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*तहसीलों की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार जरूरी, समयबद्धता और पारदर्शिता पर हो जोर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ*


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनहित में संचालित विभागीय योजनाओं की प्रगति समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वास्थ्य सेवाओं की सहज-सुलभ उपलब्धता के लिए टेलीकन्सल्टेशन और हेल्थ एटीएम की सुविधाओं को बढ़ाया जाए। इससे बीमारी की दशा में रिमोट एरिया के लोगों को अच्छे डॉक्टरों का परामर्श मिल सकेगा। हेल्थ एटीएम के लिए प्रशिक्षित मैनपॉवर तैनात किया जाए। टेलीकन्सल्टेशन सेवा को विस्तार देते हुए इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जाए।

तहसीलों की कार्यप्रणाली में बड़े सुधार की आवश्यकता है। हमें पारदर्शिता, समयबद्धता को लेकर ठोस प्रयास करना होगा। शिकायतों/समस्थाओं का निस्तारण एक समय सीमा के भीतर होना चाहिए। डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दिया जाए। वरासत/उत्तराधिकार से जुड़े प्रकरणों को अनावश्यक लंबित न रखा जाए। आमजन की अपेक्षाओं का ध्यान रखते हुए तहसीलों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए।

प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर बिना बिलंब यथोचित समाधान किया जाए। औद्योगिक विकास विभाग द्वारा इसे शीर्ष प्राथमिकता देते हुए निस्तारित किया जाए।अप्रैल माह में संचालित संचारी रोग अभियान का आम जन के बीच अच्छा संदेश गया है। लोगों में संक्रामक, संचारी रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। हमें ऐसे ही प्रयास लगातार जारी रखने होंगे। गोरखपुर, बस्ती और देवीपाटन मंडल में इंसेफेलाइटिस, बरेली व आस-पास के मंडल में मलेरिया तथा बुंदेलखंड में चिकनगुनिया से बचाव के लिए सक्रियता और बढ़ाई जाए। इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए जैसा प्रयास इन क्षेत्रों में भी किया जाए। साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल के सेवन के लिए लोगों को जागरूक करें। बाल रोग विशेषज्ञों का भी सहयोग लें।

प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित नहीं होना चाहिए। ऐसे स्टैंड अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं। यह वसूली समाजविरोधी कार्यों में उपयोग होती है। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। टैक्सी स्टैंड के लिए ठेकेदार स्थान निर्धारित करें। शहरों में ई-रिक्शा के लिए रूट तय किया जाना जरूरी है।

स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। अब तक 56.17 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी वितरित की जा चुकी है। मात्र 15 राजस्व गांवों में सर्वेक्षण का कार्य शेष है, इसे भी यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र "घरौनी" मिल जाए।सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारु रखी जाए। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। गोवंश को गर्मी अथवा धूप से सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाएं। डेयरी सेक्टर में रोजगार सृजन का बड़ा पोटेंशियल है। इसे दृष्टिगत रखते हुए नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाए। डेयरी सेक्टर से अधिकाधिक युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए।

गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए "मातृभूमि योजना" प्रारंभ की जा रही है। इसकी औपचारिक शुरुआत शीघ्र ही की जाएगी। बड़ी संख्या में लोगों ने इस योजना से जुड़कर अपने गांव में अपने पूर्वजों के नाम पर भवन, सड़क, कम्युनिटी सेंटर, आदि बनवाने की इच्छा जताई है। इस योजना से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। नगरीय क्षेत्र के लिए भी ऐसी योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाए।प्रदेश में वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 446 है। विगत 24 घंटों में 35 हजार से अधिक टेस्ट किए गए। यह सुखद है कि किसी भी संक्रमित मरीज को कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ रहा। स्थिति पूरी तरह सामान्य है। किंतु हमें सतर्कता और सावधानी बनाये रखने की आवश्यकता है।

विगत कुछ दिनों में परिवहन विभाग की बसों में आग लगने की दुःखद घटनाएं घटित हुई हैं। ऐसी घटना आगे न हो, इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा हर जरूरी कदम उठाया जाए। हर जिले में पीपीपी मॉडल पर कम से कम एक आधुनिक मॉडल बस स्टेशन विकसित किया किया जाना है। परिवहन विभाग द्वारा जनहित से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्य को शीघ्र प्राथमिकता देते हुए कार्यवाही तेज की जाए।बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना , महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्या, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह एवं राज्य मंत्री राजस्व अनूप प्रधान की उपस्थिति रही।

