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चीन में उइगर मुस्लिमों के रोजा रखने पर भी रोक, जासूस रख रहे नजर

#chinabansfastingduringramzanforuyghur

इस्लाम का पाक महीना रमजान चल रहा है। दुनियाभर में मुसलमान इस दौरान रोजे रख रहे हैं। हालांकि, इस दौरान भी चीन में उइगर मुसलमानों पर कम्युनिस्ट सरकार का जुल्म जारी है। रमजान के महीने में उनके रोजे रखने पर रोक लगा दी गई है। उइगर मुसलमान रोजा नहीं रखे, इसलिए चीनी पुलिस अपने जासूसों का इस्तेमाल कर रही है।रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट में पूर्वी झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र में तुर्पन, या चीनी में तुलुफान के एक पुलिस कर्मचारी का हवाला देते हुए बताया कि चीन ने ऐसे जासूसों का नाम 'कान' रखा है। जासूसों में आम इंसान, पुलिस अधिकारी और उस इलाके के समिति के सदस्य शामिल हैं। रेडियो फ्री एशिया से बातचीत में एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमारे पास कई सीक्रेट एजेंट्स हैं।

चीन ने 2017 से रोजा रखने पर लगाया प्रतिबंध

रिपोर्ट के मुताबिक, उइगर मुसलमानों की संस्कृति, उनकी भाषा, धर्म को कम करने के उद्श्य से चीन ने 2017 में रमजान के दौरान शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों रोजा रखने पर बैन लगाना शुरू कर दिया था। इस दौरान उइगरों को ‘फिर से शिक्षित‘ करने के लिए अधिकारियों ने उन्हें कैंप में बंद करना शुरू कर दिया था। इस दौरान चीनी अधिकारियों ने जरूर 2021 और 2022 में प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी थी। तब 65 साल से अधिक उम्र के मुस्लिमों को रोजा रखने की परमिशन दी गई थी। पुलिस ने घरों की तलाशी और रोड पर गश्ती की संख्या भी कम कर दी थी। रेडियो फ्री एशिया ने एक पुलिस स्टेशन के राजनीतिक अधिकारी के हवाले से बताया कि इस वर्ष चीन की सरकार ने आयु, लिंग और पेशे को तवज्जो दिए बिना रोजा रखने पर ‘बैन‘ लगाया है।

रोजा रखकर कानून का उल्लंघन करने वालों को मिल रही सजा

शिनजियांग प्रांत के तुरपुन सिटी पुलिस स्टेशन के अधिकारी के अनुसार, इस बार पूर्ण प्रतिबंध के बाद चीन के अधिकारियों ने रमजान के पहले सप्ताह में 56 उइगर निवासियों और पूर्व बंदियों को उनकी गतिविधियों के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया। इस दौरान पाया कि उनमें से 54 ने रोजा रखकर कानून का उल्लंघन किया।कानून का उल्लंघन करने वाले मुस्लिमों को क्या सजा दी गई या उनका क्या हुआ, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। 

हर गाँव जासूसों की तैनाती

इतना ही नहीं, पुलिस अधिकारियों ने भी इस संबंध में जानकारी दी। अधिकारी के अनुसार, हर गाँव तीन जासूसों को रखा गया है, जो रोजा रखने वालों या हाल ही में जेल से निकलकर आए लोगों पर नजर रखते हैं। ये जासूस आम नागरिक, पुलिसकर्मी और ग्राम समिति के सदस्य होते हैं।सबसे बड़ी बात की चीनी पुलिस ने भाषा की बाधा के चलते उइगरों को ही हायर किया है, जो पुलिस के लिए जासूसी करके रिपोर्ट देते हैं। 

