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सुप्रीम कोर्ट ने ने अग्निपथ योजना को माना वैध, स्कीम के खिलाफ अपीलों को किया खारिज

#supremecourtgavegreensignaltoagneepath_scheme

भारत सरकार की पायलट प्रोजेक्ट अग्निपथ योजना की वैधता को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। शीर्ष कोर्ट ने अग्निपथ की वैधता को सही ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।कोर्ट ने कहा कि केंद्र की योजना मनमानी नहीं है।कोर्ट ने साफ किया कि सार्वजनिक हित अन्य विचारों से ज्यादा जरूरी है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले 27 फरवरी को कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय हित में तैयार किए गए थे।दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थीं।गोपाल कृष्ण और वकील एमएल शर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, हम हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हाई कोर्ट ने इसके सभी पहलुओं पर विचार किया था। इसके साथ शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी।

वायुसेना में भर्ती से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार

वहीं अग्निपथ योजना के लागू होने से पहले भारतीय वायुसेना में भर्ती से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा। बता दें कि अग्निपथ योजना आने के बाद भारतीय वायु सेना में भर्ती की पुरानी योजना को निरस्त कर दिया गया। इससे भर्ती में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की नियुक्ति खटाई में पड़ गई। अब सर्वोच्च अदालत इस मामले पर सुनवाई करेगी।

क्या है अग्निपथ योजना

अग्निपथ योजना की शुरुआत जून 2022 में हुई। इस योजना के तहत हर साल साढ़े सत्रह साल से 21 साल के बीच के करीब 45-50 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। इनमें से अधिकतर चार साल की सेवा के बाद सर्विस से बाहर हो जाएंगे और सिर्फ 25 प्रतिशत को ही अगले 15 साल के लिए सेवा जारी रखने के लिए चुना जाएगा। सरकार की अग्निपथ योजना का देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध भी हुआ था। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अग्निपथ योजना को देशहित में माना और कहा कि इससे हमारे सुरक्षा बल ज्यादा बेहतर बनेंगे।

राजस्थान कांग्रेस में फिर रार! सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच फिर द्वंद्व शुरू

#sachinpilotvsashokgehlot 

राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर सियासी घमासान छिड़ गया है। इस बार भी सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अपना मोर्चा खोला है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (sachin pilot) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच अदावत रविवार को अब नए रूप में सामने आई है। पायलट मंगलवार को गहलोत सरकार के खिलाफ जयपुर में अनशन पर बैठने वाले हैं। 

पूर्व डिप्टी सीएम ने अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को अनशन करने का ऐलान कर दिया है। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक्शन नहीं होने का तर्क देकर अनशन की घोषणा कर दी। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भाजपा राज में हुए करप्शन के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के मुद्दे पर अनशन की घोषणा करके सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पायलट का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने का हमने वादा किया था लेकिन मौजूदा सरकार ने अपने इस वादे को पूरा नहीं किया है।

कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट के आरोपों को खारिज किया

सचिन पायलट की ओर से अशोक गहलोत सरकार पर किए हमले के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का बयान भी सामने आया है। रंधावा ने पायलट के इस बगवाती कदम को 'उचिन नहीं' करार दिया है। उन्होंने पायलट के आरोपों को खारिज करते हुए यह भी कहा कि उन्होंने उनके सामने कभी भ्रष्टाचार का मुद्दा नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि पायलट को सार्वजनिक तौर पर इस तरह बात रखने से पहले उनके समक्ष इस मुद्दे को उठाना चाहिए था। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दिनों में पायलट के साथ उनकी 20 से अधिक बैठकें हुए हैं। लेकिन उन्होंने एकबार भी इसका जिक्र नहीं किया। बता दें कि रंधावा को पिछले साल दिसंबर में प्रभारी बनकर राजस्थान आए थे।

