सरायकेला : पर्यटकों के लिए शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपये का आर ओ आज पड़ा है बेकार,शुद्ध जल के लिए यहां तरस जाते हैं पर्यटक
सरायकेला : इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में पर्यटकों के सुविधा को देखते हुए वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा लाखो रुपया खर्चा करके कई जगह पर पर्यटकों को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए RO लगाए गए हैं जो आज बेकार पड़ा हुआ है ।
जानकारी के अनुसार ओल्ड रेस्ट एलिफेंट पोस्ट में एक आर ओ, संग्रहणालय दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में एक RO, , वाइल्डलाइफ एजुकेशन एंड रीसर्च यूनिट (ईको हट )रेस्ट हाउस माकुलाकोचा में एक आरओ, पिंडराबेड़ा वन , विश्रामगार रेस्ट हाउस और न्यू रेस्ट हाउस के दो जगह पर एक एक RO लगाया गया है ताकि पर्यटक को यहां शुद्ध प्यूरीफाई जल उपलब्ध हो सके लेकिन ये आर ओ डेड अवस्था में पड़े हुए हैं।
दुर्भाग्य तो यह है कि सभी आर ओ कुछ महीना पहले लगाया गया है परन्तु सभी जगह पर लगे। फ्रिजर मशीन खराब पड़े हुए है। दो बार विभाग द्वारा रिपेयरिंग भी कराया गया लेकिन ओहिर भी यूज नही हो पास रहा है।
लाखों रुपया RO आज हाथी की दांत बना हुए हे।
प्रतिदिन 1000 लीटर पानी टंकी में भरने पर शुद्ध पानी 10 से 13 लीटर मिल पाता है बाकी पानी बर्बाद होता है ,जिसे पर्यटक को भीषण गर्मी में प्यास बुझाने के लिए यहां पानी के दो बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं परंतु यहां पानी बर्बाद हो रहा है।
सूत्र के अनुसार माने तो प्रत्येक आर ओ मशीन में प्रतिदिन दिनभर में ,3000 हजार लीटर पानी भरना पड़ता है । बदले में 39 लीटर शुद्ध पानी मिलता है । बाकी बेस्ट्रेज पानी बहकर बाहर चला जाता है।
दलमा वाइल्डलाइफ के डीएफओ व डिसीएफ की प्रयास से छ आर ओ मशीन पश्चिम बंगाल कलकात्ता के एक निजी कंपनी द्वारा महज कुछ महीना पूर्व लगाया गया था ।
दलमा वाइल्डलाइफ में पहली बार यह आरो लगाया गया जिसका लागत दो से तीन लाख लगभग बताए जा रहै हैं। आज दो महीना के अंदर सभी मशीन खराब हो गया एक मशीन छोड़कर सभी RO मशीन डेथ पड़े हुए हैं।
प्रतिदिन दलमा भ्रमण करने दूसरे राज्य से जंगल प्रेमी साथ ही जीव जंतु में रुचि रखने वाले पश्चिम बंगाल , उड़ीसा,बिहार आदि राज्य के साथ झारखंड राज्य के पर्यटक पहुंचते हैं। भीषण गर्मी में प्यास बुझाने के लिए उन्हें तरसते हुए देखा जाता है।
वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अंदर में बाहर से सामान ले जाने में प्रतिबंध लगाया गया ।जिसके कारण पर्यटक पानी के लिए तरस जाते हैं। प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक दलमा घूमने जाते है । जिसके उपरांत पर्यटकों से बड़ी वाहन एवं बाईक से मनुष्य प्रति कि मी के दर पर वन विभाग को प्रतिदिन 10 से 20 हजार रुपया रेविन्यू उठता है।ओर बदले में पानी भी विभाग उपलब्ध नही करा पा रहा है।
पिंडराबेड़ा रेस्ट हाउस में जबसे आर ओ लगा है आजतक RO का पानी पीने का पर्यटक को सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितना कारगर साबित हुआ RO मशीन। विभाग की उदासीनता के कारण पर्यटकों के लिए लाखो की मशीन हाथी की दांत खाने ओर दिखाने का उदाहरण साबित हुआ।
Apr 25 2023, 16:24