जिनपिंग के शासन में उइगर पर बढ़े अत्याचार

राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार और बढ़ गए हैं। दरअसल, मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में उइगर विद्रोहियों को लगभग खात्मा कर चुका चीन इस्लामी कट्टरपंथ पर नकेल कसने के लिए मजहब को पूरी तरह नियंत्रित कर रहा है। इस्लाम को दबाने का काम साल 2018 के बाद से शुरू हुआ, जब चीनी कैबिनेट ने एक गुप्त निर्देश पास किया कि मस्जिदों और मदरसों में अरब के बढ़ते प्रभाव को रोका जाए।

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर महुआ मोइत्रा का तंज, कहा- 'हमारे कपड़े नहीं, आपकी सोच गंदी

#mahuamoitraslamskailashvijayvargiya 

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय पर निशाना साधा है। महुआ मोइत्रा ने विजयवर्गीय की उस विवादित टिप्पणी पर उन्हें आड़े हाथों लिया, जिसमें बीजेपी नेता ने 'गंदे कपड़े' पहनने वाली लड़कियों की तुलना शूर्पणखा से की थी। मोइत्रा ने उनके इसी बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता ये समझ लें कि हमारे कपड़े नहीं, उनकी सोच काफी छोटी है।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ट्विटर के जरिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि शुक्रवार सुबह भाजपा नेताओं और भक्तों के लिए संदेश! हम बंगाली महिलाएं हैं। हम अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहनते हैं। हम अपनी मर्जी के हिसाब से ही खाते-पीते हैं। हम उसकी ही पूजा करते हैं, जिसकी आराधना हम करना चाहते हैं। हमारे कपड़े गंदे नहीं हैं। आपकी सोच गंदी है।

क्या कहा था विजयवर्गीय ने?

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में एक वीडियो में कैलाश विजयवर्गीय यह कहते सुने गए थे कि महिलाएं जिन्हें देवी कहा जाता है, वे आजकल ऐसे गंदे कपड़े पहन कर निकलती हैं कि उनमें देवी का रूप दिखाई नहीं देता। वो शूर्पणखा जैसी लगती हैं। उन्होंने इसी के साथ कहा था कि युवक भी नशे की हालत में रहते हैं, जिन्हें थप्पड़ लगाने का मन करता है। 

सोशल मीडिया पर खूब हुई थी आलोचना

कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई थी। विपक्ष दलों से लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें नारी विरोधी और मोरल पुलिसिंग करने वाला कहा था। इसी बयान को लेकर महुआ मोइत्रा ने विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए अपनी सोच सुधारने की सीख दी थी।

दिल्ली में बिजली सब्सिडी पर रार, केजरीवाल सरकार ने कहा- दिल्ली में मुफ्त बिजली आज से ही बंद, LG पर फोड़ा ठीकरा

अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा है कि आज से दिल्ली में बिजली पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। कल से सभी को नॉर्मल रेट पर बिजली बिल का भुगतान करना होगा। केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना ने शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए एलजी वीके सक्सेना पर ठीकरा फोड़ दिया है। दावा किया कि एलजी ने सब्सिडी वाली फाइल अपने पास रोक ली है, जिसकी वजह से ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक एलजी फाइल नहीं लौटाते हैं तब तक केजरीवाल सरकार सब्सिडी नहीं दे पाएगी। वहीं, इसके बाद दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप शुरू हो चुके हैं। 

आतिशी मार्लेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अरविंद केजरीवाल सरकार बिजली की सब्सिडी देती है, जिसके तहत 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त होती है। 200 से 400 यूनिट तक 50 फीसदी बिल माफ होता है। वकीलों को , किसानों को, 84 के दंगों के पीड़ितों को सब्सिडी दी जाती है। आज से वो सारी बिजली की सब्सिडी रुक जाएगी। इसका मतलब है कि कल से जो बिजली के बिल दिल्ली के उपभोक्ताओं को मिलेंगे उसमें उन्हें सब्सिडी नहीं मिलेगी। जिसकी जीरो बिल आता था उसको बढ़े हुए बिल मिलने लग जाएंगे। जिनको 50 फीसदी छूट मिलती थी उनको भी बढ़े हुए बिल मिलने लग जाएंगे।'

