जहरीली शराब से मौत पर मुआवजे के एलान पर पूर्व सांसद अरूण कुमार ने सीएम नीतीश पर कसा तंज, कही यह बात
औरंगाबाद : लोजपा(रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरूण कुमार ने मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुआवजा का मरहम लगाये जाने के मामले में नीतीश सरकार को आड़े हाथो लिया है।
डॉ. कुमार ने सोमवार को यहां लोकसेवक रामविलास पासवान स्मृति मंच की समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद कहा कि नीतीश कुमार ने खुद ही साबित कर दिया है कि राज्य में शराबबंदी फेल हैं। कहा कि मुख्यमंत्री को अपने अनुकूल नही लगनेवाली बातों को भूलने की बीमारी है। नीतीश कुमार ने मोतिहारी में जहरीली शराब से मौत के बाद आज यह घोषणा की है कि जहरीली शराब से मरनेवालो को 4-4 लाख का मुआवजा मिलेगा। इसका लाभ पूर्व में भी जहरीली शराब से मरनेवालों के परिजनों को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि मुआवजा देने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री यह भूल गये कि छपरा, नालंदा में जहरीली शराब से मौतों पर और इस बारे में 2022 में विधानसभा में क्या कहा था। उस वक्त नीतीश कुमार ने साफ तौर से कहा था कि जो पीएगा वह मरेगा, सरकार कोई मुआवजा नही देगी। अब आज मुआवजा देने की घोषणा करते हुए सरकार यह बात भूल गयी। यही वजह है कि उनका यह स्पष्ट मानना है कि नीतीश कुमार को प्रतिकूल चीजों को जान बुझकर भूलने वाली बीमारी है।
पूर्व सांसद ने कहा कि याद कीजिएं एक समय भतीजे तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार को पलटू चाचा कहकर कोसते रहते थे। अपनी सुविधा के लिए नीतीश कुमार इसे भूल गये और फिर तेजस्वी के साथ हो गये। लेकिन चाचा के भतीजे के साथ आने के बाद जो कुछ उनके साथ हो रहा है, उससे नीतीश कुमार विक्षिप्त अवस्था में रहते है। तनाव में रहते है। दोनो मिले है, शरीर मिला है लेकिन दिल नही मिला है, मिलेगा भी नही। इसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री पहले कहते है कि जो पीएगा वह मरेगा और सरकार मुआवजा नही देगी। वे मुआवजा नही देते है लेकिन आज मुआवजा का ऐलान करते हुए उन्हे याद नही रहता कि गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत पर उन्होने मुआवजा दिया था।
कहा कि वें मुआवजा का विरोध नही कर रहे है लेकिन मुआवजे की शर्तों पर घोर आपत्ति है। सरकार ने मुआवजा के लिए यह शर्त रखी है कि वें लिखकर देंगे कि शराबबंदी के पक्ष में है। यह भी लिखेंगे कि उनके परिजन ने शराब पीकर गलती की है। कहा कि शराब बुरी चीज है और शराबबंदी के पक्षधर तो हम सभी है पर लिख देने भर से काम चल जाएंगा। दूसरी बात मुआवजे के लिए यह लिख कर देना कि परिजन ने शराब पीने की गलती की है, यह किसी को मरने पर भी मिट्टी पलीद करने वाली बात है। सच्चाई यह हैं कि राज्य में कागज पर छोड़कर कही भी शराबबंदी लागू है क्या? यह कही भी लागू नही है।
पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश मे शराबबंदी फ़ेल है और होम डिलेवरी चालू है। बड़े बड़े नेता शराब के धंधे में लगे है। वें युवाओं को कुरियर बनाकर उनका भविष्य बिगाड़ने में लगे है। उनकी आपत्ति शराबबंदी पर नही बल्कि सरकार की नीति और नीयत पर है। इसके पूर्व उन्होने मंच की समीक्षा बैठक में कहा कि यह मंच गैर राजनीतिक मंच है। वें इस मंच के राष्ट्रीय सह संरक्षक है। यह मंच चिराग पासवान के विजन बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट को धरातल पर उतारने वाला है। इस मंच को कार्यकर्ता चट्टान की तरह मजबूत करे।
बैठक की अध्यक्षता मंच के जिलाध्यक्ष सुधीर शर्मा ने की। बैठक में मंच के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र मांझी, एलजेपीआर के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार सिंह, पार्टी नेता सौरभ सिंह, पूर्व जिला पार्षद अजय पासवान, नीतू सिंह, खुशबू कुमारी एवं नेयाज अली आदि ने विचार रखे।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Apr 18 2023, 19:05
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
24.1k