*जहरीला पदार्थ खाकर युवक ने दी जान तो मां को पड़ा दिल का दौरान, डेढ़ माह में परिवार के तीन सदस्यों की हो चुकी है मौत*


लखनऊ। राजधानी में एक परिवार की कहानी सुनने के बाद अापका कलेजा कांप उठेगा। अलीगंज के मौसमबाग इलाके में सोमवार सुबह 25 वर्षीय युवक ने घर के भीतर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। उसकी मौत से मां को सदमा लगा और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। परिवारीजन ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। 46 दिन पहले महिला के छोटे बेटे की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इससे दुखी होकर उनके पति ने उसी दिन जान दे दी थी। डेढ़ महीने में तीन सदस्यों की मौत से लगभग पूरा परिवार खत्म हो गया है। पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने शव परिवारीजन को सौंप दिया।

31 मार्च को बेटे को हार्ट अटैक होने पर पिता ने खुद को मार ली गोली

मूल रूप से सीतापुर के कमलापुर निवासी सूरज प्रताप सिंह पत्नी रूबी व दो बेटों श्रीकांत सिंह और कृष्णकांत सिंह के साथ लखनऊ के मौसमबाग में रहते थे। 31 मार्च को कृष्णकांत (18) को हार्ट अटैक पड़ा। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इससे दुखी सूरज प्रताप सिंह ने घर पहुंचते ही लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मार ली थी। इसके बाद बड़ा बेटा श्रीकांत मां के साथ घर में रहता था। अलीगंज इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने बताया कि सोमवार सुबह श्रीकांत कमरे में बेड पर और रूबी जमीन पर बेसुध मिलीं। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने श्रीकांत को मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि श्रीकांत ने जहरीला पदार्थ खाया था। इससे ही उसकी जान गई। फिलहाल डॉक्टर ने विसरा सुरक्षित किया है।

दरवाजा न खुलने पर हुई थी अनहोनी की आशंका

पुलिस के मुताबिक घर में काम करने वाली नौकरानी सुबह पहुंची। काफी देर तक खटखटाने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो वह रूबी के रिश्तेदार को बुलाकर लाई। उन्होंने किसी तरह दरवाजा खोला और फिर दोनों को अस्पताल पहुंचाया। श्रीकांत की मौत होने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। कृष्णकांत को अटैक पड़ना, उसी दिन सूरज प्रताप सिंह का खुदकुशी करना और अब श्रीकांत की मौत व उनकी मां रूबी को अटैक आना परिवारीजन के लिए स्तब्ध करने वाला है। डेढ़ महीने में परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई है।

महिला की हालत ठीक होने पर की जाएगी बातचीत

सीपी अलीगंज आशुतोष कुमार ने बताया कि किसी तरह की कोई आशंका नहीं है। श्रीकांत का मामला खुदकुशी का है। महिला को अटैक पड़ा है। निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। अब उनकी हालत बेहतर है। स्वस्थ होने पर उनके बयान लिए जाएंगे, जिससे घटना और स्पष्ट हो जाएगी। उधर, रूबी के रिश्तेदारों ने बताया कि सूरज प्रताप सिंह की गांव में करोड़ों की जमीन जायदाद है। इससे ही उन्होंने लखनऊ में घर बनाया था। वह बड़े किसान थे। खेती से ही पूरा खर्च चलता था।

*किराये की कोख के लिए राजधानी लखनऊ में आया पहला आवेदन, सीएमओ की कमेटी ने दी हरी झंडी, डीएम की मुहर लगनी बाकी*


लखनऊ। किराये की कोख के लिए राजधानी के एक डॉक्टर ने आवेदन किया है। सीएमओ की कमेटी ने पड़ताल के बाद इसके लिए हरी झंडी भी दे दी है। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर डीएम लगाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू होने के बाद किराये की कोख के लिए आवेदन का प्रदेश में यह पहला मामला है।