मार्लेना ने एलजी वीके सक्सेना पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा, 'यह सब्सिडी इसलिए रुक गई है क्योंकि केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने फैसला किया कि हम आने वाले साल में भी बिजली सब्सिडी जारी रखेंगे। उस फाइल को एलजी साहब अपने पास रखकर बैठ गए। वह फाइल एलजी साहब को भेजने के बाद उनके दफ्तर ने रख लिया है। जब तक वह फाइल वापस नहीं आती है तब तक केजरीवाल सरकार सब्सिडी का पैसा रिलीज नहीं कर सकती है।'

मार्लेना ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के पास पैसा है, पैसा विधानसभा ने पास किया है, फैसला कैबिनेट ने ले लिया है, लेकिन इसके बावजूद सब्सिडी रुक जाएगी। उन्होंने कहा, 'कल मेरे पास दिल्ली की एक कंपनी (टाटा पावर) से लेटर आया जिसमें उन्होंने कहा कि क्योंकि उन्हें आने वाले साल के लिए सब्सिडी की सूचना नहीं मिली है, इसलिए आज से वह नॉर्मल यानी बिना सब्सिडी की बिलिंग शुरू कर देंगे। बीएसईएस की दोनों डिस्कॉम से भी यही सूचना आई है।'

अफ्रीकी देश मोजाम्बिक में दौड़ी मेड इन इंडिया ट्रेन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की सवारी

#sjaishankartookarideinamadeinindiatraininmozambique

विदेश मंत्री एस जयशंकर मोजाम्बिक के दौरे पर हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने मोजाम्बिक दौरे के दौरान ‘मेड इन इंडिया’ ट्रेन यानी भारत में बनी रेल में सफर किया। साथ ही मोजाम्बिक के परिवहन मंत्री के साथ ट्रेन नेटवर्क इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और जलमार्ग कनेक्टिविटी का विस्तार करने में भारत की साझेदारी के बारे में चर्चा की।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 13 अप्रैल से 15 अप्रैल तक तीन दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को मोजाम्बिक की राजधानी मापुटो पहुंचे। उन्होंने मोजाम्बिक की राजधानी मापुटो में उन्होंने ‘मेड इन इंडिया’ ट्रेन में बैठकर यात्रा की। उनके साथ मोजाम्बिक के परिवहन मंत्री मौजूद रहे। इस दौरान एस जयशंकर ने बताया कि दोनों ने ट्रेन नेटवर्क इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और वाटरवेज कनेक्टिविटी के विस्तार करने में मदद करने के लिए भारत की साझेदारी के बारे में बातचीत की है।

ट्वीट कर दी जानकारी

उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मोजाम्बिक के परिवहन एवं संचार मंत्री और मोजाम्बिकन पोर्ट एंड रेल अथॉरिटी के चेयरमैन माटियस मगाला के साथ हरित परिवहन पर शानदार बातचीत। रेल नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहनों व जलमार्ग संपर्क का दायरा बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की। भारत इस संबंध में एक विश्वसनीय भागीदार है।'विदेश मंत्री ने मोजाम्बिक में भारत में निर्मित एक ट्रेन में सफर करने की जानकारी भी दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'मोजाम्बिक के परिवहन मंत्री माटियस मगाला के साथ एक ‘मेड इन इंडिया’ ट्रेन में मैपुटो से मछावा के बीच यात्रा की। इस यात्रा में शामिल होने के लिए राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) के चेयरमैन राहुल मित्तल की सराहना करता हूं।

भारत के किसी विदेश मंत्री की पहली यात्रा

विदेश मंत्री एस जयशंकर मोजाम्बिक की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए मोजाम्बिक की संसद के अध्यक्ष से मुलाकात की है। उन्होंने अपनी यात्रा 13 अप्रैल को शुरू की। विदेश मंत्री एस जयशंकर की मोजाम्बिक की यात्रा भारत के किसी विदेश मंत्री की ओर से देश की पहली यात्रा है।

