिस ने 24 स्पा सेंटर पर बुधवार शाम रेड की। इसमें 30 लड़कियां और 10 लड़के पकड़े गए। रेड में सामने आया कि स्पा सेंटर में केबिन बने हैं। दिखाने के लिए मसाज की बात कही जाती है। मगर, केबिन में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर सेक्स रैकेट चल रहा था। पुलिस को तलाशी के दौरान आपत्तिजनक वस्तुएं भी बरामद हुईं।आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि वह वॉट्सऐप से भी ग्राहकों को बुलाते थे। लड़कियों की फोटो भेजते थे। लोगों को पसंद आने पर बुलाया जाता था, इसके बाद रेट तय होने पर केबिन में भेज दिया जाता था।एसपी सिटी के नेतृत्व में तीन स्पेशल टीम बनाई गई थी। जिन स्पा सेंटर में रेड की गई, उनसे संबंधित थानों और चौकी प्रभारियों को भी सूचना नहीं दी गई। सेक्स रैकेट में मिलीभगत के आरोपों में दो चौकी इंचार्ज सस्पेंड किए गए हैं।

स्पा सेंटरों की आड़ में सेक्स रैकेट की बात समाने आने पर मारा छापा

स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट की सूचना पुलिस अफसरों को मिली। संबंधित थाना और चौकी इंचार्ज की मिलीभगत की बात भी सामने आई। ऐसे में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने तीन टीम एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक के नेतृत्व में बनाई। एक टीम ने एसपी सिटी के साथ पार्श्वनाथ प्लाजा, दूसरी टीम ने सीओ द्वितीय जितेंद्र शर्मा के साथ जीएनजी मॉल और तीसरी टीम ने बेहट सीओ रुचि गुप्ता के साथ घंटाघर पर चल रहे स्पा सेंटर पर रेड की। मौके पर कई लड़के- लड़कियां आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए।तीन जगहों पर 24 स्पा सेंटर पर हुई रेड में 30 लड़कियां और 10 लड़के पकड़े गए हैं। पुलिस को देखकर स्पा मालिक फरार हो गए। जबकि सेंटर के मैनेजर पकड़े गए हैं। पकड़े गए लड़के और लड़कियों को पुलिस लाइन में बस में बैठाकर लाया गया। पूछताछ के बाद लड़कियों को परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया गया है। लड़के हिरासत में हैं।

पुलिस की मिलीभगत से फल फूल रहा था देह व्यापार का धंधा

स्पा सेंटर में सेक्स रैकेट चलवाने में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के इनपुट पुलिस अफसरों को मिले हैं। यहीं कारण रहा कि किसी भी थाना और चौकी प्रभारियों को इस रेड में शामिल नहीं किया गया। हसनपुर चौकी इंचार्ज सुनील नागर और किशनपुरा चौकी इंचार्ज राहुल देशवाल की स्पा संचालकों से सेटिंग का खुलासा हुआ है। ऐसे में एसएसपी ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं कुछ नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं। पुलिस जांच में जुटी है।एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक का कहना है कि कई दिनों से स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट चलने की सूचना मिल रही थी। ऐसे में तीन टीमें बनाकर एक साथ अलग-अलग जगह रेड की गई। साक्ष्यों के आधार पर स्पा सेंटर के संचालकों, मैनेजर, मालिकों और वहां नौकरी करने वाले लड़के-लड़कियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

*यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की लगी हैट्रिक,ईमानदार और तेज तर्रार छबि को देखते हुए विजय कुमार को बनाया नया कार्यवाहक डीजीपी*

शिशिर पटेल

लखनऊ । देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश को एक बार फिर स्थाई डीजीपी नहीं मिल पाया। यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के रूप में एक के बाद एक की तैनाती की जा रही है। यही वजह है कि यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लग गई है और तीसरी बार विजय कुमार को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। विजय कुमार को बनाये जाने के पीछे बताया जा रहा है कि पुलिस महमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते है। जिसकी वजह से इन्हें चुना गया है। वजह जो भी हो फिलहाल लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाये जाने से यह एक चर्चा का विषय बन गया है। वही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी कार्यवाहक डीजीपी के तैनात किये जाने पर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं शाम को कार्यवाहक नये डीजीपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की।

इतने बड़े प्रदेश में स्थाई डीजीपी एक साल से न होने के कारण बना चर्चा का विषय

पुलिस मुख्यालय सूत्रों की माने तो योगी सरकार ने जातीय समीकरण सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विजय कुमार के नाम पर मुहर लगाई है। साथ ही उनकी वरिष्ठता नियुक्तियों में अहम पैमाना माना जा रहा है। विजय कुमार 1988 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। उनकी गिनती पुलिस महकमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में रही है। अपने अबतक के सेवाकाल में उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण केस हैंडल किए हैं। उनके पास विभिन्न जिलों के पुलिस कप्तान के साथ-साथ केंद्र में काम करने का भी अनुभव है।