गहलोत-सचिन का विवाद है पुराना

पायलट और गहलोत के बीच विवाद नया नहीं है। साल 2018 में सरकार बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच सियासी लड़ाई एवं विवाद कई बार देखने को मिला है। राज्य में गहलोत और पायलट के अपने-अपने गुट हैं जो मौका मिलते ही एक-दूसरे को नीचा दिखाने एवं हमला बोलने में देरी नहीं करते। 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर दोनों गुट में खींचतान नजर आई और इसके बाद सीएम पद को लेकर भी दोनों में गतिरोध दिखा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन और गहलोत के बेटे की हार के बाद पायलट और गहलोत में तल्खी और बढ़ गई। दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ ज्यादा हमलावर हुए और जुबानी जंग तेज हुई। जुलाई 2020 में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का मनमुटाव बगावत तक पहुंच गया था। लेकिन गहलोत ने जहां अपनी जादूगरी से सियासी तिकड़ साधते हुए कांग्रेस की सरकार बचा ली थी। वहीं कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को मनाने में सफल रहा। राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच गुटबाजी एवं जुबानी हमले देखने को मिले। राहुल गांधी की यात्रा जब राजस्थान प्रवेश की तो दोनों नेताओं के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया। अब विधानसभा चुनाव से पहले पायलट फिर बगावत पर उतर आए हैं। ऐसे में पार्टी फिर से दोनों के बीच समझाइश कराने में जुट गई है।

कैंसर और हार्ट की बीमारियों का अंत करेगा एक ही टीका, लाखों लोगों की बचेगी जान! जानें कब तक हो जाएगा तैयार

 

पूरी दुनिया में लोग कैंसर जैसे खतरनाक रोग और दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट की माने तो भारत में अकेले साल 2022 तक कैंसर रोगियों की संख्या 14.61 लाख पर पहुंच गए हैं।

वहीं कोरोना के बाद से हार्ट अटैक से मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है। लेकिन इस टेंशन के बीच कैंसर और हार्ट की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है।

 एक अमेरेकी एक्सपर्ट्स ने बताया कि कैंसर, हृदय रोग के लिए टीके दशक के अंत तक तैयार हो जाएंगे। विशेषज्ञों ने कहा है कि कैंसर सहित कई स्थितियों के लिए नए टीकों के एक महत्वपूर्ण सेट से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

 कब तक तैयार हो जाएंगे टीके

द गार्जियन की खबर के अनुसार, एक प्रमुख फार्मास्युटिकल फर्म ने कहा कि उसे विश्वास है कि कैंसर, हृदय और ऑटोइम्यून बीमारियों और अन्य स्थितियों के लिए टीके 2030 तक तैयार हो जाएंगे। इन टीकाकरणों के अध्ययन भी जबरदस्त रिजल्ट दिखा रहे हैं। फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पॉल बर्टन ने कहा कि उनका मानना है कि फर्म सभी प्रकार के रोग क्षेत्रों के लिए कम से कम पांच साल में इस तरह के उपचार की पेशकश करने में सक्षम होगी। रिसर्चर्स ने कहा कि 15 सालों की प्रगति को 12 से 18 साल में हासिल कर लिया गया है। यह सिर्फ कोरोना वैक्सीन की वजह से हुआ है।

कौन बना रहा है टीका

द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, अग्रणी कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने वाली फर्म कैंसर के टीके विकसित कर रही है जो विभिन्न प्रकार के ट्यूमर को टार्गेट करते हैं। बर्टन ने कहा, ‘हमारे पास वह टीका होगा और यह अत्यधिक प्रभावी होगा और यह लाखों लोगों की जान बचाएगा। मुझे लगता है कि हम दुनिया भर के लोगों को कई अलग-अलग ट्यूमर प्रकारों के खिलाफ व्यक्तिगत कैंसर के टीके देने में सक्षम होंगे।

कोलकाता से भागलपुर जा रही AC बस में लगी भीषण आग, 50 यात्री बाल-बाल बचे, सारा सामान जलकर खाक, दो घंटे जाम रहा मुख्य मार्ग