उत्तराखंड की धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए की जा रही लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई, यह राजनीति से प्रेरित बिल्कुल भी नहीं : सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह अभियान राजनीति से प्रेरित बिल्कुल नहीं है। राज्य सचिवालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने राज्य की वन, राजस्व व सरकारी भूमि पर अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ छेड़े गए अभियान के प्रति संकल्प को दोहराया।

उन्होंने कहा कि राज्य हित में धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने राज्य के लोगों से आह्वान किया कि सरकार की इस मुहिम में उन्हें भागीदार होना चाहिए। कहा कि जन मानस को आगे आकर कहना चाहिए कि सरकार की कार्रवाई उचित दिशा में है।

अवैध मजारों पर कार्रवाई सही, भाजपा सीएम के साथ

प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार की सरकारी भूमि पर धार्मिक स्थलों के अतिक्रमण के खिलाफ मुख्यमंत्री धामी के अभियान का समर्थन किया। पार्टी ने कहा कि अवैध मजारों पर कार्रवाई सही है और भाजपा मुख्यमंत्री के साथ है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विकास भगत ने कहा कि अवैध धार्मिक अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई उत्तराखंड के लिए बेहतर कल का निर्माण करेगी।

पिछले कुछ वर्षों से अचानक वनों, सड़क किनारे व सरकारी भूमि पर मजारें दिखाई दे रही हैं, इन्हें हटाना जरूरी है। कहा कि जांच में यह पाया गया कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गईं इन मजारों के नीचे कोई इंसानी अवशेष नहीं मिले। यह जाहिर करता है कि ऐसी मजारें किसी षड्यंत्र के तहत बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि नेताओं का मजारों की तुलना मंदिरों से करना देवभूमि का अपमान है।

सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा-सत्ता का दुरुपयोग करने वाले लोग असली देश विरोधी

#sonia_gandhi_attack_government 

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया।सोनिया गांधी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि आज सरकार एक अभियान के तहत संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग और नष्ट करने के साथ ही न्यायपालिका के ऊपर भी दबाव बनाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए।

सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर उसे कमजोर कर रही है-सोनिया

सोनिया गांधी ने भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर द टेलीग्राफ में लिखे अपने लेख के जरिए सरकार पर हमला बोला।सोनिया गांधी ने कहा है कि, आज बाबासाहेब की विरासत का सम्मान करते हुए, हमें उनकी दूरदर्शी चेतावनी को याद रखना चाहिए कि संविधान की सफलता उन लोगों के आचरण पर निर्भर करती है जिन्हें शासन करने का कर्तव्य सौंपा गया है। आज सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग और उसे नष्ट कर रही है। स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय की नींव को कमजोर किया जा रहा है।

संवैधानिक संस्थाओं को बचाए रखने का आह्वान

सोनिया गांधी ने यह दावा भी किया कि भारतीय नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा और लिंग के आधार पर बांटने एवं उन्हें एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने वाले ‘असली राष्ट्र विरोधी' हैं। कांग्रेस नेता ने आंबेडकर की जयंति पर संवैधानिक संस्थाओं को बचाए रखने का आह्वान करते हुए कहा,हम बाबासाहेब की विरासत का भरपूर सम्मान करते हैं। साथ ही हमें बाबासाहेब की उस चेतावनी को भी नहीं भूलना चाहिए जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी भी संविधान की कामयाबी उन लोगों के व्यवहार पर टिकी होती है जिन्हें सरकार चलाने जिम्मेदारी मिली है।

