May 25 2023, 11:23
महंत अपनी संपत्ति को सौंप न दें, इसलिए कर दी महिला की हत्या, चार गिरफ्तार
लखनऊ । महंत समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। पूछताछ में उन्होंने वारदात कुबूल की है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों को शक था कि महंत, महिला को संपत्ति व रकम न सौंप दें, इसलिए वारदात अंजाम दी। नामजद दो आरोपी फरार हैं, उनकी तलाश जारी है।
गोशाला में एक महिला को दफनाया गया है की सूचना 21 को पुलिस को मिली
मूर्छना पाठक बीरबल साहनी मार्ग पर स्थित कैलाशपुरी घाट मंदिर के पास की गोशाला में आती जाती रहती थीं। 16 मई को वह आई थीं। 21 की रात पुलिस को सूचना मिली कि गोशाला में एक महिला को दफनाया गया है। पुलिस ने जांच की और मजिस्ट्रेट की अनुमति लेकर 22 मई को शव बाहर निकलवाया। तब सपना के शव की शिनाख्त हुई और पुलिस ने उनके परिवार वालों को सूचना दी। मंगलवार को जब शव का पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि सपना की हत्या की गई थी।
बाबूराम, शीला, रोहित व उदय ने सपना की हत्या की थी
पुलिस ने देर रात गोशाला में रहने वाले महंत राम सुमन चतुर्वेदी उनकी बेटी शीला मिश्रा, दामाद बाबूराम मिश्रा, नाती रोहित मिश्रा व उदय मिश्रा के अलावा उनके परिचित संजीव त्रिपाठी पर हत्या व साक्ष्य मिटाने का केस दर्ज किया था। पूछताछ में सामने आया कि बाबूराम, शीला, रोहित व उदय ने सपना की हत्या की थी। महंत व संजीव ने शव दफनाया। शुरुआत में वह पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन बाद में वारदात बताई। महंत मूलरूप से सुलतानपुर जिले का रहने वाला है। आरोपी संजीव व रोहित अभी फरार हैं।
12 साल से था आना-जाना, परिवार वाले रखते थे खुन्नस
सपना के भाई कौस्तुब ने एफआईआर दर्ज कराई है। उसके मुताबिक करीब आठ साल पहले सपना कैलाशपुरी घाट मंदिर आई थीं। यहीं पर महंत राम सुमन चतुर्वेदी से उसकी मुलाकात हुई थी। तब से वह यहां पर आती जाती रहती थीं। कई-कई दिन वह रुकती थीं। इस दौरान महंत चढ़ावे आदि की रकम देता था। पास में झोपड़ी डालकर महंत के बहन व बहनोई का परिवार भी रहता है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सपना अब उनके पारिवारिक मामले में दखल देने लगी थी। महंत भी उसी पर पैसा खर्चा करते थे। भविष्य में संपत्ति आदि भी उसको न दें इसकी चिंता थी। इसलिए ये सभी उससे खुन्नस रखते थे। वारदात को अंजाम देने की वजह भी यही रही।
सोते वक्त हाथ-पैर बांधे, फिर डंडे से किए वार
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि वारदात के दिन सपना सो रही थी। तभी आरोपियों ने उसके हाथ-पैर बांध दिए। उसके बाद उसके सिर व शरीर पर डंडे से वार कर दिए। जब महंत सुबह सोकर उठे तो देखा कि सपना मृत पड़ी थीं। इसके बाद महंत व संजीव ने मिलकर लाश ठिकाने लगाई। कौस्तुब ने बताया कि अक्सर उनकी फोन पर सपना से बात हो जाती थी। 19 से 20 मई के बीच सपना का मोबाइल बंद जा रहा था। दूसरे ही दिन पुलिस ने अनहोनी की जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, सपना का शव ठिकाने लगाने के बाद उसका मोबाइल, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज एक झोले में रख दिए थे। मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह फंस न जाएं, इसलिए ऐसा किया था।
कृषि विभाग से रिटायर्ड है महंत, परिवार को बचाने का किया प्रयास
राम सुमन तिवारी कृषि विभाग से रिटायर्ड हैं। वह वहां पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहे हैं। लंबे समय से वह गोशाला में रहकर गायों की देखरेख कर रहे हैं। मंदिर में पूजा पाठ करते हैं। सूत्रों के मुताबिक, महंत सपना को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। अन्य आरोपियों ने जब सपना को मार दिया तो वह अपने परिवार वालों को बचाने के लिए शव को ठिकाने लगाया। ये बाद महंत ने पूछताछ में बताई। महंत अपनी पेंशन की रकम भी सपना को देते थे।
May 25 2023, 16:46