कोलकाता के बाबूघाट से बिहार के भागलपुर जा रही एक निजी एसी यात्री बस में अचानक लगी भीषण आग के कारण बस में सवार करीब 50 यात्रियों की जान बाल बाल बच गई। हालांकि, इस घटना में बस में मौजूद यात्रियों का सारा सामान जलकर खाक हो गया।

यह घटना पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान सदर थाना इलाके के नवाबहाट के पास रविवार मध्य रात हुई। सूचना के बाद तत्काल दमकल कर्मियों इंजन के आने के बाद करीब 2 घंटों के प्रयास के बाद आग को नियंत्रित किया गया। हालांकि इस बीच बस की छत पर मौजूद समस्त सामान जलकर राख हो गए। सूचना के बाद पुलिस भी मौके वारदात पर पहुंचकर परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए जुड़ गई।

इस घटना के बाद मची अफरा-तफरी को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को उतारा गया। हालांकि, इस हादसे के कारण दो नंबर हाईवे करीब 2 घंटे तक अवरोध रहा। बाद में परिस्थिति नियंत्रित होने पर क्षतिग्रस्त बस को हटाया गया तथा यात्रियों को अन्य बस के माध्यम से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों तथा पुलिस ने बताया कि रविवार की रात कोलकाता बाबूघाट बस स्टैंड से रात करीब साढ़े ग्यारह बजे निकली। बिहार दुमका होते हुए भागलपुर जाने वाली एक निजी यात्री बस जब बर्दवान के नवाबहाट के पास रात ढेड़ बजे के करीब पहुंची तभी उक्त बस का पिछला टायर फट गया। बस अनियंत्रित हो गई और अचानक बस में आग लग गई।

बस में सवार थे करीब 50 यात्री

देखते ही देखते आग ने भीषण रूप धारण कर लिया। बस में करीब 50 यात्री सवार थे। किसी तरह बस से वे लोग बाहर निकल कर सड़क पर आ गए। लेकिन जब तक यात्री बाहर निकलते इस बीच आग ने पूरी तरह से बस को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते बस में भीषण आग लग गई बस में मौजूद यात्रियों के सामान जलकर राख हो गए। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दमकल को सूचना दी।

दमकल कर्मियों ने की आग को नियंत्रित करने की कोशिश

दमकल कर्मियों ने आग को नियंत्रित करने की कोशिश की। बस के यात्रियों ने बताया कि बस भागलपुर की ओर जा रही थी कि अचानक बस का पिछला पहिया फट गया और बस नवाबहाट मोड़ के पास रुक गई। इसके बाद बस में आग लग गई। आनन-फानन में यात्री बस से उतर गए, लेकिन यात्रियों का काफी सामान और बस की छत पर रखा सामान जलकर राख हो गया। दमकल विभाग को सूचना दी गई तो दमकल की 2 गाड़ियां आईं और आग पर काबू पाया। घटना के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो की दुर्गापुर जाने वाली लेन कई घंटों तक जाम रही। बर्दवान पुलिस ने घटना की जांच शुरू की है।

एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्री का हंगामा, लंदन जा रहा विमान दिल्ली वापस लौटा

#air_india_delhi_london_flight_return_igi_airport_passenger_hits_crew_member 

इन दिनो हवाई सफर के हंगामेदार होने की खबरें आम हो गई हैं। ताजा मामले में एयर इंडिया की दिल्ली से लंदन जा रही फ्लाइट में एक यात्री ने हंगामा कर दिया। इसके बाद विमान को वापस दिल्ली एयरपोर्ट लौटाया गया, जहां पैसेंजर को फ्लाइट से उतार दिया गया।

एयर इंडिया की फ्लाइट (AI-111) ने सुबह 6.35 बजे दिल्ली से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद यात्री और क्रू मेंबर के बीच विवाद हो गया है। यात्री ने फ्लाइट में मारपीट शुरू कर दी। क्रू मेंबर के साथ भी मारपीट की गई, जिसमें दो लोगों को चोटें आई हैं। जिसके बाद विमान को बीच रास्ते से वापस दिल्ली आने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