चुनिंदा मित्रों को फायदा पहुंचाने वाले व्यवहार से समता की बुनियाद को आघात-सोनिया

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने यह आरोप भी लगाया कि लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के बजाए उन्हें प्रताड़ित करने के लिए सत्ता दुरुपयोग किया जा रहा जिससे स्वतंत्रता को खतरा पैदा हुआ है तथा ‘चुनिंदा मित्रों को फायदा पहुंचाने वाले व्यवहार' से समता की बुनियाद को आघात लगा है। उन्होंने दावा किया कि भारतीय नागरिकों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और नफरत का माहौल पैदा करने से बंधुता का भी क्षरण हुआ है तथा सतत अभियान के जरिये न्यायपालिका पर दबाव बनाकर अन्याय बढ़ाया जा रहा है।

संविधान को बचाने के लिए आगे आने की अपील

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया ने आम लोगों से भी संविधान बचाने की कोशिश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, लोगों को ‘सुनियोजित ढंग से हो रहे हमले’ से देश के संविधान को बचाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्हें अपने कदम आगे बढ़ाने होंगे।

बिहार केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में मद्य निषेध सिपाही के 689 पदों पर भर्ती की लिखित परीक्षा की ति

बिहार केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में मद्य निषेध सिपाही के 689 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा की तिथि का ऐलान कर दिया है। यह भर्ती परीक्षा 14 मई 2023 को 10 बजे से 12 बजे के बीच होगी। रिपोर्टिंग टाइम 8 बजे है। 9 बजे गेट बंद कर दिए जाएंगे। सीएसबीसी ने कहा है कि इस भर्ती परीक्षा के एडमिट कार्ड 27 अप्रैल 2023 को जारी कर दिए जाएंगे। 

आवंटित परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए ई-प्रवेश-पत्र के साथ अपना एक वैध फोटो पहचान-पत्र जैसे-मतदाता पहचान-पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड अथवा आधार कार्ड भी लाना होगा । यदि ई-प्रवेश-पत्र पर फोटो स्पष्ट नहीं है या उपलब्ध नहीं है तो अभ्यर्थी परीक्षा स्थल पर आवेदन-पत्र के समरूप 2 (दो) फोटोग्राफ (दो माह के भीतर का खिंचा हुआ) वीक्षक के पास जमा करेंगे।

उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और शारीरिक माप परीक्षण से किया जाएगा। पहले लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। लिखित परीक्षा के आधार अभ्यर्थियों का चयन शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए होगा।

क्लिक कर देखें नोटिस

लिखित परीक्षा का स्तर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की 10वीं कक्षा अथवा समकक्ष स्तर का होगा । लिखित परीक्षा 100 अंकों की होगी । प्रश्न-पत्र-दो घंटों के एक प्रश्न-पत्र में कुल 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे जिसमें प्रत्येक सही उत्तर के लिए एक (01) अंक दिया जाएगा।

काम की खबर, उत्तराखंड में पटवारी-लेखपाल भर्ती : सभी जिलों के अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग होगी परीक्षा, सत्यापन सहित पढ़ें ये जरूरी अपडेट


 उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल भर्ती के तहत अभिलेख सत्यापन व शारीरिक दक्षता एवं मानक परीक्षा की तिथियां जारी कर दी हैं। आयोग हरिद्वार स्थित परीक्षा भवन में अभिलेख सत्यापन करेगा तो पुलिस लाइन हरिद्वार में शारीरिक दक्षता व मानक परीक्षा होगी। इसके लिए एडमिट कार्ड वेबसाइट पर जारी कर दिए गए हैं।

वहीं, कारागार विभाग में जेल बंदीरक्षकों की शारीरिक दक्षता परीक्षा की तिथियां भी आयोग ने बदल दी हैं। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया 24 अप्रैल और शारीरिक दक्षता परीक्षा 25 अप्रैल से शुरू होगी। उन्होंने बताया कि अभिलेख सत्यापन दो सत्रों(सुबह 9:30 बजे से व दोपहर 1:30 बजे से) में होगा।