शहर के एक नामी गिरानी चिकित्सक ने किया है आवेदन

जानकारी के लिए बता दें कि एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर ने किराये की कोख के लिए आवेदन किया है। इसमें डॉक्टर ने हवाला दिया है कि उनकी पत्नी गर्भधारण नहीं कर सकती है। लिहाजा सरोगेसी के लिए इजाजत दी जाए। नए नियम के तहत डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुमति के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी हो पाएगी। उल्लेखनीय है कि अब सभी आईवीएफ सेंटर पर सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू किया जा चुका है। पहले इन केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग का कोई खास दखल नहीं रहता था। ऐसे में ये मनमानी करते थे। शहर में 25 से अधिक आईवीएफ सेंटर हैं।

आवेदक को इन नियमों का करना होगा पालन

किराये की कोख के लिए रजामंदी देने वाली महिला का आवेदक का रिश्तेदार होना जरूरी है।

रिश्तेदार महिला विवाहित होनी चाहिए।

सरोगेट मां की उम्र 25 साल व उसका एक बेटा भी होना चाहिए।

व्यवस्था इसलिए जरूरी

चोरी-छिपे किराये की कोख लेने के मामलों में बच्चे के कानूनी हक को लेकर समस्याएं खड़ी होती थीं। कानून के तहत किराये की कोख से जन्मे बच्चे को उसे अपनाने वाले माता-पिता से सारे अधिकार मिलते हैं।

आवेदन से पहले लेना होता है प्रमाणपत्र

किराये की कोख के लिए आवेदन से पहले मां नहीं बन पाने वाली महिला को जिला स्तर पर गठित मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र लेना होता है। डॉक्टरों की टीम जांच के बाद यह तय करती है कि महिला मां बनने लायक है या नहीं।

*राज्य सरकार ने बढ़ाया महंगाई राहत भत्ता, जानिए कब से मिलेगा*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में तैनात राज्य कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। क्योंकि प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्मिकों का महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों के महंगाई राहत(डीआर) में चार प्रतिशत की वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि एक जनवरी 2023 से लागू होगी। इस फैसले से प्रदेश के 19 लाख कर्मचारी और पेंशनर लाभान्वित होंगे। इससे सरकारी खजाने पर हर माह 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा।

केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई सूचकांक के आधार पर अपने कर्मियों के महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों की महंगाई राहत (डीआर) में वृद्धि करती है। पहली बार यह वृद्धि एक जनवरी से और दूसरी बार एक जुलाई से लागू होती है। केंद्र की तर्ज पर ही राज्य सरकार भी डीए और डीआर में वृद्धि करती है।

केंद्र सरकार ने 24 मार्च 2023 को डीए और डीआर में चार फीसदी बढ़ोत्तरी की घोषणा कर दी थी। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीए व डीआर वृद्धि की संबंधित फाइल पर दस्तखत कर दिए। अब यूपी में सरकारी कार्मिकों व पेंशनरों का डीए और डीआर मूल वेतन पर 38 फीसदी से बढ़कर 42 फीसदी हो जाएगा। हालांकि, इसे लागू करने के लिए वित्त विभाग शासनादेश अलग से जारी करेगा।

*21 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन*


लखनऊ। अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ श्री प्रेम प्रकाश ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार 21 मई 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन संजय शंकर पाण्डेय, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा-निर्देशन में प्रातः 10 बजे से जनपद न्यायालय, लखनऊ कलेक्ट्रेट एवं जनपद की समस्त तहसीलों में किया जाना सुनिश्चित किया गया है।

इसके अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय एवं मोती महल स्थित मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, लखनऊ में भी लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। वादकारीगण जिनके बाद किसी न्यायालय में विचाराधीन हो, राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने वाद निस्तारित कराकर लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि बैंक वसूली बाद, किरायदारी वाद, मोबाईल फोन व केबल नेटवर्क संबंधी प्रकरण, आयकर, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं से सम्बन्धित प्रकरण, ऐसे प्रकरण जिनमें पक्षकार पारस्परिक सद्भावना हेतु आपसी सुलह समझौते से निपटाना चाहें, दीवानी वाद, उत्तराधिकार वाद, पारिवारिक वाद, दाम्पत्य सम्बन्धी वाद, प्रीलिटिगेशन स्तर पर, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, चेक बाउस के मामले, जनोपयोगी सेवाओं तथा वाणिज्य कर से सम्बन्धित प्रकरण, आरबीट्रेशन सम्बन्धी वाद, श्रम विवाद से सम्बन्धित वाद, विद्युत व जल कर बकाया के बाद (शमनीय प्रकृति के वाद), वैवाहिक वाद (तलाक/विवाह विच्छेद के मामलो को छोड़कर), भूमि अर्जन से सम्बन्धित वाद सेवा सम्बन्धी व पेन्शन सम्बन्धी मामले, जिला न्यायालय में लम्बित राजस्व वाद, अन्य सिविल प्रकृति के मामले (किरायदारी, सुखाधिकार निषेधाज्ञा वाद व संविदा के विनिर्दिष्ट अनुपालन आदि से सम्बन्धित वाद) आदि मामलों का निस्तारण किया जायेगा।