विमान के वापस दिल्ली पहुंचने के बाद क्रू मेंबर ने एयरपोर्ट पुलिस ने उपद्रवी यात्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई शख्स को पुलिस के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया की ओर से यात्री के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया गया है।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में विमानों में इस तरह की कई घटना सामने आ चुकी हैं। इसमें ‘पेशाब कांड’ भी एक चर्चित मामला था। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नागरिक उड्डययन मंत्रालय और एयरलाइंस की ओर से कई तरह के कदम उठाए गए हैं।

दूध पर दंगल! कर्नाटक में चुनाव से अमूल को लेकर सियासत गरमाई, जानें क्या है पूरा मामला

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चुनावी राज्य कर्नाटक में दूध को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया है। मशहूर दूध ब्रांड अमूल के एक ट्वीट से कर्नाटक की सियासत गरमा गई है। इसके साथ ही राज्य में दो बड़े दूध ब्रांड आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल इस विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब अमूल ने कर्नाटक में एंट्री का ऐलान किया। जिसके बाद अमूल मिल्क और नंदिनी दूध पर राजनीति गरमा गई है।

चार दिन पहले अमूल ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उसने कहा था कि वह बेंगलुरु में ऑनलाइन डिलिवरी शुरू करेगा।5 अप्रैल को अमूल की ओर से ट्वीट में कहा गया कि वह बेंगलुरु में दही और दूध जैसे प्रोडक्ट्स की सप्लाई करेगा। इस घोषणा के बाद से अमूल को लेकर कर्नाटक में विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

सियासी दलों की एंट्री के बाद गरमाई राजनीति

इस विवाद में सियासी दलों की भी एंट्री हो गई है। इसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गुजरात आधारित कंपनी अमूल के जरिए वह कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के ब्रांड 'नंदिनी' को खत्म करना चाहती है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि जब राज्य के पास अपना दूध ब्रांड है तो उसे गुजरात के मिल्क प्रोडक्ट की क्या जरूरत है? विपक्ष ने इसे आम लोगों तक ले जाने का फैसला किया और राज्यभर में इसका विरोध शुरू हो गया।

हिंदी थोपने और जमीन राजद्रोह के बाद राज्य के किसानों को धोखा देने जा रही- सिद्धारमैया

कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा था, 'सभी कर्नाटक निवासियों को यह शपथ लेनी चाहिए कि वे अमूल के प्रोडक्ट्स नहीं खरीदेंगे। कर्नाटक के लोगों को सर्वसम्मति से KMF का समर्थन करना होगा,जिसे देश के किसानों के कल्याण के लिए बनाया गया है। सिद्धारमैया ने आगे कहा, 'राज्य में हिंदी थोपने और जमीन राजद्रोह के बाद अब बीजेपी सरकार कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को बंद कर किसानों को धोखा देने जा रही है. इससे देश के लाखों किसानों की रोजी-रोटी चलती है।

सरकार ने किया बचाव

विपक्ष के हंगामे के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि विपक्ष बिना वजह इस मुद्दे को राजनैतिक रंग दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में नंदिनी के अलावा 18 अलग-अलग ब्रांड के मिल्क प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं, पर किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। अमूल के नाम पर कांग्रेस जानबूझ कर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि नंदिनी को देश का नंबर वन ब्रांड बनाने के लिये अमूल से भी ज्यादा प्रतिस्पर्धी बना रहे हैं।