सत्यापन के दौरान ऑनलाइन आवेदन पत्र में किए गए दावों का मूल अभिलेखों से सत्यापन किया जाएगा। अभ्यर्थियों को अनिवार्य शैक्षिक अर्हता, अधिमानी अर्हता, आरक्षण, शारीरिक मानक में छूट के लिए प्रमाणपत्र व सभी अभिलेखों की स्वप्रमाणित दो कॉपियां व दो पासपोर्ट साइज फोटो साथ ले जानी होंगी। आयोग परिसर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। कुल 1781 अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी किए गए हैं।

किस जिले के अभ्यर्थी किस तिथि पर करा सकते हैं सत्यापन व शारीरिक दक्षता परीक्षा

जिला अभिलेख सत्यापन तिथि शारीरिक दक्षता एवं मानक परीक्षा तिथि

देहरादून 24 अप्रैल 25 अप्रैल

बागेश्वर 24 अप्रैल 25 अप्रैल

पौड़ी गढ़वाल 25 अप्रैल 26 अप्रैल

नैनीताल व चंपावत 26 अप्रैल 27 अप्रैल

उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग 27 अप्रैल 28 अप्रैल

अल्मोड़ा व चमोली एक मई दो मई

टिहरी व पिथौरागढ़ दो मई तीन मई

ऊधमसिंह नगर तीन मई चार मई

हरिद्वार- चार मई- पांच मई

 

कारागार बंदीरक्षक शारीरिक दक्षता परीक्षा की तिथियां बदली

आयोग ने जेल बंदीरक्षक परीक्षा के तहत शारीरिक मापदंड व शारीरिक दक्षता परीक्षा की तिथियां बदल दी हैं। एसडीआरएफ देहरादून में 23 अप्रैल वाली परीक्षा 15 मई को, 30 अप्रैल वाली 16 मई को, 14 मई वाली 17 मई को होगी। 40वींवाहिनी पीएसी हरिद्वार में 23 अप्रैल को होने वाली परीक्षा 20 मई को, 30 अप्रैल को होने वाली 22 मई को, 14 मई को होने वाली 23 मई को होगी।

आईआरबी द्वितीय देहरादून में 23 अप्रैल को होने वाली दो मई को, 30 अप्रैल को होने वाली तीन मई को होगी। आईआरबी प्रथम बैलपड़ाव रामनगर नैनीताल में 23 अप्रैल को होने वाली परीक्षा अब 29 अप्रैल को होगी। 46वीं वाहिनी पीएसी रुद्रपुर ऊधमसिंह नगर में 23 अप्रैल को होने वाली 13 मई को, 30 अप्रैल को होने वाली 15 मई को होगी। 31वीं वाहिनी पीएसी रुद्रपुर में 23 अप्रैल को होने वाली परीक्षा अब 28 अप्रैल् को होगी। सभी अभ्यर्थी वेबसाइट से अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें।

पीएम मोदी ने उत्तर पूर्व को दी पहले एम्स की सौगात, बिना नाम लिए कांग्रेस पर किया वार, कहा-आज कल नई बीमारी देखने को मिल रही है

#pm_modi_in_assam_visit_attack_on_congress 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में नॉर्थ-ईस्ट के पहले एम्स की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को गुवाहाटी एम्स का उद्घाटन किया और साथ ही असम को तीन और मेडिकल कॉलेज समर्पित किए।इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी विरोधियों पर भी जमकर बरसे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहू के शुभ अवसर पर असम और पूरे पूर्वोत्तर को एम्स और अन्य हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट मिले हैं। पिछले 9 सालों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है।

देश में नई बीमारी आ गई है-पीएम मोदी

जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देश में नई बीमारी आ गई है।मैं देश में कहीं भी जाता हूं और 9 वर्षों में हुए विकास की चर्चा करता हूं तो उससे कुछ लोगों को परेशानी हो जाती है। वह शिकायत करते हैं कि दशकों तक उन्होंने भी देश पर राज किया, उन्हें श्रेय क्यों नहीं मिलता। श्रेय के भूखे लोगों और जनता की राज करने की भावना ने देश का बहुत अहित किया है।