*प्रधानमंत्री 16 मई को रोजगार मेले में सरकारी विभागों में नव-नियुक्तों को 71 हजार नियुक्ति-पत्र प्रदान करेंगे*


लखनऊ। रोजगार मेले का आयोजन देशभर में 45 स्थानों पर किया जायेगा। भरतियां इस पहल को समर्थन देने वाले केंद्रीय सरकारी विभागों और राज्य सरकारों/केंद्र शासित क्षेत्रों में की जा रही हैं। देशभर से चयनित नव-नियुक्तों को ग्रामीण डाक सेवक, डाक निरीक्षक, वाणिज्यिक व टिकट लिपिक, कनिष्ठ लिपिक व टंकक, कनिष्ठ खाता लिपिक, ट्रैक मेनटेनर, सहायक सेक्शन अधिकारी, अवर श्रेणी लिपिक, उपमंडलाधिकारी, कर सहायक, सहायक प्रवर्तन अधिकारी, इंसपेक्टर, नर्सिंग अधिकारी, सहायक सुरक्षा अधिकारी, दमकल अधिकारी, सहायक खाता अधिकारी, सहायक लेखा परीक्षण अधिकारी, मंडलीय खाता निरीक्षक, लेखा परीक्षक, कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सहायक कमानडेंट, प्रधानाध्यापक, प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक, सहायक पंजीयक, सहायक प्रोफेसर, आदि विभिन्न पदों पर रखा जायेगा।

उतर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, आगरा,मुरादाबाद और गोरखपुर में नियुक्ति पत्र बांटे जायेंगे। गौरतलब है कि इन नियुक्ति पत्रों को बांटने के लिये लखनऊ में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति जुबिन इरानी , वाराणसी में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय , मुरादाबाद में केंद्रीय सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा,आगरा में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, डॉ. संजीव कुमार बालियान और गोरखपुर में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अजय कुमार मौजूद रहेंगे।

रोजगार मेला, रोजगार सृजन को उच्च प्राथमिकता देने के प्रति प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक पहल है। रोजगार मेले से यह संभावना है कि वह आगे रोजगार सृजन तथा युवाओं के सशक्तिकरण तथा राष्ट्रीय विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये उन्हें सार्थक रोजगार अवसर प्रदान करने में अहम भूमिका निभायेगा।

नव-नियुक्तों को कर्मयोगी प्रारंभ के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर मिलेगा। यह विभिन्न सरकारी विभागों में नये नियुक्त होने वालों के लिये कामकाज से परिचित होने का ऑनलाइन पाठ्यक्रम है।

*टीबी मरीजों को खोजने के लिए शुरू हुआ 21 दिवसीय विशेष अभियान*


लखनऊ । देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने की दिशा में लगातार हरसम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस के आयोजन के साथ ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर क्षय रोगियों के चिन्हीकरण के लिए 21 दिवसीय विशेष अभियान शुरू हुआ। इसके तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा पहले से चिन्हित टीबी के लक्षण वाले संभावित मरीजों को जांच के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लाया गया।

आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी से जुड़ी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से यह विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। इस श्रेणी में उन क्षेत्रों को शामिल किया गया है जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से दूर हों और जहां बीते दो साल के दौरान सबसे अधिक टीबी या कोविड के मरीज पाए गए हों।

अभियान को सफल बनाने के लिए गत 13 मई को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय और राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सूबे के सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे चुके हैं।

डॉ. भटनागर ने बताया कि इस अभियान में उन क्षय रोगियों को भी खोजा जाएगा, जिन्होंने किसी कारणवश बीच में ही इलाज छोड़ दिया है।