कांग्रेस पर दुष्प्रचार फैलाने का आरोप

वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस पर ‘अमूल’ दुग्ध ब्रांड की मौजूदगी को लेकर कांग्रेस पर दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया और कुछ आंकड़ों के जरिए जवाब दिया।बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने रविवार रात को एक ट्वीट करते हुए कहा कि अमूल कंपनी की कर्नाटक में एंट्री नहीं हो रही है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अमूल और केएमएफ दोनों अपने उत्पाद को क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचते हैं।मालवीय ने कहा कि 2019 में राज्य में बीजेपी की सत्ता आने के बाद केएमएफ का टर्नओवर 10 हजार करोड़ बढ़ गया। 2022 में कंपनी का टर्नओवर 25 हजार करोड़ था। जिसमें से 20 हजार करोड़ रुपए कर्नाटक के किसानों के पास वापस गया है।उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्य में कर्नाटक दूध के मामले में सर-प्लस वाला राज्य बन गया है। डेयरी किसान बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। नंदिन ब्रांड के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस ने गोहत्या रोकने के लिए लाए जाने वाले कानून का विरोध किया। बीजेपी की प्लानिंग नंदिन को बड़ा ब्रांड बनाने की है।

*24 घंटे में देश में कोरोना के 5880 नए मामले, बढ़ते संक्रमण के बीच देशभर में आज से मॉक ड्रिल*

#covid19in_india

कोरोना वायरस एक बार फिर देश में पैर पसारता नजर आ रहा है। पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के 5880 केस मिले हैं। इस दौरान 12 लोगों की मौत भी हुई है। सोमवार को पिछले 24 घंटों में कोरोना के 5880 नए मामले सामनए आए है। इससे पहले रविवार को 5357 मामले सामने आए थे। ऐसे में सोमवार को एक बार फिर मामलों बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

हर 100 टेस्ट में से करीब 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव

इतना ही नहीं डेली पॉजिटिविटी रेट 6.91% हो गया है। यानी हर 100 टेस्ट में से करीब 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। देश में वीकली पॉजिटिविटी रेट 3.67% हो गया है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के क़रीब 700 केस दर्ज किए गए हैं।वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो राज्य में पिछले 24 घंटे में 788 मामले सामने आए हैं ।

कुल सक्रिय मामले 32,814

देश में कोविड संक्रमणों में पिछले कुछ दिनों में ऊपर की ओर रुझान देखा गया है, 1 अप्रैल को दैनिक ताजा संक्रमण 2,994, 2 अप्रैल को 3,824, 3 अप्रैल को 3,641, 4 अप्रैल को 3,038, 5 अप्रैल को 4,435, अप्रैल को 5,335 7 अप्रैल को 6 और 6,050 और 8 अप्रैल को 6155। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि कुल सक्रिय मामले वर्तमान में 32,814 हैं।

देश भर में सरकारी और निजी अस्पतालों में दो दिन मॉकड्रिल

देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्तियों का दौर लौटने लगा है।कई राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना फिर अनिवार्य कर दिया है, तो कई प्रदेशों ने बेहद सावधान रहने की हिदायत दी है। जांच में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया है।कोरोना संक्रमण के चलते किसी भी स्थिति से निपटने के लिए देश भर में सरकारी और निजी अस्पतालों में दो दिन मॉकड्रिल होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान और अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ समीक्षा बैठक में तैयारियों को परखने का निर्देश दिया था।

शरद पवार ने कांग्रेस को दिया एक और झटका, प्रधानमंत्री डिग्री विवाद पर बोले ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं

#ncp_chief_sharad_pawar_reacts_on_pm_modi_degree

गौतम अडानी मुद्दे पर विपक्षी दलों से अलग राय देने के बाद शरद पवार ने अब प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के मुद्दे पर बड़ा बयान देकर विपक्षी एकता को एक बार फिर ठेंगा दिखाया है। उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल सहित विपक्ष के कई नेता प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवाल खड़े कर रहें है।एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को उन नेताओं को जमकर आलोचना की, जो प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा देश में बहुत सारे ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर बात करने की आवश्यकता है। पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री कोई पॉलिटिकल मुद्दा नहीं है।

पवार ने क्या कहा

महाराष्ट्र के नासिक में जब शरद पवार से प्रधानमंत्री के डिग्री विवाद पर सवाल पूछा गया तो पवार ने पलटकर पत्रकारों से ही पूछ लिया, आज देश के सामने डिग्री का सवाल है क्या, आपकी डिग्री क्या है, मेरी डिग्री क्या है, क्या ये राजनीतिक मुद्दा है? बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, महंगाई ऐसे कई सवाल हैं और इन मुद्दों पर केंद्र सरकार पर हमला करना ही चाहिए। आज धर्म जाति के नाम पर लोगों में दूरियां पैदा की जा रही हैं, आज महाराष्ट्र में बेमौसम बरसात की वजह से फसलें बर्बाद हो गईं, इसपर चर्चा जरूरी है। 

