सरकार ने इस नियमावली में किया संशोधन, पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता हुआ साफ
डेस्क : पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके परिजनों के साथ-साथ समर्थकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 48(1) (क) में संशोधन करते हुए उस प्रावधान को हटा दिया है, जिस कारण रिहाई में बाधा आ रही थी।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने गत 10 अप्रैल को नियम में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। संशोधन करते हुए वाक्यांश से ‘या काम पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या’ को विलोपित किया गया है। इसके बाद ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं मानी जाएगी। जिसके बाद अब आनंद मोहन के परिहार (रिहाई) की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
दरअसल, इस नियमावली में 2002 में दो बड़े बदलाव हुए थे। इसके तहत पांच तरह के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल था। इनमें एक से अधिक मर्डर, डकैती, दुष्कर्म, आतंकी साजिश रचने व सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी को नहीं छोड़ने का प्रावधान था।
गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या में सजा काट रहे हैं। उनकी सजा की अवधि 14 वर्ष से ज्यादा हो गई है।










Apr 16 2023, 13:41
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