अभियान के तहत टीबी मुक्त पंचायत के संबंध में ग्राम सभा स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में टीबी के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी। इसके अलावा क्षय रोग से स्वस्थ हुए रोगियों को प्रशिक्षण प्रदान कर टीबी चैंपियन के रूप में उनका सहयोग लिया जा रहा है।

ज्ञात हो कि टीबी, फाइलेरिया व कालाजार के रोगियों के शीघ्र जांच व उपचार के लिए हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस दिन ओपीडी में आने वाले टीबी के लक्षण वाले दस फीसदी मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है और बलगम की जांच की जाती है ताकि टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान सुनिश्चित कर इलाज शुरू किया जा सके।

टीबी के प्रमुख लक्षण

• दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहना

• बुखार का बने रहना

• अचानक से वजन घटना

• भूख न लगना

• बलगम के साथ खून आना

*अब सभी चुनावाें के लिए एक मतदाता सूची बनाएंगा निर्वाचन आयोग*


लखनऊ । नगर निकाय चुनाव के दौरान मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटे जाने के आरोपों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने इस समस्या को हमेशा के लिए दूर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत आयोग अन्य कई राज्यों की तरह यूपी में भी लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची से नगर निकाय की मतदाता सूची को जोड़ेगा। इसी मतदाता सूची पर किसी भी चुनाव से पहले काम होगा। इस सूची में हर वोटर की फोटो भी होगी ताकि गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न हो।

इसकी शुरूआत लखनऊ जिले से की जाएगी

यह जानकारी निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने रविवार को दी। आयुक्त ने कहा कि नगर निकाय मतदाता सूची को लोकसभा चुनाव की सूची से जोड़ने का काम बाराबंकी से करने का प्रयास किया गया था, पर उस प्रयोग पर काम ही शुरू नहीं हो पाया। इसमें कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आईं थीं। सवाल उठा कि यदि नई सूची में खामियां निकली तो जिम्मेदारी किसकी होगी। वहीं, भारत निर्वाचन आयोग ने इसकी जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। आयुक्त ने कहा कि अब हम लोकसभा चुनाव वाली सूची को आधार बनाकर अपनी फोटो युक्त निर्वाचक नामावली तैयार करेंगे। इसकी शुरुआत लखनऊ जिले से की जाएगी। इसके बाद हर जिले में सूची बनाएंगे।

किसी एजेंसी को सौंपी जाएगी इसकी जिम्मेदारी

मालूम हो कि अभी भारत निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची के आधार पर लोकसभा का चुनाव होता है। उसी को आधार बनाकर विधानसभा चुनाव की सूची भी बनती है। जबकि नगर निकाय की मतदाता सूची इनसे बिल्कुल अलग है। इसमें मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने के साथ ही यह गैर फोटो युक्त है। आयुक्त ने बताया कि इस काम के लिए एजेंसी को जिम्मेदारी दी जा रही है। इसको लेकर एक बैठक भी हो चुकी है। सूची का सारा काम एजेंसी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि निकाय चुनाव को देखते हुए छह माह पहले वर्तमान मतदाता सूची राजनीतिक दलों को दे दी गई थी। यदि लोग या दल तभी शिकायत करते तो खामियों को समय से दूर कर दिया जाता।

लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने की विभागीय समीक्षा बैठक


परियोजनाओं की गुणवत्ता एवं सुरक्षा से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा

गुणवत्ता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं में उपयोग में लाई जा रही स्टील एवं अन्य सामग्रियों की अधिकृत लैब से नियमित जांच कराए जाने के दिए निर्देश

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री जितिन प्रसाद की अध्यक्षता में आज यहाँ लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित तथागत सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जितिन प्रसाद ने समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि परियोजनाओं की गुणवत्ता एवं सुरक्षा से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। गुणवत्ता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं में उपयोग में लाई जा रही स्टील एवं अन्य सामग्रियों की अधिकृत लैब से नियमित जांच कराई जाए। किसी प्रकार की कमी या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

बैठक में लोक निर्माण मंत्री ने लोक निर्माण विभाग/ उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम तथा उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा अपने प्रोजेक्ट में किन कम्पनियों के स्टील का उपयोग तथा इन स्टील कंपनियों के चयन की पॉलिसी के बारे में जानकारी ली। लोक निर्माण मंत्री ने पीडब्ल्यूडी/ निर्माण निगम तथा सेतु निगम में उपयोग में लाई जा रही स्टील की कंपनी के चयन के लिए जल्द से जल्द यूनिफॉर्म पॉलिसी बनाए जाने का निर्देश भी दिया।