लोग क्रेडिट के भूखे लोगों को नॉर्थ-ईस्ट दूर लगता था- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्रेडिट के भूखे लोगों और जनता पर राज करने की भावना ने देश का बहुत अहित किया है। जनता तो जनार्दन का रूप होती है, ईश्वर का रूप होती है। पहले वाले लोग क्रेडिट के भूखे थे, इसलिए नॉर्थ-ईस्ट उन्हें दूर लगता था। उन लोगों ने एक पराये-पन का भाव पैदा कर दिया था। 

हमने वोट बैंक की बजाए देश की मुश्किलें कम करने पर ध्यान दिया-पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकारों में नीति, नीयत और निष्ठा किसी स्वार्थ से नहीं बल्कि राष्ट्र प्रथम, देशवासी प्रथम इसी भावना से हमारी नीतियां तय होती हैं। इसलिए हमने वोट बैंक की बजाए देश की मुश्किलों को कम करने पर ध्यान दिया। हमने लक्ष्य बनाया कि हमारी बहनों को इलाज के लिए दूर ना जाना पड़े। हमने तय किया कि किसी गरीब को पैसे के अभाव में अपना इलाज न टालना पड़े। हमने प्रयास किया कि हमारे गरीब परिवारों को भी घर के पास ही बेहतर इलाज मिले।

इन परियोजनाओं की आधारशिला रखी

बता दें कि प्रधानमंत्री ने ‘असम एडवांस्ड हेल्थ केयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट’, पलाशबाड़ी और सुआलकुची को जोड़ने वाले ब्रह्मपुत्र नदी पर पुल और शिवसागर के ‘रंग घर’ के सौंदर्यीकरण कार्य की आधारशिला रखी। एम्स का निर्माण केंद्र द्वारा 1,123 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है और इसमें 1000 बिस्तरों वाला अस्पताल और 100 एमबीबीएस सीटें होंगी। पीएम मोदी ने एम्स परिसर से राज्य सरकार द्वारा निर्मित नलबाड़ी (615 करोड़ रुपये), नागांव (560 करोड़ रुपये) और कोकराझार (535 करोड़ रुपये) में तीन मेडिकल कॉलेजों का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। प्रधानमंत्री ने आईआईटी गुवाहाटी परिसर के भीतर एक शोध अस्पताल की आधारशिला भी रखी, जिसे आईआईटी गुवाहाटी और असम सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जाएगा, जो शुरुआत में 600 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। पीएम मोदी ने 1.1 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए, जिन्हें हर साल पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर मिलेगा।

मुश्किल में केजरीवाल, गोवा पुलिस ने दिल्ली के सीएम को भेजा समन, 27 अप्रैल को होगी पेशी

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गोवा पुलिस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। पुलिस ने सीएम केजरीवाल को गुरुवार 27 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा है। गोवा पुलिस की ओर से ये नोटिस 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सरकारी संपत्ति और सार्वजनिक जगहों पर अवैध रूप से चुनावी पोस्टर चिपकाने और लगाने के मामले में जारी किया गया है।

गोवा पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सार्वजनिक संपत्ति को कथित रूप से नुकसान पहुंचाने के मामले में 27 अप्रैल को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। नोटिस में कहा गया है- सीआरपीसी की धारा 41 ए की उप-धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको सूचित करता हूं कि प्राथमिकी 172/2022, यू/एस 188 आईपीसी और जीपीडीपी अधिनियम 1988 की धारा 3 की जांच के दौरान पेरनेम पुलिस थाने में पंजीकृत केस से यह पता चला है कि आपसे पूछताछ करने के लिए उचित आधार हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पेरनेम पुलिस विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सार्वजनिक जगहों की दीवारों पर कथित रूप से चुनावी पोस्टर चिपकाने के लिए गोवा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले की जांच कर रही है। बता दें कि कि आम आदमी पार्टी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज की थी।