*बेरोजगारों को मोहरा बनाकर खुलवाते थे बैंक खाते*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अवैध बैंक के कर्ताधर्ता फंसाने के लिए स्थानीय स्तर पर बेरोजगार युवाओं को मोहरा बनाते थे। जिले में शाखाएं खोलने के बाद वहां युवाओं को नौकरी देते। उसके बाद उन्हीं के माध्यम से लोगों को बैंक से जोड़ते थे। अब जब मामले का खुलासा हो गया है तो लोगों को अपने जमा धन की चिंता सताने लगी है।कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लालच में लोग बिना जांच पड़ताल के मेहनत की कमाई दांव पर लगा देते हैं। अवैध रूप से चल रहे बीएसएमजे क्वासी बैंक का मामला सामने आने के बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है।
भदोही के अलावा सोनभद्र, मिर्जापुर, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़ और देवरिया में इस बैंक की 38 शाखाएं थीं। सालाना टर्नओवर 17 करोड़ के आसपास था। लगभग डेढ़ साल में ही इतना बड़ा नेटवर्क फैलाने के लिए जालसासों ने स्थानीय बेरोजगारों को मोहरा बनाया था। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी जिस जिले में शाखाएं खोलते थे, वहां स्थानीय बेरोजगार युवाओं की भर्ती करते थे और उन्हें मोटी सैलरी और कमीशन का झांसा देकर उनके माध्यम से लोगों के खाते खुलवाते थे। जब एफडी पूरी होने के बाद लोगों ने अपना पैसा वापस पाना चाहा, तो आरोपी लगातार टालमटोल करने लगे। इसके बाद ठगी का अहसास होने पर पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत शुरू कर दी।पुलिस ने जांच शुरू की तो हकीकत सामने आ गई।
आरोपी इस तरह हाव-भाव बनाते थे कि कोई भी व्यक्ति धोखा खा सकता था।पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि इस अवैध बैंक की सबसे अधिक शाखाएं सोनभद्र में हैं। कुल 38 शाखाओं में 12 सोनभद्र, नौ जौनपुर, पांच वाराणसी, तीन-तीन शाखाएं मिर्जापुर और गाजीपुर, चार शाखाएं भदोही और आजमगढ़ और देवरिया में इनकी एक-एक शाखाएं थी। इनमें लगभग नौ हजार लोगों ने पैसे जमा किए हैं। भदोही में इन्होंने किशनदेवपुर में ही अलग-अलग कोड नंबर से चार शाखाएं खोली थीं। फिलहाल सभी शाखाएं बंद हैं। जौनपुर में नौ में चार शाखाएं, सोनभद्र में 12 में आठ, वाराणसी में पांच में चार, मिर्जापुर में तीन में दो, गाजीपुर में तीन में दो तथा आजमगढ़ में एक शाखा चल रही हैं। पुलिस अब इन ठिकानों पर छापा मारने की तैयारी में है।
May 21 2023, 19:27