लोक निर्माण मंत्री ने विटुमिन के उपयोग के संबंध में निर्देश दिया कि सीआरएमबी (क्रमब्ड रबर मोडिफाइड विटुमिन) का सड़क के ऊपरी सतह में प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ मार्गों की गुणवत्ता तथा राइडिंग क्वालिटी उत्कृष्ट स्तर की हो सके। श्री प्रसाद ने इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट के समयबद्ध उपयोग के संबंध में भी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया तथा इसकी नियमित मॉनिटरिंग किए जाने का भी निर्देश दिया।

बैठक में राज्य मंत्री लोक निर्माण विभाग बृजेश सिंह, विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग प्रभुनाथ, प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग संदीप कुमार, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन अरविंद कुमार जैन, प्रमुख अभियंता ग्रामीण सड़क वीके श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता (मुख्यालय-1) संजय कुमार श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता सेतु अशोक अग्रवाल, एमडी यूपीआरएनएन योगेश पवार, मुख्य अभियंता (रा०मा०) अशोक कन्नौजिया, मुख्य अभियंता (भवन सेल) जितेन्द्र कुमार बाँगा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

*मतदान के बाद अब मतगणना में भाजपा कर सकती है साजिश,निकाय चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशियों को किया गया प्रताड़ित*


लखनऊ। नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के चुनावों में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव की नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश के मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को भारी मतदान किया।

अपनी करारी हार से बौखलाई भाजपा अब सत्ता बल से चुनाव परिणामों को प्रभावित कर जनादेश को बदलने की कुत्सित साजिश कर रही है।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने शुक्रवार को समाजवादी विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ मनोज पाण्डेय के साथ पत्रकार वार्ता में उक्त आरोप लगाया। नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि प्रदेश में हुए नगर निकाय के चुनाव देश का सबसे बड़ा निकाय चुनाव है।

इन चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापक माहौल रहा। भाजपा के तमाम मंत्री, नेताओं ने भ्रामक प्रचार किया। मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने सेटिंग करके यह दिखाने की कोशिश की है कि ऐसा लगे कि शहरी निकायों में लोग समाजवादी पार्टी को पसंद नहीं कर रहे हैं। भाजपा ने जनता से छल किया।

पहले चरण में भाजपा के पिछड़ने के बाद दूसरे चरण में मुख्यमंत्री द्वारा मतदान प्रभावित करने के लिए ही मतदान प्रतिशत कम कराने की रणनीति पर काम किया गया। मनोज पाण्डेय ने कहा कि निकाय चुनाव नियमावली में चक्रवार गणना में हर राउण्ड में प्रत्याशियों को मिले वैध, अवैध तथा कुल मतों का ब्यौरा ब्लैक बोर्ड में लिखने के साथ तत्काल घोषित करने और ऑनलाइन फीडिंग के साथ ध्वनि विस्तारक से 2-2 घंटे के अंतराल पर गणना का परिणाम बताने का भी प्रावधान है लेकिन 15 अप्रैल 2023 को नया संशोधन जारी कर कहा गया है कि अब प्रत्याशियों को मिले मतों की टेबलिंग करके परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इसी तरह पार्षद, सदस्य और चेयरपर्सन की गिनती जो अलग-अलग होती थी अब संशोधित नियम से एक साथ होगी।

श्री पाण्डेय ने कहा कि निकाय चुनावों की नियमावली के ऊपर संशोधित नियम नहीं हो सकते हैं। नए नियमों से आशंका होती है कि भाजपा सरकार जनादेश से खिलवाड़ करना चाहती है। नए संशोधित नियम अव्यवहारिक भी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने निकाय चुनावों में मतदान धीमा कराने, मतदाताओं को डराने-धमकाने तथा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अभद्र व्यवहार के साथ उन्हें वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलने दिया। मतदाताओं पर लाठियां बरसाई गई एक महिला प्रत्याशी को इतना परेशान किया गया कि वह फफक कर रो पड़ी।

भाजपा द्वारा प्रशासन का दुरूपयोग करके लोकतांत्रिक व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश की है।