वर्तमान में वे सीबीसीआईडी के पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। उनके पास डीजी विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार है।दो अहम विभागों की जिम्मेदारी मिलना ये दशार्ता है कि योगी सरकार आईपीएस विजय कुमार पर कितना भरोसा करती है। यूपी को बीते एक साल से कार्यवाहक डीजीपी सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। चूंकि 11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया गया था।इसी के बाद से लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा रहा है। मुकुल गोयल के बाद कार्यवाहक डीजीपी के रूप में डीएस चौहान की तैनाती की गई। डीएसएस चौहान 31 मार्च 2023 को सेवानिवृत्त हो गये तो भी यूपी को स्थाई डीजीपी नहीं मिल सके।

अखिलेश यादव ने ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर उठाएं सवाल

जिसके चलते डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड के आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। यह भी 30 मई 2023 को रिटायर्ड हो गए। अब एक बार फिर कार्यवाहक डीजपी के रूप में आईपीएस विजय कुमार की नियुक्ति की गई है। अब चर्चा है कि विजय कुमार जनवरी 2024 में रिटायर होंगे। इसके बाद कहीं स्थायी डीजीपी के नाम पर विचार किया जाएगा। विजय कुमार ने डीजीपी मुख्यालय में पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ यूपी में कार्यवाहक डीजीपी का कार्यकाल खत्म होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दो ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाएं है। वहीं विजय कुमार की कार्यवाहक डीजीपी बनने के बाद से यह भी चर्चा है कि श्री राम अरुण जी के बाद यह दूसरे अनुसूचित जाति के विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी होंगे।

विजय कुमार को मिल चुके हैं सात मेंडल

नये कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार का जन्म जालौन की कोंच तहसील के गाव सतोह में 27 जनवरी 1964 को हुआ है। यह बीटेक सिविल इंजीनियरिंग से है। बहुत ही सरल स्वभाव के माने जाते है। इनकी पहली तैनाती 1989 को हुई थी। इनके अच्छे कार्यो के चलते अब तक सात मेंडल पा चुके है। जिसमें एक पराक्रम पदक तथा दो गोल्ड पदक भी शामिल है। एक अगस्त 2022 डीजी विजीलेंस सीबीसीआईडी के बने। विजय कुमार के पिता राम प्रसाद भी यूपी पुलिस में सेवाएं दे चुके है। वह कानपुर में इंस्पेक्टर के पद तैनात थे। इसलिए विजय कुमार की शिक्षा दीक्षा कानपुर में ही हुई है।

पहले जैसी कानून व्यवस्था बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी : विजय कुमार

विजय कुमार ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर बुधवार को कार्यभाल संभाला। इसके बाद प्रेसवार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पहले की तरह बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी। प्रदेश में यातायात एक बहुत बड़ी गंभीर समस्या है। जिसके लेकर वह काफी गंभीर हैं और यातायात से जुड़ी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अराजकता पर जीरो टॉरेंस नीति पर काम किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण और पुलिस महकमे के आधुनीकीकरण पर भी जोर दिया जाएगा। माफियाओं को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।

कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं : विक्रम सिंह

सेवानिवृत्त डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं है। बस केवल इतना अंतर है कि स्थाई डीजीपी दो साल के लिए होता है जबकि कार्यवाहक कुछ महीने के लिए बनाया जाता है। डीजीपी पद पर कौन अधिकारी आसीन होगा। इसकी पुलिस विभाग की तरफ से एक वरिष्ठता सूची बनती है। फिर यह प्रस्ताव यूपीएससी को भेजा जाता है। तब जाकर स्थाई डीजीपी की तैनाती होती है। अगर किसी कारण से प्रस्ताव यूपीएससी को नहीं जा पाता है तो सरकार कार्यवाहक डीजीपी पद पर वरिष्ठता सूची के आधार पर तैनाती करती है। वर्तमान में विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है जो बहुत ही अच्छे स्वभाव के हैं। कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी के कार्य प्रणाली में कोई अंतर नहीं होता है। जो काम स्थाई डीजीपी करता है वह कार्यवाहक भी करता है। चूंकि चार्ज ग्रहण के दौरान उसे सारे अधिकार डीजीपी के मिल जाते है।

*यूपी में पांच आईएएस अधिकारियों का तबादला, कानपुर के कमिश्नर का स्थानांतरण*

लखनऊ । यूपी में पांच आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। कानपुर के कमिश्नर राजशेखर का तबादला किया गया है। इसके अलावा एसीएस वित्त प्रशांत त्रिवेदी को हटाया गया है। वह आयुष घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थे।

इसके अलावा दीपक कुमार को एसीएस वित्त का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। कानपुर के मंडलायुक्त राजशेखर का भी तबादला कर दिया गया है। उन्हें सचिव कृषि बनाया गया है। लोकेश एम कानपुर के नए कमिश्नर नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा, यशोद त्रषिकेश भास्कर सहारनपुर के कमिश्नर बनाए गए हैं।