आप समेत विपक्ष को बड़ा झटका

दरअसल, आम आदमी पार्टी इन दिनों पीएम मोदी की डिग्री को मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमलावर है। आप ने रविवार को ही 'डिग्री दिखाओ कैंपेन' शुरू किया जिसके तहत पार्टी के नेता हर दिन लोगों के सामने जाकर अपनी शैक्षिक योग्यता साझा करेंगे। ऐसे में पवार का यह बयान आप की इस मुहिम को को तगड़ा झटका माना जा रहा है।

पवार का विपक्ष के स्टैंड से अलग राय

बता दें कि जब शरद पवार ने विपक्ष के स्टैंड से अलग स्टैंड लिया है। हाल ही में शरद पवार ने गौतम अदानी का बचाव किया था और जेपीसी की मांग को भी खारिज कर दिया था। वहीं विपक्ष द्वारा लगातार अदानी मामले की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग की जा रही है। अब डिग्री विवाद पर भी शरद पवार विपक्षी एकता से अलग दिखाई दे रहे हैं।

उत्तराखंड के हल्द्वानी की जेल में 44 कैदी मिले HIV पॉजिटिव, एक महिला कैदी भी संक्रमित

डेस्क: उत्तराखंड के हल्द्वानी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां की जेल में 44 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें एक महिला कैदी भी एचआईवी संक्रमित है। इस घटना के सामने आने के बाद जेल अधिकारियों समेत प्रशासन भी हैरान है। 

इस मामले में डॉ. परमजीत सिंह, एआरटी केंद्र प्रभारी सुशीला तिवारी अस्पताल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'एचआईवी रोगियों के लिए एक एआरटी (एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी) केंद्र स्थापित किया गया है, जहां संक्रमित रोगियों का इलाज किया जाता है, मेरी टीम लगातार जेल में कैदियों की जांच करती है और जो भी कैदी एचआईवी से संक्रमित होते हैं उन्हें नाको के दिशानिर्देशों के आधार पर मुफ्त इलाज और दवाएं दी जाती हैं।'

अधिकारियों का कहना है कि संक्रमितों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। ये सभी संक्रमित एक ही दिन के नहीं हैं। बीते कई वर्षों से सजा काट रहे कई कैदी संक्रमित हैं जिनका लंबे समय से इलाज चल रहा है। उन्हें दवाइयां भी मुहैया कराई जा रही हैं।

यूपी निकाय चुनावों की तारीख का हुआ ऐलान, 4 और 11 मई को होगी वोटिंग, इस दिन आएंगे नतीजे

डेस्क: यूपी में निकाय चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। ये चुनाव 2 चरणों में होंगे और इसके लिए वोटिंग 4 और 11 मई को होगी। इसके नतीजे 13 मई को आएंगे। इस दौरान 760 नगर निकायों का चुनाव होगा और 17 नगर निगम में मेयर का चुनाव होगा। इसके अलावा 544 नगर पंचायत का चुनाव होगा और 199 नगर पालिका परिषद का चुनाव होगा।

ये जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग के मनोज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी है। यूपी में लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद में महिला मेयर होंगी। वहीं आगरा में अनुसूचित जाति की महिला मेयर होंगी।

जिन मंडल में पहले चरण (4 मई) में वोटिंग होगी, उसमें सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, देवीपाटन, गोरखपुर, वाराणसी शामिल हैं। जिन मंडल में दूसरे चरण (11 मई) को वोटिंग होगी, उसमें मेरठ, बरेली, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट, अयोध्या, बस्ती, आजमगढ़ और मिर्जापुर शामिल हैं।